エゼキエル書 26 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

エゼキエル書 26:1-21

26

ツロについての預言

1エホヤキン王が捕囚となって十一年目のその月の第一日、主から新しいことばが示されました。

2「人の子よ。

ツロはエルサレムの滅亡を喜んで、

『それ見たことか。エルサレムは地中海沿岸と、

ヨルダン川沿いの南北に通じる通商路を支配し、

利益を得ていたが、ついに打ち破られた。

あとは私のものだ。

エルサレムが廃墟になったので、

私は金持ちになれる』と言った。」

3それゆえ、神である主はこう語ります。

「ツロよ。わたしはおまえを攻める。

波が打ち寄せるように、

たくさんの国が次から次へと攻め寄せる。

4彼らはツロの城壁を破壊し、やぐらを倒す。

わたしは、その土を削り取って、

そこを裸の岩にしよう。

5島には、住む人もなく、

ただ漁師が網をしかける場所となる。」

これを語ったのはわたしであると、

神である主が言います。

「ツロは多くの国のえじきとなる。

6本土にあるツロの町も剣によって滅びる。

その時、彼らはわたしが主であることを知る。」

7神である主はこう語ります。

「北から、王の王であるバビロンの王

ネブカデネザルを連れて来よう。

彼は騎兵と戦車の大軍を率いて、ツロに攻め寄せる。

8まず、周辺の村々を攻略し、

それから本土の町を包囲してとりでを築き、

盾を屋根のように掲げて攻撃する。

9破城槌で城壁を突きくずし、

大づちをふるってとりでを粉砕する。

10騎兵隊の巻き上げる土煙で、

町は息もつけないありさまとなるだろう。

打ち破られた城内から、

戦車を引いて疾駆する馬の地響きに、

城壁は震え上がるだろう。

11騎兵たちが町にひしめき、

住民を片っぱしから殺して回る。

あの名高い、大きな柱も倒される。

12財宝も商品も残らず略奪され、城壁も打ち壊される。

快適な家は取り壊され、石も木も、そしてちりまでも、

海に投げ捨てられる。

13わたしは、おまえが歌うのをやめさせる。

もう竪琴の音も聞こえなくなる。

14おまえを裸岩とし、

漁師たちが網をしかける所とする。

おまえは二度と建て直されることはない。

主であるわたしが言うのだ。

15おまえがくずれ落ちる響きで国中が震え、虐殺が続けられる中で、傷ついた者たちが悲鳴を上げる。

16その時、海辺の諸国の指導者たちは、王座から降り、王衣も美しい衣服も脱ぎ捨て、あまりに恐ろしい光景に、身を震わせながら地に座り込む。 17彼らはおまえのために嘆き悲しみ、こんな哀歌を口にする。

『ああ、難攻不落を誇った港の町。

その強大な海軍力が本土を恐れさせたのに、

どうして海に消えてしまったのか。

18島々はおまえの滅亡に恐怖に駆られ、

おびえたまなざしで見つめている。』」

19神である主は語ります。「わたしはツロを完全に滅ぼす。ツロは大洪水のような敵の猛攻撃で、その下に沈められる。大海がおまえをのみ込んでしまうのだ。 20わたしはおまえを地獄の穴に送り込み、昔の民といっしょに横たえさせる。町は荒れはて、死の町となる。再び人が住むことはなく、その美しさを取り戻すこともない。 21わたしはおまえに恐ろしい最期を遂げさせる。いくら捜しても、おまえを見つけることはできない。」このように主が語るのです。

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 26:1-21

सोर के विरुद्ध भविष्यवाणी

1बारहवें वर्ष के ग्यारहवें महीने के पहले दिन, याहवेह का वचन मेरे पास आया: 2“हे मनुष्य के पुत्र, क्योंकि सोर ने येरूशलेम के विषय में यह कहा है, ‘आहा! जनताओं के प्रवेश द्वार टूट गया है, और इसके फाटक मेरे लिए खुल गये हैं; वह नाश हो गई है, इसलिये अब मैं उन्‍नति करूंगा,’ 3इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे सोर, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, और मैं तुम्हारे विरुद्ध बहुत सी जाति के लोगों को समुद्र के लहरों के समान लाऊंगा. 4वे सोर की दीवारों को ध्वस्त कर देंगे और उसके स्तंभों को गिरा देंगे; मैं उसकी मिट्टी को खुरचकर उसे एक खाली चट्टान बना दूंगा. 5बाहर समुद्र में, वह मछली का जाल फैलाने का स्थान हो जाएगा, क्योंकि मैंने कहा है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. वह जाति-जाति के लोगों के लिये लूट का सामान हो जाएगा, 6और मुख्य भूमि में उसकी बस्ती को तलवार से नष्ट कर दिया जाएगा. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.

7“क्योंकि परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं उत्तर दिशा से सोर के विरुद्ध राजाओं के राजा बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र को लाऊंगा. वह घोड़ों, रथों, घुड़सवारों और एक बड़ी सेना के साथ आएगा. 8वह मुख्य भूमि में तुम्हारी बस्ती को तलवार से नाश कर देगा; वह तुम्हारे विरुद्ध घेराबंदी करेगा, तुम्हारे दीवारों से ढलान बनाएगा और तुम्हारे विरुद्ध अपना ढाल उठाएगा. 9वह तुम्हारे दीवारों पर युद्ध का यंत्र चलाएगा और अपने हथियारों से तुम्हारे स्तंभों को गिरा देगा. 10उसके घोड़े इतने होंगे कि उनकी धूल से तुम ढंक जाओगे. तुम्हारी दीवारें घुड़-सेना, चार पहिया गाड़ी और रथों की आवाज से कांप उठेंगी जब वह तुम्हारे प्रवेश द्वारों से इस प्रकार प्रवेश करेगा, जिस प्रकार लोग दीवारों को तोड़कर शहर के भीतर घुस आते हैं. 11उसके घोड़ों के खुरों से तुम्हारी सब गलियां रौंदी जाएंगी; वह तुम्हारे लोगों को तलवार से मार डालेगा, और तुम्हारे मजबूत खंभे ज़मीन पर गिरा दिये जाएंगे. 12वे तुम्हारे धन-संपत्ति और व्यापार की वस्तुओं को लूट लेंगे; वे तुम्हारी दीवारों को गिरा देंगे और तुम्हारे सुंदर घरों को नष्ट कर देंगे और तुम्हारे पत्थर, इमारती लकड़ी और कूड़ा-कर्कट को पानी में फेंक देंगे. 13मैं तुम्हारे कोलाहलपूर्ण गीतों का अंत कर दूंगा, और तुम्हारे वीणा का संगीत फिर सुनाई नहीं देगा. 14मैं तुम्हें एक खाली चट्टान बना दूंगा, और तुम मछली के जालों को फैलाने का एक स्थान बन जाओगे. तुम्हारा पुनर्निर्माण फिर कभी न होगा, क्योंकि मैं याहवेह ने कहा है, परम प्रधान याहवेह की यह घोषणा है.

15“सोर से परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्या समुद्रतट की भूमि तुम्हारे गिरने की आवाज से कांप नहीं उठेगी, जब घायल व्यक्ति कराहेंगे और तुम्हारे बीच हत्याएं होंगी? 16तब समुद्रतट के सब राजकुमार अपने सिंहासन से उतरेंगे और अपना लबादा बाजू में रख देंगे और अपने क़सीदे किए हुए कपड़े उतार देंगे. वे आतंकित कपड़े पहनकर, हर क्षण कांपते हुए, तुमसे भयभीत होकर ज़मीन पर बैठ जाएंगे. 17तब तुम्हारे विषय में एक विलापगीत लेंगे और तुमसे कहेंगे:

“ ‘हे प्रसिद्ध शहर, तुम कैसे नष्ट हो गए,

समुद्रतट पर तुममें लोग बसे थे,

तुम समुद्र पर एक शक्ति थे,

तुम और तुम्हारे निवासी;

तुमने उन सब पर अपना आतंक फैलाया

जो वहां रहते थे.

18अब समुद्रतट की भूमि

तुम्हारे गिरने के दिन कांपती है;

समुद्र के द्वीप

तुम्हारे गिरने से भयभीत होते हैं.’

19“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब मैं तुम्हें एक उजाड़ शहर बना दूंगा, उन शहरों जैसा जहां अब कोई नहीं रहता, और जब मैं समुद्र की गहराई और उसके अथाह पानी को तुम्हारे ऊपर ले आऊंगा, 20तब मैं तुम्हें उनके साथ नीचे ले आऊंगा, जो बहुत पहले के लोगों के पास नीचे गड़हे में जाते हैं. मैं तुम्हें पृथ्वी के नीचे निवास करवाऊंगा, पुराने ज़माने के पतन की तरह उन लोगों के साथ, जो नीचे गड़हे में जाते हैं, और फिर तुम न लौटोगे या जीवितों के देश में तुम्हारी जगह न होगी. 21मैं तुम्हारा भयानक रूप से अंत करूंगा और तुम्हारा अस्तित्व समाप्‍त हो जाएगा. तुम्हें खोजा तो जाएगा, परंतु तुम्हारा फिर कभी कोई पता न चलेगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.”