ヨハネの福音書 12 – JCB & NCA

Japanese Contemporary Bible

ヨハネの福音書 12:1-50

12

イエスに香油を注ぐマリヤ

1過越の祭りの始まる六日前に、イエスはベタニヤにお着きになりました。イエスが死から生き返らせた、あのラザロがいる村です。 2さっそく晩餐が用意されました。マルタは給仕にいとまがありません。ラザロはイエスといっしょに食卓に着いています。 3そこへマリヤが、香油のつぼを手に入って来ました。それはナルドから作った純粋な香油で、とても高価なものでした。マリヤはイエスのそばに歩み寄ると、驚いたことに、その香油をイエスの足に注いだのです。それから、ていねいに自分の髪でぬぐいました。たちまち家中に香油の香りがたちこめました。 4ところが、弟子の一人でイエスを裏切ろうとしていたイスカリオテのユダが、非難がましく言いました。 5「やれやれ、この香油はひと財産ものだよ。売って、その代金を貧しい人たちに恵んでやればよさそうなものを。全くもったいない話だ。」 6こう言ったのは、彼が貧しい人たちのことを心にかけていたからではなく、会計を任されているのをいいことに使い込みを重ねていたからです。 7イエスはお答えになりました。「そのままにさせておきなさい。マリヤはわたしの葬りの準備をしてくれたのです。 8貧しい人たちはいつでも助けてあげられますが、わたしはもう、それほど長くいっしょにはいられないからです。」

9エルサレムの市民は、イエスがおられると聞いて、どっとラザロの家に押しかけました。イエスに会うためばかりではありません。一度死んで生き返ったラザロを一目見たいと思ったのです。 10これには祭司長たちも頭をかかえ込み、いっそのことラザロも殺してしまおうと相談しました。 11ラザロのことで、大ぜいのユダヤ人がユダヤ教から離れ、イエスをメシヤと信じるようになったからです。

エルサレムでの最後の宣教

12翌日、イエスがエルサレムに向かわれるというニュースが町中をかけ巡りました。過越の祭りで上京した人々は、 13イエスを迎えようと、手に手にしゅろの枝を振りかざして駆けつけました。沿道はたちまち人の波、波、波……。あちこちで大歓声が上がりました。「救い主! イスラエルの王様ばんざーい! 神の大使ばんざーい!」 14イエスはろばの子に乗っておられました。こうして預言どおりのことが起こったのです。

15「イスラエルの民よ。

あなたがたの王を恐れるな。

王は柔和で、ろばの子に乗って、

来られるのだから。」ゼカリヤ9・9

16〔この時、弟子たちには、この出来事が預言どおりに起こったこととは思えませんでした。しかし、イエスが天にある栄光の座に帰られたあと、「そういえば、あのことも聖書にあるとおりだった。このことも預言どおりだった」と思い出したのです。〕 17群衆の中には、イエスがラザロを生き返らせた現場を目撃した人たちもかなりいて、彼らはその出来事を一部始終、人々に伝えていました。 18こんなに大ぜいの人がイエスを出迎えたのも、実を言えば、そのすばらしい奇跡のことを聞いたからでした。 19この有様にパリサイ人たちは動転し、言いました。「なんてことだ! 見ろ。みんな、あいつについて行ったじゃないか!」

20さて、過越の祭りに加わろうとエルサレムに来ていた数人のギリシヤ人が、 21ベツサイダ出身のピリポのところへ来て、「先生。ぜひともイエス様にお会いしたいのですが」と頼み込みました。 22ピリポはアンデレにそのことを話し、二人でお願いしようということになりました。 23イエスはお答えになりました。「いよいよ、わたしが天の栄光の座に帰る時が来ました。 24よく言っておきます。畑にまかれる一粒の麦のように、わたしも地に落ちて死ななければなりません。そうしなければ、いつまでたっても一人のまま、一粒の種のままです。しかし、死ねば多くの新しい実が生じ、新しいいのちが豊かに実を結ぶことになります。 25この地上のいのちを愛するなら、結局はそれを失うだけです。しかし、地上のいのちに執着しなければ、代わりに永遠の栄光を受けるのです。 26わたしの弟子になりたい者は、わたしについて来なさい。わたしに仕える者は、わたしのいる所にいなければならないのですから。わたしに従う者に、父は報いてくださるのです。

27しかし、わたしの心は騒いでいる。いったい、わたしはどうしたらいいのだろうか。『父よ。これから起きることからお救いください』と祈るべきだろうか。ああ、いや、このために、この時のために、わたしは来たのでした。 28父よ。どうぞあなたの栄光を現し、あなたの御名があがめられるようにしてください。」その時、天から声が聞こえました。「わたしはすでに栄光を現したし、また、もう一度そうしよう。」 29この声を聞いた群衆はかってに想像をめぐらし、「雷が鳴ったのだ」と思う者もあれば、「天使が語りかけたのだ」と言う者もいました。 30そこで、イエスは群衆に言われました。「この声が聞こえたのは、わたしのためではありません。あなたがたのためです。 31さばきの時が来ています。この世の支配者サタンは追い出されるのです。 32わたしが十字架の上に上げられる時、わたしはすべての人を自分のもとに引き寄せましょう。」

33こう言われたのは、自分がどのような死に方をするかを示されるためでした。 34群衆はイエスに答えました。「あなたが死ぬですって? メシヤは永遠に生きていて、絶対に死んだりなさらないものと思っておりましたのに。どうしてそんなことをおっしゃるのですか? いったいどんなメシヤのことを言っておられるのですか。」 35イエスは彼らに言われました。「もうほんのしばらくの間、わたしの光はあなたがたのために輝いています。光のある間に光の中を歩きなさい。暗闇が襲って来る前に、行こうと思う所に行きなさい。襲って来てからでは遅すぎます。道を見つけることもできません。 36まだ時間のある間に、光を十分に用いなさい。そうすれば、光の子になれるのです。」

イエスはこう話し終えるとそこを立ち去り、身を隠されました。 37ところが、イエスがあれほど多くの奇跡をなさったにもかかわらず、大部分の人はイエスをメシヤとは信じませんでした。 38まさに、イザヤが預言したとおりです。「主よ。だれが私たちのことばを信じるのか。だれが神の力強い奇跡を証拠と認めるのか。」イザヤ53・1 39イザヤは次のようにも言っているからです。 40「神は彼らの目を盲目に、心をかたくなにされた。彼らが見ることも、理解することも、わたしのもとに立ち返っていやされることもないためだ。」イザヤ6・10 41この預言は、イエスのことを指しています。イザヤは、メシヤの栄光の幻を見て預言したのです。 42しかし、だれも信じなかったというわけではありません。ユダヤ人の指導者の中にも、イエスをメシヤと信じる者がかなりいました。ただ、パリサイ人たちに会堂から除名されるのがこわくて、公に告白できなかったのです。 43彼らは、神にほめていただくことよりも、人の間での名誉を重んじたからです。

44イエスは大声で群衆に語りかけました。「わたしを信じる人は、わたしを遣わした方を信じるのです。 45わたしを見る人は、わたしを遣わした方を見るのです。 46わたしは、この暗い世に輝く光として来ました。わたしを信じる人がだれも、もはや暗闇の中をさまようことのないためです。 47わたしのことばを聞きながら従おうとしない人がいても、わたしはさばきません。わたしが来たのは世を救うためで、さばくためではないからです。 48しかし、わたしを退け、わたしの言うことを受け入れないすべての人をさばくものがあります。わたしの語った真理のことばが、終わりのさばきの日にその人をさばくのです。 49その真理はわたしが考え出したことではなく、父が語れとお命じになったことです。 50神の命令は、人を永遠のいのちに導きます。だから、神が語れと言われたことを、何でもそのとおり語っているのです。」

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

यूहन्ना 12:1-50

बैतनियाह गांव म यीसू के अभिसेक करे जाथे

(मत्ती 26:6-13; मरकुस 14:3-9)

1फसह तिहार के छै दिन पहिली यीसू ह बैतनियाह गांव म आईस, जिहां लाजर ह रहत रहय, जऊन ला यीसू ह मरे म ले जीयाय रिहिस। 2उहां यीसू के आदर म एक भोज तियार करे गीस। मारथा ह सेवा करत रहय, अऊ लाजर ह ओमन ले एक झन रहय, जऊन ह यीसू के संग खावत रहय। 3तब मरियम ह सुध जटामासी (गुलमेंहदी) के करीब आधा लीटर बहुंत मंहगा इतर तेल लीस अऊ यीसू के गोड़मन ऊपर ढारिस, अऊ ओह ओकर गोड़मन ला अपन बाल ले पोंछिस। ओ घर ह इतर के महक ले भर गीस।

4पर यहूदा इस्करियोती नांव के यीसू के एक चेला ह (जऊन ह पाछू ओला दगा देवइया रहय) कहिस, 5“ए इतर तेल ला बेंचके, पईसा ला गरीबमन ला काबर नइं बांटे गीस? एह तीन सौ दीनार के होय रहितिस12:5 तीन सौ दीनार ह करीब एक साल के बनी के बरोबर रिहिस।।” 6ओह ए बात एकरसेति नइं कहिस कि ओह गरीबमन के फिकर करय, पर ओह एकरसेति कहिस, काबरकि ओह चोर रिहिस। ओकर करा पईसा के थैली रहय, अऊ जऊन कुछू ओम डाले जावय, ओम ले ओह निकार लेवत रिहिस।

7यीसू ह कहिस, “ओला छोंड़ देवव। ओह मोर गाड़े जाय के दिन बर इतर तेल ला लगाय हवय। 8गरीबमन तो हमेसा तुम्‍हर संग रहिहीं, पर मेंह हमेसा तुम्‍हर संग नइं रहंव।”

9इही बीच म, यहूदीमन के एक बड़े भीड़ ला पता चलिस कि यीसू ह बैतनियाह गांव म हवय, त ओमन सिरिप ओकर खातिर ही नइं, पर लाजर ला देखे बर घलो आईन, जऊन ला यीसू ह मरे म ले जीयाय रिहिस। 10तब मुखिया पुरोहितमन लाजर ला घलो मार डारे के उपाय करन लगिन। 11काबरकि ओकर खातिर कतको यहूदीमन ओमन ला छोंड़के यीसू करा जावत रिहिन अऊ यीसू ऊपर बिसवास करत रिहिन।

यरूसलेम म यीसू के जवई

(मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; लूका 19:28-40)

12ओकर दूसर दिन, एक बड़े भीड़ जऊन ह तिहार मनाय बर आय रिहिस, ए सुनिस कि यीसू ह यरूसलेम आवत हवय। 13त ओमन खजूर के डालीमन ला लेके ओकर ले भेंट करे बर गीन अऊ पुकार-पुकारके ए कहिन,

“परमेसर के जय हो!

धइन ए ओ, जऊन ह परभू के नांव म आथे। धइन ए, इसरायल के राजा।12:13 भजन-संहिता 118:25-26

14यीसू ला एक ठन गदही के बछरू मिलिस अऊ ओह ओकर ऊपर बईठ गीस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:

15“हे सियोन के बेटी,

झन डर; देख,

तोर राजा ह गदही के बछरू ऊपर बईठके आवत हवय12:15 “सियोन के बेटी” – एह एक मुहावरा अय, जेकर उपयोग “यरूसलेम के मनखेमन” या “इसरायली मनखेमन” बर होथे (जकरयाह 9:9)।।”

16ओकर चेलामन पहिली ए बात ला नइं समझिन। पर जब यीसू के महिमा होईस, त ओमन सुरता करिन कि ए बातमन यीसू के बारे म लिखे गे रिहिस अऊ मनखेमन ओकर संग अइसनेच करिन।

17अऊ मनखेमन के ओ भीड़ जऊन ह यीसू के संग ओ बखत रिहिस, जब यीसू ह लाजर ला कबर म ले बलाईस अऊ ओला मरे म ले जियाईस, ओमन ए बात के गवाही देवत रिहिन। 18ए खातिर, बहुंते मनखेमन यीसू ले भेंट करे बर गीन, काबरकि ओमन सुने रहंय कि ओह ए चमतकार के काम करे हवय। 19तब फरीसीमन एक-दूसर ले कहिन, “हमन कुछू नइं कर सकथन। देखव, जम्मो संसार ह ओकर पाछू हो गे हवय।”

यीसू ह अपन मिरतू के अगमबानी करथे

20जऊन मन तिहार के समय म अराधना करे बर गे रिहिन, ओमन म कुछू यूनानी मनखे रिहिन। 21ओमन फिलिप्पुस करा आईन, जऊन ह गलील प्रदेस के बैतसैदा सहर के रिहिस, अऊ ओकर ले बिनती करिन, “हे महाराज, हमन यीसू ला देखे बर चाहथन।” 22फिलिप्पुस ह जाके अन्द्रियास ला कहिस, तब अन्द्रियास अऊ फिलिप्पुस जाके यीसू ला कहिन।

23यीसू ह कहिस, “ओ समय ह आ गे हवय, जब मनखे के बेटा के महिमा होवय। 24मेंह तुमन ला सच-सच कहथंव कि जब तक गहूं के बीजा ह भुइयां म गिरके मर नइं जावय, तब तक ओ बीजा ह सिरिप अकेला रहिथे, पर जब एह मर जाथे, त बहुंत फर देथे। 25जऊन ह अपन परान ले मया करथे, ओह ओला गंवाही, पर जऊन ह ए संसार म अपन परान ला जादा महत्‍व नइं देवय, ओह ओला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी बर बंचाके रखही। 26यदि कोनो मोर सेवा करथे, त ओह मोर पाछू जरूर हो लेवय; जिहां मेंह हवंव, उहां मोर सेवक ह घलो होही। यदि कोनो मोर सेवा करथे, त मोर ददा ह ओकर आदर करही।

27अब मोर परान ह बहुंते बियाकुल होवथे अऊ मेंह का कहंव? हे ददा, मोला ए घरी ले बंचा। पर एहीच कारन बर तो मेंह ए घरी म पहुंचे हवंव। 28हे ददा, अपन नांव के महिमा कर।”

तब स्‍वरग ले ए अवाज आईस, “मेंह एकर महिमा करे हवंव अऊ एकर महिमा फेर करहूं।” 29मनखेमन के जऊन भीड़ उहां ठाढ़े रिहिस, जब ओमन एला सुनिन, त कहिन कि एह बादर के गरजन रिहिस, अऊ आने मन कहिन, “एक स्‍वरगदूत ह ओकर ले गोठियाईस।”

30यीसू ह कहिस, “ए अवाज ह मोर बर नइं, पर तुम्‍हर भलई बर होईस। 31अब ए संसार के नियाय के समय ए; अब ए संसार के राजकुमार (सैतान) ला निकार दिये जाही। 32पर जब मेंह धरती ले ऊपर उठाय जाहूं, त जम्मो झन ला मेंह अपन तरफ खींच लूहूं।” 33यीसू ह ए कहे के दुवारा इसारा करिस कि ओह कोन किसम ले मरइया रिहिस। 34भीड़ के मनखेमन कहिन, “हमन मूसा के कानून ले ए बात सुने हवन कि मसीह ह सदाकाल तक रहिही। तब तेंह कइसने कहथस कि मनखे के बेटा के ऊपर उठाय जाना जरूरी ए। ए मनखे के बेटा कोन ए?”

35तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “अंजोर ह थोरकन समय तक तुम्‍हर संग म रहिही। जब तक तुम्‍हर करा अंजोर हवय, रेंगत रहव, नइं तो अंधियार ह तुमन ला घेर लिही। जऊन ह अंधियार म रेंगथे, ओह नइं जानय कि ओह कहां जावथे। 36जब तक तुम्‍हर करा अंजोर हवय, ओम अपन बिसवास रखव, ताकि तुमन अंजोर के संतान बन जावव।” ए कहे के बाद, यीसू ह उहां ले चल दीस अऊ अपन-आप ला ओमन ले छुपाय रखिस12:36 मत्ती 5:14; इफिसीमन 5:8-9; 1थिस्सलुनीकीमन 5:5 म यीसू ह अपन चेलामन ला संसार के अंजोर कहिथे।

यहूदीमन के अबिसवास

37हालाकि यीसू ह बहुंते चमतकार के काम ओमन के (यहूदीमन के) आघू म करे रिहिस, तभो ले ओमन ओकर ऊपर बिसवास नइं करिन। 38जेकर ले यसायाह अगमजानी के ए बचन ह पूरा होईस:

“हे परभू, हमर संदेस ऊपर कोन ह बिसवास करिस,

अऊ परभू के भुजबल ह काकर ऊपर परगट होईस?”12:38 यसायाह 53:1

39एकर कारन ओमन बिसवास नइं कर सकिन, काबरकि यसायाह ए घलो कहे हवय:

40“ओह (परमेसर) ओमन के आंखीमन ला अंधरा कर दे हवय,

अऊ ओमन के मन ला कठोर कर दे हवय, ताकि ओमन न तो अपन आंखी ले देख सकंय,

अऊ न तो अपन मन ले समझ सकंय,

अऊ ओमन मोर तरफ नइं फिरंय कि मेंह ओमन ला चंगा करंव।”12:40 यसायाह 6:10

41यसायाह ए बात एकरसेति कहिस काबरकि ओह यीसू के महिमा ला देखिस अऊ ओह ओकर बारे म गोठियाईस।

42तभो ले यहूदी अगुवा म ले बहुंते झन यीसू ऊपर बिसवास करिन। पर फरीसीमन के कारन ओमन अपन बिसवास ला खुले आम नइं मानिन। ओमन डरत रहंय कि ओमन ला यहूदीमन के सभा घर ले निकार दिये जाही। 43ओमन ला परमेसर के परसंसा करई ले मनखे के परसंसा करई जादा बने लगिस।

44तब यीसू ह चिचियाके कहिस, “जऊन ह मोर ऊपर बिसवास करथे, ओह न सिरिप मोर ऊपर बिसवास करथे, पर ओह ओकर ऊपर घलो बिसवास करथे, जऊन ह मोला पठोय हवय। 45अऊ जब ओह मोला देखथे, त ओह ओला देखथे जऊन ह मोला पठोय हवय। 46मेंह संसार म अंजोर के रूप म आय हवंव, ताकि जऊन कोनो मोर ऊपर बिसवास करय, ओह अंधियार म झन रहय।

47यदि कोनो मोर बचन ला सुनथे, अऊ ओकर मुताबिक नइं चलय, त मेंह ओकर नियाय नइं करंव। काबरकि मेंह संसार के नियाय करे बर नइं, पर संसार के उद्धार करे बर आय हवंव। 48जऊन ह मोर तिरस्‍कार करथे अऊ मोर बचन ला गरहन नइं करय, ओकर एक नियाय करइया हवय। जऊन बचन मेंह कहे हवंव, ओहीच बचन ह आखिरी दिन म ओला दोसी ठहराही। 49काबरकि मेंह अपन कोति ले कुछू नइं कहेंव, पर ददा जऊन ह मोला पठोय हवय, ओह खुद मोला हुकूम दे हवय कि मेंह का कहंव अऊ कइसने कहंव। 50अऊ मेंह जानथंव कि ओकर हुकूम ह सदाकाल के जिनगी करा ले जाथे, एकरसेति जऊन कुछू मेंह कहिथंव, ओला वइसनेच कहिथंव, जइसने ददा ह मोला कहे हवय।”