詩篇 83 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

詩篇 83:1-18

第 83 篇

祈求上帝擊敗仇敵

亞薩的詩。

1上帝啊,求你不要緘默無聲,

一言不發。

2看啊,你的敵人在喧嚷,

恨你的人趾高氣揚。

3他們用詭計害你的子民,

他們一起謀害你所疼愛的人。

4他們說:

「來吧,讓我們剷除以色列

讓他們亡國,被人遺忘。」

5他們串通一氣,

勾結起來抵擋你。

6他們是以東人、以實瑪利人、摩押人、夏甲人、

7迦巴勒人、亞捫人、亞瑪力人、非利士人和泰爾人。

8亞述也跟他們勾結,

要助羅得的後代一臂之力。(細拉)

9求你對付他們,

如同對付米甸人和基順河邊的西西拉耶賓

10他們在隱·多珥滅亡,

成了地上的糞土。

11求你使他們的首領得到俄立西伊伯那樣的下場,

使他們的王侯得到西巴撒慕拿那樣的下場。

12他們曾說:

「讓我們奪取上帝的草場吧。」

13我的上帝啊,求你把他們驅散,

如同狂風吹散塵土和碎稭。

14烈火怎樣燒毀森林,

火焰怎樣吞沒山嶺,

15求你也照樣用狂風追趕他們,

用暴雨恐嚇他們。

16耶和華啊,

求你使他們滿面羞愧,

這樣他們才會來尋求你。

17願他們永遠羞愧驚恐,

願他們在恥辱中滅亡。

18讓他們知道你是耶和華,

唯有你是普天下的至高者。

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 83:1-18

स्तोत्र 83

एक गीत. आसफ का एक स्तोत्र.

1परमेश्वर, शांत न रहिए;

न हमारी उपेक्षा कीजिए,

और न निष्क्रिय बैठिए, परमेश्वर,

2देखिए, आपके शत्रुओं में कैसी हलचल हो रही है,

कैसे वे सिर उठा रहे हैं.

3वे आपकी प्रजा के विरुद्ध चतुराई से बुरी युक्ति रच रहे हैं;

वे आपके प्रियों के विरुद्ध परस्पर सम्मति कर रहे हैं.

4वे कहते हैं, “आओ, हम इस संपूर्ण राष्ट्र को ही नष्ट कर दें,

यहां तक कि इस्राएल राष्ट्र का नाम ही शेष न रहे.”

5वे एकजुट होकर, एकचित्त युक्ति रच रहे हैं;

वे सब आपके विरुद्ध संगठित हो गए हैं—

6एदोम तथा इशमाएलियों के मंडप,

मोआब और हग्रियों के वंशज,

7गेबल, अम्मोन तथा अमालेक,

फिलिस्ती तथा सोर के निवासी.

8यहां तक कि अश्शूरी भी उनके साथ सम्मिलित हो गए हैं

कि लोत के वंशजों की सेना को सशक्त बनाएं.

9उनके साथ आप वही कीजिए, जो आपने मिदियान के साथ किया था,

जो आपने सीसरा के साथ किया था, जो आपने कीशोन नदी पर याबीन के साथ किया था,

10जिनका विनाश एन-दोर में हुआ,

जो भूमि पर पड़े गोबर जैसे हो गए थे.

11उनके रईसों को ओरेब तथा ज़ेब समान,

तथा उनके न्यायियों को ज़ेबह तथा ज़लमुन्‍ना समान बना दीजिए,

12जिन्होंने कहा था,

“चलो, हम परमेश्वर की चराइयों के अधिकारी बन जाए.”

13मेरे परमेश्वर उन्हें बवंडर में उड़ती धूल समान,

पवन में उड़ते भूसे समान बना दीजिए.

14जैसे अग्नि वन को निगल जाती है

अथवा जैसे चिंगारी पर्वत को ज्वालामय कर देती है,

15उसी प्रकार अपनी आंधी से उनका पीछा कीजिए

तथा अपने तूफान से उन्हें घबरा दीजिए.

16वे लज्जा में डूब जाएं, कि याहवेह,

लोग आपकी महिमा की खोज करने लगें.

17वे सदा के लिए लज्जित तथा भयभीत हो जाएं;

अपमान में ही उनकी मृत्यु हो.

18वे यह जान लें कि आप, जिनका नाम याहवेह है,

मात्र आप ही समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च हैं.