詩篇 110 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

詩篇 110:1-7

110

1主は、私の救い主にお告げになりました。

「わたしに代わって、天地を治めなさい。

わたしは敵を服従させ、あなたの前にひれ伏させよう。」

2主は、あなたが敵を支配するために、

エルサレムに強固な王座をお据えになりました。

3あなたのご威光が輝き渡ると、

民はきよい祭服をまとって、

喜んでやって来るでしょう。

あなたは朝露のように、日々新しい力を帯びられます。

4主は、こう誓われました。

「あなたが永遠に

メルキゼデクのような祭司であるという契約は

決して無効にはならない。」

5主はあなたのそばにいて、あなたを守られます。

神はご自身の御怒りの日に、

多くの国々の王を打ち倒されます。

6主は国々を罰し、指導者を全滅させ、

死体でいっぱいにされます。

7しかし、主は道のほとりの泉から水を飲み、

勢いを増されます。

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 110:1-7

स्तोत्र 110

दावीद की रचना. एक स्तोत्र.

1याहवेह मेरे प्रभु ने, राजा से कहा:

“मेरे दायें पक्ष में विराजमान हो जाओ.

तुम्हारे शत्रुओं को मैं

तुम्हारे चरणों की चौकी बना रहा हूं.”

2याहवेह ही ज़ियोन से आपके सामर्थ्यवान राजदंड का विस्तार करेंगे,

“आपका शासन आपके शत्रुओं के मध्य बसा होगा!”

3आपकी सेना आपकी लड़ाई के समय

स्वेच्छा से आपका साथ देगी,

सबेरे के गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान

पवित्रता से सुशोभित होकर

आपके पास आएंगे आपके जवान.

4यह याहवेह की शपथ है,

जो अपने वक्तव्य से दूर नहीं होते:

“तुम मेलखीज़ेदेक की शृंखला

में सनातन पुरोहित हो.”

5प्रभु आपके दायें पक्ष में तत्पर हैं;

वह उदास होकर राजाओं को कुचल डालेंगे.

6वह राष्ट्रों पर अपने न्याय का निर्णय घोषित करेंगे,

मृतकों का ढेर लग जाएगा और संपूर्ण पृथ्वी के न्यायियों की हत्या कर दी जाएगी.

7तब महाराज मार्ग के किनारे के झरने से जल का पान करेंगे,

उनका सिर गर्व से ऊंचा होगा.