ルカの福音書 16 – JCB & NCA

Japanese Contemporary Bible

ルカの福音書 16:1-31

16

神と富の両方に仕えることはできない

1さてイエスは、弟子たちにも話をされました。「ある金持ちが会計の管理者を雇いました。ところが、この管理者はずる賢い男で数字をごまかしている、といううわさを聞きました。 2さっそく金持ちは彼を呼びつけて、言いました。『帳簿をごまかしているという、もっぱらのうわさだ。なんということをしたのか。もう任せておけないから、やめてもらおう。報告書を出しなさい。』 3男は考え込みました。『さて、どうしたものか。首になるのは時間の問題だ。力仕事はできないし、かといって、物ごいをするのも恥だ。 4待てよ。そうだ、こうしよう。これなら、いつ首になっても、みんなが面倒を見てくれるに違いない。』 5どうしたかというと、彼は雇い主からお金を借りている人を一人一人呼び出して、話し合ったのです。まず、最初の人とはこんなぐあいに。『主人にいくら借りがありますか。』 6『オリーブ油百バテ(三千五百リットル)です。』『そうですか。これが証文ですね。さあ、これを破って。代わりに、その半分を借りたという証文を書くのです。』 7次の人にも同じように、『あなたの借りはどのくらいですか。』『小麦百コル(三十トン)です。』『いいでしょう。では、新しく八十コルの証文を書いてください。これと取り替えてあげるから。』 8この抜け目のなさには、さすがの金持ちも舌を巻き、うまいやり方だ、とほめないわけにはいきませんでした。確かに、この世の人々のほうが、神を信じる者たちよりずっと抜け目がないのです。

9不正の富を利用してでも、親しい友をつくりなさい。そうしておけば、富がなくなった時、親切にしてやった人たちが、永遠の天の住まいに迎え入れてくれるでしょう。 10小さなことに忠実な人は、大きなことにも忠実です。小さなことに不忠実な人は、大きな責任を与えられても、忠実に果たすことはできません。 11この世の富も任せられない人に、どうして、天にあるほんとうの富を任せることができるでしょう。 12他人の富に忠実でなかったら、自分の富さえ任せてもらえないのです。 13だれも、二人の主人に仕えることはできません。一方を憎んで他方に忠実であるか、あるいは、一方を重んじて他方は軽んじるようになるからです。神と富の両方に仕えることはできないのです。」

14何よりもお金に目のないパリサイ人たちは、この話を聞いて、イエスをあざけりました。 15そんな彼らに、イエスはおっしゃいました。「あなたがたは、人前ではいかにも上品でうやうやしい態度をとっています。しかし神は、あなたがたの悪い心をお見通しです。いくら人の目をごまかし、賞賛を受けても、神には憎まれるのです。 16バプテスマのヨハネが現れて教えを説き始めるまで、モーセの律法と預言者たちのことば(旧約聖書)が、あなたがたの指針でした。しかしヨハネ以後は、神の国の福音が宣べ伝えられ、大ぜいの人がむりにでも入ろうと、押し合いへし合いしています。 17しかし、律法の一つでも効力を失ったわけではありません。たとえ天地が滅びようと、律法はびくともしないのです。 18だれでも、妻を離縁してほかの女と結婚する者は、姦通罪を犯すことになり、夫に離縁された女と結婚する者も同罪なのです。」

19イエスは話を続けられました。「ある金持ちがいました。きらびやかな服を着、ぜいたく三昧の暮らしでした。 20ある日のこと、その家の門前に、ひどい病気にかかったラザロという物ごいが横になっていました。 21金持ちの家の食べ残しでもいい、とにかく食べ物にありつきたいと思っていたのです。かわいそうに、犬までがおできだらけのラザロの体をなめ回しています。 22やがて彼は死にました。天使たちに連れられて行った先は、生前神を信じ、正しい生活を送った人たちのところでした。そこで、アブラハムのそばにいることになったのです。そのうち、あの金持ちも死んで葬られましたが、 23彼のたましいは地獄に落ちました。苦しみあえぎながら、ふと目を上げると、はるかかなたにアブラハムといっしょにいるラザロの姿が見えます。 24金持ちはあらんかぎりの声を張り上げました。『アブラハム様! どうぞお助けを。お願いでございます。ラザロをよこし、水に浸した指先で、ほんのちょっとでも舌を冷やさせてください。この炎の中で、苦しくてたまりません。』 25しかし、アブラハムは答えました。『思い出してみなさい。おまえは生きている間、ほしい物は何でも手に入れ、思うままの生活をした。だがラザロは、全くの無一物だった。それで今は反対に、ラザロは慰められ、おまえは苦しんでいる。 26それに、そちらとの間には大きな淵があって、とても行き来はできないのだ。』

27金持ちは言いました。『ああ、アブラハム様。それならせめて、ラザロを私の父の家にやってください。 28まだ五人の兄弟が残っているのです。彼らだけは、こんな目に会わせたくありません。どうぞ、この恐ろしい苦しみの場所があることを教えてやってください。』 29『それは聖書が教えていることではないか。その言うことを聞くべきです。』 30金持ちはあきらめません。『でも、アブラハム様。彼らは聖書を読みたがらないのです。ですが、もしだれかが死人の中から遣わされたら、彼らも罪深い生活を悔い改めるに違いありません。』 31アブラハムはきっぱり言いました。『モーセと預言者たちのことばに耳を貸さないのなら、だれかが生き返って話したところで、彼らは聞き入れないだろう。』」

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

लूका 16:1-31

चतुर परबंधकर्ता के पटं‍तर

1यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “एक धनी मनखे रिहिस। ओह अपन संपत्ति के देख-रेख करे बर एक परबंधकर्ता रखे रिहिस। अऊ ओला ए बताय गीस कि ओकर परबंधकर्ता ह ओकर संपत्ति ला बरबाद करत हवय। 2एकरसेति ओह अपन परबंधकर्ता ला बलाईस अऊ कहिस, ‘मेंह तोर बारे म ए का सुनत हवंव? अपन काम के हिसाब-किताब मोला दे, काबरकि तेंह अब मोर परबंधकर्ता नइं रह सकस।’

3परबंधकर्ता ह अपन-आप ले कहिस, ‘अब मेंह का करंव? मोर मालिक ह मोला मोर काम ले छुट्टी करइया हवय। मोर अतकी ताकत नइं ए कि माटी कोड़ सकंव, अऊ भीख मांगे म मोला सरम आथे। 4अब मेंह समझ गेंव कि मोला का करना चाही, ताकि जब इहां ले मोला काम ले निकार दिये जावय, त मनखेमन अपन घर म मोर सुवागत करंय।’

5एकरसेति ओह ओ जम्मो मनखेमन ला बलाईस, जऊन मन ओकर मालिक के उधारी लगत रहंय। ओह पहिली मनखे ले पुछिस, ‘तोर ऊपर मोर मालिक के कतेक उधारी हवय?’

6ओह कहिस, ‘करीब तीन हजार लीटर जैतून के तेल।’

तब परबंधकर्ता ह ओला कहिस, ‘अपन खाता-बही ला लेके बईठ अऊ तुरते एला डेढ़ हजार लीटर लिख दे।’

7तब ओह दूसरा मनखे ले पुछिस, ‘तोर ऊपर कतेक उधारी हवय?’

ओह कहिस, ‘एक सौ मन गहूं।’

तब परबंधकर्ता ह ओला कहिस, ‘अपन खाता-बही ला ले अऊ एला अस्सी लिख दे।’

8मालिक ह ओ बेईमान परबंधकर्ता के बड़ई करिस, काबरकि ओह चतुरई ले काम करे रिहिस। अऊ एह सच ए कि ए संसार के मनखेमन अपन मामला के निपटारा करे म परमेसर के मनखेमन ले जादा चतुर अंय। 9मेंह तुमन ला कहत हंव कि संसारिक धन ले अपन बर संगवारी बना लेवव, ताकि जब ओ धन ह सिरा जावय, त तुम्‍हर सुवागत सदाकाल के घर म होवय।

10जऊन ह बहुंत छोटे चीज म ईमानदार रहिथे, ओह बहुंत म घलो ईमानदार रहिही; अऊ जऊन ह बहुंत छोटे चीज म बेईमान ए, ओह बहुंत चीज म घलो बेईमान होही। 11एकरसेति यदि तुमन संसारिक धन म ईमानदार नइं अव, त तुमन ला स्‍वरग के सच्‍चा धन कोन सऊंपही? 12अऊ यदि तुमन पराय संपत्ति म ईमानदार नइं ठहरेव, त तुम्‍हर खुद के संपत्ति तुमन ला कोन दिही?

13एक सेवक दू झन मालिक के सेवा नइं कर सकय। ओह एक झन ले घिन अऊ दूसर ले मया करही, या फेर ओह एक झन के भक्त होही अऊ दूसर झन ला तुछ समझही। तुमन परमेसर अऊ पईसा दूनों के सेवा नइं कर सकव।”

14ओ फरीसी जऊन मन पईसा के लोभी रिहिन, ओमन ए जम्मो ला सुनके यीसू के हंसी उड़ाय लगिन। 15यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ओ मनखे अव, जऊन मन अपन-आप ला आने मनखेमन के आघू म सही ठहिराथव, पर परमेसर ह तुम्‍हर मन के बात ला जानथे। काबरकि जऊन चीज ला मनखेमन बहुंत कीमती समझथें, ओह परमेसर के नजर म तुछ ए।

16मूसा के कानून अऊ अगमजानीमन के लिखे बचन के परचार यूहन्ना बतिसमा देवइया तक करे गीस। ओकर बाद ले परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करे जावथे, अऊ हर एक झन एम जाय के भरसक कोसिस करत हवय। 17अकास अऊ धरती के मिट जवई सरल ए, पर मूसा के कानून के एक ठन बिन्दू घलो नइं मिटय।

18जऊन ह अपन घरवाली ला छोंड़के आने माईलोगन ले बिहाव करथे, ओह छिनारी करथे, अऊ जऊन मनखे एक छोंड़े गे माईलोगन ले बिहाव करथे, ओह छिनारी करथे।”

एक धनी मनखे अऊ गरीब लाजर

19“एक धनवान मनखे रिहिस, जऊन ह बहुंत मंहगा कपड़ा पहिरे अऊ हर दिन सुख-सुबिधा म जिनगी बितावय। 20लाजर नांव के एक भिखमंगा घलो रिहिस, जेकर जम्मो देहें ह घाव ले भर गे रहय, अऊ ओह धनवान मनखे के दुवारी (गेट) म पड़े रहय, 21अऊ ए आसा करय कि धनवान मनखे के बचे जूठा खाना ले अपन पेट भरय। अऊ त अऊ कुकुरमन आके ओकर घावमन ला चाटंय।

22एक समय आईस, जब ओ भिखमंगा ह मर गीस अऊ स्वरगदूतमन ओला अब्राहम के गोद म पहुंचाईन। ओ धनवान मनखे घलो मर गीस अऊ ओला माटी दिये गीस। 23मरे के बाद, ओह नरक म पीरा भोगत रहय, अऊ जब ओह अपन आंखी उठाके देखिस, त बहुंत दूरिहा (स्‍वरग) म अब्राहम अऊ ओकर गोदी म लाजर रहय। 24अऊ ओह नरियाके कहिस, ‘हे ददा अब्राहम, मोर ऊपर दया कर अऊ लाजर ला मोर करा पठो दे कि ओह अपन अंगरी के टीप ला पानी म भिगोवय अऊ मोर जीभ ला ठंडा करय, काबरकि मेंह ए आगी म बहुंत पीरा भोगत हवंव।’

25पर अब्राहम ह कहिस, ‘ए बेटा, सुरता कर कि तोला तोर जिनगी म जम्मो बने चीज मिले रिहिस, जबकि लाजर ला खराप चीज मिले रिहिस, पर अब ओह इहां सांति पावथे, अऊ तेंह दुःख भोगथस। 26अऊ एकर अलावा, हमर अऊ तोर बीच म एक बहुंत गहिरा खंचवा बनाय गे हवय, ताकि जऊन मन इहां ले तोर करा जाना चाहंय घलो, त नइं जा सकंय अऊ न ही उहां ले हमर करा कोनो पार होके आ सकय।’

27धनवान मनखे ह कहिस, ‘तब मेंह तोर ले बिनती करत हंव, ददा; लाजर ला मोर ददा के घर म पठो दे, 28काबरकि मोर पांच झन भाई हवंय। ओह जाके ओमन ला चेतावय, ताकि ओमन पीरा भोगे के ए जगह म झन आवंय।’

29पर अब्राहम ह कहिस, ‘ओमन करा मूसा अऊ अगमजानीमन के किताब हवय। ओमन ओ किताब म लिखे संदेस ला सुनंय।’

30धनवान मनखे ह कहिस, ‘नइं, हे ददा अब्राहम, यदि मरे मनखे म ले कोनो उठके ओमन करा जावय, त ओमन अपन पाप के पछताप करहीं।’

31पर अब्राहम ह ओला कहिस, ‘यदि ओमन मूसा अऊ अगमजानीमन के बात ला नइं सुनंय, त कहूं कोनो मरे म ले जी घलो उठय, तभो ले ओमन ओकर बात ला नइं मानहीं।’ ”