उत्पत्ति 48 – HCV & NASV

Hindi Contemporary Version

उत्पत्ति 48:1-22

इस्राएल की आशीषें

1कुछ दिन बाद योसेफ़ को बताया गया, “आपके पिता की तबियत ठीक नहीं है.” यह सुन योसेफ़ अपने दोनो पुत्रों; मनश्शेह तथा एफ्राईम को लेकर अपने पिता से मिलने निकल पड़े. 2किसी ने याकोब को बता दिया, “योसेफ़ आपसे मिलने आ रहे हैं.” तब इस्राएल48:2 इस्राएल अर्थात् याकोब अपनी सारी शक्ति समेटकर खाट से उठकर बैठ गये.

3और योसेफ़ से बात करने लगे और कहा, “कनान देश के लूज़ में सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मुझे दर्शन देकर आशीष दी. 4और कहा, ‘मैं तुम्हें फलवंत करूंगा और तुझे राज्य-राज्य के समूह का मुखिया बनाऊंगा और यह देश तुम्हें और बाद में तुम्हारे वंश को सदाकाल के लिये दूंगा.’

5“तुम्हारे ये दोनो पुत्र, जिनका जन्म मिस्र में मेरे आने से पहले हुआ है, वे मेरी संतान हैं; एफ्राईम तथा मनश्शेह मेरे कहलाएंगे, जैसे रियूबेन तथा शिमओन मेरे हैं. 6किंतु तुम्हारी संतान, जो इन दोनों के बाद जन्मेगी, वह तुम्हारी कहलाएगी. वे अपने भाइयों के प्रदेशों के भीतर मीरास प्राप्‍त करेंगे. 7जब मैं पद्दन से आ रहा था और एफ़राथा पहुंचने ही वाले थे कि राहेल की मृत्यु का दुःख मुझ पर आन पड़ा. मैंने उन्हें एफ़राथा के रास्ते अर्थात् बेथलेहेम में दफनाया.”

8योसेफ़ के पुत्रों को देखकर इस्राएल ने पूछा, “कौन हैं ये?”

9योसेफ़ ने अपने पिता से कहा, “ये मेरे पुत्र हैं, जो मुझे इस देश में परमेश्वर ने दिये.”

तब याकोब ने कहा, “मेरे पास उन्हें लाओ, कि मैं उन्हें आशीष दूं.”

10इस्राएल की आंखें उम्र के कारण कमजोर हो गयीं थीं कि वे देख नहीं सकते थे. योसेफ़ अपने पुत्रों को अपने पिता के पास ले गए. याकोब ने उन्हें चूमा और उन्हें गले लगाया.

11योसेफ़ को देखते हुए इस्राएल ने कहा, “मैंने यह न सोचा था कि तुम्हें फिर से देख पाऊंगा, किंतु परमेश्वर ने मुझे तुम्हारी संतान तक देखने का सौभाग्य दिया.”

12योसेफ़ ने अपने पुत्रों को अपने पिता की गोद से उतारा और झुककर मुंह के बल प्रणाम किया. 13फिर योसेफ़ दोनों को इस्राएल के नजदीक ले गये; दाएं हाथ से वह एफ्राईम तथा बाएं हाथ से मनश्शेह को पकड़े हुए थे. एफ्राईम इस्राएल के बाईं ओर था तथा मनश्शेह इस्राएल के दाईं ओर. 14किंतु इस्राएल ने अपना दायां हाथ छोटे बेटे एफ्राईम के सिर पर तथा अपना बायां हाथ मनश्शेह के सिर पर रखा. याकोब ने जानबूझकर ऐसा किया.

15योसेफ़ को आशीष देते हुए इस्राएल ने कहा,

“परमेश्वर, जिसके सम्मुख मेरे पूर्वज

अब्राहाम तथा यित्सहाक चलते थे,

वही परमेश्वर, जीवन भर

आज तक मेरा चरवाहा बनकर रहे हैं,

16वह स्वर्गदूत, जिसने हर पल मेरी रक्षा की है,

वही दोनों बच्चों को आशीषित करें.

और ये दोनों मेरे,

मेरे पिता अब्राहाम तथा मेरे पिता यित्सहाक,

के नाम को ऊंचा करें.

और पृथ्वी में बढ़ते जाये.”

17जब योसेफ़ ने देखा कि उनके पिता ने अपना दायां हाथ एफ्राईम के सिर रखा है तो उन्हें अच्छा नहीं लगा वे अपने पिता का दायां हाथ पकड़कर एफ्राईम के सिर पर से हटाकर मनश्शेह के सिर पर रखने लगे. 18योसेफ़ ने अपने पिता से कहा, “वह नहीं, पिताजी, बड़ा बेटा यह है; आप अपना दायां हाथ इस पर रख दीजिए.”

19किंतु उनके पिता ने कहा, “मुझे पता है मेरे पुत्र; यह भी महान बन जाएगा, और बढ़ेगा तो भी उसका छोटा भाई उससे महान हो जाएगा तथा उससे कई जातियां निकलेंगी.” 20उस दिन इस्राएल ने उन्हें आशीष दी और कहा,

“इस्राएल के लोग तुम्हारा नाम लेकर ऐसे कहेंगे:

‘परमेश्वर तुम्हें एफ्राईम तथा मनश्शेह के समान बना दें.’ ”

यह कहते हुए याकोब ने एफ्राईम को मनश्शेह से अधिक श्रेष्ठ स्थान दे दिया.

21फिर इस्राएल ने योसेफ़ से कहा, “सुनो, अब मेरी मृत्यु का समय आ गया है, लेकिन परमेश्वर तुम्हारे साथ साथ रहेंगे और तुम्हें अपने पूर्वजों के देश में वापस ले जाएंगे. 22मैं तुम्हें तुम्हारे भाइयों से बढ़कर हिस्सा ज्यादा दे रहा हूं—वह भाग, जो मैंने अमोरियों से अपनी तलवार एवं धनुष के द्वारा पाया था.”

New Amharic Standard Version

ዘፍጥረት 48:1-22

ምናሴና ኤፍሬም

1ከጥቂት ጊዜ በኋላም፣ “አባትህ ታሟል” ተብሎ ለዮሴፍ ስለ ተነገረው ሁለቱን ልጆቹን ምናሴንና ኤፍሬምን ይዞ ሄደ። 2ለያዕቆብ፣ “ልጅህ ዮሴፍ ወደ አንተ መጥቷል” ተብሎ በተነገረው ጊዜ፣ እስራኤል ተበረታትቶ ዐልጋው ላይ ተቀመጠ።

3ያዕቆብም ዮሴፍን እንዲህ አለው፤ “ሁሉን የሚችል አምላክ48፥3 ዕብራይስጡ ኤልሻዳይ ይላል። በከነዓን ምድር ሎዛ በምትባል ቦታ ተገለጠልኝ፤ ባረከኝም፤ 4እንዲህም አለኝ፤ ‘ፍሬያማ አደርግሃለሁ፣ ይህችንም ምድር ከአንተ በኋላ ለሚነሡ ዘሮችህ የዘላለም ርስት አድርጌ እሰጣቸዋለሁ።’

5“ወደዚህ ከመምጣቴ በፊት በግብፅ የወለድሃቸው ሁለቱ ልጆችህ ከእንግዲህ የእኔ ልጆች ሆነው ይቈጠራሉ፤ ሮቤልና ስምዖን ልጆቼ እንደ ሆኑ ሁሉ፣ ኤፍሬምና ምናሴም ልጆቼ ይሆናሉ። 6ከእነርሱ በኋላ የሚወለዱልህ ልጆች ግን፣ የአንተ ይሁኑ፤ በርስት ድልድላቸው ግን በወንድሞቻቸው ስም ይቈጠራሉ። 7ከሰሜን ምዕራብ መስጴጦምያ መልስ ኤፍራታ ለመድረስ ጥቂት ሲቀረኝ፣ እናትህ ራሔል በከነዓን ምድር ሞታብኝ ዐዘንሁ። እኔም ወደ ኤፍራታ ማለት ወደ ቤተ ልሔም በሚወስደው መንገድ ዳር ቀበርኋት።”

8እስራኤልም የዮሴፍን ልጆች ባየ ጊዜ፣ “እነዚህ እነማን ናቸው?” ሲል ጠየቀ፤

9ዮሴፍም፣ “እነዚህ እግዚአብሔር (ኤሎሂም) የሰጠኝ ልጆች ናቸው” ብሎ ለአባቱ መለሰለት፤ እስራኤልም፣ “አቅርባቸውና ልመርቃቸው” አለ።

10በዚህ ጊዜ እስራኤል ዐይኖቹ በእርጅና ምክንያት በመድከማቸው አጥርቶ ማየት ይሳነው ነበር፤ ስለዚህ ዮሴፍ ልጆቹን አባቱ ዘንድ አቀረባቸው፤ አባቱም ስሞ ዐቀፋቸው።

11እስራኤልም ዮሴፍን፣ “ዐይንህን እንደ ገና አያለሁ ብዬ አላሰብኩም ነበር፤ እግዚአብሔር (ኤሎሂም) ግን ልጆችህን ጭምር ለማየት አበቃኝ” አለው።

12ዮሴፍም ልጆቹን ከእስራኤል ጕልበት ፈቀቅ በማድረግ አጐንብሶ በግንባሩ መሬት ላይ ተደፋ። 13ከዚያም ዮሴፍ ሁለቱን ልጆቹን ይዞ ኤፍሬምን ከራሱ በስተ ቀኝ፣ ከእስራኤል በስተ ግራ፣ ምናሴን ደግሞ ከራሱ በስተ ግራ፣ ከእስራኤል በስተ ቀኝ በኩል አቀረባቸው። 14እስራኤል ግን ቀኝ እጁን በታናሹ በኤፍሬም ራስ ላይ አኖረ፤ ግራ እጁንም በቀኝ እጁ ላይ አስተላልፎ በበኵሩ በምናሴ ራስ ላይ አኖረ።

15ከዚህ በኋላ ዮሴፍን ባረከ፤ እንዲህም አለው፤

“አባቶቼ አብርሃምና ይስሐቅ በፊቱ

የተመላለሱት እግዚአብሔር (ኤሎሂም)

ለእኔም እስከ ዛሬ ድረስ

በዘመኔ ሁሉ እረኛ የሆነኝ አምላክ (ኤሎሂም)

16ከጕዳትም ሁሉ የታደገኝ መልአክ፣

እርሱ እነዚህን ልጆች ይባርክ፤

እነርሱም በስሜ፣

በአባቶቼ በአብርሃምና

በይስሐቅ ስም ይጠሩ፤

በምድር ላይ እጅግ ይብዙ።”

17ዮሴፍ፣ አባቱ ቀኝ እጁን በኤፍሬም ራስ ላይ ማድረጉን ሲያይ ተከፋ፤ ከኤፍሬም ራስ ላይ አንሥቶ በምናሴ ራስ ላይ ለማኖር የአባቱን እጅ ያዘ፤ 18ዮሴፍም፣ “አባቴ ሆይ፤ እንዲህ አይደለም፤ በኵሩ ይህኛው ስለሆነ፣ ቀኝ እጅህን እርሱ ራስ ላይ አድርግ” አለው።

19አባቱ ግን፣ “ዐውቃለሁ፤ ልጄ ዐውቃለሁ፤ እርሱም እኮ ሕዝብ ይሆናል፤ ታላቅም ይሆናል፤ ይሁን እንጂ ታናሽ ወንድሙ ከእርሱ ይበልጣል፤ ዘሮቹም ታላቅ ሕዝቦች ይሆናሉ” ብሎ እንቢ አለው። 20በዚያን ዕለት ባረካቸው፤ እንዲህም አላቸው፤

“በአንተ ስም እስራኤል እንዲህ ብሎ ይመርቃል፤

‘እግዚአብሔር (ኤሎሂም) እንደ ኤፍሬምና እንደ ምናሴ ያድርጋችሁ።’ ”

በዚህ ሁኔታም ኤፍሬምን ከምናሴ አስቀደመው።

21ከዚህ በኋላ እስራኤል ዮሴፍን እንዲህ አለው፤ “እኔ የምሞትበት ጊዜ ተቃርቧል፤ ነገር ግን እግዚአብሔር (ኤሎሂም) ከእናንተ ጋር ይሆናል፤ ወደ አባቶቻችሁም ምድር መልሶ ያገባችኋል። 22እነሆ በሰይፌና በቀስቴ ከአሞራውያን እጅ የወሰድኳትን ዐምባ ከወንድሞችህ ድርሻ አብልጬ ለአንተ ሰጥቼሃለሁ።”48፥22 ወይም ከወንድሞችህ ድርሻ አብልጬ ለአንተ አንድ ክፍል እሰጥሃለሁ