אגרת פולוס השנייה אל-הקורנתים 2 – HHH & HCV

Habrit Hakhadasha/Haderekh

אגרת פולוס השנייה אל-הקורנתים 2:1-17

1החלטתי שלא אבוא יותר לצער אתכם, 2כי אם אני אגרום לכם צער, מי ישמח אותי? בטח שלא מישהו שהעצבתי. 3מסיבה זאת כתבתי לכם את המכתב ההוא – לא רציתי לבוא אליכם ולהתעצב בגלל אלה שצריכים לשמחני, ואני בטוח ששמחתי היא שמחת כולכם.

4מה שנאתי לכתוב לכם אותו מכתב! כתבתי אותו בכאב ובדמעות לא כדי להכאיב לכם, אלא כדי להראות לכם מה רבה אהבתי אליכם.

5‏-6זכרו כי האיש אשר גרם לכל הצרה הזאת ציער לא רק אותי, אלא את כולכם – לפחות במידת־מה, כדי שלא להגזים. איני רוצה להחמיר איתו למעלה מן הצורך, כי הוא כבר נענש דיו מהתוכחה של כולכם. 7כעת עליכם לסלוח לו ולנחם אותו, שאם לא כן הוא עלול להתמוטט מרוב צער. 8אנא, הוכיחו לו שאתם עדיין אוהבים אותו.

9כתבתי את מכתבי על־מנת לבחון את נכונותכם לציית בכל הדברים. 10אם אתם סולחים למישהו על איזה דבר, גם אני סולח לו. שהרי כאשר אני סולח, אם אכן עלי לסלוח למישהו, אני עושה זאת למענכם ובסמכות המשיח, 11כדי שהשטן לא יערים עלינו במזימותיו ותחבולותיו המוכרות לנו.

12בהגיעי לעיר טרואס נתן לי האדון הזדמנות נפלאה לבשר את בשורת המשיח, 13אך לא מצאתי מנוחה לנפשי, כי לא פגשתי כמתוכנן את טיטוס אחי. לפיכך נפרדתי מאנשי טרואס ויצאתי למקדוניה לחפש את טיטוס.

14השבח לאלוהים המוביל אותנו במסע הניצחון של המשיח, ומפיץ על־ידינו את בשורת המשיח כריח ניחוח בכל מקום. 15אנחנו כניחוח המשיח לאלוהים בקרב הנושעים ובקרב הלא־נושעים. 16ללא־נושעים אנו כריח מוות, ואילו לנושעים אנו כניחוח המעניק חיים. אך מי ראוי למשימה כזאת?

17רק אלה אשר הם ישרים, שליחי אלוהים, מדברים בגבורת המשיח ובהשגחת אלוהים. איננו כאותם רבים שסוחרים בדבר־אלוהים לשם רווח.

Hindi Contemporary Version

2 कोरिंथ 2:1-17

1अपनी ओर से मैं यह निश्चय कर चुका था कि मैं एक बार फिर वहां आकर तुम्हें दुःख न दूं, 2क्योंकि वहां आकर यदि मैं ही तुम्हें दुःखी करूं तो मुझे आनंद किनसे प्राप्‍त होगा, केवल उनसे, जिन्हें मैं ने दुःख पहुंचाया? 3मैंने तुम्हें इसी उद्देश्य से पत्र लिखा था कि जब मैं वहां आऊं तो वे ही लोग मेरे दुःख का कारण न हो जाएं, जिनसे मुझे आनंद की आशा है. मुझे निश्चय है कि मेरा आनंद तुम सभी का आनंद है. 4हृदय के कष्ट और क्लेश के कारण आंसू बहा-बहा कर मैंने तुम्हें यह पत्र लिखा है, इसलिये नहीं कि तुम्हें दुःखी करूं परंतु इसलिये कि तुम तुम्हारे प्रति मेरे अत्याधिक प्रेम को समझ सको.

पापी को क्षमा दी जाए

5यदि कोई दुःख का कारण है तो वह मात्र मेरे लिए नहीं परंतु किसी सीमा तक तुम सभी के लिए दुःख का कारण बना है. मैं इसके विषय में इससे अधिक कुछ और नहीं कहना चाहता. 6काफ़ी है ऐसे व्यक्ति के लिए बहुमत द्वारा तय किया गया दंड. 7इसकी बजाय भला यह होगा कि तुम उसे क्षमा कर धीरज दो. कहीं ऐसा न हो कि कष्ट की अधिकाई उसे निराशा में डुबो दे. 8इसलिये तुमसे मेरी विनती है कि तुम दोबारा उसके प्रति अपने प्रेम की पुष्टि करो. 9यह पत्र मैंने यह जानने के उद्देश्य से भी लिखा है कि तुम सब विषयों में आज्ञाकारी हो या नहीं. 10जिसे तुम किसी विषय में क्षमा करते हो, उसे मैं भी क्षमा करता हूं. जिस विषय में मैंने क्षमा किया है—यदि वह वास्तव में क्षमा योग्य था—उसे मैंने मसीह को उपस्थित जानकर तुम्हारे लिए क्षमा किया है 11कि शैतान हमारी स्थिति का कोई भी लाभ न उठाने पाए—हम उसकी चालों से अनजान नहीं हैं.

नए नियम के देनेवाले

12मैं मसीह के ईश्वरीय सुसमाचार के लिए त्रोऑस आया और वहां प्रभु के द्वारा मेरे लिए द्वार खोला गया. 13वहां अपने भाई तीतॉस को न पाकर मेरा मन व्याकुल हो उठा. इसलिये उनसे विदा लेकर मैं मकेदोनिया प्रदेश चला गया.

14धन्यवाद हो परमेश्वर का! जो मसीह के जय के उत्सव की शोभायात्रा में हमारे आगे चलते हैं और हमारे द्वारा अपने ज्ञान की सुमधुर सुगंध हर जगह फैलाते जाते हैं. 15हम ही परमेश्वर के लिए मसीह की सुगंध हैं—उन सबके लिए, जो उद्धार प्राप्‍त करते जा रहे हैं तथा उन सबके लिए भी, जो नाश होते जा रहे हैं. 16जो नाश हो रहे हैं, उनके लिए हम मृत्यु की घातक गंध तथा उद्धार प्राप्‍त करते जा रहे व्यक्तियों के लिए जीवन की प्राणदायी सुगंध. किसमें है इस प्रकार के काम करने की योग्यता? 17हम उनके समान नहीं, जिनके लिए परमेश्वर का वचन खरीदने-बेचने द्वारा लाभ कमाने की वस्तु है. इसके विपरीत हम सच्चाई में परमेश्वर की ओर से, परमेश्वर के सामने मसीह में ईश्वरीय सुसमाचार को दूसरों तक पहुंचाते हैं.