創世記 15 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

創世記 15:1-21

15

神とアブラムの契約

1そののち主が幻の中でアブラムに現れ、こう語りかけました。「アブラムよ、心配することはない。わたしがあなたを守り、大いに祝福しよう。」

2-3「ああ神様、私に息子がないのはご存じでしょう。どんなに祝福していただいても、子どもがいなければ、全財産は一族のだれかほかの者が相続することになるのです。」

4「いや、そんなことはない。ほかの者があなたの跡継ぎになることは決してない。財産を相続する子が、あなたに必ず生まれる。」

5それから主はアブラムを外へ連れ出し、満天の星空の下に立たせました。「空を見なさい。あの星を全部数えられますか? あなたの子孫はあの星のようにとても数えきれないほどの数になる。」 6アブラムは主を信じました。主はアブラムの信仰を義と認めました。

7「カルデヤのウルの町からあなたを導き出したのは、このわたしだ。それは、この土地を永遠にあなたのものとするためだ。」

8「神様、できれば、その確かな証拠を見せてください。」 9すると、主は次のように言われました。「それぞれ三歳の雌牛と雌やぎと雄羊、それに山鳩とそのひなを持って来て、 10殺し、真ん中から引き裂いて二つに分けなさい。ただし、鳥は裂いてはいけない。」 11アブラムは言われたとおりにし、はげたかが死体の上に舞い下りて来そうになると、追い払いました。

12やがて夕方になり、日が西に傾きました。アブラムは眠くて、どうにも我慢ができなくなりました。すると、何か恐ろしいことが起きる前兆のような、深い闇が忍び寄ってきたのです。 13その時、主の声がしました。「あなたの子孫は四百年の間、外国で奴隷とされ、苦しめられるだろう。 14だが、その国をわたしは罰する。そしてついには、あり余るほどの富を携えて、彼らはその国から脱出することになる。 15あなたは天寿を全うし、安らかにこの世を去るだろう。 16四世代ののち、彼らはこの地に帰る。今ここに住んでいるエモリ人の国々の悪行は、まだ最悪には至っていない。だがその時がきたら、きびしい罰を受けることになる。」

17もう日はすっかり沈み、あたりは真っ暗です。見ると、煙のたち込めるかまどと燃えるたいまつが現れ、二つに引き裂かれた動物の死体の間を通り抜けました。 18こうしてその日、主はアブラムと契約を結ばれたのです。「わたしはこの地をあなたの子孫に与える。ワディ・エル・アリシュ〔エジプト川〕からユーフラテス川に至る地を。

19-21また、ケニ人、ケナズ人、カデモニ人、ヘテ人、ペリジ人、レファイム人、エモリ人、カナン人、ギルガシ人、エブス人の国々をも与えよう。」

Hindi Contemporary Version

उत्पत्ति 15:1-21

याहवेह का अब्राम के साथ वाचा

1इन बातों के बाद अब्राम को एक दर्शन में याहवेह का यह संदेश मिला:

“अब्राम, भयभीत न हो,

मैं तुम्हारी ढाल,

और तुम्हारा सबसे बड़ा प्रतिफल हूं.”

2अब्राम ने उत्तर दिया, “हे प्रभु याहवेह, आप मुझे क्या दे सकते हैं, क्योंकि मेरी कोई संतान नहीं है, और मेरा वारिस दमेशेक का एलिएज़र होगा?” 3अब्राम ने यह भी कहा, “आपकी ओर से तो मुझे कोई संतान नहीं मिली; इसलिये मेरे घर में एक सेवक मेरा वारिस होगा.”

4तब अब्राम के पास याहवेह का यह वचन आया, “तुम्हारा वारिस यह दास नहीं, परंतु एक पुत्र जो तुम्हारा ही मांस और खून है, तुम्हारा वारिस होगा.” 5याहवेह अब्राम को बाहर ले गए और अब्राम से कहने लगे, “आकाश की ओर देखो. और तारों की गिनती करो.” याहवेह ने अब्राम से कहा, “ऐसे ही तुम्हारा वंश होगा, जिनको कोई गिन नहीं पायेगा.”

6अब्राम ने याहवेह पर विश्वास किया; याहवेह ने इस बात को उसकी धार्मिकता मानी.

7याहवेह ने अब्राम को आश्वासन दिया “मैं वही याहवेह हूं, जिसने तुम्हें कसदियों के ऊर नगर से बाहर निकाला, ताकि तुम्हें यह देश मिले और तुम इस देश पर अधिकार करे.”

8अब्राम ने कहा, “हे प्रभु याहवेह, मैं कैसे जानूं कि आप मुझे यह देश देंगे?”

9इसलिये परमेश्वर ने अब्राम से कहा, “मेरे लिए तीन वर्ष की एक कलोर, तीन वर्ष की एक बकरी, तीन वर्ष का एक मेढ़ा, एक पिण्डुक तथा एक कबूतर का बच्चा ले आओ.”

10अब्राम याहवेह के लिए ये सब ले आए, इन सभी चीज़ों को काटकर दो-दो टुकड़े किए तथा हर एक टुकड़े को आमने-सामने रख दिये, पर उन्होंने पक्षियों के टुकड़े नहीं किए. 11इन टुकड़ों को देख गिद्ध नीचे उतर आए, किंतु अब्राम ने उन्हें भगा दिया.

12जब सूरज डूब रहा था, तब अब्राम गहरी नींद में सो गए और पूरा अंधेरा हो गया. 13तब याहवेह ने अब्राम से कहा, “यह सच है तुम्हारे वंश के लोग पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, जहां उन्हें दास बना लिया जाएगा, और वे उन्हें चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे. 14फिर जिस देश के वे दास होंगे, उस देश के लोगों को मैं दंड दूंगा, फिर तुम्हारे वंश के लोग वहां से बहुत धन लेकर निकलेंगे. 15पर तुम्हारा अंत बहुत शांति से होगा और तुम अपनी पूरे बुढ़ापे की आयु में अपने पुरखों के पास दफनाए जाओगे. 16तुम्हारा वंश, चौथी पीढ़ी में यहां फिर लौट आयेगा, क्योंकि अमोरियों का अधर्म अब तक पूरा नहीं हुआ.”

17शाम ढलकर रात बहुत हो गई थी तब एक अंगीठी जिससे धुआं निकल रहा था और उसमें से एक जलता हुआ पतीला उन टुकड़ों के बीच में से गुजरा. 18और उसी दिन याहवेह ने अब्राम से एक वाचा बांधी और कहा, “मैं तुम्हारे वंश को मिस्र के नदी से लेकर फरात महानदी तक दूंगा, 19जो कि केनी, कनिज्ज़ी, कदमोनी, 20हित्ती, परिज्ज़ी, रेफाइम, 21अमोरी, कनानी, गिर्गाशी तथा यबूसियों का देश है.”