ペテロの手紙Ⅰ 2 – JCB & NCA

Japanese Contemporary Bible

ペテロの手紙Ⅰ 2:1-25

2

今は神のもの

1ですから、悪意、偽り、偽善、ねたみ、悪口を捨てなさい。 2-3すでに主の恵みといつくしみを経験したのですから、乳を求める赤ん坊のように、熱心にみことばを求めなさい。

4主キリストに近づきなさい。主が土台石となり、神はその上に、神の家をお建てになるのです。人々は主を拒みましたが、神は主を最も重要な存在として選ばれたのです。 5あなたがたも、神の家を建て上げるための生ける土台石となりなさい。そして、聖なる祭司として、イエス・キリストを通して、神に喜ばれる供え物を神にささげなさい。 6聖書にこう書いてあります。「見よ。わたしは一つの石(キリスト)を(教会の)尊い土台石とするために選び、遣わした。彼に信頼する者は、決して失望しない。」イザヤ28・16

7キリストは、信じる者にとって何よりも尊い方ですが、キリストを拒む者にとっては、「つまずきの石、妨げの岩」となりました。「家を建てる者たちの捨てた石が、なくてはならない土台石となった」詩篇118・22とあるとおりです。 8彼らのつまずきの原因は、神のことばに耳を傾けず、従おうとしないことですが、そうなるように定められてもいたのです。

9しかし、あなたがたはそうではありません。あなたがたは神から選ばれた王なる祭司であり、きよい民として神のものとされた人たちです。それはすべて、どうして自分が暗闇から神の驚くべき光へと招き入れられたかを、人々に語り伝えるためなのです。 10あなたがたは、以前は全く無きに等しい者でしたが、今は神のものとされています。以前は神のいつくしみから遠い者でしたが、今では神のいつくしみによって変えられました。

11愛する皆さん。この地上では、あなたがたは旅人であり、一時の滞在者にすぎないのですから、あなたがたのたましいに戦いをいどむ、この世の快楽から遠ざかりなさい。 12異教徒の中でりっぱにふるまいなさい。そうすれば、今はあなたがたを疑いの目で見たり、非難したりしていても、やがてキリストが来られる時には、あなたがたのりっぱな行いを認めて、彼らは神をほめたたえるようになるでしょう。

13-14主のために、国家の定めたすべての制度に従いなさい。この世の主権者である王が定めたものであっても、王の任命した総督が定めたものであっても従うべきです。彼らは悪い者を罰し、正しい者に栄誉を与えるからです。 15というのは、善を行って、愚かな人の無知の口を封じることは、神の望まれることだからです。 16あなたがたは、この世から解放された自由人です。しかし、それを好き勝手なことをするためにではなく、ただ神に従うことに用いなさい。 17だれであっても尊敬しなさい。お互いに深く愛し合いなさい。神を恐れ、王を尊びなさい。

18召使は主人を尊敬し、従いなさい。善良でやさしい主人に対してだけでなく、横暴な主人にも従いなさい。 19不当な罰を受けても耐えるなら、神に喜ばれます。 20自分が悪いことをして受けた罰をどんなに我慢しても、何の誉れにもなりません。しかし、正しいことをしたばかりに苦しみを受け、それを耐え忍ぶのは、神に喜ばれることです。

21この苦しみは、神が与えてくださった務めでもあるのです。あなたがたのために苦しまれたキリストが見ならうべき模範となられました。この方について行きなさい。 22キリストは一度も、罪を犯したり、偽りを語ったりなさいませんでした。 23侮辱されても、苦しめられても報復をせず、公平にさばかれる神にご自分をお任せになりました。 24キリストは、私たちの罪をその身に負って、十字架上で死んでくださいました。そのおかげで、私たちは罪から離れ、正しい生活を始めることができたのです。キリストが傷つくことによって、私たちの傷はいやされました。 25あなたがたは神から離れて迷子の羊のようにさまよっていましたが、今は、どんな敵の攻撃からもたましいを安全に守ってくださる、羊飼いである方のもとに帰ったのです。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

1 पतरस 2:1-25

1एकरसेति, अपन-आप ला जम्मो किसम के बईरता, छल-कपट, ढोंगीपन, जलन, अऊ बदनामी ले दूर रखव। 2नवां जनमे लइकामन सहीं सुध आतमिक गोरस के लालसा करव, ताकि एकर दुवारा अपन उद्धार म बढ़ सकव, 3अब तुमन ए जान गे हवव कि परभू ह बने अय।

जीयत पथरा अऊ परमेसर के चुने मनखेमन

4जब तुमन ओकर करा, जऊन ह जीयत पथरा ए, आथव, जऊन ला मनखेमन गरहन नइं करिन, पर ओह परमेसर के नजर म चुने हुए अऊ कीमती अय – 5त तुमन घलो जीयत पथरामन सहीं एक ठन आतमिक घर बनत जावत हव, जेकर ले पबितर पुरोहित बनके अइसने आतमिक बलिदान चघावव, जऊन ह यीसू मसीह के दुवारा परमेसर ला गरहन लइक होवय। 6काबरकि परमेसर के बचन ह ए कहिथे:

“देखव, मेंह सियोन म एक पथरा रखत हवंव,

ओह चुने हुए अऊ कीमती कोना के पथरा ए,

अऊ जऊन ह ओकर ऊपर बिसवास करथे,

ओकर कभू बेजत्ती नइं होवय2:6 “चुने हुए अऊ कीमती कोना के पथरा” के मतलब यीसू मसीह अय।।”2:6 यसायाह 28:16

7अब तुमन बर, जऊन मन बिसवास करथव, ए पथरा ह कीमती ए। पर जऊन मन बिसवास नइं करंय, ओमन बर:

“जऊन पथरा ला घर बनइयामन बेकार समझे रिहिन,

ओहीच ह कोना के पथरा हो गे हवय।”2:7 भजन-संहिता 118:22

8अऊ परमेसर के बचन ह कहिथे,

“एक ठन पथरा मनखेमन के लड़खड़ाय के

अऊ एक ठन चट्टान ओमन के गिरे के कारन होही।”2:8 यसायाह 8:14

ओमन लड़खड़ाथें, काबरकि ओमन ओ संदेस ला नइं मानय, जेकर बर ओमन ठहिराय गे रिहिन।

9पर तुमन एक चुने बंस, राज-पदधारी पुरोहित, पबितर जाति अऊ परमेसर के खुद के मनखे अव, ताकि तुमन ओकर परसंसा करव, जऊन ह तुमन ला अंधियार म ले अपन अद्भूत अंजोर म बलाय हवय। 10पहिली तुमन परमेसर के मनखे नइं रहेव, पर अब तुमन परमेसर के मनखे अव; एक समय रिहिस, जब तुमन परमेसर के दया ला नइं पाय रहेव, पर अब तुमन ओकर दया ला पा गे हवव।

11मयारू संगवारी हो, मेंह तुमन ले बिनती करत हंव कि अपन-आप ला, ए संसार म परदेसी अऊ अजनबी जानके, पापी ईछा ले बचाय रखव, जऊन ह कि तुम्‍हर आतमा के बिरोध म लड़थे। 12मूरती-पूजा करइयामन के बीच म तुम्‍हर चाल-चलन सही रहय, ताकि कहूं ओमन तुम्‍हर ऊपर गलत काम करे के दोस लगाथें, त ओ दिन, जब परमेसर हमर करा आही, त ओमन हमर बने काममन ला देख सकंय अऊ परमेसर के महिमा करंय।

सासन करइया अऊ मालिक मन के अधीन रहई

13परभू के हित म, अपन-आप ला मनखेमन के बीच ठहिराय हर हाकिम के अधीन रखव; चाहे परधान हाकिम के रूप म राजा के अधीन होवय, 14या राजपाल के अधीन रहव, काबरकि ओमन कुकरमीमन ला दंड दे बर अऊ बने काम करइयामन के परसंसा करे बर राजा के दुवारा ठहिराय जाथें। 15काबरकि एह परमेसर के ईछा ए कि भलई करे के दुवारा तुमन मुरुख मनखेमन के अगियानता के बात ला बंद कर देवव। 16सुतंतर मनखेमन सहीं रहव, पर अपन सुतंतरता के आड़ म बुरई झन करव; परमेसर के सेवकमन सहीं रहव। 17जम्मो झन के आदर करव; संगी बिसवासीमन ला मया करव; परमेसर के भय मानव अऊ राजा के आदर करव।

18हे गुलाममन हो, पूरा आदर के संग अपन मालिकमन के अधीन रहव, न सिरिप बने अऊ समझदार मालिक के, पर निरदयी मालिक के भी अधीन रहव। 19काबरकि यदि कोनो परमेसर ला जानके, अनियाय के दुःख-तकलीफ सहथे, त एह परसंसा के बात अय। 20कहूं तुमन गलत काम करे के कारन मार खाथव अऊ ओला सहिथव, त तुम्‍हर बर एह कोनो बड़ई के बात नो हय। पर कहूं तुमन भलई करे के कारन दुःख सहिथव, त एह परमेसर के आघू म बड़ई के बात अय। 21तुमन ला एकरे खातिर बलाय गे रिहिस, काबरकि मसीह ह तुम्‍हर खातिर दुःख भोगिस अऊ तुम्‍हर बर एक नमूना रखे हवय कि तुमन ओकर मुताबिक चलव।

22“ओह कोनो पाप नइं करिस

अऊ ओकर मुहूं ले कोनो कपट के बात नइं निकरिस।”2:22 यसायाह 53:9

23जब मनखेमन मसीह के बेजत्ती करिन, त ओकर जबाब म ओह ओमन के बेजत्ती नइं करिस; जब ओह दुःख उठाईस, त ओह कोनो धमकी नइं दीस, पर बदले म, ओह अपन आसा परमेसर ऊपर रखिस, जऊन ह धरमी नियायी अय। 24ओह खुद हमर पापमन ला अपन देहें म कुरुस ऊपर सहिस, ताकि हमन पाप खातिर मर जावन अऊ धरमीपन खातिर जीयन। ओकर घावमन के दुवारा तुमन चंगा होय हवव। 25तुमन भटके भेड़मन सहीं रहेव, पर अब तुमन चरवाहा अऊ आतमा के रखवार करा लहुंटके आ गे हवव।