אגרת פולוס השנייה אל-הקורנתים 10 – HHH & NCA

Habrit Hakhadasha/Haderekh

אגרת פולוס השנייה אל-הקורנתים 10:1-18

1אני, פולוס, מתחנן לפניכם בענווה, כפי שהמשיח היה מתחנן לפניכם. אחדים מכם טוענים: ”מכתביו של פולוס נועזים כל עוד הוא רחוק מאתנו, אך בבואו הנה יפחד להרים את קולו!“

2אני מתחנן לפניכם שלא תאלצוני לנהוג בכם ביד קשה בבואי אליכם, כי אני בטוח שאוכל לנהוג בחומרה באלה שטוענים שמעשי ומניעי הינם של אדם רגיל. 3אני אמנם אדם רגיל וחלש, אך איני נלחם את מלחמותיי בדרך אנושית רגילה. 4איני נלחם בכלי מלחמה רגילים, אלא בכלי המלחמה של אלוהים, ובעזרתם אני הורס את מבצרי השטן. 5אכן, כלי מלחמה אלה יכולים למוטט תחבולות וכל דבר שמתנשא נגד דעת אלוהים. בעזרתם אני מכניע את אלה לציות למשיח. 6אני מוכן להעניש כל הפרת משמעת עד שתושלם המשמעת שלכם במשיח.

7הבעיה אתכם היא, שאתם מסתכלים רק בקנקן ולא במה שיש בו. אם מישהו בטוח בעצמו שהוא שייך למשיח, שלא ישכח שאני שייך למשיח בדיוק כמוהו! 8גם אם נראה שאני מתגאה מדי על הסמכות שנתן לי האדון, לבנותכם ולא לפגוע בכם, איני מתבייש. 9אני אומר זאת כדי שלא תחשבו שאני מאיים עליכם סתם במכתבי.

10”אל תשימו לב למכתביו של פולוס“, אומרים אחדים מכם. ”הוא אמנם נשמע מרשים ותקיף, אך בבואו אלינו אישית תראו שהוא חלש ודיבורו אינו משכנע.“ 11הפעם ביקורי האישי יהיה מרשים ותקיף כמכתבי.

12כמובן שאיני מעיז לכלול את עצמי עם אלה שמשבחים את עצמם, ואף לא להשוות את עצמי אליהם. מה טיפשים הם! הם משווים את עצמם לעצמם, ושופטים את עצמם על־פי קנה המידה שקבעו בעצמם.

13אנחנו לעומתם איננו מתפארים יתר על המידה; אנו מתפארים רק בתחום העבודה שהקצה לנו אלוהים, ואתם נכללים בתחום זה.

14איננו מפריזים בסמכותנו עליכם, שכן אנו הבאנו לכם ראשונים את בשורת המשיח.

15איננו מתפארים בדברים מעבר לתחומנו, ואף לא בעמלם של אחרים. אנו רק מקווים שאמונתכם תגדל ושעבודתנו ביניכם תגדל גם היא, אך רק בתחום שהוקצה לנו.

16לאחר מכן נוכל לבשר את הבשורה לערים הרחוקות מכם, היכן שאיש אינו מבשר את הבשורה, וכך לא נפלוש לתחומם של אחרים. 17הכתובים אומרים:10‏.17 י 17 ירמיהו ט 23 ”המתהלל יתהלל בה׳!“ 18כי הלא אין ערך רב להתפארותו של אדם בעצמו, אך כאשר אלוהים משבח אדם יש לשבח ערך רב!

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

2 कुरिन्‍थुस 10:1-18

पौलुस ह अपन सेवा के बचाव करथे

1में पौलुस ह मसीह के कोमलता अऊ नमरता के कारन तुमन ले बिनती करत हंव – जब मेंह तुम्‍हर आघू म रहिथंव, त डरपोक हो जाथंव; पर जब तुम्‍हर ले दूरिहा रहिथंव, त साहसी हो जाथंव। 2मेंह तुम्‍हर ले बिनती करथंव कि तुमन अइसने काम करव कि जब मेंह आवंव, त मोला तुम्‍हर संग कड़ई झन करना पड़य, जइसने कि मोला ओमन के संग करना चाही, जऊन मन ए समझथें कि हमन संसार के मुताबिक आचरन करथन। 3हालाकि हमन संसार म रहिथन, पर हमन संसारिक उदेस्य बर नइं लड़न। 4हमर लड़ई के हथियारमन संसारिक नो हंय, पर एमन परमेसर के सामरथी हथियार अंय, जेमन सैतान के गढ़ ला नास कर देथें। 5हमन बहस अऊ ओ हर एक घमंड ले भरे बात ला नास कर देथन, जऊन ह परमेसर के गियान के बिरोध म ठाढ़ होथे अऊ हमन मनखेमन के हर एक बिरोध के बात ला कैद कर लेथन ताकि ओमन मसीह के बात ला मानय। 6अऊ जब तुम्‍हर हुकूम माने के बात ह साबित हो जाही, त हमन हर एक ओ हुकूम नइं मनइयामन ला सजा दे बर तियार रहिबो।

7तुमन सिरिप बाहिर के चीज ला देखत हवव। यदि कोनो ला ए भरोसा हवय कि ओह मसीह के अय, त ओला फेर बिचार करना चाही कि जइसने ओह मसीह के अय, वइसने हमन घलो मसीह के अन। 8काबरकि यदि मेंह हमर अधिकार के बारे म कुछू घमंड करथंव, त एह मोर बर सरम के बात नो हय, काबरकि ए अधिकार, परभू ह हमन ला तुम्‍हर उन्नति बर दे हवय, तुमन ला नास करे बर नइं। 9मेंह नइं चाहत हंव कि तुमन ए समझव कि मेंह अपन चिट्ठी के दुवारा तुमन ला डराय के कोसिस करत हंव। 10काबरकि कुछू मनखेमन कहिथें, “पौलुस के चिट्ठी ह असरदार अऊ कठोर होथे, पर जब ओह हमर संग रहिथे, त ओह मनखे के रूप म कमजोर अऊ ओकर बातचीत ह हल्‍का जान पड़थे।” 11अइसने मनखेमन ए बात ला जान लेवंय कि पीठ पाछू जइसने हमन अपन चिट्ठी म लिखथन, वइसनेच हमर काम घलो होही, जब हमन तुम्‍हर करा आबो।

12जऊन मन खुद के बड़ई करथें, हमन अपन ला ओ मनखेमन के बरोबर रखे के या ओमन के संग अपन तुलना करे के हिम्मत नइं करन। जब ओमन अपन ला एक-दूसर के संग नापथें अऊ अपन तुलना एक-दूसर के संग करथें, त ओमन नासमझ एं। 13पर हमन हद के बाहिर घमंड नइं करन। हमर घमंड ह परमेसर के ठहिराय हद के भीतर होही, अऊ ए हद म तुमन घलो आथव। 14हमन जादा घमंड नइं करत हवन, यदि हमन तुम्‍हर करा नइं आय रहितेन, त ए मामला होतिस; पर हमन सबले पहिली मनखे रहेंन, जऊन मन तुम्‍हर करा मसीह के सुघर संदेस लेके आयेंन। 15आने मन के मिहनत ऊपर हमन सीमा के बाहिर घमंड नइं करन। पर हमन ला आसा हवय कि जइसने-जइसने मसीह म तुम्‍हर बिसवास ह बढ़त जाही, त हमर काम के इलाका ह घलो तुम्‍हर बीच म बहुंत बढ़त जाही। 16अऊ हमन तुम्‍हर इलाका के बाहिर सुघर संदेस के परचार कर सकबो। काबरकि आने मनखे के इलाका म पहिली ले करे गे काम के बारे म, हमन घमंड करे नइं चाहन। 17पर जऊन ह घमंड करे चाहथे, ओह परभू के काम ऊपर घमंड करय। 18काबरकि जऊन ह अपन बड़ई आप करथे, ओला सही मनखे नइं समझे जावय, पर जऊन मनखे के बड़ई परभू ह करथे, ओह सही मनखे समझे जाथे।