אגרת פולוס השנייה אל-הקורנתים 8 – HHH & HCV

Habrit Hakhadasha/Haderekh

אגרת פולוס השנייה אל-הקורנתים 8:1-24

1ברצוני לספר לכם על החסד שהעניק אלוהים לקהילות במקדוניה.

2הם אמנם התנסו בסבל רב ובצרות, אך שמחתם הייתה כה גדולה עד כי הפגינו נדיבות ורוחב־לב למרות העוני שלהם. 3הם נתנו לא רק כפי יכולתם, אלא מעל ומעבר ליכולתם, ואני יכול להעיד שעשו זאת מרצון ולא מכורח. 4הם ממש התחננו לפנינו לקבל את מתנתם הכספית, כדי שישתתפו בשמחה שבעזרה למאמינים בירושלים. 5נדיבותם עלתה על ציפיותינו, שכן קודם הקדישו את עצמם לאדון ואחר כך לנו, לפי רצון אלוהים. 6הם כל־כך התלהבו מהדבר, עד שהאצנו בטיטוס, אשר עודד אתכם בתחילה לעזור למאמינים, לבקרכם ולעודד אתכם להשלים את חלקכם בשירות זה של גמילות חסדים.

7אתם הלא מצטיינים בתחומים רבים: באמונתכם הרבה, במספר המטיפים ביניכם, בדעת, בשקידה ובאהבתכם אלינו. עתה ברצוני שתצטיינו גם בנדיבותכם. 8איני מצווה עליכם לעשות זאת; ברצוני רק לבחון את כנות אהבתכם בהשוואה להתלהבותם של אחרים.

9הלא יודעים אתם את אהבתו וחסדו של ישוע אדוננו: למרות היותו עשיר הוא נעשה עני למענכם, כדי שתעשירו על־ידי עניותו.

10אני מציע שתשלימו את אשר התחלתם לעשות לפני שנה, שהרי הייתם לא רק הראשונים להציע את הרעיון, אלא גם הראשונים לעשות משהו בנידון. 11עתה השלימו את המלאכה באותה התלהבות שבה התחלתם, ותנו ככל שמשגת ידכם. 12אם אתם באמת מוכנים לתת, אין זה חשוב אם יש באפשרותכם לתת רק סכום קטן, שכן אלוהים אינו מצפה מכם לתת מה שאין לכם.

13‏-14איני מתכוון שמקבלי התרומות יחיו ברווחה על חשבונכם, אך עליכם להתחלק עמם. כעת יש לכם די והותר ובאפשרותכם לעזור להם; בעת הצורך הם יתחלקו עמכם. כך לכל אחד יהיה כפי צרכו. 15הזוכרים אתם מה אומרים על כך הכתובים?8‏.15 ח 15 שמות טז 18 ”לא העדיף המרבה, והממעיט לא החסיר“. לכן עליכם להתחלק עם הנזקקים.

16אני מודה לאלוהים על ששם בלב טיטוס אותה התלהבות לעזור לכם כמונו. 17הוא שמח לקבל את הצעתי לבקרכם, אך אני בטוח שהיה בא לבקרכם גם אלמלא הצעתי, שכן הוא משתוקק לראותכם. 18אני שולח עם טיטוס אח שמוכר היטב בין כל הקהילות כמטיף מחונן של בשורת אלוהים. 19אח זה נבחר למעשה על־ידי הקהילות להתלוות אלי במסעי לירושלים, כדי להביא את המתנה למאמינים שם. הדבר יכבד את אלוהים ויוכיח את נכונותנו לעזור זה לזה. 20ברצוננו למנוע כל ביקורת על הדרך שבה אנו מטפלים בתרומה נדיבה זו. 21אלוהים יודע את יושר לבנו, אך ברצוני שגם אתם תדעו זאת. משום כך החלטנו לנסוע יחד.

22אני שולח אליכם אח נוסף אשר הוכיח את מסירותו פעמים רבות. עתה מסירותו והתלהבותו גדלו עוד יותר, שכן סיפרתי לו על נכונותכם לעזור בעניין התרומה.

23אם מישהו ישאל לזהותו של טיטוס, אמרו שהוא שותפי ועובד אתי למענכם. אתם גם יכולים לומר ששני האחים האחרים מייצגים את הקהילות כאן והם דוגמת מופת למאמינים במשיח.

24אנא, הוכיחו לאנשים אלה שאתם באמת אוהבים אותי, ושיש לי סיבה להתגאות בכם.

Hindi Contemporary Version

2 कोरिंथ 8:1-24

उदारता के लिए प्रोत्साहन

1हम भाई बहनों को मकेदोनिया की कलीसियाओं को परमेश्वर द्वारा दिए गए अनुग्रह के विषय में बताना चाहते हैं. 2बड़े भीषण संकटों में भी उनका बड़ा आनंद, तथा भारी कंगाली में भी उनकी बड़ी उदारता छलक पड़ी है. 3मैं इस सच्चाई की पुष्टि कर सकता हूं कि उन्होंने न केवल उतना ही दिया, जो उनके लिए संभव था परंतु उससे कहीं अधिक! यह उन्होंने अपनी इच्छा से दिया है. 4उन्होंने तो हमसे विनती पर विनती करते हुए अनुमति चाही कि उन्हें पवित्र लोगों की सहायता की धन्यता में शामिल होने का सुअवसर प्रदान किया जाए. 5यह सब हमारी आशा के विपरीत था. इससे भी बढ़कर उन्होंने परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप सबसे पहले स्वयं को प्रभु के लिए और फिर हमारे लिए समर्पित कर दिया. 6इसलिये हमने तीतॉस से विनती की कि जिस प्रकार इसके पहले उसने तुममें यह प्रक्रिया शुरू की थी, वैसे ही वह इस सराहनीय काम को पूरा भी करे. 7ठीक जिस प्रकार तुम विश्वास, वचन, ज्ञान, उत्साह तथा हमारे प्रति प्रेम में बढ़ते जाते हो, उसी प्रकार अब तुम्हारा प्रयास यह हो कि तुम इस सराहनीय सेवा में भी बढ़ते जाओ.

8मैं तुम्हें कोई आज्ञा नहीं दे रहा. मैं सिर्फ बाकियों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की तुलना कर इसकी सच्चाई को परख रहा हूं. 9हमारे प्रभु येशु मसीह की कृपा से तुम भली-भांति परिचित हो: यद्यपि वह बहुत धनी थे, तुम्हारे लिए उन्होंने निर्धनता अपना ली कि उनकी निर्धनता के द्वारा तुम धनी हो जाओ.

10यहां मैं अपना मत प्रस्तुत कर रहा हूं, जिसमें तुम्हारा भला है: पिछले वर्ष तुमने दान दिया भी और दान देने की इच्छा में तुम आगे थे, 11इसलिये जो काम तुमने शुरू किया था, उसे पूरा भी करो—इस काम की समाप्‍ति के लिए भी वैसे ही उत्साही बने रहो, जैसे इसकी योजना तैयार करते समय थे. इसकी समाप्‍ति उससे करो, जो इस समय तुम्हारे पास हैं. 12यदि किसी में दान देने की इच्छा है तो जो कुछ उसके पास है, उसी के आधार पर उसका दान ग्रहण होगा—उसके आधार पर नहीं, जो उसके पास नहीं है.

13हमारा मतलब यह नहीं है कि दूसरों की भलाई करने के कारण स्वयं तुम कष्ट सहो. हमारा उद्देश्य सिर्फ न्याय करना है. 14इस समय तो तुम्हारी बढ़ोतरी उनकी ज़रूरत पूरी करने के लिए काफ़ी है. कभी यह भी संभव है कि तुम स्वयं को ज़रूरत में पाओ और वे अपनी बढ़ोतरी में से तुम्हारी सहायता करें. तब दोनों पक्ष समान हो जाएंगे. 15पवित्र शास्त्र का उदाहरण है: जिसने अधिक मात्रा में इकट्ठा कर लिया, उसने कुछ भी ज्यादा नहीं पाया और जिसने कम इकट्ठा किया, उसे कोई कमी न हुई.8:15 निर्ग 16:18

कोरिन्थॉस में तीतॉस का भेजा जाना

16तीतॉस के मन में तुम्हारे प्रति ऐसा ही उत्साह जगाने के लिए मैं परमेश्वर का आभारी हूं. 17उसने न केवल हमारी विनती ही सहर्ष स्वीकार की बल्कि वह उत्साह में अपनी इच्छा से तुम्हारे पास चला गया है. 18हम उसके साथ एक ऐसे व्यक्ति को भेज रहे हैं, जो सारी कलीसियाओं में ईश्वरीय सुसमाचार के प्रचार के लिए सराहा जा रहा है. 19इतना ही नहीं, स्वयं प्रभु की महिमा तथा लोगों पर इस सहायता के लिए हमारी तत्परता प्रकट करने के उद्देश्य से कलीसियाओं ने इस व्यक्ति को हमारे साथ यात्रा करने के लिए चुना है. 20हम सावधान हैं कि किसी को भी इस सहायता की राशि के प्रबंध करने में हम पर उंगली उठाने का अवसर न मिले. 21हमारा उद्देश्य न केवल वह है, जो प्रभु की दृष्टि में शोभनीय और भला है परंतु मनुष्यों की दृष्टि में भी.

22इनके साथ हम एक और व्यक्ति को भेज रहे हैं. अनेक अवसरों पर हमने उसे परखा है और उसे सच्चा ही पाया है. अब तो तुम्हारे लिए उसके भरोसे ने उसमें और अधिक उत्साह तथा सहायता के लिए तेजी का संचार किया है. 23तीतॉस तुम्हारे बीच मेरा साथी तथा सहकर्मी है. उसके साथी यात्री कलीसियाओं के भेजे हुए तथा मसीह का गौरव हैं. 24इसलिये कलीसियाओं के सामने खुले दिल से उन पर अपने प्रेम तथा तुम्हारे प्रति हमारे गर्व के कारणों का प्रमाण दो.