エゼキエル書 21 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

エゼキエル書 21:1-32

21

神のさばきの剣であるバビロン

1それから、このようなことばが主からありました。 2「人の子よ、エルサレムに顔を向け、イスラエルとわたしの神殿とに預言しなさい。 3主はこう語る。イスラエルよ。わたしはあなたを攻める。剣を抜き、善人も悪人も区別なく、みな滅ぼす。 4正しい者も生かしてはおかない。南のネゲブから北の国境まで、国中の者をきれいに一掃する。 5すべての国々は、こうしたのが主であるわたしであることを知る。わたしは剣を手にし、このことをやり遂げるまで剣をさやに納めない。

6人の子よ、激しい苦悶のあまり、人々の前で嘆き、うめき声を上げよ。 7どうしたのかと聞かれたら、こう答えよ。『神が恐ろしいことを語ったからだ。そのとおりになったら、どんな勇敢な者も恐怖におののき、意気消沈し、だれのひざも震える。神である主がそう語ったのだ。』あなたは滅びに向かっている。わたしのさばきは成就する。」

8続いて、主のことばがありました。

9-11「人の子よ、このように人々に告げよ。

大虐殺のために、

もう一振りの剣が研ぎすまされている。

それでも、笑い飛ばそうというのか。

あなたよりずっと強い者も滅んでいった。

その剣が今、刑を執行する者の手に渡されている。

12人の子よ、さあ、人目もはばからず泣きわめけ。

その剣で、わたしの民と指導者がみな殺されるからだ。

みな同じように死ぬ。

13こうして、すべての者が試される。

逃れることはできない。」

神である主がこう語るのです。

14「このように預言せよ。

力いっぱい手を打ち鳴らせ。

それから剣を取って、二回、三回と振り回せ。

それこそ彼らが虐殺されるしるしだ。

15彼らを震え上がらせよ。

抜き放たれた剣が、どの家の門口でも光っている。

その鋭い刃先が、人を切り殺そうと、

いなずまのように光っている。

16さあ剣よ、右に左に、思うままに切りまくれ。

17あなたが手を打ち鳴らして預言したように、

主であるわたしがエルサレムを打ちのめして、

わたしの憤りを静めよう。」

18それから、このようなことばが示されました。主はこう語りました。 19-20「人の子よ、地図を作りなさい。その上に、バビロンの王が攻めて来る二つの道を書きつけるのだ。一つはエルサレムに通じる道、もう一つはヨルダン川東岸のラバに向かう道だ。バビロンからの道が二つに別れる地点にしるしをつけておきなさい。 21バビロンの王はその地点で、エルサレムを攻撃しようか、ラバを攻撃しようか、と思案するからだ。彼は占い師を呼んで占わせる。占い師は矢筒から矢を振り出したり、偶像にささげたいけにえの肝を調べたりする(神々から情報を得る、古代の占い法)。 22その結果、エルサレムに向かえ、と言うだろう。彼らは城壁を破壊する兵器を持って、城門めがけて攻めかかり、『皆殺しにしろ』と口々に叫ぶ。また、包囲攻撃用に塔を建て、城壁を乗り越えるためにとりでを築く。 23エルサレムはバビロンの裏切りを理解できない。どうして占い師は、こんな恐ろしい間違いをしでかしたのか。バビロンはユダの同盟国ではないか。エルサレムを守ると約束してくれたではないか。だがバビロンの王には、ユダの民が反逆した時のことしか念頭にないのだ。王はユダを攻め、民を滅ぼす。」

24さらに主は語ります。「あなたがたの罪は何度もあばかれている。人前もはばからず、ぬけぬけと悪を行っているからだ。あなたがたはどこへ行っても、何をしても、悪いことばかりしている。今こそ罰を受ける時だ。 25ああ、悪にまみれたイスラエルの王ゼデキヤよ。あなたの最後の刑罰の日がきた。」

26神である主が語ります。「宝石をちりばめた冠を取り去れ。世の中がひっくり返る。今や、貧しい人が高い地位につき、金持ちが低くされる。 27わたしはユダの王国を根底からくつがえす。たとえ新しい体制が生まれても、それに権威を授ける者が現れるまで、決して国は確立しない。わたしが、その者にあらゆる権威を与えるのだ。

28人の子よ、アモン人にも預言せよ。彼らはわたしの民が苦しんでいた時、それをあざ笑っていた。彼らにこう言え。おまえたちを切るために、わたしの剣がさやから抜き放たれた。その剣は鋭く研ぎすまされ、いなずまのように光っている。 29おまえたちの占い師や偽預言者どもは、おまえたちの神々がバビロンの王の手から救ってくれるから、『安全だ。心配はない』と偽りを言った。こうして、おまえたちを他の悪者とともに死に追いやったのだ。最後の罰の下る日がくるとき、おまえたちは傷ついて死ぬ。 30おまえたちを罰せずに、わたしの剣が元のさやに納められることはない。おまえたちの祖国で滅ぼそう。 31わたしの憤りをぶちまけ、怒りの炎を吹きつけよう。そして、破壊することの上手な、残忍な者どもの手に引き渡そう。 32おまえたちは火に注がれる油で、その血が自分の国で流される。おまえたちは一掃されて、歴史から完全に忘れ去られる。主であるわたしが、こう語ったからだ。」

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 21:1-32

परमेश्वर के न्याय की तलवार

1याहवेह का यह वचन मेरे पास आया: 2“हे मनुष्य के पुत्र, अपना चेहरा येरूशलेम के विरुद्ध करो और पवित्र स्थान के विरुद्ध प्रचार करो. इस्राएल देश के विरुद्ध भविष्यवाणी करो. 3और उस देश से कहो: ‘याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं. मैं अपनी तलवार म्यान से निकालूंगा और तुममें से धर्मी और दुष्ट दोनों को मार डालूंगा. 4क्योंकि मैं धर्मी और दुष्ट दोनों को मार डालने वाला हूं, इसलिये मेरी तलवार दक्षिण से लेकर उत्तर तक सब मनुष्यों के विरुद्ध उठेगी. 5तब सब लोग जानेंगे मैं याहवेह ने म्यान से अपनी तलवार बाहर निकाली है; यह फिर म्यान में नहीं रखी जाएगी.’

6“इसलिये हे मनुष्य के पुत्र, कराहो! टूटे हृदय और बड़े दुःखी होकर उनके सामने कराहो. 7और जब वे तुमसे पूछें, ‘क्यों कराह रहे हो?’ तो तुम उनसे कहना, ‘उस समाचार के कारण, जो मुझे मिला है. हर एक का हृदय डर से भर जाएगा और हर एक का हाथ पंगु हो जाएगा; हर एक का मनोबल गिरेगा और हर एक के घुटने पानी के नाई कमजोर हो जाएंगे.’21:7 या हर एक पैर पेशाब से गीले हो जाएंगे. यह होनेवाला है! यह निश्चय होगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.”

8फिर याहवेह का वचन मेरे पास आया: 9“हे मनुष्य के पुत्र, भविष्यवाणी करो और कहो, ‘याहवेह का यह कहना है:

“ ‘एक तलवार, एक तलवार,

धारदार और चमकाई हुई—

10हत्या करने के लिये धारदार,

बिजली की तरह कौंधने के लिये चमकाई हुई!

“ ‘क्या हम मेरे शाही पुत्र के राजदंड पर आनंदित हों? तलवार हर एक लाठी को तुच्छ समझती है.

11“ ‘तलवार को चमकाने के लिये,

और हाथ से पकड़ने के लिये दी गई है;

इसे धारदार बनाया और चमकाया गया है,

और हत्या करनेवाले के हाथ में दिये जाने के लिये तैयार है.

12हे मनुष्य के पुत्र, रोओ और विलाप करो,

क्योंकि यह मेरे लोगों के विरुद्ध है;

यह इस्राएल के सब राजकुमारों के विरुद्ध है.

उन्हें मेरे लोगों सहित

तलवार के आगे कर दिया गया है.

इसलिये अपनी छाती पीटो.

13“ ‘जांचने का समय निश्चय आएगा. और यदि राजदंड, जिसे तलवार तुच्छ समझती है, न रहे, तब क्या होगा? परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’

14“इसलिये तब, हे मनुष्य के पुत्र, भविष्यवाणी करो,

और अपने हाथों को एक साथ पीटो.

तलवार दो बार,

वरन तीन बार चले.

यह तलवार हत्या करने के लिये ही है,

लोगों को सब तरफ से घेरकर

यह तलवार घोर हत्या करने के लिए है.

15ताकि उनके हृदय डर से भर जाएं

और बहुतेरे ज़मीन पर गिरें,

मैंने उनके सब द्वारों पर

हत्या के लिये तलवार ठहराई है.

देखो! बिजली की तरह चोट करने के लिये यह जाल बुना गया है,

इसका उपयोग हत्या करने के लिये होगा.

16हे तलवार, अपने दाहिने तरफ काट,

तब अपने बायें तरफ,

जिधर भी तुम्हारा धार मुड़ता है, उधर काट.

17मैं भी ताली बजाऊंगा,

और मेरा कोप शांत हो जाएगा.

मैं याहवेह ने यह कहा है.”

18याहवेह का वचन मेरे पास आया: 19“हे मनुष्य के पुत्र, बाबेल के राजा की तलवार ले जाने के लिये दो मार्गों को चिन्हांकित करो, दोनों मार्ग एक ही देश से शुरू हों. जहां से मार्ग विभाजित होकर शहर की ओर जाता हैं, वहां एक मार्ग-सूचक लगाओ. 20एक मार्ग को अम्मोनियों के रब्बाह के विरुद्ध तलवार के आने के लिये, और दूसरे मार्ग को यहूदिया और किलाबंदी किए हुए येरूशलेम के विरुद्ध चिन्हांकित करना. 21क्योंकि बाबेल का राजा तिराहे पर अर्थात् दोनों मार्गों के मध्य संधि स्थल पर शकुन जानने के लिये रुकेगा: वह तीरों से साथ लाटरी डालेगा, वह अपनी मूर्तियों से सलाह लेगा, वह बलि किए हुए पशु के कलेजे को जांचेगा. 22उसके दाहिने हाथ में येरूशलेम के लिये चिट्ठी निकलेगी कि कहां वह युद्ध उपकरण लगाए, हत्या करने की आज्ञा दे, युद्ध घोष करवाए, प्रवेश द्वारों के विरुद्ध युद्ध उपकरण लगवाए, आक्रमण के लिये एक ढलान बनाए और घेराबंदी का काम करवाए. 23यह उनके लिये एक झूठा शकुन जान पड़ेगा, जिन्होंने उससे राजभक्ति की शपथ खाई है, पर वह उन्हें उनके अपराध याद दिलाएगा और उन्हें बंदी बनाकर ले जाएगा.

24“इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: ‘इसलिये कि तुमने अपने किए गये सब पापों को प्रगट करके, अपने खुले विद्रोह के द्वारा अपने अपराधों को याद किया है—क्योंकि तुमने ऐसा किया है, इसलिये तुम्हें बंदी बना लिया जाएगा.

25“ ‘हे इस्राएल के अशुद्ध और दुष्ट राजकुमार, तुम्हारा दिन आ गया है, तुम्हें दंड देने का अंतिम समय आ गया है, 26परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: अपनी पगड़ी उतार दो, मुकुट को हटा दो. जैसे स्थिति पहले थी, वैसे अब न रहेगी: नीचे दर्जे के लोग ऊंचे किए जाएंगे और जो ऊंचे दर्जे के हैं, वे नीचे किए जाएंगे. 27विनाश! विनाश! मैं इसका विनाश कर दूंगा! मुकुट वापस नहीं दिया जाएगा, जब तक कि वह न आ जाए, जो इसका सही हकदार है; उसे मैं यह दे दूंगा.’

28“और तुम, हे मनुष्य के पुत्र, भविष्यवाणी करो और कहो, ‘अम्मोनियों और उनकी बेइज्जती के बारे में परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:

“ ‘एक तलवार, एक तलवार,

जो हत्या करने के लिये निकाली गई,

नाश करने के लिए चमकाई गई है

और उसकी चमक बिजली जैसी हो!

29तुम्हारे बारे में झूठे दर्शन

और झूठे शकुन विचार के बावजूद,

तलवार उन दुष्टों के गर्दन पर रखी जाएगी,

जिनका वध किया जाना है,

जिनका दिन आ गया है,

जिन्हें दंड देने का अंतिम समय आ गया है.

30“ ‘तलवार को फिर उसके म्यान में रखो.

मैं तुम्हारा न्याय उस स्थान पर करूंगा,

जहां तुम्हारी सृष्टि हुई,

तुम्हारे पुरखों के देश में.

31मैं तुम पर अपना कोप उंडेलूंगा

और मेरा भयंकर क्रोध तुम पर भड़केगा;

मैं तुम्हें ऐसे क्रूर लोगों के हाथों में सौंप दूंगा,

जो विनाश करने में निपुण हैं.

32तुम आग के लिए ईंधन होगे,

तुम्हारा खून तुम्हारे ही देश में गिरेगा,

तुम्हें फिर याद नहीं किया जाएगा;

क्योंकि मैं, याहवेह ने कहा है.’ ”