歴代誌Ⅱ 34 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

歴代誌Ⅱ 34:1-33

34

ユダの王ヨシヤの改革

1ヨシヤが王となったのはまだ八歳の時で、三十一年間エルサレムで治めました。 2彼は、先祖ダビデの良い模範にならおうと心がけ、すぐれた政治を行いました。 3十六歳になった治世の第八年には、ダビデの信じた神を熱心に求めるようになりました。その四年後には、ユダとエルサレムをきよめ始め、高台にある異教の祭壇や恥ずべき像を取り壊しました。 4王が陣頭指揮をとり、バアルの祭壇が取り壊され、その上にある柱がたたき折られ、偶像が粉々に砕かれて、この偶像にいけにえをささげた者たちの墓にまき散らされました。 5また、異教の祭司たちの骨を彼らの祭壇で焼くことによって、ユダとエルサレムの住民を偶像礼拝の罪からきよめました。 6それからヨシヤは、マナセ、エフライム、シメオン、さらに遠くナフタリにある町々にまで行って同じようにしました。 7異教の祭壇を取り壊し、偶像を粉々に砕き、石の柱を切り倒したのです。ヨシヤ王はイスラエル全土でこのようにしてから、エルサレムに戻りました。

8偶像を一掃し、神殿のある場所をきよめてのち、第十八年に、王は神殿を修理するため、アツァルヤの子シャファン、エルサレムの長マアセヤ、エホアハズの子で市の財務官ヨアフを任命しました。 9三人はさっそく、必要な献金を集めることにしました。献金は、神殿の入口で警備に当たるレビ人が集めました。エルサレムの住民はもちろん、マナセとエフライムから来た人々、および、その他の地方の者たちから寄せられた献金は、大祭司ヒルキヤに渡され、彼のもとで計算されました。 10-11それからレビ人の手で、大工や石工への支払い、切り石、材木、つなぎ材、梁などの建築材料の購入にあてられました。こうしてヨシヤ王は、先のユダの王たちが荒らした神殿をりっぱに建て直したのです。

12職人たちは、工事監督、メラリ氏族のレビ人ヤハテとオバデヤ、ケハテ氏族のゼカリヤとメシュラムの指揮のもとでよく働きました。工事が進んでいる間、レビ人は、すぐれた音楽をもって士気を高めました。 13ほかに、資材を職人のもとへ運ぶ労働者を監督するレビ人もいました。また別の者は、会計、管理、運搬の任に当たりました。

14ある日、大祭司ヒルキヤが神殿の入口で集めた献金の額を記入していて、古い巻物を見つけました。なんとそれは、モーセに与えられた主の律法の書だったのです。 15-16ヒルキヤは、王の書記官シャファンに言いました。「神殿で、こんなものが見つかりました。これは律法の書です。」シャファンは巻物を受け取ると、王のもとに携えて行き、まずは神殿再建の工事が順調に進んでいることを報告しました。 17「献金箱を開け、全額を計算した上で、必要な金額を監督と職人に渡しております。」

18それから、彼は例の巻物を王に見せ、ヒルキヤがそれを発見したしだいを語り、王の前で朗読したのです。 19その律法のことばが神の民に何を求めているかを知って、王は絶望のあまり衣を裂きました。 20そして、ヒルキヤ、シャファンの子アヒカム、ミカの子アブドン、書記官シャファン、王の相談役アサヤを呼び、言い渡しました。 21「神殿に行って、私のために主にお願いしてくれないか。イスラエルとユダの残りの者のために、祈ってほしいのだ。この巻物によると、主の激しい怒りが下ったのは、私たちの先祖が、ここに記されている主のことばに従わなかったからだというのだ。」

22そこで彼らは、ハスラの子トクハテの子シャルムの妻である女預言者フルダのもとへ行きました。シャルムは王の衣装係で、エルサレムの第二区に住んでいました。彼らが王の心配事を伝えると、 23彼女は答えました。「イスラエルの神、主はこう仰せです。『あなたがたを遣わした方にこう言いなさい。 24わたしはこの町と住民を滅ぼす。その巻物に記されているのろいは、すべて実現しよう。 25わたしの民がわたしを捨て、異教の神々を礼拝したので、わたしは怒りに燃えている。それゆえ、この地に注がれる主の憤りは決して消すことができない。』 26このことで私に尋ねるため、あなたがたを遣わしたユダの王に、こう言ってください。『イスラエルの神、主のお告げです。 27あなたが、この町と住民へのわたしのことばを聞いた時、心から悲しみ、神の前にへりくだって、絶望のあまり衣を裂き、わたしの前で泣いたので、あなたの祈りを聞き入れよう。 28この町と住民に下すと言った災いを、あなたが死ぬまでは下さない。』」彼らはこの主のことばを王に報告しました。

29すると王は、ユダとエルサレムの長老たちを残らず召集しました。 30祭司、レビ人、すべての民が、王とともに神殿へ行きました。王は、神殿で発見された、神の契約が書かれている巻物を読んで聞かせました。 31それから彼らの前で、心を尽くし、精神を尽くして主の命令に従い、巻物に記されていることを行うという誓いを立てました。 32また、エルサレムとベニヤミンにいるすべての者に、この神との契約に同意するよう求め、すべての者がそうしました。

33こうしてヨシヤは、ユダヤ人が住む全地域から偶像を一つ残らず取り除き、すべての者に、彼らの神を礼拝するよう訴えました。それ以後、王が生きている間ずっと、民は父祖の神、主に仕えました。

Hindi Contemporary Version

2 इतिहास 34:1-33

योशियाह के सुधार

1योशियाह के राजा बनने के समय उसकी उम्र आठ साल की थी और उसने येरूशलेम में एकतीस साल शासन किया. 2उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था. अपने पूर्वज दावीद के नीतियों के पथ का आचरण करता रहा. वह इनसे न तो दाएं मुड़ा और न बाएं.

3कारण यह था कि अपने शासनकाल के आठवें साल में ही उसने अपने पूर्वज दावीद के परमेश्वर की खोज करना शुरू कर दिया. अपने शासनकाल के बारहवें साल में उसने यहूदिया और येरूशलेम को ऊंचे स्थानों पर बनाई वेदियों, अशेरा देवी की खोदी हुई और ढाली हुई मूर्तियों को हटाकर शुद्ध करना शुरू कर दिया. 4उन्होंने राजा की उपस्थिति ही में बाल देवताओं की वेदियों, धूप वेदियों को, जो उनसे ऊंचे पर थी, काट डालीं. उसने अशेरा की खोदी हुई और ढाली गई मूर्तियों को चूर-चूर कर पीस डाला और उस बुकनी को उन लोगों की कब्र पर छिड़क दिया, जो इनके लिए बलि चढ़ाते रहे थे. 5इसके बाद उसने बाल-अशेराह के पुरोहितों की अस्थियां इन्हीं वेदियों पर जलाकर यहूदिया और येरूशलेम को शुद्ध कर दिया. 6मनश्शेह, एफ्राईम शिमओन में भी, यहां कि नफताली और उसके पास के क्षेत्रों में, उसने वेदियां गिरा दीं, 7अशेरा की खोदी हुई मूर्तियों को कूटकर उनका चूरा बना दिया. उसने सारे इस्राएल देश की सभी धूप वेदियों को काटकर टुकड़े-टुकड़े कर दिया. यह करके वह येरूशलेम लौट गया.

8उसके शासनकाल के अट्ठारहवें साल में जब उसने सारे देश और भवन को शुद्ध कर लिया, उसने अज़लियाह के पुत्र शापान और नगर अध्यक्ष मआसेइयाह और अभिलेखक यहोआहाज़ के पुत्र योआह को याहवेह अपने परमेश्वर के भवन की मरम्मत की जवाबदारी सौंपी.

9उन्होंने महापुरोहित हिलकियाह से भेंट की और परमेश्वर के भवन में लाई गई धनराशि उन्हें सौप दी, जो मनश्शेह, एफ्राईम और इस्राएल के भाग से और सारे यहूदिया बिन्यामिन और येरूशलेम वासियों से लेवियों और द्वारपालों द्वारा इकट्ठा की गई थी. 10इसके बाद उन्होंने यह धन उन्हें सौंप दिया, जिनके ऊपर याहवेह के भवन के बनाने की जवाबदारी थी. उन्होंने यह धन उन्हें दे दिया, जो याहवेह के भवन को दोबारा बनाने और मरम्मत का काम करते थे. 11इन्होंने यह धन बढ़ई और राजमिस्त्रियों को दे दिया कि वे इससे संवारे हुए पत्थर और भवन की उन बल्लियों के लिए नई लकड़ी ले आएं, जो रख रखाव के बिना टूट-फूट चुकी थी, क्योंकि यहूदिया के राजाओं ने इनको नष्ट ही कर दिया था.

12-13अधिकारियों की देखरेख में इन शिल्पियों ने विश्वासयोग्यता से अपनी जवाबदारी पूरी की, मेरारी के पुत्र लेवी याहाथ और ओबदयाह, कोहाथ के परिवार से ज़करयाह और मेशुल्लाम अधिकारी भी थे और वे सभी श्रेणी के कामों को देखते थे कुछ लेवी लेखक कुछ अधिकारी और कुछ द्वारपाल थे.

व्यवस्था-विधान की पुस्तक का प्राप्‍त होना

14जब वे याहवेह के भवन में लाया गया धन बाहर ला रहे थे, पुरोहित हिलकियाह को मोशेह द्वारा सौंपी गई याहवेह की व्यवस्था की पुस्तक मिली. 15यह देख हिलकियाह ने लेखक शापान से कहा, “याहवेह के भवन में मुझे व्यवस्था की पुस्तक मिली है.” हिलकियाह ने पुस्तक शापान को सौंप दी.

16शापान ने पुस्तक को राजा के सामने लाते हुए उसे कहा: “जो काम आपके सेवकों को सौंपा गया था, उसे वे कर रहे हैं. 17याहवेह के भवन में मिला सारा धन उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को दे दिया है.” 18इसके अलावा लेखक शापान ने राजा को सूचित किया, “पुरोहित हिलकियाह ने मुझे एक पुस्तक दी है.” तब शापान ने राजा के सामने उस पुस्तक में से पढ़ा.

19जब राजा ने व्यवस्था के शब्द सुने, उसने अपने वस्त्र फाड़ दिए. 20राजा ने हिलकियाह, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकाह के पुत्र अबदोन, लेखक शापान और राजा के सेवक असाइयाह को आदेश दिया: 21“जाओ, मेरे लिए, इस्राएल और यहूदिया की बाकी प्रजा की ओर से याहवेह से यह मालूम करो कि वह पुस्तक जो मिली है, उसका मतलब क्या है, क्योंकि भयंकर है हमारे लिए ठहराया गया याहवेह का क्रोध, इसलिये है कि हमारे पूर्वजों ने इसमें लिखी याहवेह की सारी शिक्षाओं का पालन नहीं किया है.”

22तब हिलकियाह और वे, जिन्हें राजा द्वारा आदेश दिया गया था, नबिया हुलदाह से भेंट करने गए. वह वस्त्रालय के रखवाले शल्लूम की पत्नी थी. शल्लूम तोखात का पुत्र, हस्राह का पोता था. हुलदाह का घर येरूशलेम के नए बने हुए भाग में था. उन्होंने उसके सामने यह बात रखी.

23हुलदा ने उन्हें उत्तर दिया, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: ‘जिस व्यक्ति ने तुम्हें मुझसे मिलने के लिए भेजा है, उससे यह कहना: 24याहवेह का वचन यह है, “यह देखना, मैं इस स्थान पर और इसके निवासियों पर विपत्ति भेज रहा हूं. हां, वे सारे शाप, जिनका वर्णन यहूदिया प्रदेश के राजा के सम्मुख में पढ़ी गई इस पुस्तक में किया गया है. 25इसलिये कि उन्होंने मुझे भुला दिया है और विदेशी देवताओं के सामने धूप जलाया है, कि वे मेरे क्रोध को अपनी सभी हाथों से बनाई हुई मूर्तियों के द्वारा भड़का दें. तब इस स्थान पर मेरा क्रोध उंडेला जाएगा और याद रखना, यह शांत नहीं होगा.” ’ 26मगर यहूदिया के राजा, जिसने, तुम्हें मेरे पास भेजा है, कि मैं याहवेह से उनकी इच्छा पता करूं, उससे तुम यह कहना: ‘उन बातों के बारे में, जो तुमने सुनी है, इस्राएल के राजा को याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: 27इसलिये कि तुम्हारा हृदय दीन था और तुमने जब इस स्थान के विरुद्ध और इसके निवासियों के विरुद्ध परमेश्वर के संदेश को सुनकर अपने आपको विनीत बना लिया और तुम मेरे सामने नम्र हो गए, तुमने अपने कपड़े फाड़ दिए और मेरे सामने रोते रहे, मैंने वास्तव में तुम्हारी सुन ली है. यह याहवेह ने कहा है. 28इसलिये सुनो, मैं तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों में मिला दूंगा. शान्तिपूर्ण स्थिति में तुम्हारा अंतिम संस्कार होगा. इस स्थान पर जो बुराई मेरे द्वारा भेजी जाएगी, उसे तुम्हारी आंखें न देखेंगी.’ ”

यह संदेश उन्होंने राजा को जा सुनाया.

29इसके बाद राजा ने यहूदिया और येरूशलेम के पुरनियों को बुलाकर उन्हें इकट्ठा किया. 30राजा याहवेह के भवन को गया, उसके साथ यहूदिया और येरूशलेम के सभी पुरुष, पुरोहित और लेवी और साधारण से लेकर विशेष लोग भी थे. उनके सामने उसने वाचा की पुस्तक जो याहवेह के भवन में पाई गई थी, की सारी बातें पढ़ीं, जिसे सभी ने सुना. 31तब राजा अपने स्थान पर खड़ा हुआ और याहवेह के सामने यह वाचा बांधी कि वह याहवेह का ही अनुसरण करेगा, उनके आदेशों, उनकी चेतावनियों और उनकी विधियों का पालन अपने पूरे हृदय और पूरे प्राणों से करेगा, कि वह इस पुस्तक में लिखित वाचा का पालन कर सके.

32इसके अलावा उसने वहां उपस्थित येरूशलेम और बिन्यामिन वासियों से भी शपथ ली कि वे भी उसके साथ इसमें शामिल होंगे. तब येरूशलेम वासियों ने परमेश्वर की वाचा के अनुसार ही पालन किया-अपने पूर्वजों के परमेश्वर की वाचा के अनुसार.

33योशियाह ने इस्राएल के वंशजों के क्षेत्रों से सभी घृणित वस्तुएं हटा दी और इस्राएल में उपस्थित सभी को याहवेह उनके परमेश्वर की ही वंदना करने के लिए प्रेरित किया. योशियाह के पूरे जीवनकाल में वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह का अनुसरण करते रहने से भटके नहीं.