אגרת פולוס הראשונה אל-הקורנתים 10 – HHH & NCA

Habrit Hakhadasha/Haderekh

אגרת פולוס הראשונה אל-הקורנתים 10:1-33

1אחים יקרים, אל תשכחו מה קרה לעם ישראל במדבר לפני שנים רבות. אלוהים שלח לפניהם את הענן, אשר שימש להם מורה־דרך, וכולם חצו בשלום את ים־סוף. 2כל אחד מהם נטבל בים ובענן למשה מנהיגם. 3הם אכלו את האוכל שסיפק להם ה׳ בדרך על־טבעית, 4ושתו מהסלע הרוחני שליווה אותם בכל מסעם. סלע זה היה המשיח! 5למרות נפלאות אלה לא שמעו רבים מהם בקול אלוהים, ולכן הענישם והשמידם במדבר.

6מקרה זה משמש לנו לקח ואזהרה שאסור לנו לשאוף כמוהם למעשים רעים, 7ואף לא לעבוד את האלילים כמו אחדים מהם. הכתובים מספרים לנו שהאנשים אכלו, שתו ורקדו בשעה שהשתחוו לעגל הזהב.10‏.7 י 7 שמות לב 6

8אנו יכולים ללמוד לקח נוסף: אחדים מהגברים בקרב העם קיימו יחסים עם נשים זרות, ומשום כך ה׳ הענישם והשמיד 23,000 מהם ביום אחד! 9אל תעמידו בניסיון את סבלנותו של אלוהים, כמו בני־ישראל, כי ה׳ שלח נחשים ארסיים שיהרגו בהם. 10אל תתלוננו, כמו בני־ישראל, כי זאת הסיבה ששלח את מלאכו להשמידם.

11כל הדברים האלה קרו להם כדי ללמד אותנו לקח – להזהירנו שלא נחזור על אותן טעויות. הכול נשמר בכתב כדי שנוכל לקרוא וללמוד מכך.

12לכן היזהרו! מי שחושב: ”לי זה לא יכול לקרות!“ – שלא ישכח את האזהרה הזאת, כי גם הוא עלול להיכשל. 13אין כל חדש בשאיפות הרעות שבלבכם; אנשים רבים התנסו בדיוק באותן בעיות זמן רב לפניכם. על כל פיתוי ניתן להתגבר, ואתם יכולים לסמוך על אלוהים שלא יעמיד בפניכם פיתוי שאינכם מסוגלים לעמוד בפניו, שכן הוא הבטיח לכם זאת, ואלוהים מקיים את הבטחותיו. הוא יראה לכם כיצד להיחלץ מכוח הפיתוי ולהחזיק מעמד. 14לכן, אחים יקרים, התרחקו מכל עבודת אלילים.

15אנשים נבונים אתם; שפטו בעצמכם אם אני צודק או לא: 16כאשר אנו מברכים על היין בסעודת־האדון, האם אין זאת אומרת שלכל השותים יש חלק בברכה שבדם המשיח? וכאשר אנו בוצעים את הלחם, האין זאת אומרת שכל הנוטל פרוסה לוקח חלק בברכות שבגוף המשיח? 17אנחנו, הרבים, מהווים גוף אחד, כי לכולנו יש חלק בלחם האחד שבצענו. 18גם היהודים הלוקחים חלק באכילת הקורבנות מתאחדים במעשה זה.

19איני מנסה לומר שעובדי האלילים מקריבים קורבנות לאלילים, ושלקורבנות יש ערך ממשי. 20אני מנסה לומר לכם שעובדי האלילים מקריבים את קורבנותיהם לשדים, ואיני רוצה שאיש מכם יתחבר עם השדים. 21אינכם יכולים להשתתף בסעודת האדון ובסעודת השטן גם יחד.

22מדוע אתם מנסים לעורר את זעמו של אלוהים? האם אתם חזקים ממנו? 23אתם אומרים ”מותר לעשות הכול“, אבל לא הכול טוב בשבילכם. אתם אומרים ”מותר לעשות הכול“, אך לא הכול מועיל. 24אל תחשבו רק על עצמכם; חשבו גם על אחרים ועל מה שטוב בשבילם.

25אזי מותר לכם לאכול כל בשר שנמכר לכם בשוק מבלי לעורר שאלות של מצפון. 26הלא האדמה וכל טובה שייכים לה׳, והכול נברא להנאתכם.

27אם אדם לא־מאמין מזמין אותך לארוחה, היענה להזמנה (אם אתה רוצה), אכול כל מה שמוגש לפניך ואל תשאל שאלות של מצפון. 28אבל אם מישהו יזהירך מראש שאוכל זה הוקרב לאלילים, אל תאכל אותו! למען האיש שהעיר את תשומת לבך ולמען מצפונו. 29במקרה כזה רגשותיו חשובים משלך.

אל תאמר: ”מדוע עלי להתחשב ברגשותיהם של אחרים, 30בשעה שאני יכול להודות לאלוהים על המזון וליהנות ממנו? מדוע עלי להניח למישהו לקלקל את הנאתי רק משום שהוא חושב כי טעות בידי?“ 31מפני שכל מה שאתה עושה, שותה או אוכל צריך להיעשות למען כבוד אלוהים.

32לכן אל תהיה מכשול לאיש: ליהודי, לגוי או למאמין המשיחי. 33גם אני נוהג כך. אני משתדל לא לפגוע באיש, אלא לעשות מה שמוצא־חן בעיני אחרים ולא בעיני; איני מבקש את טובתי אלא את טובת אחרים, מתוך רצון שייוושעו.

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

1 कुरिन्‍थुस 10:1-33

इसरायल के इतिहास ले चेतउनी

1हे भाईमन हो, मेंह नइं चाहत हंव कि तुमन ए बात ले अनजान रहव कि हमर पुरखामन बादर के छइहां म रिहिन अऊ ओ जम्मो झन समुंदर के बीच म ले पार हो गीन। 2मूसा के पाछू चलइया के रूप म, ओमन बादर म अऊ समुंदर म बतिसमा लीन। 3ओ जम्मो झन एकेच आतमिक भोजन करिन; 4अऊ जम्मो झन एकेच आतमिक पानी ला पीईन; काबरकि ओमन ओ आतमिक चट्टान म ले पीयत रिहिन, जऊन ह ओमन के संगे-संग चलत रिहिस अऊ ओ चट्टान ह मसीह रिहिस। 5तभो ले परमेसर ह ओम के जादातर मनखेमन ले खुस नइं रिहिस, एकरसेति ओमन सुनसान जगह म एती-ओती होके मर गीन10:5 पौलुस ह कहिथे कि परमेसर ह यहूदीमन के पुरखामन ला मिसर देस के गुलामी ले बाहिर निकारके लानिस। परमेसर ह ओमन के अगुवई एक बादर के रूप म करिस। ओमन समुंदर ला सूखा भुइयां म पार करिन। मूसा ह ओमन के अगुवा रिहिस। परमेसर ह ओमन ला स्‍वरग ले खाना दीस, जऊन ला “मन्ना” कहे जावय अऊ ओमन ला चट्टान ले पीये बर पानी दीस। तभो परमेसर ह ओम के जादातर मनखेमन ले खुस नइं रिहिस, काबरकि ओमन ओकर हुकूम ला नइं मानिन। एकरसेति ओह अइसने करिस कि ओमन सुनसान जगह म मर गीन अऊ ओमन के लास ह उहां एती-ओती हो गीस।

6ए बातमन हमर बर एक चेतउनी के रूप म अय, ताकि हमन, ओमन सहीं अपन मन ला खराप बात म झन लगावन। 7मूरती पूजा झन करव, जइसने कि ओम के कुछू मनखेमन करिन। परमेसर के बचन म लिखे हवय: “मनखेमन खाय-पीये बर बईठिन अऊ नाचे बर ठाढ़ होईन।”10:7 निरगमन 32:6 8हमन छिनारी झन करन जइसने कि ओम के कुछू मनखेमन करिन अऊ एके दिन म ओम ले तेइस हजार मनखे मर गीन। 9हमन परभू ला झन परखन, जइसने कि ओम के कुछू मनखेमन करिन अऊ सांपमन के चाबे ले मर गीन। 10तुमन झन कुड़कुड़ावव जइसने कि ओम के कुछू मनखेमन करिन अऊ नास करइया स्‍वरगदूत के दुवारा मारे गीन।

11जऊन बातमन ओमन के ऊपर होईस ओह उदाहरन के रूप म रिहिस अऊ ओ बातमन ला हमर बर चेतउनी के रूप म लिखे गीस, काबरकि हमन ओ जुग म रहत हवन, जब संसार के अंत होवइया हवय। 12एकरसेति, यदि तुमन ए सोचथव कि तुमन बिसवास म मजबूत हवव, त सचेत रहव, ताकि तुमन पाप म झन पड़व। 13तुमन कोनो अइसने परिछा म नइं पड़े हवव, जऊन ह मनखे के सहे के बाहिर ए। परमेसर ह बिसवासयोग्य अय अऊ ओह तुमन ला तुम्‍हर सक्ति ले बाहिर परिछा म पड़न नइं देवय। पर जब तुमन परिछा म पड़ जावव, त ओह तुमन ला परिछा ले बाहिर निकरे के उपाय घलो बताही, ताकि तुमन ओला सह सकव।

मूरती-पूजा अऊ परभू भोज

14एकरसेति, हे मोर मयारू संगीमन हो! मूरती पूजा ले दूरिहा रहव। 15मेंह तुमन ला बुद्धिमान मनखे जानके कहथंव; जऊन बात मेंह कहथंव, ओला तुमन खुदे परखव। 16ओ धनबाद के कटोरा, जेकर बर हमन परमेसर ला धनबाद देथन, का एह मसीह के लहू म भागीदारी नो हय? अऊ जऊन रोटी ला हमन टोरथन, का एह मसीह के देहें म भागीदारी नो हय? 17काबरकि एकेच रोटी ए; हमन हालाकि बहुंत झन हवन, पर हमन एकेच देहें अन, काबरकि हमन जम्मो झन ओ एकेच रोटी म भागी होथन।

18इसरायली मनखेमन ला देखव: जऊन मन बलिदान म चघाय गे चीज ला खाथें, का ओमन बेदी म भागी नइं होवंय? 19तब मोर कहे के का मतलब ए? का मूरती ला चघाय बलिदान ह कुछू ए, या मूरती ह कुछू ए? 20कुछू घलो नइं। पर में कहथंव कि आनजातमन जऊन बलिदान चघाथें, ओमन परेत आतमामन ला चघाथें, परमेसर ला नइं, अऊ मेंह नइं चाहंव कि तुमन परेत आतमामन के संग भागीदार होवव। 21तुमन परभू के कटोरा अऊ परेत आतमामन के कटोरा, दूनों म ले नइं पी सकव। तुमन परभू के भोज अऊ परेत आतमामन के भोज, दूनों म सामिल नइं हो सकव। 22का हमन परमेसर ला गुस्सा देवाथन? का हमन ओकर ले जादा बलवान अन?

बिसवासी के सुतंतरता

23“हमन ला हर चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ह लाभ के नो हय। “हमन ला हर चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ले उन्नति नइं होवय। 24हमन ला सिरिप अपन भलई ही नइं, पर आने मन के भलई घलो देखना चाही।

25बजार म जऊन मांस बिकथे, ओला खावव अऊ बिवेक के कारन कोनो सवाल झन पुछव, 26काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “धरती अऊ एम के हर एक चीज परभू के अय।”10:26 भजन-संहिता 24:1

27यदि कोनो अबिसवासी तुमन ला खाय बर बलाथे, अऊ तुमन जाय बर चाहथव, त जऊन कुछू तुम्‍हर आघू म परोसे जाथे, ओला खावव अऊ बिवेक के कारन कोनो सवाल झन पुछव। 28पर यदि कोनो तुमन ला बता देथे कि एह बलिदान म चघाय गे खाना अय; त ओ बतइया के सेति अऊ बिवेक के सेति, ओ खाना ला झन खावव। 29मोर कहे के मतलब तुम्‍हर बिवेक नइं, पर आने मनखे के बिवेक। काबरकि मोर सुतंतरता ह आने मनखे के बिवेक दुवारा काबर परखे जावय? 30यदि मेंह परमेसर ला धनबाद देके ओ खाना म सामिल होथंव, त ओकर बर मोर ऊपर काबर दोस लगना चाही?

31एकरसेति, चाहे तुमन खावव या पीयव या जऊन कुछू घलो करव, ए जम्मो काम परमेसर के महिमा बर करव। 32तुमन काकरो पाप म गिरे के कारन झन बनव, चाहे ओह यहूदी होवय या यूनानी होवय या परमेसर के कलीसिया। 33जऊन कुछू मेंह करथंव, ओकर दुवारा मेंह हर एक मनखे ला खुस रखे के कोसिस करथंव। काबरकि मेंह अपन खुद के भलई नइं, पर बहुंते झन के भलई ला देखथंव कि ओमन उद्धार पावंय।