エレミヤ書 41 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

エレミヤ書 41:1-18

41

1十月に入って、王族の一人、エリシャマの子ネタヌヤの子イシュマエルは、十人の部下を連れてミツパに来ました。ゲダルヤは一行を食事に招きました。 2ところが食事の最中に、イシュマエルと、仲間の者は、突然立ち上がって剣を抜き、ゲダルヤを殺したのです。 3さらにそこから出て、ミツパでゲダルヤのそばにいたユダヤ人の役人、バビロンの兵士をも虐殺しました。

4次の日、外部の人がこの出来事をまだ知らないうちに、 5シェケム、シロ、サマリヤから、神殿で礼拝するために、八十人の者がミツパに来ました。めいめいひげをそり、着ている物を裂き、体に傷をつけて、供え物や香を運んでいました。 6イシュマエルは、わざと泣きながら町の外へ出て、彼らを見ると言いました。「さあ、いっしょに来て、ゲダルヤがどうなったか見てください。」 7こうして全員が町に入ると、イシュマエルと部下たちは、そのうちの十人を残して全員を殺し、死体を穴に放り込みました。 8助かった十人は、「隠しておいた小麦、大麦、油、それにみつを必ず持って来るから、いのちだけは助けてくれ」と、イシュマエルに頼んだのです。 9死体を投げ込んだ穴は大きなもので、アサ王がイスラエル王国のバシャ王を恐れて、ミツパの防備を固めた時に掘ったものでした。 10イシュマエルは、王女たちと、親衛隊長ネブザルアダンがゲダルヤに任せた人たちを捕虜にし、すぐさまアモン人の国へ旅立ちました。

11カレアハの子ヨハナンをはじめとするゲリラ隊長たちは、イシュマエルのしたことを聞くと、 12部下を引き連れてあとを追い、ギブオンの近くの池のそばで一行を見つけました。 13-14捕虜になっていた人たちは、ヨハナンとその部下たちの姿を見ると、歓声を上げて走って来ました。 15一方、イシュマエルは八人の部下と共に、アモン人の地へ逃げ延びました。

エジプトへの逃亡

16-17さて、ヨハナンとその部下は、救い出した兵士、女性、子ども、宦官などを引き連れて、ベツレヘム近郊のゲルテ・キムハムという村へ行き、そこでエジプトに脱出する準備を始めました。 18イシュマエルが、バビロン王の立てた総督ゲダルヤを殺したというニュースが伝わったら、バビロニヤ人はどんな報復に出てくるかわからない、と恐れたのです。

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 41:1-18

1सातवें माह में एलीशामा का पौत्र नेथनियाह का पुत्र, राजपरिवार का वंशज इशमाएल, राजा के प्रमुख सेनापतियों में से एक तथा दस व्यक्ति अहीकाम के पुत्र गेदालियाह से भेंट करने मिज़पाह पहुंचे. जब वे वहां साथ बैठे हुए भोजन कर रहे थे, 2नेथनियाह का पुत्र इशमाएल तथा उसके दस साथी उठे और तलवार के प्रहार से शापान के पौत्र, अहीकाम के पुत्र गेदालिया का वध कर दिया, गेदालियाह, जिसे बाबेल के राजा ने देश पर अधिपति नियुक्त किया था. 3इशमाएल ने राजा के सारे यहूदियों का भी संहार कर दिया, अर्थात् वे, जो मिज़पाह में गेदालियाह के साथ थे, उसने उन कसदी सैनिकों का भी संहार कर दिया, जो उस स्थान पर पाए गए.

4दूसरे दिन, जब गेदालियाह की हत्या की जा चुकी थी, जिसके विषय में किसी को कोई संज्ञान न था, 5शेकेम से, शीलो से तथा शमरिया से अस्सी व्यक्ति वहां पहुंचे, उनकी दाढ़ी मूंड़ी हुई थी, वस्त्र फटे हुए तथा देह पर घाव लगे हुए थे, वे अपने साथ अन्‍नबलि एवं धूप लेकर आए थे, कि इन्हें याहवेह के भवन में ले जाएं. 6तब नेथनियाह का पुत्र इशमाएल मिज़पाह से उनसे भेंट करने निकला, इस समय वह रोता जा रहा था. जब उसकी भेंट इन अस्सी व्यक्तियों के समूह से हुई, उसने उनसे कहा, “चलिए, हम अहीकाम के पुत्र गेदालियाह से भेंट करने चलें.” 7उनके नगर में पहुंचते ही, नेथनियाह के पुत्र इशमाएल तथा उसके साथियों ने उनकी हत्या कर दी और उनके शव कुएं में फेंक दिए. 8किंतु इन अस्सी में से दस जीवित रह गए थे, उन्होंने इशमाएल से आग्रह किया, “हमें जीवनदान दीजिए! हमारे पास गेहूं, जौ, मधु तथा तेल का भंडार है, जिसे हमने खेत में छिपा रखा है.” तब इशमाएल ने अन्य सत्तर के साथ उनकी हत्या नहीं की. 9वह कुंआ जिसमें इशमाएल ने उन लोगों के शव फेंक दिए थे, जिनकी उसने गेदालियाह के साथ हत्या की थी, राजा आसा द्वारा इस्राएल के राजा बाशा से अपनी सुरक्षा के उद्देश्य से निर्मित किया गया था. नेथनियाह के पुत्र इशमाएल ने इस कुएं को मरे हुओं के शवों से भर दिया.

10तत्पश्चात इशमाएल ने मिज़पाह में निवास कर रहे सारे लोगों को बंदी बना लिया, राजा की बेटियों तथा मिज़पाह में शेष रह गए सभी यहूदी, जिन्हें अंगरक्षकों के प्रधान, नेबुज़रादान ने अहीकाम के पुत्र गेदालियाह के संरक्षण में छोड़ रखा था. इस प्रकार नेथनियाह के पुत्र इशमाएल ने इन सभी को बंदी बना लिया और वह अम्मोन वंशजों के देश की ओर इन्हें लेकर प्रस्थित हो गया.

11नेथनियाह के पुत्र इशमाएल द्वारा किए गए इस संकट का समाचार कोरियाह के पुत्र योहानन तथा उसके साथ की संयुक्त सेना के सेनापतियों को प्राप्‍त हुआ, 12इसलिये उन्होंने सभी पुरुषों को एकजुट किया और नेथनियाह के पुत्र इशमाएल से युद्ध करने के लिए तैयार हुए. नेथनियाह के पुत्र इशमाएल को उन्होंने गिबयोन के महा कुंड के निकट जा पकड़ा. 13जैसे ही इशमाएल के सारे साथियों की दृष्टि कोरियाह के पुत्र योहानन तथा उसके साथी सेनापतियों पर पड़ी, वे पुलकित हो गए. 14इससे मिज़पाह में इशमाएल द्वारा बंदी बनाए गए सभी लोग मुड़कर कोरियाह के पुत्र योहानन के निकट आ गए. 15किंतु नेथनियाह का पुत्र इशमाएल योहानन से बचकर भाग निकला, उसके साथ आठ व्यक्ति भी बच निकले और अम्मोन वंशजों के देश पहुंच गए.

मिस्र के लिए पलायन

16तब कोरियाह के पुत्र योहानन तथा उसके साथ की सेना के सारे सेनापतियों ने मिज़पाह से लोगों के संपूर्ण लोगों को निकाल लिया, जिन्हें उसने नेथनियाह के पुत्र इशमाएल से विमुक्त किया था, जिन्हें इशमाएल ने अहीकाम के पुत्र गेदालियाह की हत्या के बाद बंदी बना लिया था, अर्थात्, सैनिक, स्त्रियां, बालक; तथा राज-दरबार के अधिकारी जिन्हें उसने गिबयोन से लौटा ले आया था. 17उपयुक्त समय आने पर मिस्र चले जाने के उद्देश्य से वे जाकर बेथलेहेम के निकटवर्ती नगर गेरुथ किमहाम में ठहरे रहे. 18क्योंकि उन्हें कसदियों का भय था. क्योंकि नेथनियाह के पुत्र इशमाएल ने अहीकाम के पुत्र गेदालियाह की हत्या कर दी थी, जिसको बाबेल के राजा ने देश पर अधिपति नियुक्त किया था.