エレミヤ書 34 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

エレミヤ書 34:1-22

34

ゼデキヤへの警告

1バビロンのネブカデネザル王とその支配下の国々の軍隊が一つになって、エルサレムとユダの町々を攻めている時、主からエレミヤに次のことばがありました。 2「ユダのゼデキヤ王に、主がこう言うと伝えなさい。わたしはこの町をバビロン王に渡すので、彼は町を焼く。 3おまえは逃げられない。捕虜になってバビロン王の前に引き出され、有罪を宣告される。そしてバビロンへ連れて行かれる。 4だがユダのゼデキヤ王よ、次のことをよく聞くのだ。おまえは戦争や虐殺に巻き込まれて死ぬことはなく、 5人々に囲まれて安らかに死ぬ。みな、おまえの先祖にしたように、おまえを記念して香をたく。人々はおまえのために、『ああ、王様が死んでしまった』と泣く。このことを確かに言っておく。」

6そこでエレミヤは、そのとおりゼデキヤ王に知らせました。 7ちょうどその時、バビロン軍はエルサレムとラキシュ、アゼカを包囲していました。ユダでまだ残っている城壁のある町は、ここだけだったのです。

奴隷の解放

8ゼデキヤ王が、エルサレムにいる奴隷を全員解放したのちに、主からエレミヤに次のことばがありました。 9王は全住民に、ヘブル人(イスラエル人)の奴隷は男女を問わずすべて自由の身にするようにと命じたのです。ユダヤ人は兄弟同士だから、奴隷にしてはいけないというのです。 10高官や住民はみな王の命令に従い、奴隷を自由の身にしましたが、それは一時的なことでした。 11あとで心変わりして、使用人を再び奴隷にしました。 12それで、次のことばがエルサレムにあったのです。 13イスラエルの神は、こう言います。「わたしは、奴隷だったおまえたちの先祖をエジプトから連れ出した時、彼らと契約を結んだ。 14わたしは彼らに、ヘブル人の奴隷は例外なしに、六年の年季が明けたら自由の身にしなければならない、と念を押した。だが、このことは実行されなかった。 15しかし最近になって、おまえたちは、わたしが命じたとおりの正しいことをして、奴隷を自由の身とした。『きっと命じられたとおりにします』と、神殿で、おごそかに約束した。 16ところが今になって急に態度を変え、誓いを破ってわたしの名を汚し、いったん自由にした者たちを再び奴隷にした。 17結局おまえたちはわたしの言うことを聞こうとせず、奴隷を解放しなかったので、戦争とききんと疫病でおまえたちを殺す。流浪の民として世界中に散らす。 18-19おまえたちは契約を守らなかったので、誓いを確かなものとするために牛を二つに断ち切ってその間を通る儀式にならい、おまえたちを真っ二つにする。高官であろうが、宮廷の役人であろうが、祭司であろうが、一般市民であろうが、誓いを破った以上は、家畜のように殺す。 20わたしがおまえたちを敵の手に渡すので、敵はおまえたちを殺す。おまえたちの死体は、はげたかや野獣のえじきとなる。 21わたしはまた、ユダのゼデキヤ王と部下である役人たちを、いったんこの町から遠のいたバビロン王の軍勢に引き渡す。 22わたしが呼び戻すので、バビロン軍は再びこの町を攻撃して占領し、火をつける。ユダの町々を、必ず見る影もなく壊し、猫の子一匹いない廃墟にする。」

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 34:1-22

सीदकियाहू के विषय में नबूवत

1बाबेल का राजा नबूकदनेज्ज़र अपनी सारी सेना को लेकर येरूशलेम तथा इसके निकटवर्ती नगरों से युद्धरत था, पृथ्वी के सारे राष्ट्र एवं इनकी सारी प्रजा नबूकदनेज्ज़र के अधीन थी, इसी परिस्थिति में येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश प्रगट किया गया: 2“याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का यह आदेश है: यहूदिया के राजा सीदकियाहू को यह संदेश दो, ‘यह याहवेह की वाणी है: यह देख लेना कि मैं इस नगर को बाबेल के राजा के अधीन कर दूंगा और वह इस नगर को भस्म कर देगा. 3तुम उसके हाथ से बचकर निकल न सकोगे, निश्चयतः तुम पकड़े जाओगे तथा उसे सौंप दिए जाओगे. तुम बाबेल के राजा को प्रत्यक्ष देखोगे, वह तुमसे साक्षात वार्तालाप करेगा और फिर तुम बाबेल को बंदी कर दिए जाओगे.

4“ ‘फिर भी, यहूदिया के राजा सीदकियाहू, याहवेह का संदेश सुनिए! आपके संबंध में याहवेह ने कहा है: तुम्हारी मृत्यु तलवार प्रहार से नहीं होगी; 5तुम्हारी मृत्यु शान्तिपूर्ण स्थिति में होगी. जिस प्रकार तुम्हारे पूर्वज राजाओं के सम्मान में, उन उच्चाधिकारी के लिए, जो तुम्हारे प्राचीन काल थे, धूप जलाया गया था, वे तुम्हारे सम्मान में भी धूप जलाएंगे, वे तुम्हारे लिए विलाप भी करेंगे, “धिक्कार है आप पर स्वामी!” यह इसलिये कि यह मेरी उक्ति है, यह याहवेह की वाणी है.’ ”

6भविष्यद्वक्ता येरेमियाह ने येरूशलेम में यहूदिया के राजा सीदकियाहू को यह पूरा संदेश दे दिया, 7इस समय बाबेल के राजा की सेना येरूशलेम तथा यहूदिया के इन नगरों से युद्धरत थी. लाकीश तथा अज़ेका, क्योंकि ये ही यहूदिया के ऐसे गढ़नगर थे, जो सुरक्षित रह गए थे.

गुलामों की आज़ादी

8जब राजा सीदकियाहू ने सारी प्रजा से, जो येरूशलेम में थी, उद्धार वाणी की वाचा स्थापित की, याहवेह का यह संदेश येरेमियाह को भेजा गया. 9हर एक व्यक्ति अपने इब्री सेवक को तथा अपनी इब्री सेविका को विमुक्त कर दे, कि कोई भी सजातीय यहूदी बंदी न रह जाए. 10सारे अधिकारियों एवं सारी प्रजा ने इस आदेश का पालन किया. वे सभी इस वाचा में सम्मिलित हो गए, कि हर एक व्यक्ति अपने सेवक को अथवा सेविका को विमुक्त कर देगा, कि कोई भी बंधन में न रह जाए. उन्होंने आज्ञापालन किया और उन्हें विमुक्त कर दिया. 11किंतु कुछ समय बाद सभी ने अपना निर्णय परिवर्तित कर अपने सेवकों एवं सेविकाओं को पुनः अपने अधिकार में ले लिया जिन्हें उन्होंने मुक्त किया था.

12तत्पश्चात येरेमियाह को याहवेह की ओर से याहवेह का यह संदेश भेजा गया: 13“इस्राएल के परमेश्वर याहवेह ने यह कहा है: मिस्र के निर्गमन के अवसर पर दासत्व आवास से उन्हें निराश करते समय मैंने तुम्हारे पूर्वजों से यह वाचा स्थापित की थी, 14‘प्रति सातवें वर्ष तुममें से हर एक अपने मोल लिए हुए उस इब्री दास को मुक्त कर दे, जिसने छः वर्ष तुम्हारी सेवा पूर्ण कर ली है. तुम्हें उन्हें सेवा मुक्त करना होगा.’34:14 व्यव 15:12 किंतु तुम्हारे पूर्वजों ने न तो मेरे इस आदेश का पालन किया और न उन्होंने मेरा कहा सुनना ही चाहा है. 15यह सत्य है कि कुछ ही समय पूर्व तुमने मेरी ओर उन्मुख होकर वह किया है: जो मेरी दृष्टि में सुधार है. हर एक ने यह घोषणा की है कि उसने अपने पड़ोसी को विमुक्त कर दिया है. तुमने मेरे नाम में प्रतिष्ठित भवन में एक वाचा भी स्थापित की थी. 16यह होने पर भी तुमने विमुख होकर मेरी प्रतिष्ठा अशुद्ध कर दी और हर एक ने अपने-अपने सेवक-सेविकाओं को पुनः अपने अधिकार में ले लिया, जिन्हें उन्होंने इसके पूर्व विमुक्त किया था, जैसा कि स्वयं उनकी भी अभिलाषा थी. तुमने उन्हें पुनः अपने सेवक-सेविकाएं बना लिये.

17“इसलिये अब याहवेह का संदेश यह है: तुमने हर एक व्यक्ति द्वारा अपने सजातीय बंधु एवं अपने पड़ोसी को विमुक्त करने की घोषणा करने के मेरे आदेश का उल्लंघन किया है. अब यह देखो, कि मैं तुम्हें छुड़ाने की घोषणा कर रहा हूं, यह याहवेह की वाणी है, मैं तुम्हें तलवार, महामारी एवं अकाल को सौंप रहा हूं. मैं तुम्हें पृथ्वी के सब राष्ट्रों के लिए आतंक बना दूंगा. 18जिन लोगों ने मेरे साथ स्थापित की गई वाचा भंग की है, जिन्होंने इस वाचा की अपेक्षाओं को पूर्ण नहीं किया है, जो उन्होंने मेरे साथ स्थापित की थी, जिस वाचा को उन्होंने बछड़े को दो भागों में विभक्त कर उन भागों के मध्य से निकलकर अविचल घोषित कर दिया था. 19यहूदिया तथा येरूशलेम के अधिकारी, संसद के अधिकारी, पुरोहित तथा सारी प्रजा, जो विभक्त बछड़े के मध्य से होकर निकले थे, 20इन सभी को मैं उनके शत्रुओं के हाथों में सौंप दूंगा, जो उनके प्राणों के प्यासे है. उनके शव आकाश के पक्षी तथा पृथ्वी के वन्य पशुओं के आहार हो जाएंगे.

21“यहूदिया के राजा सीदकियाहू को तथा उसके अधिकारियों को मैं उनके शत्रुओं के हाथों में सौंप दूंगा तथा उनके हाथों में जो उनके प्राणों के प्यासे हैं तथा बाबेल के राजा की सेना के हाथों में, जो तुमसे दूर जा चुकी है. 22यह भी देखना, कि मैं यह आदेश देने पर हूं, यह याहवेह की वाणी है, और मैं उस सेना को इसी नगर में लौटा ले आऊंगा. वे इससे युद्ध करेंगे, इसे अधीन कर लेंगे तथा इसे भस्म कर देंगे. और मैं यहूदिया के नगरों को उजाड़ एवं निर्जन बना दूंगा.”