民数記 15 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

民数記 15:1-41

15

ささげ物についての追加規定

1-2主はモーセに命じて、人々にこう言わせました。「あなたがたの子が、ついにわたしの与える地に住み、 3-5わたしを喜ばせるために、焼き尽くすいけにえをはじめ、火で焼くいけにえをささげる場合には、次のようにしなさい。いけにえは羊かやぎ、あるいは牛にし、普通のものも、誓願を果たすためのものも、自分から進んでささげるものも、年ごとの祭りのときにささげるものも、それぞれ穀物の供え物、飲み物の供え物といっしょにささげなさい。子羊をささげるときは、〇・九五リットルの油で混ぜた上等の小麦粉二・三リットルを、〇・九五リットルのぶどう酒といっしょにささげなさい。

6雄羊の時は、一・三リットルの油で混ぜた上等の小麦粉四・六リットル、 7さらに、わたしへのなだめの香りとして、ぶどう酒一・三リットルをささげなさい。

8-10若い牛のときは、一・九リットルの油で混ぜた上等の小麦粉六・九リットルとぶどう酒一・九リットル。これを火で焼くと、とても良い香りがする。

11-12以上が牛、雄羊、子羊、子やぎのいけにえといっしょにささげる物についての決まりである。 13-14火で焼くささげ物をしてわたしを喜ばせようと思う者は、イスラエル人でも、在留外国人でも、みなこの決められたことを守らなければならない。 15-16おきてはだれに対しても同じであり、このことは代々にわたって変わらない。わたしの前では、すべての人が平等だから、すべての人が同じおきてを守らなければならない。」

17-18主はさらにモーセに告げて言いました。「人々にこう教えなさい。『約束の国に着いたら、 19-21毎年、収穫の一部を主にささげなさい。ささげるときはこうする。小麦の初物の粗びき粉でドーナツ型のパンを焼き、それを祭壇の前で前後に揺り動かしてささげる。これが小麦粉のささげ方で、代々このように行わなければならない。

22うっかりして、わたしが教えた指示を守らなかったり、 23-24命じられた日から、命令を一つでも守らなかった場合、失敗を素直に認め、民が無知ゆえに守らなかったのなら、焼き尽くすいけにえとして若い雄牛を一頭ささげなさい。わたしはその香りを受け入れる。また、いつもの穀物の供え物、飲み物の供え物といっしょに、罪の赦しのためのいけにえとして、雄のやぎを一頭ささげなさい。

25それから、祭司が民全体の罪を償う儀式をすれば、彼らは赦される。この場合は、間違って罪を犯したのだから、神に、火で焼くいけにえと罪の赦しのためのいけにえをささげることによって償うことができる。 26民全体の罪は、在留外国人も含めて、このようにして赦される。

27また個人が過って罪を犯した場合は、一歳の雌やぎを一頭、罪の赦しのためのいけにえとしてささげなさい。 28祭司はその者が赦されるように、罪を償う儀式をする。 29在留外国人の場合も同じである。

30しかし、イスラエル人でも在留外国人でも、故意に罪を犯した者は神を冒瀆する者で、殺されなければならない。 31主のことばを軽んじ、わざとその命令を破った罰だ。』」

安息日の違反

32人々が荒野にいたある日のことです。安息日にたきぎを集めているのが見つかって、 33一人の男が捕らえられました。男は、モーセとアロン、他の指導者たちの前に連れて来られましたが、 34どう裁いてよいかわからず、ひとまず監禁しておくことになりました。

35やがて、主はモーセに言いました。「あの男を死刑にしなさい。宿営の外で、全員が石を投げつけて殺さなければならない。」

36そこで人々は、男を宿営の外へ引いて行き、命じられたとおりに処刑しました。

37-38主はまた、モーセに命じました。「人々にこう言いなさい。『着物のすその四隅に青いひもで房をつけなさい。これから代々そうするのだ。 39その房を見るたびに、わたしの命令を思い出すためだ。もう以前のように、自分勝手にやりたいことをやったり、他の神々に仕えたりしてはいけない。主のおきてをしっかり守りなさい。 40その房は、イスラエルの神だけに従っていかなければならないことを思い出させてくれるだろう。 41あなたがたをエジプトから助け出したのはわたしである。わたしがあなたがたの神なのだ。』」

Hindi Contemporary Version

गणना 15:1-41

कनान से संबंधित विधि

1याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 2“इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो: ‘जब तुम उस देश में प्रवेश करोगे, जहां तुम्हें बस जाना है, जो मैं तुम्हें देने जा रहा हूं, 3तब तुम वहां याहवेह के लिए अपनी भेड़-बकरियां और गाय-बैलों में से आग के द्वारा बलि चढ़ाना; होमबलि अथवा विशेष मन्नत पूरी करने के लिए या स्वेच्छा बलि या निर्धारित अवसरों से संबंधित बलि, कि यह याहवेह के सामने सुगंध हो जाए. 4वह, जो याहवेह को भेंट बलि अर्पण करेगा, वह डेढ़ किलो मैदे को एक लीटर तेल में मिलाएगा. 5हर एक मेमने की बलि अथवा होमबलि के साथ तुम पेय बलि के लिए एक लीटर दाखमधु भेंट करोगे.

6“ ‘अथवा मेढ़े की बलि चढ़ाने के लिए तुम तीन किलो मैदा, 1.30 लीटर15:6 1.30 लीटर मूल में 1/3 हीन तेल में मिलाओगे. 7पेय बलि के रूप में तुम याहवेह को सुखद-सुगंध के लिए एक लीटर दाखमधु चढ़ाओगे.

8“ ‘जब तुम याहवेह को विशेष मन्नत पूरी करने के रूप में या मेल बलि स्वरूप होमबलि या बलि के लिए बछड़े को तैयार करो, 9तब तुम उस बछड़े के साथ पांच किलो मैदे के साथ 1.9 लीटर15:9 1.9 लीटर मूल में 1/2 हीन तेल का मिश्रण चढ़ाओगे. 10इसके अलावा तुम डेढ़ लीटर दाखमधु याहवेह के लिए सुखद-सुगंध चढ़ाओगे. 11हर एक बछड़े, हर एक मेढ़े, हर एक मेमने अथवा हर एक बकरे के लिए यही विधि ठहराई गई है. 12हर एक पशु की संख्या के अनुसार हर एक के लिए यही किया जाना ज़रूरी है.

13“ ‘हर एक, जो देश का निवासी है, इस विधि के अनुसार यह किया करेगा, कि आग के द्वारा भेंट यह याहवेह के लिए सुखद-सुगंध हो जाए. 14यदि तुम्हारे बीच कोई परदेशी है, चाहे थोड़े समय से या स्थायी रूप से, पीढ़ी-पीढ़ी से, और वह अग्निबलि भेंट करना चाहता है, कि यह याहवेह के लिए सुखद-सुगंध हो जाए, वह भी ठीक यही करेगा. 15पूरी सभा के लिए, चाहे तुम हो अथवा कोई परदेशी, एक ही विधि लागू होगी. यही तुम्हारी सारी पीढ़ियों के लिए स्थायी विधि होगी. याहवेह के सामने तुम सब परदेशी के समान हो. 16तुम्हारे लिए तथा उस परदेशी के लिए एक ही नियम तथा एक ही विधि होनी ज़रूरी है.’ ”

17फिर याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी, 18“इस्राएल के घराने को संबोधित कर उन्हें आदेश दो, ‘जब तुम उस देश में प्रवेश करो, जहां मैं तुम्हें ले जा रहा हूं, 19और जब तुम उस देश की उपज को खाने लगो, उसका एक अंश तुम याहवेह को भेंट करोगे. 20यह खलिहान का अर्पित किया हुआ अंश होगा. यह तुम याहवेह को चढ़ाओगे. 21अपने पहले गूंधे हुए आटे के अंश को तुम अपनी सारी पीढ़ियों में याहवेह को भेंट करते रहोगे.

भूल से हुए पापों के लिए भेट

22“ ‘किंतु भूल से तुम इन आदेशों के पालन में असफल हो जाते हो, जो याहवेह ने मोशेह को बताए हैं, 23अर्थात् वह सभी, जो याहवेह ने तुम्हें मोशेह के द्वारा आज्ञा देकर पालन करने का आदेश दिया है, उस दिन से ले, जब ये आदेश दिए गए थे, तुम्हारी सारी पीढ़ियों तक, 24यदि यह भूल से किया गया हो तथा जिसके विषय में सारी इस्राएली सभा को कोई जानकारी नहीं हो पाई है, तब सारी सभा गाय-बैलों से होमबलि के लिए एक बछड़ा भेंट करेगी, इसकी अन्‍नबलि तथा पेय बलि के साथ यह याहवेह के लिए नियम के अनुसार एक सुखद-सुगंध हो जाएगा. 25फिर पुरोहित सारे इस्राएल के घराने की ओर से प्रायश्चित बलि भेंट करेगा और इससे उन्हें क्षमा दी जाएगी; क्योंकि यह अनजाने में की गई भूल थी; इसलिये उन्होंने यह भेंट चढ़ाई है. आग के द्वारा याहवेह को अर्पित बलि तथा अपनी भूल के लिए भेंट पापबलि. 26इस प्रकार इस्राएल के घराने की सारी सभा को क्षमा दे दी जाएगी-इसमें वह परदेशी भी शामिल होगा, जो उनके बीच रह रहा होगा, क्योंकि सभी इस्राएलियों में यह अनजाने में हुआ कार्य था.

27“ ‘इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति भूल से पाप कर बैठता है, वह एक वर्षीय बकरी पापबलि के लिए भेंट करे. 28पुरोहित याहवेह के सामने जाकर उस व्यक्ति के लिए प्रायश्चित करे, जो भूल से पाप कर बैठता है, जो रास्ते से भटक जाता है, पुरोहित ऐसे व्यक्ति के लिए प्रायश्चित करे, कि उस व्यक्ति को क्षमा प्राप्‍त हो जाए. 29कोई भी व्यक्ति, जो भूल से कोई भी पाप कर बैठता है, उस पर एक ही नियम लागू किया जाए; वह, जो स्वदेशी है, और वह जो तुम्हारे बीच रह रहा विदेशी है.

30“ ‘किंतु वह व्यक्ति, जो ढिठाई करता है, चाहे वह स्वदेशी हो या तुम्हारे बीच रह रहा विदेशी, वह यह करते हुए याहवेह की निंदा कर रहा होता है, ऐसा व्यक्ति अपने लोगों के बीच से नाश कर दिया जाए. 31उसने याहवेह के आदेश को तुच्छ समझा और उनके आदेश को टाला है. उसे पूरी तरह नाश कर दिया जाए; इसके लिए वह स्वयं ही दोषी होगा.’ ”

शब्बाथ भंजन दंडनीय

32जब इस्राएली निर्जन प्रदेश में रहते थे, एक ऐसे व्यक्ति से उनकी भेंट हुई, जो शब्बाथ15:32 शब्बाथ सातवां दिन यह यहूदियों का पवित्र विश्राम दिन है के दिन ईंधन-लकड़ी इकट्ठी कर रहा था. 33जिन्होंने उसे यह करते देखा, वे उसे मोशेह, अहरोन तथा सारी सभा के सामने ले आए. 34जब तक उसके विषय में कोई निर्णय नहीं लिया गया, तब तक उसे बंदी बनाकर रखा गया. 35याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी: “अवश्य है कि उस व्यक्ति को निश्चित ही मृत्यु दंड दिया जाए. छावनी के बाहर ले जाकर सारी सभा उस पर पत्थराव करे.” 36तब सारी सभा ने उसे छावनी से दूर ले जाकर पत्थराव कर दिया, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.

वस्त्र किनारों के फुंदने

37याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा भी दी, 38“सारे इस्राएल को आज्ञा दो कि वे अपने-अपने वस्त्रों के किनारों पर पीढ़ी से पीढ़ी फुंदने लगाया करें तथा फुन्दनों के कोनों पर नीली डोरी हो. 39यह फुंदना तुम्हारे लिए याहवेह की आज्ञा का चिन्ह होगा, कि तुम अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार चलने न लगो, जैसा करके तुमने परमेश्वर के साथ दाम्पत्य विश्वासघात के समान काम किया था. 40तुम्हें मेरी सारी आज्ञाओं का पालन करना याद रहे, और तुम अपने परमेश्वर के सामने पवित्र बने रहो. 41मैं तुम्हारा वही परमेश्वर, याहवेह हूं, मैंने तुम्हें मिस्र देश से इसलिये निकाला है, कि मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूं. मैं ही तुम्हारा वह याहवेह परमेश्वर हूं!”