アモス書 7 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

アモス書 7:1-17

7

いなご、火、重りをつけた糸

1これは、神である主が私に示した幻です。主は、最初の刈り取りのあとに生えた、王に納める主要な穀物をすべて滅ぼすいなごの大群を用意していました。 2いなごが目の前にあるすべてを食い尽くそうとした時、私は言いました。

「神、主よ。

どうか、あなたの民をお赦しください。

このような災いに会わせないでください。

神がイスラエルに立ち向かわれたら、

ひとたまりもありません。

イスラエルはこんなに小さいのです。」

3そこで主は思い直して、その幻を実行に移さず、

「やめよう」と言いました。

4それからは、人々を罰するために用意された、勢いよく燃え上がる火を示しました。その火は水の流れを蒸発させ、全地を焼き尽くそうとしていました。

5それで私は言いました。

「神、主よ。

どうかやめてください。

神が立ち向かわれたら、ひとたまりもありません。

イスラエルはこんなに小さいのです。」

6それで主は、この計画も思い直し、

「これもやめよう」と言いました。

7それから、次のことを示しました。主は築き上げた城壁のそばに立って、重りをつけた糸で、それがまっすぐかどうか調べていました。 8そして主は、「アモス、何を見ているのか」と私に言いました。「重りをつけた糸です。」そう答えると、主は続けて語りました。

「重りをつけた糸で、

わたしの民がまっすぐかどうか調べてみよう。

もう罰することを控えたりしない。

9イスラエルにある偶像の祭壇と神殿は破壊される。

また、剣でヤロブアム王家を滅ぼそう。」

アモスとアマツヤ

10ところが、ベテルの祭司アマツヤは、アモスが語ったことを聞くと、すぐにヤロブアム王に伝えました。「アモスは反逆者で、あなたの死をたくらんでいます。これは許しがたいことです。放っておいたら、国に反乱が起こります。 11あの男は、あなたが殺され、イスラエルは奴隷として遠い地に連れて行かれると言っております。」

12そして、アモスにこう命じました。「ここから出て行け、預言者め。ユダの地へ逃げて行って、好きなだけ預言するがいい。 13この首都でわれわれを幻で煩わすのは、いいかげんにしてくれ。ここは王の礼拝堂がある所なのだ。」

14しかしアモスは答えました。「私は預言者などではありません。預言者の家の者でもありません。ただの羊飼いで、果樹を栽培しています。 15ところが主は、羊の群れの世話をしている私に、『さあ、わたしの民イスラエルに預言せよ』とお命じになったのです。 16ですから今、主からのお告げを聞きなさい。『イスラエルに反対する預言はするな』とのことですが、

17主のお答えはこうです。

『わたしにじゃまだてしたので、

あなたの妻はこの町で娼婦となり、

息子と娘は殺され、あなたの土地は分割されてしまう。

あなた自身も異教の地で死に、イスラエルの民も、

祖国から遠く離れた地へ引いて行かれ、

そこで奴隷となる。』」。

Hindi Contemporary Version

आमोस 7:1-17

टिड्डी, आग और एक साहुल

1प्रभु याहवेह ने मुझे यह दिखाया: जब राजा के हिस्से की फसल कट चुकी थी और बाद की फसल आनेवाली थी, तब याहवेह टिड्डियों के दल को तैयार कर रहे थे. 2जब टिड्डियां देश की सारी वनस्पति को चट कर चुकीं, तब मैंने पुकारा, “हे प्रभु याहवेह, क्षमा कर दें! याकोब कैसे जीवित रह सकता है? वह बहुत छोटा है!”

3इस पर याहवेह ने यह विचार त्याग दिया.

और उसने कहा, “अब ऐसी बात न होगी.”

4तब प्रभु याहवेह ने मुझे यह दिखाया: परम प्रभु न्याय के लिये आग को पुकार रहे थे; इस अग्नि ने महासागर को सुखा दिया तथा भूमि को नष्ट कर दिया. 5तब मैंने पुकारा, “हे परम प्रभु याहवेह, मैं आपसे बिनती करता हूं, इसे बंद कीजिये! याकोब कैसे जीवित रह सकता है? वह बहुत छोटा है!”

6तब याहवेह ने इस विषय में अपना विचार त्याग दिया.

और परम प्रभु ने कहा, “अब यह बात भी न होगी.”

7तब उसने मुझे यह दिखाया: प्रभु अपने हाथ में एक साहुल लिए हुए साहुल की एक दीवार पर खड़े थे. 8और याहवेह ने मुझसे पूछा, “आमोस, तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?”

मैंने उत्तर दिया, “एक साहुल,”

तब प्रभु ने कहा, “देख, मैं अपने इस्राएली लोगों के बीच में एक साहुल लगा रहा हूं; अब मैं उनको नहीं छोड़ूंगा.

9“यित्सहाक के ऊंचे स्थान नाश किए जाएंगे

और इस्राएल के पवित्र स्थान खंडहर हो जाएंगे;

और मैं तलवार लेकर यरोबोअम के वंश पर आक्रमण करूंगा.”

आमोस और अमाज़्याह

10तब बेथेल के पुरोहित अमाज़्याह ने इस्राएल के राजा यरोबोअम के पास यह संदेश भेजा: “आमोस इस्राएल के वंश के बीच में तुम्हारे विरुद्ध एक षड़्‍यंत्र कर रहा है. इस देश के लिए उसकी बातें असहनीय है. 11क्योंकि आमोस यह कह रहा है:

“ ‘यरोबोअम तलवार से मारा जाएगा,

और इस्राएल अपनी मातृभूमि से अलग

बंधुआई में चला जाएगा.’ ”

12तब अमाज़्याह ने आमोस से कहा, “हे भविष्यदर्शी, यहां से भाग जा! यहूदिया देश को चला जा. वहां कमा खा और वहां अपनी भविष्यवाणी कर. 13अब बेथेल फिर कभी भविष्यवाणी न करना, क्योंकि यह राजा का पवित्र स्थान और राज्य का मंदिर है.”

14आमोस ने अमाज़्याह को उत्तर दिया, “मैं न तो भविष्यवक्ता था और न ही मेरे पिताजी भविष्यवक्ता थे, परंतु मैं तो एक चरवाहा था और मैं गूलर वृक्षों की देखरेख करता था. 15पर याहवेह ने मुझे पशुओं की देखभाल करने के काम से बुलाकर कहा, ‘जा, और मेरे लोग इस्राएलियों से भविष्यवाणी कर.’ 16इसलिये अब याहवेह का वचन सुनो. तुम कहते हो,

“ ‘इस्राएल के विरुद्ध में भविष्यवाणी मत कर,

यित्सहाक के वंशजों के विरुद्ध बातें कहना बंद कर.’

17“इसलिये याहवेह का कहना यह है:

“ ‘तुम्हारी पत्नी शहर में एक वेश्या हो जाएगी,

और तुम्हारे पुत्र और पुत्रियां तलवार से मारे जाएंगे.

तुम्हारे देश को नापा जाएगा और विभाजित कर दिया जाएगा,

और तुम स्वयं एक मूर्तिपूजक देश में मरोगे.

और निश्चित रूप से इस्राएल अपनी मातृभूमि से अलग

बंधुआई में चला जाएगा.’ ”