羅馬書 8 – CCBT & NCA

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

羅馬書 8:1-39

隨從聖靈而活

1因此,如今那些在基督耶穌裡的人不被定罪, 2因為賜人生命之聖靈的律已經在基督耶穌裡使我獲得自由,脫離了罪與死的律。 3律法因為人性軟弱而無法成就的事,上帝親自成就了。祂差遣自己的兒子成為和罪人一樣有血有肉的人,作了贖罪祭,廢掉了罪的權勢, 4使律法公義的要求實現在我們這些不隨從罪惡本性,只隨從聖靈而活的人身上。

5隨從罪惡本性的人顧念罪惡本性的事,但隨從聖靈的人顧念聖靈的事。 6顧念罪惡本性的人結局是死亡,但顧念聖靈的人卻有生命和平安。 7因為顧念罪惡本性的人與上帝為敵,不服從上帝的律法,也無力服從。 8所以受罪惡本性控制的人無法令上帝喜悅。

9但如果上帝的靈住在你們裡面,你們就不再受制於罪惡的本性,而是受聖靈管理。人若沒有基督的靈,就不屬於基督。 10如果基督在你們裡面,你們的身體雖然因罪惡而死亡,靈魂卻因上帝所賜的義而活著。 11如果使耶穌復活之上帝的靈住在你們裡面,叫基督耶穌從死裡復活的上帝,必藉著住在你們裡面的聖靈,使你們終有一死的身體活過來。

12弟兄姊妹,這樣看來,我們不必隨從罪惡本性活著。 13你們若隨從罪惡本性活著,必定死亡;但若靠著聖靈除去身體的惡行,就必活著。

14因為凡有上帝的聖靈引導的人都是上帝的兒女。 15你們接受的聖靈不是使你們做奴隸,仍舊害怕,而是使你們做兒子,可以稱上帝為「阿爸,父親」。 16聖靈親自與我們的心一同見證我們是上帝的兒女。 17既然我們是兒女,就是繼承人,是上帝的後嗣,並且與基督同作後嗣。所以,如果現在我們和基督一同受苦,將來也必和祂一同得榮耀。

將來的榮耀

18我認為現在所受的痛苦與將來要顯給我們的榮耀相比,簡直微不足道。 19受造之物正熱切等候上帝眾子的顯現, 20因為受造之物處在虛空之下並非出於情願,而是出於上帝的旨意。 21不過,受造之物仍然盼望脫離衰亡之律的奴役,享受上帝兒女榮耀的自由。 22我們知道一切受造之物至今都在呻吟,如同經歷分娩之痛。 23不但如此,就是我們這些首先得到聖靈的人也在心裡歎息,熱切等候得到兒子的名分8·23 兒子的名分」指被收養為義子,可以享受和親生兒子一樣的權利。,就是我們的身體得到救贖。 24我們得救的人有這個盼望。不過,看得見的盼望根本不算盼望,因為誰會盼望已經看見的呢? 25但我們若盼望那尚未看見的,就會忍耐等候。

26況且,我們軟弱的時候,有聖靈幫助我們。我們本來不知道怎樣禱告,但聖靈親自用說不出來的歎息替我們祈禱。 27洞悉人心的上帝知道聖靈的意思,因為聖靈是照著上帝的旨意替聖徒祈禱。

28我們知道,上帝使萬事互相效力8·28 上帝使萬事互相效力」或譯「萬事都互相效力」。,使那些愛上帝,就是上帝按自己的旨意呼召的人得益處。 29因為上帝預先知道誰是屬祂的人,並預定這些人要被塑造成祂兒子的形像,使祂的兒子在許多弟兄中成為長子。 30祂所預定的人,祂也呼召他們;祂所呼召的人,祂也稱他們為義人;祂稱為義人的,祂也使他們得榮耀。

上帝的愛

31對於這些事,我們還可以說什麼呢?上帝若幫助我們,誰能與我們對抗? 32上帝既然連自己的兒子也不顧惜,讓祂為我們犧牲,豈不也把萬物和祂一同白白地賜給我們嗎? 33誰能指控上帝揀選的人呢?上帝已經稱他們為義人了。 34誰能定他們有罪呢?基督耶穌已經替他們死了,而且祂還從死裡復活了,如今在上帝的右邊替我們祈禱。 35誰能使我們與基督的愛分離呢?難道是患難嗎?困苦嗎?迫害嗎?饑餓嗎?赤身露體嗎?危險嗎?刀劍嗎? 36正如聖經上說:「為了你,我們終日出生入死,被視為待宰的羊。」

37然而,靠著愛我們的主,我們在這一切事上已經得勝有餘了。 38因為我深信無論是死、是生,是天使、是鬼魔,是現在的事、是將來的事, 39是高天之上的、是大地深處的或是其他受造之物,都不能使我們與上帝在主基督耶穌裡賜下的愛分離。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

रोमीमन 8:1-39

पबितर आतमा के जरिये जिनगी

1एकरसेति, अब जऊन मन मसीह यीसू के अंय, ओमन बर दंड के हुकूम नइं होवय। 2काबरकि, जिनगी देवइया पबितर आतमा के कानून ह मसीह यीसू के दुवारा मोला, पाप अऊ मिरतू के कानून ले सुतंतर कर दे हवय। 3काबरकि जऊन बुता ला मूसा के कानून ह हमर पापी सुभाव के कारन कमजोर होके नइं कर सकिस; ओ बुता ला परमेसर ह अपन खुद के बेटा ला पठोके करिस, जऊन ह पापी मनखे के रूप म संसार म आईस अऊ अपन-आप ला हमर खातिर पाप बलि के रूप म चघाईस। अऊ ए किसम ले परमेसर ह पापी मनखे म पाप ला सजा दीस, 4ताकि मूसा के कानून के धरमीपन के मांग ह हमन म पूरा होवय, जऊन मन पापी सुभाव के मुताबिक नइं, पर पबितर आतमा के मुताबिक जिनगी बिताथन।

5जऊन मन सारीरिक ईछा के मुताबिक जिनगी बिताथें, ओमन ह सरीर के बात म अपन चित लगाथें, पर जऊन मन पबितर आतमा के मुताबिक चलथें, ओमन पबितर आतमा के बात म चित लगाथें। 6सरीर के ऊपर चित लगई ह मिरतू अय, पर पबितर आतमा के ऊपर चित लगई ह हमन ला जिनगी अऊ सांति देथे, 7काबरकि जऊन ह सरीर के बात म चित लगाथे, ओह परमेसर ले बईरता रखथे। ओह परमेसर के कानून ला नइं मानय; वास्तव म ओह अइसने कर ही नइं सकय। 8जऊन मन अपन सरीर के बात ला मानथें, ओमन परमेसर ला खुस नइं कर सकंय।

9पर यदि परमेसर के आतमा ह तुमन म बसथे, त तुमन पबितर आतमा के चलाय चलथव, अपन सरीर के चलाय नइं। अऊ यदि काकरो करा मसीह के आतमा नइं ए, त ओह मसीह के नो हय। 10पर यदि मसीह तुम्‍हर जिनगी म हवय, त तुम्‍हर सरीर ह पाप के कारन मर गे हवय, पर तुम्‍हर आतमा ह धरमीपन के कारन जीयत हवय। 11परमेसर जऊन ह यीसू ला मरे म ले जियाईस, यदि ओकर आतमा तुमन म रहिथे, त ओ जऊन ह मसीह ला मरे म ले जियाईस, ओह तुम्‍हर नासमान सरीर ला घलो अपन आतमा के दुवारा जिनगी दिही अऊ ए आतमा ह तुमन म बसे हवय।

12एकरसेति, हे भाईमन हो! हमर बर ए जरूरी अय कि हमन अपन सरीर के सुभाव के मुताबिक जिनगी झन बितावन। 13काबरकि यदि तुमन सरीर के सुभाव के मुताबिक जिनगी बिताथव, त मरहू, पर यदि पबितर आतमा के दुवारा तुमन सरीर के काममन ला मारथव, त तुमन जीयत रहिहू। 14जऊन मन परमेसर के आतमा के अगुवई म चलथें, ओमन परमेसर के संतान अंय। 15काबरकि तुमन ला गुलामी के आतमा नइं मिले हवय कि तुमन फेर डर म पड़व; पर तुमन ला पबितर आतमा मिले हवय, जऊन ह तुमन ला परमेसर के संतान बनाथे। अऊ ओकरे दुवारा हमन परमेसर ला ए कहिके पुकारथन, “हे अब्बा, हे ददा!” 16पबितर आतमा ह खुद हमर आतमा के संग गवाही देथे कि हमन परमेसर के संतान अन। 17अऊ यदि हमन परमेसर के संतान अन, त हमन परमेसर के वारिस अऊ मसीह के संगी वारिस अन; यदि हमन ओकर दुःख म भागी होथन, त ओकर महिमा म घलो भागी होबो।

भविस्य के महिमा

18मेंह ए समझथंव कि जऊन महिमा हमर ऊपर परगट होही, ओकर तुलना म, हमर अभी के दुःख ह कुछू नो हय। 19ए सिरिस्टी ह बड़े आसा भरे नजर ले परमेसर के बेटामन (संतानमन) के परगट होय के बाट जोहथे। 20काबरकि ए सिरिस्टी ला बेकार कर दिये गीस, अऊ एह एकर खुद के ईछा ले नइं, पर परमेसर के ईछा ले ए आसा म करे गीस, 21कि सिरिस्टी ह खुद बिनास के अपन गुलामी ले छुटकारा पावय अऊ परमेसर के लइकामन के महिमा के सुतंतरता के भागीदार होवय।

22हमन जानथन कि जम्मो सिरिस्टी ह अभी तक ले छुवारी होय के पीरा सहीं कल्हरत हवय। 23अऊ सिरिप सिरिस्टी ही नइं, पर हमन करा पबितर आतमा के पहिली फर हवय अऊ हमन खुदे भीतरे-भीतर कल्हरत हवन, अऊ ए बात के बाट जोहथन कि परमेसर ह हमन ला अपन बेटा के रूप म गोद लिही, याने कि हमन ला हमर सरीर ले छुटकारा दिही। 24काबरकि ए आसा म हमर उद्धार होय हवय, पर जऊन चीज के हमन आसा करथन, यदि ओह हमन ला दिख जावय, त ओ आसा के अंत हो जाथे। कोनो मनखे कोनो अइसने चीज के आसा नइं करय, जऊन ह पहिली ले ओकर करा हवय। 25पर यदि हमन ओ चीज के आसा करथन, जऊन ह हमर करा नइं ए, त हमन धीर धरके ओकर बर बाट जोहथन।

26ओही किसम ले, पबितर आतमा ह हमर दुरबलता म हमर मदद करथे। हमन नइं जानन कि हमन ला कइसने पराथना करना चाही, पर पबितर आतमा ह खुद अइसने कल्‍हर-कल्‍हर के बिनती करथे, जेकर बयान नइं करे जा सकय। 27अऊ जऊन ह (परमेसर) मनखेमन के हिरदय ला जांचथे, ओह जानथे कि पबितर आतमा के का मनसा हवय, काबरकि पबितर आतमा ह परमेसर के मनसा के मुताबिक पबितर मनखेमन बर बिनती करथे।

28हमन जानथन कि जऊन मन परमेसर ले मया करथें अऊ ओकर ईछा के मुताबिक बलाय गे हवंय, ओमन बर परमेसर ह जम्मो बात म भलई पैदा करथे। 29काबरकि जऊन मन ला परमेसर ह पहिली ले जानत हवय, ओमन ला ओह चुने घलो हवय कि ओमन ओकर बेटा के सरूप म होवंय अऊ ओकर बेटा ह बहुंते भाईमन म पहिलांत ठहिरय। 30अऊ जऊन मन ला ओह चुन लीस, ओमन ला ओह बलाईस घलो; अऊ जऊन मन ला ओह बलाईस, ओमन ला धरमी घलो ठहराईस; अऊ जऊन मन ला ओह धरमी ठहराईस, ओमन के महिमा घलो करिस।

31तब एकर बारे म हमन का कहन? यदि परमेसर ह हमर संग हवय, त हमर बिरोधी कोन हो सकथे? 32जऊन ह अपन खुद के बेटा ला घलो नइं रख छोंड़िस, पर हमन जम्मो के खातिर ओला दे दीस; त ओह हमन ला अपन बेटा संग अऊ जम्मो चीज काबर नइं दिही? 33ओमन ऊपर कोन दोस लगाही, जऊन मन ला परमेसर ह चुने हवय? एह परमेसर अय, जऊन ह ओमन ला धरमी ठहिराथे। 34ओह कोन ए, जऊन ह सजा देथे? एह मसीह यीसू अय, जऊन ह मर गीस अऊ मरे म ले जी उठिस अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति हवय, अऊ हमर बर बिनती घलो करत हवय। 35तब कोन ह हमन ला मसीह के मया ले अलग कर सकथे? का संकट या बिपत्ती या सतावा या अकाल या गरीबी या जोखिम या तलवार के भय? 36जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:

“तोर बर, हमन दिन भर मिरतू के जोखिम म रहिथन, हमन ओ भेड़ सहीं समझे जाथन,

जऊन मन के बध होवइया हवय।”8:36 भजन-संहिता 44:22

37ए जम्मो चीज म, हमन मसीह यीसू के जरिये बिजयी होथन, जऊन ह हमर ले मया करिस। 38काबरकि मोला पूरा भरोसा हवय कि न तो मिरतू न जिनगी, न स्वरगदूतमन, न परेत आतमामन, न तो बर्तमान न भविस्य, न कोनो सक्ति, 39न तो ऊंचई न गहिरई अऊ न जम्मो सिरिस्टी म कोनो आने चीज हमन ला परमेसर के मया ले अलग कर सकथे, जऊन ह हमर परभू मसीह यीसू म हवय।