エゼキエル書 11 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

エゼキエル書 11:1-25

11

エルサレムへの神のさばき

1-2その時、御霊が私を持ち上げて、神殿の東の門に連れて行きました。そこには、町の名士二十五人がいて、その中に、アズルの子ヤアザヌヤとベナヤの息子ペラテヤという名の二人の高官がいました。御霊は私に言いました。「人の子よ。この者たちは、この町で立てられた邪悪な計画のすべてに責任を負っている。 3彼らは人々に、『さあ、エルサレムを再建する時がきた。われわれの町は鉄の盾だ。どんな危害からも守ってくれる』と言っている。 4だから、人の子よ。大声で、はっきりと預言しなさい。」

5それから、主の御霊が私に下り、次のように警告せよと命じました。「主はイスラエルの民に、こう語ります。あなたがたが言おうとすることを、わたしが知らないとでも思うのか。あなたがたの考えていることは、何もかも知っている。 6あなたがたは繰り返し人を殺し、町の通りを死人の山とした。」

7神である主は語ります。「あなたがたは本気で、この町が鉄の盾だと思っているのか。いや、この町はあなたがたを守ることはできない。町の中には、あなたがたに殺された者の死体が散乱し、あなたがたも引きずり出されて虐殺される。 8また、恐れていた戦争に巻き込まれる。」神である主がこう言うのです。 9「わたしは、あなたがたをエルサレムから連れ出し、わたしに代わってさばきを下す外国人の手に渡そう。 10あなたがたは、イスラエルの国境に至るすべての道で殺される。その時、わたしが主であることを知る。 11この町は鉄の盾とはならず、その中は少しも安全ではない。わたしは、イスラエルの国境まであなたがたを追いかける。 12そうされてようやく、あなたがたはわたしが主であることを知るのだ。わたしに服従せず、回りのすべての国々の習慣に従っていたからだ。」

13私がこう預言している最中に、ベナヤの子ペラテヤが突然、倒れて息絶えました。そこで、私は地にひれ伏して叫びました。「ああ、神、主よ。イスラエルにいる者を残らず殺そうというのですか。」

イスラエルは帰還するとの約束

14その時、主からのことばがありました。 15「人の子よ。エルサレムに残された者たちは、捕囚の同胞についてこう言っている。『あんなにも悪いことをしたから、主は彼らを追放し、その土地をわれわれに下さったのだ』と。 16だが、わたしはそうは言わない。わたしは世界の国々にあなたがたを散らしたが、そこにいる間、わたし自身があなたがたの聖所となる。 17そして、散らされた国々から連れ戻し、再びイスラエルの地を与える。 18再び戻ると、あなたがたは、すべての偶像礼拝を跡形もなく取り除くようになる。 19わたしはあなたがたに、一つの心と一つの新しい霊を与える。石の心を取り除き、代わりに神を愛する柔らかい心を与える。 20あなたがたがわたしのおきてを守れるようになるためである。こうしてあなたがたはわたしの民となり、わたしもまた、あなたがたの神となる。 21しかし、今エルサレムに住んで偶像を慕っている者たちには、その罪に対する十分な報いを与えよう。」

22その時、ケルビムは翼を広げ、輪とともに空中に舞い上がり、イスラエルの神の栄光がその上に輝きました。 23それから、主の栄光は町の上に上り、東方の山の上にとどまりました。 24そののち、神の霊は私を再び、バビロンにいる捕囚のユダヤ人のところへ連れ戻しました。私のエルサレム訪問の幻は、ここで終わったのです。 25主が私に示したすべてのことを、私は捕囚の民に語って聞かせました。

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 11:1-25

येरूशलेम पर सुनिश्चित दंड

1तब आत्मा मुझे उठाकर याहवेह के भवन के उस द्वार पर ले आया, जिसका मुख पूर्व दिशा की ओर है. मैंने देखा कि वहां द्वार के प्रवेश स्थल पर पच्चीस व्यक्ति थे, और उनके बीच मैंने अज्ज़ूर के पुत्र यात्सानिया और बेनाइयाह के पुत्र पेलातियाह को देखा, जो लोगों के अगुए थे. 2याहवेह ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, ये वे लोग हैं, जो इस शहर में बुरे षड़्‍यंत्र रच रहे हैं और बुरी सलाह दे रहे हैं. 3वे कहते हैं, ‘क्या हमारे घर अभी हाल ही में नहीं बने हैं? यह शहर एक बर्तन है और हम इसमें रखे मांस हैं.’ 4इसलिये हे मनुष्य के पुत्र, उनके विरुद्ध भविष्यवाणी करो, भविष्यवाणी करो.”

5तब याहवेह का आत्मा मुझ पर आया, और मुझसे यह कहने के लिये कहा: “याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल के अगुओं, तुम यही कह रहे हो, पर मैं जानता हूं कि तुम्हारे मन में क्या चल रहा है. 6तुमने इस शहर में बहुत से लोगों को मार डाला है और इसकी गलियों को लाशों से भर दिया है.

7“इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: वे शरीर, जिनको तुमने वहां फेंक दिया है, वे मांस हैं और यह शहर एक बर्तन, पर मैं तुमको यहां से निकाल दूंगा. 8तुम तलवार से डरते हो, और तलवार ही प्रयोग मैं तुम्हारे विरुद्ध करूंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. 9मैं तुम्हें शहर से बाहर निकाल दूंगा और तुम्हें विदेशियों के हाथ में दे दूंगा और तुम्हें दंड दूंगा. 10तुम तलवार से मारे जाओगे, और मैं तुम्हें इस्राएल की सीमाओं पर दंड दूंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं. 11यह शहर तुम्हारे लिये एक बर्तन न होगा और न ही तुम इसमें के मांस होगे; मैं तुम्हें इस्राएल की सीमाओं पर दंड दूंगा. 12और तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, क्योंकि तुमने मेरे नियमों और कानूनों को नहीं माना है, पर तुम अपने चारों तरफ के जातियों के नियमों पर चले हो.”

13जब मैं भविष्यवाणी कर ही रहा था कि बेनाइयाह के पुत्र पेलातियाह की मृत्यु हो गई. तब मैं मुंह के बल गिरा और ऊंची आवाज में पुकारकर कहा, “हाय, हे परम प्रधान याहवेह! क्या आप इस्राएल के बचे हुओं को नाश कर देंगे?”

इस्राएल के लौट आने की प्रतिज्ञा

14याहवेह का वचन मेरे पास आया: 15“हे मनुष्य के पुत्र, तुम्हारे साथ के बंधुआ लोगों और दूसरे इस्राएलियों के बारे में येरूशलेम के लोगों ने ये कहा है, ‘वे याहवेह से बहुत दूर हैं; यह देश हमें हमारे संपत्ति के रूप में दिया गया है.’

16“इसलिये यह कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: यद्यपि मैंने उन्हें बहुत दूर के जनताओं के बीच भेजकर विभिन्‍न देशों में बिखेर दिया है, तौभी मैं उनके लिए उन देशों में, जहां वे गये हैं, थोड़े समय के लिये आश्रय-स्थल बना रहा.’

17“इसलिये उनसे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हें जनताओं के बीच से इकट्ठा करूंगा और मैं तुम्हें उन देशों से वापस लाऊंगा, जहां तुम तितर-बितर किए गये हो, और मैं फिर से तुम्हें इस्राएल देश वापस दे दूंगा.’

18“वे वहां लौट आएंगे और इसमें की सब निकम्मी आकृतियों और घृणित मूर्तियों को हटा देंगे. 19मैं उनके मन को एक कर दूंगा और उनमें एक नई आत्मा डालूंगा; मैं उनसे उनके पत्थर रूपी हृदय को निकाल दूंगा और उन्हें एक मांस का हृदय दूंगा. 20तब वे मेरे नियमों को मानेंगे और ध्यानपूर्वक मेरे कानूनों पर चलेंगे. वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा. 21पर वे लोग, जिनका हृदय उनकी निकम्मी आकृतियां और घृणित मूर्तियों में ही लगा रहेगा, मैं उनके कामों को उन्हीं के ही सिर पर ले आऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.”

22तब करूबों ने अपने पंख फैलाए, और पहिये उनके बाजू में थे, और इस्राएल के परमेश्वर का तेज उनके ऊपर था. 23याहवेह का तेज शहर के भीतर से ऊपर उठा और शहर के पूर्व में स्थित पर्वत के ऊपर जाकर ठहर गया. 24फिर परमेश्वर के आत्मा के द्वारा दिये गये दर्शन में, आत्मा ने मुझे ऊपर उठाया और बाबेल11:24 बाबेल अर्थात् कसदिया देश में बंधुओं के पास ले आया.

तब वह दर्शन वहीं समाप्‍त हो गया, 25और याहवेह ने मुझे दर्शन में जो दिखाया था, वे सब बातें मैंने बंधुओं को बता दी.