馬太福音 23 – CCBT & NCA

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

馬太福音 23:1-39

譴責律法教師和法利賽人

1隨後,耶穌對百姓和門徒說: 2「律法教師和法利賽人坐在摩西的位子上講授律法。 3你們要遵行他們的教導,但不要效法他們的行為,因為他們言行不一。 4他們捆好重擔放在別人肩上,而自己連一根指頭也不肯動!

5「他們的所作所為是為了給人看的,他們把額上佩戴的經文盒子加寬了,又將衣裳的穗邊加長了。 6他們喜歡宴席中的上座和會堂裡的首位。 7他們喜歡別人在街市上問候他們,稱呼他們為老師23·7 老師」希臘文是「拉比」,特指猶太教的老師。8但你們不要讓別人稱呼你們為老師,因為你們只有一位老師,你們彼此都是弟兄。 9不要稱呼地上的人為父親,因為你們只有一位父親,祂在天上。 10不要讓人稱你們為導師,因為你們只有一位導師——基督。 11你們當中誰最偉大,誰就要作你們的僕人。 12自高的人必遭貶抑,謙卑的人必得尊榮。

13「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!因為你們當著人們的面關閉天國之門,自己不進去,也不讓別人進去。

14「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!因為你們侵吞寡婦的財產,還假意做冗長的禱告。因此,你們會受到更嚴厲的刑罰。23·14 有些古卷無:「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!因為你們侵吞寡婦的財產,還假意做冗長的禱告。因此,你們會受到更嚴厲的刑罰。」

15「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!因為你們走遍海洋和陸地去引人入教,等人入了教,卻使他淪為地獄之子,比你們還壞兩倍。

16「瞎眼的嚮導啊,你們有禍了!你們說,『指著聖殿發誓,不算數;但是指著聖殿裡的金子發誓,就要遵守誓言。』 17無知的瞎子啊!金子重要呢?還是使金子神聖的聖殿重要呢? 18你們又說,『指著祭壇發誓不算數,但是指著壇上的供物發誓,就要遵守誓言。』 19瞎眼的人啊!供物重要呢?還是使供物神聖的祭壇重要呢? 20其實指著祭壇發誓,就是指著祭壇和壇上的一切東西發誓。 21指著聖殿發誓,就是指著聖殿和住在裡面的上帝發誓。 22指著天發誓,就是指著上帝的寶座和坐在寶座上的那位發誓。

23「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!你們把薄荷、茴香、芹菜獻上十分之一,卻忽略了律法中更重要的事——公正、憐憫、信實。後者是你們本該做的,前者也不可忽略。 24瞎眼的嚮導啊!你們濾出蚊蟲,卻吞下駱駝。

25「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!你們洗淨杯盤的外面,裡頭卻盛滿了貪婪和放縱。 26瞎眼的法利賽人啊!要先洗淨杯盤的裡面,好讓外面也乾淨。23·26 意思是:「裡面的思想先乾淨了,外在的言行才會真正乾淨。」

27「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!你們好像粉飾的墳墓,外表好看,裡面卻裝滿了死人的骨頭和各樣污穢之物。 28你們虛有公義的外表,內心卻充滿了各種的虛偽和罪惡。

29「虛偽的律法教師和法利賽人啊,你們有禍了!你們為先知建墓,為義人修碑,並且說, 30『如果我們活在我們祖先的時代,絕不會和他們一起去殺害先知。』 31這樣,你們自己證明自己是殺害先知之人的後代。 32去填滿你們祖先的罪惡吧! 33你們這些蛇,這些毒蛇的後代啊,你們怎能逃脫地獄的刑罰呢?

34「看啊,我派先知、智者和律法教師到你們當中,有的會遭到你們的殺害,被你們釘在十字架上;有的會在會堂裡被你們鞭打,被你們從這城追到那城。 35因此,所有義人在地上所流的血,就是從義人亞伯的血,直到你們在聖所和祭壇之間所殺的巴拉加的兒子撒加利亞的血,都要歸到你們身上。 36我實在告訴你們,這一切的罪責都要歸到這個世代。

為耶路撒冷哀歎

37耶路撒冷啊!耶路撒冷啊!你常殺害先知,又用石頭打死派到你那裡的使者。我多次想要招聚你的兒女,像母雞將小雞聚集在翅膀底下,可是你們卻不肯。 38看啊!你們的家園將一片荒涼。 39我告訴你們,從現在起,直到你們說『奉主名來的當受稱頌』那天之前,你們再也見不到我了。」

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

मत्ती 23:1-39

सात ठन दुःख

(मरकुस 12:38-39; लूका 11:43, 46; 20:45-46)

1तब यीसू ह भीड़ के मनखे अऊ अपन चेलामन ला कहिस, 2“मूसा के कानून के गुरू अऊ फरीसी मन मूसा के कानून ला सिखोथें। 3एकरसेति, ओमन जऊन कुछू कहिथें ओला मानव अऊ करव। पर ओमन सहीं काम झन करव, काबरकि ओमन जइसने कहिथें वइसने नइं करंय। 4ओमन कानून के भारी बोझा ला बनाथें अऊ ओला मनखेमन के खांधा ऊपर लदक देथें, पर ओमन ह खुदे ओला टारे बर अपन अंगरी घलो उठाय नइं चाहंय।

5ओमन अपन जम्मो काम मनखेमन ला देखाय बर करथें। ओमन देखाय बर चाकर-चाकर ताबीज बनाके अपन बाहां अऊ माथा म पहिरथें अऊ अपन कपड़ा म लम्‍बा झालर लगवाथें23:5 ताबीज याने एक किसम के डिब्बा, जऊन म परमेसर के बचन के पद रहिथे।

6भोज मन म आदर के ठऊर अऊ सभा घरमन म खास जगह म बईठना ओमन ला बने लगथे। 7बजार म जोहार झोंकना अऊ मनखेमन के दुवारा गुरूजी कहवई ओमन ला बने लगथे।

8पर तुमन अपन ला गुरू झन कहावव, काबरकि तुम्‍हर सिरिप एक गुरू हवय, अऊ तुमन जम्मो झन भाई-भाई अव। 9धरती म कोनो ला अपन ददा झन कहव, काबरकि तुम्‍हर एके ददा हवय, जऊन ह स्‍वरग म हवय। 10तुमन अपन ला मालिक घलो झन कहावव, काबरकि तुम्‍हर एके मालिक हवय याने कि ‘मसीह’। 11जऊन ह तुमन जम्मो म बड़े अय, ओह तुम्‍हर सेवक बनय। 12जऊन ह अपन-आप ला बड़े बनाही, ओला छोटे करे जाही, अऊ जऊन ह अपन-आप ला छोटे बनाही, ओला बड़े करे जाही।

13हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसी मन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन मनखेमन बर स्‍वरग राज के दुवारी ला बंद कर देथव। न तो तुमन खुदे ओम जावव अऊ न ही ओमन ला जावन देवव, जऊन मन ओम जाय के कोसिस करथंय।

14हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसी मन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन बिधवामन के घर ला लूटथव अऊ देखाय बर लम्‍बा-लम्‍बा पराथना करथव। एकरसेति, तुमन ला जादा कठोर सजा मिलही।

15हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसी मन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन एक झन ला अपन बिसवास म लाने बर समुंदर अऊ धरती ऊपर फिरथव, अऊ जब ओह तुम्‍हर बिसवास म आ जाथे, त तुमन ओला अपन ले दू गुना नरक के लइका बना देथव।

16हे अंधरा अगुवामन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन कहिथव, ‘यदि कोनो मंदिर के कसम खाथे, त ओकर कुछू मतलब नइं होवय, पर यदि कोनो मंदिर के सोना के कसम खाथे, त ओह अपन कसम म बंध जाथे।’ 17हे अंधरा मुरुख मनखेमन! कते ह बड़े अय – सोना या फेर मंदिर जऊन ह ओ सोना ला पबितर बनाथे?23:17 निरगमन 40:9-11 18तुमन ए घलो कहिथव, ‘यदि कोनो बेदी के कसम खाथे, त ओकर कुछू मतलब नइं होवय, पर यदि कोनो बेदी म चघाय भेंट के कसम खाथे, त ओह अपन कसम म बंध जाथे।’ 19हे अंधरा मनखेमन! कते ह बड़े अय – भेंट या फेर बेदी जऊन ह ओ भेंट ला पबितर बनाथे? 20एकरसेति जऊन ह बेदी के कसम खाथे, ओह ओकर अऊ ओकर ऊपर रखे जम्मो चीज के कसम खाथे। 21अऊ जऊन ह मंदिर के कसम खाथे, ओह ओकर अऊ ओम रहइया के घलो कसम खाथे। 22अऊ जऊन ह स्‍वरग के कसम खाथे, ओह परमेसर के सिंघासन अऊ ओकर ऊपर बइठइया के घलो कसम खाथे।

23हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसी मन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन अपन मसाला जइसने कि पोदीना, सौंफ अऊ जीरा के दसवां भाग ला देथव,23:23 लैब्यवस्था 27:30 पर तुमन मूसा के कानून के जादा महत्‍व के बात जइसने कि नियाय, दया अऊ बिसवास के अनदेखी करथव।23:23 होसे 6:6; यिरमियाह 9:23 तुम्‍हर बर उचित अय कि ए काममन ला करव अऊ ओ दूसर काम के अनदेखी घलो झन करव। 24हे अंधरा अगुवामन! तुमन उड़इया छोटे कीरा ला तो छान लेथव, पर ऊंट ला लील लेथव।23:24 लैब्यवस्था 11:20-23, 40

25हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसी मन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन कटोरा अऊ थारी के बाहिर ला तो मांजथव, पर भीतर ले, ओमन ह लोभ अऊ लूट-खसोट ले छीने गय चीजमन ले भरे हवंय। 26हे अंधरा फरीसीमन हो! पहिली कटोरा अऊ थारी के भीतरी ला मांजव, तब ओमन के बाहिरी भाग घलो साफ होही।

27हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसी मन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन चूना पोताय कबर के सहीं अव, जऊन ह बाहिर ले तो सुघर दिखथे, पर भीतर ह मुरदा मनखेमन के हाड़ा अऊ जम्मो असुध चीज ले भरे रहिथे। 28ओही किसम ले, तुमन मनखेमन ला बाहिर ले धरमी दिखथव, पर भीतर ले तुमन ढोंग अऊ अधरम ले भरे हवव।

29हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसी मन, तुम्‍हर ऊपर हाय! तुमन अगमजानीमन के कबर ला बनाथव अऊ धरमीमन के कबर ला सजाथव, 30अऊ तुमन ए कहिथव, ‘यदि हमन अपन पुरखामन के जुग म होतेन, त हमन अगमजानीमन के हतिया करई म ओमन संग भागी नइं होतेन।’ 31ए किसम ले, तुमन खुदे मान लेथव कि तुमन ओमन के संतान अव, जऊन मन अगमजानीमन ला मार डारिन। 32तब तुमन अपन पुरखामन के छोंड़े पाप के घघरी ला भर देथव।

33हे सांपमन हो! हे करैत सांप के लइकामन हो! तुमन नरक के सजा ले कइसने बचहू। 34एकरसेति, मेंह तुम्‍हर करा अगमजानी, अऊ बुद्धिमान अऊ गुरूजी मन ला पठोवत हंव। ओम ले कतेक झन ला तुमन मार डारहू अऊ कुरुस ऊपर चघाहू; कतेक झन ला तुमन अपन सभा घर म कोर्रा म मारहू अऊ सहर-सहर म ओमन ला सताहू।23:34 लूका 11:49; यिरमियाह 25:4-5 35ए किसम ले, जम्मो धरमीमन के लहू, जऊन ह धरती ऊपर बोहाय हवय – धरमी हाबिल के लहू ले लेके बिरिकियाह के बेटा जकरयाह के लहू तक, जऊन ला तुमन मंदिर अऊ बेदी के बीच म मार डारेव; ए जम्मो के दोस तुम्‍हर ऊपर आही। 36मेंह तुमन ला सच कहत हंव – ए जम्मो बात, ए पीढ़ी के मनखेमन ऊपर होही।

37हे यरूसलेम सहर! हे यरूसलेम सहर! तेंह अगमजानीमन ला मार डारथस अऊ जऊन मन ला तोर करा पठोय जाथे, ओमन ला तेंह पथरा ले मारथस। मेंह कतेक बार चाहेंव कि तोर लइकामन ला वइसने संकेलंव, जइसने कुकरी ह अपन चियांमन ला अपन डेना खाल्‍हे संकेलथे, पर तेंह ए नइं चाहय। 38देख, तोर घर ह उजाड़ पड़े हवय। 39मेंह तोला कहथंव कि तेंह मोला तब तक फेर नइं देख सकस, जब तक कि तेंह ए नइं कहस, ‘धइन ए ओह, जऊन ह परभू के नांव म आथे।’ ”