創世記 4 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

創世記 4:1-26

4

カインとアベル

1そののち、アダムは妻エバと結ばれ、エバはカイン〔「私は得た」の意〕を産みました。この名がついたのは、エバが「主のおかげでこの子を得た」と言ったからです。 2続いてエバは、弟のアベルを産みました。やがて、カインは農夫になり、アベルは羊飼いになりました。

3収穫の時期になると、カインは作物の中から主に供え物をささげました。 4アベルは一番良い子羊の最上の肉を、自分で神にささげました。主はアベルのささげ物は受け取りましたが、 5カインのささげ物は受け取りませんでした。それでカインは怒って顔を伏せてしまいました。 6主はそれを見て、「なぜ腹を立てるのだ」とただしました。「何が気に入らなくてうつむいているのか。 7やるべきことを正しく行ってさえいれば、受け入れられるのだ。もし正しく行っていないなら、あなたを滅ぼそうと、罪が待ちかまえている。だが、あなたはその力を抑えることができるはずだ。」

8ある日、カインは、「野へ行かないか」と弟アベルをさそいました。そして、野で不意にアベルに襲いかかり、殺してしまったのです。 9そのことがあってから、主はカインに尋ねました。「あなたの弟はどこにいるのか。アベルはどうしたのだ。」

「そんなこと、なぜ私が知っていなければならないのですか。弟の行く先をいつも見張れとでもおっしゃるのですか。」

10「あなたの弟の血が、大地からわたしを呼んでいる。あなたはなんということをしてしまったのか。 11弟の血で大地を汚すとは。あなたはもう、ここに住むことはできない。 12これからは、いくら働いても、大地はあなたのために作物を実らせない。この先あなたは放浪者となり、当てもなくさすらうのだ。」

13カインは言いました。「そのような罰は重すぎて、とても負いきれません。 14この地から追い出され、神様の前からも追い払われて、放浪者にまで落ちぶれるなどとは。私を見たら、だれでも私を殺そうとするでしょう。」

15「心配しなくてよい。あなたを殺させたりはしない。そんなことをする者は、あなたの被るものの七倍の復讐を受けることになる。」こう約束すると神は、彼が殺されないように、カインに一つのしるしを与えました。

16こうして、カインは神のもとを去り、エデンの東、ノデの地に住みついたのです。

17そのあと、カインの妻は男の子を産みました。それがエノクです。その時、カインは町を建てていたので、子どもの名にちなんで、町の名もエノクとしました。

18エノクはイラデの父。イラデはメフヤエルの父。メフヤエルはメトシャエルの父。メトシャエルはレメクの父。

19レメクにはアダとツィラという二人の妻がいました。 20アダの子ヤバルは、初めて牧畜を行う者となり、テント生活を始めました。 21弟はユバルといい、最初の芸術家になりました。竪琴と笛を作ったのはこの人です。 22レメクのもう一人の妻ツィラには、トバル・カインが生まれました。彼は最初の鍛冶屋になって、青銅や鉄の道具を作りました。トバル・カインにはナアマという妹もいました。

23ある日、レメクはアダとツィラに言いました。「おまえたち、よく聞け。身のほど知らずにも私を襲い、傷を負わせた若者がいたので、彼を殺した。 24カインを殺す者が七倍の罰を受けるとしたら、私の場合はそんなものではない。あの若者のかたきを討とうとする者は、七十七倍の罰を受けなければならないのだ。」

25さて、エバは男の子をもう一人産み、セツ〔「授けられた者」の意〕と名づけました。エバが言うように、「カインに殺された子アベルの代わりに、神様がまた男の子を授けてくださった」のです。 26セツは成人し、息子が生まれると、その子をエノシュと名づけました。このころから人々は、神の名によって祈るようになりました。

Hindi Contemporary Version

उत्पत्ति 4:1-26

कयीन तथा हाबिल

1जब आदम ने अपनी पत्नी हव्वा के साथ दाम्पतिक संबंध में प्रवेश किया, तब हव्वा गर्भवती हुई तथा उसने कयीन4:1 कयीन अर्थात्: पाया हुआ को जन्म दिया. हव्वा ने कहा, “याहवेह की सहायता से मैंने एक पुरुष को जन्म दिया है.” 2फिर हव्वा ने कयीन के भाई हाबिल को जन्म दिया.

हाबिल भेड़-बकरियों का चरवाहा था, किंतु कयीन खेती करता था. 3कुछ दिनों बाद याहवेह को भेंट चढ़ाने के उद्देश्य से कयीन अपनी खेती से कुछ फल ले आया. 4और हाबिल ने अपने भेड़-बकरियों में से पहला बच्चा भेंट चढ़ाया तथा चर्बी भी भेंट चढ़ाई. याहवेह ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया, 5परंतु कयीन और उसकी भेंट को याहवेह ने ग्रहण नहीं किया. इससे कयीन बहुत क्रोधित हुआ तथा उसके मुख पर उदासी छा गई.

6इस पर याहवेह ने कयीन से पूछा, “तू क्यों क्रोधित हुआ? क्यों तू उदास हुआ? 7अगर तू परमेश्वर के योग्य भेंट चढ़ाता तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न होती? और यदि तू सही न करे, तो पाप द्वार पर है, और उसकी लालसा तेरी ओर रहेगी. पर तू उस पर प्रभुता करना.”

8हाबिल अपने भाई कयीन के खेत में गया तब कयीन ने हाबिल से कुछ कहा और कयीन ने हाबिल को मार दिया.

9तब याहवेह ने कयीन से पूछा, “तेरा भाई हाबिल कहां है?”

उसने उत्तर दिया, “पता नहीं. क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं?”

10याहवेह ने कहा, “तूने यह क्या किया? भूमि से तेरे भाई का रक्त मुझे पुकार रहा है. 11अब तू उस भूमि की ओर से शापित है, क्योंकि इस खेत में तेरे भाई का खून गिरा है. 12जब तू खेती करेगा, तुझे इसकी पूरी उपज नहीं मिलेगी; तू अब पृथ्वी पर अकेला और बेसहारा होगा.”

13कयीन ने याहवेह से कहा, “मेरा दंड मेरी सहन से बाहर है. 14आपने आज मुझे यहां से निकाल दिया है, मैं आपके सामने से छिप जाऊंगा; मैं अकेला और बेसहारा होकर घुमूंगा तो मैं जिस किसी के सामने जाऊंगा, वे मुझे मार देंगे.”

15यह सुन याहवेह ने उससे कहा, “यदि ऐसा हुआ, तो जो कोई कयीन की हत्या करेगा, उससे सात गुणा बदला लिया जाएगा.” याहवेह ने कयीन के लिए एक विशेष चिन्ह ठहराया, ताकि कोई उसकी हत्या न कर दे. 16इसके बाद कयीन याहवेह के पास से चला गया और नोद4:16 नोद अर्थात् आवारा देश में बस गया, जो एदेन बगीचे के पूर्व में है.

17कयीन की पत्नी ने हनोख को जन्म दिया. कयीन ने एक नगर बसाया और उस नगर को अपने पुत्र के नाम पर हनोख रखा. 18हनोख से इराद का जन्म हुआ, इराद से महूजाएल का तथा महूजाएल से मेथूशाएल का, मेथूशाएल से लामेख का जन्म हुआ.

19लामेख की दो पत्नियां थीं, एक का नाम अदाह तथा दूसरी का नाम ज़िल्लाह था. 20अदाह ने जाबाल को जन्म दिया; वह जानवरों के पालने वालों और तंबुओं में रहनेवालों का नायक बना. 21उसके भाई का नाम यूबाल था; वह वीणा और बांसुरी बजाने वालों का नायक बना. 22ज़िल्लाह ने तूबल-कयीन को जन्म दिया, जो कांसे एवं लोहे के सामान बनाता था. तूबल-कयीन की बहन का नाम नामाह था.

23लामेख ने अपनी पत्नियों से कहा,

“अदाह और ज़िल्लाह सुनो;

तुम मेरी पत्नियां हो, मेरी बात ध्यान से सुनो,

मैंने एक व्यक्ति को मारा है,

क्योंकि उसने मुझ पर आक्रमण किया था.

24जब कयीन के लिए सात गुणा बदला लिया गया था,

तब तो लामेख के लिए सत्तर बार सात गुणा होगा.”

25हव्वा ने एक और पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम शेत4:25 शेत अर्थात्: दान यह कहकर रखा, “कयीन द्वारा हाबिल की हत्या के बाद परमेश्वर ने हाबिल के बदले मेरे लिए एक और संतान दिया है.” 26शेत के भी एक पुत्र पैदा हुआ, जिसका उसने एनोश नाम रखा.

उस समय से लोगों ने याहवेह से प्रार्थना करना शुरू किया.