路加福音 22 – CCBT & NCA

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

路加福音 22:1-71

猶大出賣耶穌

1除酵節,又名逾越節,快到了。 2祭司長和律法教師因為害怕百姓,便密謀如何殺害耶穌。 3這時,撒旦進入加略猶大的心,這人原是十二使徒之一。 4他去見祭司長和聖殿護衛長,商議如何把耶穌出賣給他們, 5他們喜出望外,答應給猶大一筆酬金。 6猶大同意了,便伺機找百姓不在的場合將耶穌交給他們。

最後的晚餐

7除酵節到了,那天要宰殺逾越羊羔。 8耶穌差派彼得約翰出去,說:「你們為我們準備逾越節吃的晚餐。」

9他們問:「你要我們到哪裡去預備呢?」

10耶穌回答說:「你們進城的時候,一個男子會扛著一瓶水迎面走來,你們要跟著他,他進哪所房子,你們也進去, 11對房子的主人說,『老師問你客房在哪裡,祂要和門徒在裡面吃逾越節的晚餐。』 12那主人會帶你們到樓上一間佈置整齊的大房間,你們就在那裡預備吧。」

13他們進了城,所遇見的果然和耶穌所說的一樣。他們便在那裡預備逾越節的晚餐。

設立聖餐

14晚餐時,耶穌和使徒們一同坐席。 15耶穌對他們說:「我一直盼望在受難之前和你們同吃這個逾越節的宴席。 16我告訴你們,在這宴席成就在上帝的國度之前,我不會再吃這宴席了。」

17祂接過杯來,祝謝後,說:「你們拿去分著喝吧。 18我告訴你們,在上帝的國降臨之前,我不會再喝這葡萄酒了。」

19接著,祂拿起餅來,祝謝後,掰開遞給他們,說:「這是我為你們犧牲的身體,你們今後也要這樣做,以紀念我。」

20飯後,祂又舉起杯來,說:「這杯是用我的血立的新約,這血是為你們流的。

21「但是看啊,那出賣我之人的手和我的手都在桌子上。 22按照所定的,人子要死去,但那出賣人子的人有禍了!」 23他們開始彼此追問誰會出賣耶穌。

誰最偉大

24門徒又開始爭論他們當中誰最偉大。 25耶穌對他們說:「外族人有君王統治他們,那些統治者被稱為恩主, 26但你們不可這樣。相反,你們中間地位最高的,要像最卑微的;做首領的,要像服侍人的。 27坐著吃飯的和伺候的哪個地位高呢?難道不是坐著的那個嗎?然而,我在你們當中是服侍人的。

28「在我患難之時,你們一直在我身邊, 29所以,我父怎樣將國賜給我,我也照樣將國賜給你們, 30使你們在我的國中和我一同坐席,並且坐在寶座上審判以色列的十二個支派。」

預言彼得不認主

31耶穌說:「西門西門!撒旦已經要求像篩麥子一樣篩你們, 32但我已經為你禱告了,叫你不至於失去信心。你回頭以後,要讓你的弟兄剛強。」

33西門·彼得說:「主啊,我願意和你一起坐牢,一起受死!」

34耶穌說:「彼得,我告訴你,明早雞叫之前,你會三次不認我。」

35耶穌又問門徒:「我派你們出去的時候,無錢袋、背包和鞋子,你們有任何缺乏嗎?」

他們答道:「沒有。」

36耶穌說:「但現在如果有錢袋或背包,都要帶著;如果沒有刀劍,要賣掉衣服買刀劍。 37我告訴你們,『祂要被列在罪犯中』這句經文必在我身上應驗,因為聖經上有關我的事情快要實現了。」

38他們說:「主啊,請看,這裡有兩把刀。」耶穌說:「夠了。」

橄欖山上的禱告

39耶穌離開,像往常一樣前往橄欖山,門徒也跟去了。 40到了山上,祂對門徒說:「你們要禱告,以免陷入誘惑!」

41然後,祂獨自走到離門徒約有扔一塊石頭那麼遠的地方跪下禱告: 42「父啊,若你願意,求你撤去此杯,然而,願你的旨意成就,而非我的意願。」 43有一位從天上來的天使向祂顯現,給祂加添力量。

44祂心中極其悲痛,禱告更懇切,汗珠如血滴在地上。

45祂禱告完後,便起身回到門徒那裡,看見他們因憂愁而疲憊地睡著了, 46就說:「你們為什麼睡覺呢?要起來禱告,以免陷入誘惑!」

耶穌被捕

47耶穌還在說話的時候,十二使徒中的猶大已帶著一群人趕到,他上前親吻耶穌。 48耶穌對他說:「猶大,你用親吻的暗號來出賣人子嗎?」

49跟隨耶穌的人見他們來勢洶洶,就說:「主啊,我們該拔刀抵抗嗎?」 50其中一人拔刀朝大祭司的奴僕砍過去,削掉了他的右耳。

51耶穌卻說:「住手!夠了!」於是祂摸那奴僕的耳朵,治好了他, 52然後對前來抓祂的祭司長、聖殿護衛長和長老說:「你們像對付強盜一樣拿著刀棍來抓我嗎? 53我天天和你們一起在聖殿裡,你們沒有抓我。但現在正是黑暗當權、你們得勢的時候了!」

彼得不認主

54他們把耶穌押到大祭司的府第。彼得遠遠地跟在後面。

55他們在庭院當中生起了火,圍坐取暖,彼得也坐在他們中間。 56有個婢女看見彼得坐在火堆邊,打量他一番後,說:「這人是與耶穌一夥的!」

57彼得卻否認說:「你這女子,我不認識祂。」

58過了一會兒,又有個人看見了彼得,就說:「你也是跟他們一夥的!」

彼得說:「你這人,我不是!」

59大約一小時之後,又有人指著彼得肯定地說:「這人確實是和耶穌一夥的,因為他也是加利利人。」

60彼得說:「你這人,我不知道你在說什麼!」話才出口,雞就叫了。

61這時,主轉過頭來望著彼得彼得想起主對他說的話:「明早雞叫之前,你會三次不認我。」 62他就到外面,痛哭起來。

在公會受審

63看守耶穌的人嘲弄祂,毆打祂, 64蒙住祂的眼睛,對祂說:「說預言吧!是誰在打你?」 65還說了許多侮辱祂的話。

66天亮後,民間的長老、祭司長和律法教師聚在一起,把耶穌押到他們的公會, 67對祂說:「如果你是基督,就告訴我們。」

耶穌說:「即使我告訴你們,你們也不會相信。 68如果我問你們,你們也不會回答。 69但從今以後,人子要坐在全能上帝的右邊。」

70他們都問:「那麼,你是上帝的兒子嗎?」耶穌回答說:「你們說我是。」

71他們說:「我們還需要什麼見證呢?我們已經聽見祂自己說的了。」

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

लूका 22:1-71

यहूदा ह यीसू ला पकड़वाय बर तियार हो जाथे

(मत्ती 26:14-16; मरकुस 14:10-11)

1यहूदीमन के बिन खमीर के रोटी के तिहार जऊन ला फसह तिहार कहे जाथे, लकठा आवत रहय। 2अऊ मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन चुपेचाप यीसू ला मार डारे के कुछू उपाय खोजत रहंय, पर ओमन मनखेमन ले डर्रावत रहंय। 3तब सैतान ह यहूदा के भीतर म हमाईस, जऊन ला इस्करियोती घलो कहे जावय; अऊ जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस। 4यहूदा ह मुखिया पुरोहित अऊ मंदिर के रखवार मन के अधिकारीमन करा गीस अऊ ओमन के संग बातचीत करिस कि ओह यीसू ला कइसने ओमन के हांथ म पकड़वाही। 5ओमन खुस होईन अऊ ओला पईसा देय बर राजी हो गीन। 6यहूदा घलो तियार हो गीस, अऊ मऊका खोजे लगिस कि जब उहां भीड़ झन रहय, तब ओह यीसू ला ओमन के हांथ म पकड़वा देवय।

आखिरी भोजन

(मत्ती 26:17-25; मरकुस 14:12-21; यूहन्ना 13:21-30)

7तब यहूदीमन के बिन खमीर के रोटी के दिन ह आईस अऊ ए दिन म फसह तिहार बर मेढ़ा पीला ला बलिदान करना जरूरी रहय। 8यीसू ह पतरस अऊ यूहन्ना ला ए कहिके पठोईस, “जावव अऊ हमर बर फसह तिहार के भोजन के तियारी करव।”

9ओमन पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन एकर तियारी करन?”

10यीसू ह ओमन ला कहिस, “जब तुमन सहर म जाहू, त तुमन ला एक मनखे घघरी म पानी लेवत मिलही। जऊन घर म ओह जावय, तुमन ओकर पाछू-पाछू चले जावव, 11अऊ ओ घर के मालिक ले कहव, ‘गुरू ह पुछत हवय कि ओ पहुना-कमरा कहां हवय, जिहां में अपन चेलामन संग फसह तिहार के भोजन खावंव?’ 12ओह तुमन ला ऊपर म एक सजे-सजाय बड़े कमरा देखा दिही। उहां तुमन तियारी करव।”

13ओमन गीन अऊ हर चीज ला वइसनेच पाईन, जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, अऊ ओमन फसह तिहार के भोजन के तियारी करिन।

14जब समय आईस, त यीसू अऊ ओकर प्रेरितमन खाय बर बईठिन। 15अऊ ओह ओमन ला कहिस, “एकर पहिली कि मेंह दुःख भोगंव, मोर बहुंत ईछा रिहिस कि मेंह तुम्‍हर संग ए फसह के भोजन ला खावंव। 16काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव, जब तक जम्मो बात परमेसर के राज म पूरा नइं हो जावय, तब तक मेंह एला फेर कभू नइं खावंव।”

17तब यीसू ह अंगूर के मंद के कटोरा ला लेके परमेसर ला धनबाद दीस अऊ कहिस, “एला लेवव अऊ आपस म बांट लेवव। 18काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव कि जब तक परमेसर के राज नइं आ जावय, तब तक मेंह अंगूर के मंद ला फेर नइं पीयंव।”

19तब ओह कुछू रोटी लीस, अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देके कहिस, “एह मोर देहें ए, जऊन ह तुम्‍हर बर देय जावत हवय; मोर सुरता म एही करे करव।”

20ओही किसम ले भोजन के पाछू, यीसू ह कटोरा ला लीस अऊ कहिस, “ए कटोरा ह मोर लहू म परमेसर के नवां करार ए, जऊन ह तुम्‍हर बर ढारे जावथे। 21पर जऊन ह मोला धोखा दिही, ओकर हांथ ह मोर संग टेबल म हवय। 22मनखे के बेटा ह मरही, जइसने परमेसर ह ठहराय हवय; पर धिक्‍कार ए ओ मनखे ला, जऊन ह ओला धोखा दिही।” 23तब चेलामन आपस म पुछे लगिन, “हमन म ओह कोन हो सकथे, जऊन ह ए काम करही।”

चेलामन म कोन बड़े

24ओमन म ए बिवाद घलो होय लगिस कि ओमन के बीच म कोन चेला सबले बड़े माने जाही। 25यीसू ह ओमन ला कहिस, “आनजातमन के राजामन अपन मनखेमन ऊपर हुकूम चलाथें; अऊ जऊन मन ओमन के ऊपर अधिकार रखथें, ओमन अपन-आप ला भलई करइया कहिथें। 26पर तुमन ला वइसने नइं बनना हवय। एकर बदले, जऊन ह तुम्‍हर बीच म सबले बड़े ए, ओह सबले छोटे सहीं बनय, अऊ जऊन ह हुकूम चलाथे, ओह सेवक के सहीं बनय। 27कोन ह बड़े ए, ओ – जऊन ह खाय बर बईठथे या ओ – जऊन ह ओकर सेवा करथे? ओही ह जऊन ह खाय बर बईठथे। पर मेंह तुम्‍हर बीच म एक सेवक के सहीं अंव। 28तुमन ओ मनखे अव, जऊन मन मोर दुःख के समय म मोर संग रहेव। 29अऊ मेंह तुमन ला एक राज के ऊपर सासन करे के अधिकार देवत हंव, जइसने मोर ददा ह मोला एक राज के ऊपर सासन करे के अधिकार दे हवय, 30ताकि तुमन मोर राज म मोर संग बईठके खावव अऊ पीयव अऊ सिंघासनमन म बईठके, इसरायल के बारह गोत्र के नियाय करव।

31सिमोन, सिमोन, सुन! सैतान ह तुमन ला परखे बर अनुमती मांगे हवय कि जइसने किसान ह गहूं ला भूंसी से अलग करथे, वइसने ओह तुमन ला अलग करय। 32पर मेंह तोर बर पराथना करे हवंव, सिमोन! ताकि तोर बिसवास ह बने रहय। अऊ जब तेंह मोर करा लहुंटके आ जाबे, त अपन भाईमन ला बिसवास म मजबूत करबे।”

33पर सिमोन पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे परभू, मेंह तोर संग जेल जाय बर तियार हवंव अऊ मरे बर घलो तियार हवंव।”

34यीसू ह कहिस, “पतरस, मेंह तोला कहत हंव कि आज कुकरा बासे के पहिली, तेंह तीन बार इनकार करबे कि तेंह मोला जानथस।”

35तब यीसू ह ओमन ले पुछिस, “जब मेंह तुमन ला बिगर पईसा, झोला या पनही के पठोय रहेंव, त का तुमन ला कोनो चीज के कमी होईस?”

ओमन कहिन, “कोनो चीज के कमी नइं होईस।”

36यीसू ह ओमन ला कहिस, “पर अब जेकर करा पईसा हवय, ओह ओला ले लेय, अऊ झोला घलो धर ले; अऊ जेकर करा तलवार नइं ए, ओह अपन ओन्ढा ला बेंचके एक ठन तलवार बिसो ले। 37परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: ‘अऊ ओकर गनती अपराधी मन संग होईस,’ अऊ मेंह तुमन ला कहथंव कि ए बात के मोर ऊपर पूरा होना जरूरी ए। काबरकि जऊन बात ह मोर बारे म लिखे गे हवय, ओह पूरा होवत हवय।”22:37 यसायाह 53:12

38चेलामन कहिन, “हे परभू, देख, इहां दू ठन तलवार हवय।”

ओह कहिस, “ए किसम के बात बहुंत हो गीस।”

यीसू ह जैतून के पहाड़ म पराथना करथे

(मत्ती 26:36-46; मरकुस 14:32-42)

39यीसू ह घर के बाहिर निकरिस अऊ अपन रीति के मुताबिक ओह जैतून पहाड़ ला गीस अऊ ओकर चेलामन ओकर पाछू-पाछू गीन। 40ओ जगह म हबरके यीसू ह ओमन ला कहिस, “पराथना करव ताकि तुमन परिछा म झन पड़व।” 41तब ओह ओमन ले कुछू दूरिहा गीस अऊ माड़ी टेकके ए पराथना करे लगिस, 42“हे ददा, कहूं तोर ईछा हवय, त ए दुःख के कटोरा ला मोर करा ले टार दे; तभो ले मोर नइं, पर तोर ईछा पूरा होवय।”

43तब स्‍वरग ले एक स्‍वरगदूत ओकर करा आईस अऊ ओला मजबूत करिस। 44अऊ ओह बहुंते बियाकुल होके, अऊ लगन से पराथना करे लगिस, अऊ ओकर पसीना ह लहू के बूंद सहीं भुइयां म गिरत रहय।

45जब ओह पराथना करके उठिस, अऊ चेलामन करा गीस, त ओह ओमन ला दुःख के मारे सोवत अऊ थके पाईस। 46ओह ओमन ला कहिस, “तुमन काबर सुतत हवव? उठव अऊ पराथना करव ताकि तुमन परिछा म झन पड़व।”

यीसू ह बंदी बनाय जाथे

(मत्ती 26:47-56; मरकुस 14:43-50; यूहन्ना 18:3-12)

47जब यीसू ह गोठियावत रिहिस, तभे मनखेमन के एक भीड़ आईस; अऊ यहूदा जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस, ओमन के आघू-आघू चलत रहय। ओह यीसू करा ओला चूमे बर आईस। 48पर यीसू ह ओला कहिस, “हे यहूदा, चूमा देके का तेंह मनखे के बेटा ला पकड़वावत हस?”

49यीसू के चेलामन जब देखिन कि का होवइया हवय, त ओमन कहिन, “हे परभू, का हमन अपन तलवार चलावन?” 50अऊ ओम ले एक झन महा पुरोहित के सेवक ऊपर तलवार चलाके ओकर जेवनी कान उड़ा दीस।

51तब यीसू ह कहिस, “एला बंद करव।” अऊ ओह मनखे के कान ला छुईस अऊ ओला बने कर दीस।

52तब यीसू ह ओ मुखिया पुरोहित, मंदिर के रखवारमन के अधिकारी अऊ अगुवामन ला कहिस, जऊन मन ओला पकड़े बर आय रिहिन, “का मेंह डाकू अंव कि तुमन तलवार अऊ बड़े-बड़े लउठी लेके आय हवव? 53मेंह हर दिन तुम्‍हर संग मंदिर म रहेंव, अऊ तुमन मोला नइं पकड़ेव। पर एह तुम्‍हर समय ए, जब अंधियार के सक्ति ह राज करथे।”

पतरस ह यीसू के इनकार करथे

(मत्ती 26:57-58, 69-75; मरकुस 14:53-54, 66-72; यूहन्ना 18:12-18, 25-27)

54तब ओमन यीसू ला पकड़िन अऊ ओला महा पुरोहित के घर ले गीन। पतरस ह कुछू दूरिहा म रहत ओकर पाछू-पाछू आईस। 55पर जब ओमन मांझा अंगना म आगी बारके चारों अंग बईठ गीन, त पतरस ह ओमन के संग जाके बईठ गीस। 56एक झन नौकरानी टूरी ओला आगी के अंजोर म उहां बईठे देखिस। ओ टूरी ह ओला धियान लगाके देखिस अऊ कहिस, “ए मनखे ह यीसू के संग रिहिस।”

57पर पतरस ह इनकार करिस अऊ कहिस, “ए टूरी, मेंह ओला नइं जानंव।”

58थोरकन देर बाद, एक आने मनखे ओला देखिस अऊ कहिस, “तेंह घलो ओमन ले एक झन अस।”

पर पतरस ह कहिस, “ए मनखे, मेंह नो हंव।”

59करीब एक घंटा के बाद, एक आने मनखे ह जोर देके कहिस, “सही म, ए मनखे ह ओकर संग रिहिस, काबरकि एह घलो गलील प्रदेस के रहइया ए।”

60पतरस ह जबाब देके कहिस, “ए मनखे, मेंह नइं जानंव कि तेंह का कहथस।” जब ओह ए कहितेच रिहिस कि तुरते कुकरा ह बासिस। 61अऊ परभू ह लहुंटके पतरस ला सीधा देखिस, तब पतरस ह परभू के कहे ओ बात ला सुरता करिस, “एकर पहिली कि आज कुकरा ह बासे, तेंह तीन बार मोर इनकार करबे।” 62पतरस ह अंगना के बाहिर गीस अऊ फूट-फूट के रोईस।

सैनिकमन यीसू के हंसी उड़ाथें

(मत्ती 26:67-68; मरकुस 14:65)

63जऊन मनखेमन यीसू के रखवारी करत रहंय, ओमन यीसू के ठट्ठा करिन अऊ ओला मारे-पीटे लगिन। 64ओमन यीसू के आंखी ऊपर कपड़ा बांधके ओकर ले पुछिन, “अगमबानी करके हमन ला बता कि तोला कोन मारिस?” 65ओमन अऊ बहुंत बेजत्ती के बात ओला कहिन।

यीसू धरम-महासभा के आघू म

(मत्ती 26:59-66; मरकुस 14:55-64; यूहन्ना 18:19-24)

66जब दिन होईस, त मनखेमन के अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन एक सभा के रूप म जुरिन, अऊ यीसू ह ओमन के आघू म लाने गीस। 67ओमन यीसू ले पुछिन, “यदि तेंह मसीह अस, त हमन ला बता?”

यीसू ह जबाब दीस, “यदि मेंह तुमन ला बताहूं, त तुमन मोर ऊपर बिसवास नइं करहू, 68अऊ यदि मेंह तुमन ले पुछहूं, त तुमन जबाब नइं दूहू। 69पर अब ले, मनखे के बेटा ह सर्वसक्तिमान परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठही।”

70ओमन जम्मो झन पुछिन, “त का तेंह परमेसर के बेटा अस?”

ओह ओमन ला जबाब दीस, “तुमन सही कहथव, काबरकि मेंह अंव।”

71तब ओमन कहिन, “हमन ला अऊ गवाह के जरूरत नइं ए। हमन खुदे ओकर मुहूं ले सुन लेय हवन।”