約翰福音 5 – CCBT & NCA

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

約翰福音 5:1-47

耶穌在畢士大池邊治病

1這事以後,猶太人的一個節期到了,耶穌便上耶路撒冷2耶路撒冷靠近羊門的地方有一個水池,希伯來話叫畢士大,池邊有五條走廊, 3裡面躺著瞎眼的、瘸腿的、癱瘓的等許多病人。 4他們都在等候天使來攪動池水。水動時,第一個下去的,無論患了什麼病都會痊癒。5·4 有些經卷無「他們都在等候天使來攪動池水。水動時,第一個下去的,無論患了什麼病都會痊癒。」

5那裡有一個人病了三十八年。 6耶穌看他躺著,知道他病了很久,就問他:「你想痊癒嗎?」

7那人回答說:「先生,水動的時候,沒有人把我放進池子裡,我要下去的時候,別人總是先我一步。」

8耶穌對他說:「起來,拿起你的墊子走吧!」

9那人立刻痊癒了,拿起墊子開始行走。那天正好是安息日, 10猶太人便對那人說:「今天是安息日,你不可拿著墊子走路。」

11他說:「那位醫好我的叫我拿起墊子走。」

12他們問他:「叫你拿起墊子走的人是誰?」

13那人不知道是誰,因為那裡人多,耶穌已經躲開了。

14後來,耶穌在聖殿裡遇見他,對他說:「現在你已經完全好了,別再犯罪了,免得你遭遇更不幸的事。」

15那人便去告訴猶太人醫好他的是耶穌。 16因為耶穌在安息日給人治病,猶太人開始迫害祂。 17耶穌對他們說:「我父一直在工作,我也一直在工作。」

18猶太人聽了,更想殺祂,因祂不但違犯了安息日的規矩,還稱上帝為父,把自己看作與上帝平等。

聖子的權柄

19耶穌說:「我實實在在地告訴你們,子憑自己什麼都不能做,唯有看見父做什麼,子才做什麼。無論父做什麼,子也照樣做。 20父因為愛子,便把自己的一切作為給祂看,而且還要把比這些更大的作為給祂看,叫你們驚奇。 21父如何使死人復活、賜生命給他們,子也照樣想賜生命給誰,就賜給誰。 22父不審判人,祂將審判的事全交給子, 23叫人尊敬子如同尊敬父。不尊敬子的,就是不尊敬差子來的父。

24「我實實在在地告訴你們,誰聽從我的話,又信差我來的那位,誰就有永生,不被定罪,已經出死入生了。 25我實實在在地告訴你們,時候快到了,現在就是,死人將聽見上帝兒子的聲音,聽見的將存活。 26因為正如父自己是生命的源頭,祂也同樣讓子作生命的源頭, 27又把審判的權柄交給祂,因為祂是人子。 28你們不要因此而驚奇,時候一到,一切在墳墓裡的死人都要聽見上帝兒子的聲音, 29他們都要從墳墓裡出來。行善的人復活後得永生,作惡的人復活後被定罪。」

見證耶穌

30耶穌繼續說:「我憑自己不能做什麼,我按父上帝的旨意審判,我的審判是公平的;因為我不是按自己的旨意行,而是按差我來者的旨意行。

31「如果我為自己做見證,我的見證是無效的。 32然而,有別的人給我做見證,我知道他為我做的見證是真實的。 33你們曾派人到約翰那裡,他為真理做過見證。 34其實我並不需要人的見證,我之所以提起這些事是為了使你們得救。 35約翰是一盞點亮的明燈,你們情願暫時享受他的光。 36但是我有比約翰更大的見證,因為父交待我去完成的工作,就是我現在所做的工作,證明我是父差來的。 37差我來的父曾親自為我做過見證。你們從未聽過祂的聲音,從未見過祂, 38心裡也沒有祂的道,因為你們不信祂所差來的那位。 39你們研讀聖經,以為從聖經中可以得到永生。其實為我做見證的正是這聖經, 40但你們卻不肯到我這裡來得生命。

41「我不接受人所給予的榮耀, 42我知道你們沒有愛上帝的心。 43我奉我父的名來,你們不接受我;若有人奉自己的名來,你們卻接受他。 44你們喜歡互相恭維,卻不追求從獨一上帝來的榮耀,怎能信我呢? 45不要以為我會在父面前控告你們,其實控告你們的是你們一直信賴的摩西46你們若信摩西,就應該信我,因為他的書裡也提到我。 47如果你們連他寫的都不信,又怎能信我的話呢?」

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

यूहन्ना 5:1-47

यीसू ह पानी के कुन्‍ड करा एक रोगी ला बने करथे

1एकर बाद, यहूदीमन के एक भोज होईस, जेकर कारन यीसू ह यरूसलेम गीस। 2यरूसलेम म भेड़ फेरका के लकठा म एक ठन पानी के कुन्‍ड हवय, जऊन ला इबरानी भासा म बेतहसदा कहिथें। ओकर चारों कोति पांच ठन खुला परछी हवय5:2 “भेड़ फेरका” – यरूसलेम सहर के चारों कोति दिवाल म कतको फेरकामन रिहिन; ओम के भेड़ फेरका ह संभवत: ओ बजार के लकठा म रिहिस, जिहां भेड़ अऊ आने पसुमन के बिकरी करे जावय। “बेतहसदा” – ए सबद के मतलब होथे “दया के घर”।3ओम कतको बेमार, अंधरा, खोरवा अऊ लूलवा मनखे मन (पानी के हाले के आसा म) पड़े रहंय। 4एक ठहराय समय म परभू के स्‍वरगदूत ह खाल्‍हे उतरय अऊ पानी ला हलाय करय। पानी के हालते ही जऊन बेमरहा ह सबले पहिली ओ कुन्‍ड म उतरे, ओह चंगा हो जावय, चाहे ओकर कोनो भी बेमारी होवय। 5उहां एक मनखे रहय, जऊन ह अड़तीस साल ले बेमारी म पड़े रहय। 6जब यीसू ह ओला उहां पड़े देखिस अऊ ए जानिस कि ओह बहुंत दिन ले ए दसा म हवय, त यीसू ह ओकर ले पुछिस, “का तेंह बने होय बर चाहथस?”

7ओ बेमरहा मनखे ह यीसू ला कहिस, “हे परभू! मोर करा इहां कोनो नइं ए कि जब पानी ह हलाय जाथे, त मोला कुन्‍ड म उतारे, अऊ जब मेंह उतरे के कोसिस करथंव, त कोनो आने मोर ले आघू कुन्‍ड म उतर जाथे।”

8तब यीसू ह ओला कहिस, “उठ! अपन खटिया ला उठा अऊ रेंग।” 9तुरते ओ मनखे ह बने हो गीस; ओह अपन खटिया ला उठाईस अऊ चले-फिरे लगिस। जऊन दिन ए काम होईस, ओह यहूदीमन के बिसराम दिन रिहिस। 10एकरसेति यहूदीमन ओ मनखे जऊन ह बने होय रिहिस, ओला कहिन, “आज बिसराम के दिन ए, अऊ आज के दिन खटिया ला उठई हमर कानून के बिरूद्ध ए।”

11पर ओह ओमन ला ए जबाब दीस, “जऊन ह मोला बने करिस, ओह मोला कहिस, ‘अपन खटिया ला उठा अऊ रेंग।’ ”

12ओमन ओकर ले पुछिन, “ओह कोन मनखे ए, जऊन ह तोला कहिस कि अपन खटिया उठा अऊ रेंग?”

13पर जऊन मनखे ह बने होय रिहिस, ओह ए नइं जानत रिहिस कि ओला कोन ह बने करिस, काबरकि ओ जगह म मनखेमन के भीड़ रहय अऊ यीसू ह उहां ले निकर गे रहय।

14बाद म, यीसू ओला मंदिर म भेंटिस, त ओला कहिस, “देख, तेंह अब बने हो गे हवस। अब पाप झन करबे, नइं तो एकर ले भारी बिपत्ती तोर ऊपर पड़ सकथे।” 15ओ मनखे ह जाके यहूदीमन ला बताईस कि जऊन मनखे ह मोला बने करिस, ओह यीसू ए।

बेटा के दुवारा जिनगी

16यीसू ह ए काममन ला यहूदीमन के बिसराम दिन म करत रिहिस, एकरसेति यहूदीमन यीसू ला सताय लगिन। 17यीसू ह ओमन ला कहिस, “मोर ददा ह हमेसा अपन काम करत हवय, अऊ मेंह घलो काम करत हवंव।” 18एकरे कारन यहूदीमन यीसू ला मार डारे के अऊ कतको उपाय करे लगिन, काबरकि यीसू ह न सिरिप बिसराम दिन के कानून ला टोरत रिहिस, पर ओह परमेसर ला अपन खुद के ददा कहिके, अपन-आप ला परमेसर के बरोबर घलो रखत रिहिस।

19यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव; बेटा ह अपन-आप ले कुछू नइं कर सकय; ओह सिरिप ओही ला करथे, जऊन ला ओह अपन ददा ला करत देखथे। जऊन कुछू ददा ह करथे, बेटा ह घलो वइसने करथे। 20काबरकि ददा ह बेटा ला मया करथे अऊ जऊन कुछू ओह करथे, ओ जम्मो ला अपन बेटा ला देखाथे। एकर ले घलो बड़े काम ओह ओला देखाही ताकि तुमन अचम्भो करव। 21काबरकि जइसने ददा ह मरे मनखे ला जियाथे अऊ ओमन ला जिनगी देथे, वइसनेच बेटा ह घलो जऊन ला चाहथे, ओला जिनगी देथे। 22ददा ह काकरो नियाय नइं करय, पर ओह नियाय करे के जम्मो अधिकार अपन बेटा ला सऊंप दे हवय, 23ताकि जम्मो मनखे जइसने ददा के आदर करथें, वइसनेच बेटा के घलो आदर करंय। जऊन ह बेटा के आदर नइं करय, ओह ददा के घलो आदर नइं करय, जऊन ह बेटा ला पठोय हवय।

24मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह मोर बचन ला सुनथे, अऊ मोर पठोइया के ऊपर बिसवास करथे, ओकर करा परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी हवय; ओह दंड के भागी नइं होवय; ओह मिरतू ले पार होके जिनगी पा चुके हवय। 25मेंह तुमन ला सच कहत हंव, ओ समय ह आवत हे, अऊ आ गे हवय, जब मरे मनखेमन परमेसर के बेटा के अवाज ला सुनहीं, अऊ जऊन मन एला सुनहीं, ओमन जिनगी पाहीं। 26काबरकि जइसने ददा ह अपन म जिनगी रखथे; ओही किसम ले, ओह बेटा ला घलो अधिकार दे हवय कि ओह अपन म जिनगी रखय। 27अऊ मनखे के बेटा होय के कारन, ओला नियाय करे के अधिकार घलो दे हवय।

28ए बात ले अचम्भो झन करव, काबरकि ओ समय ह आवत हे, जब कबर के जम्मो मरे मनखेमन ओकर अवाज ला सुनहीं 29अऊ बाहिर निकर आहीं; जऊन मन भलई करे हवंय, ओमन जिनगी पाय बर जी उठहीं, अऊ जऊन मन कुकरम करे हवंय, ओमन सजा पाय बर जी उठहीं। 30मेंह अपन-आप ले कुछू नइं कर सकंव। जइसने परमेसर ह मोला कहिथे, वइसने मेंह नियाय करथंव, अऊ मोर नियाय ह सही अय, काबरकि मेंह अपन-आप ला खुस करे के कोसिस नइं करंव, पर ओला खुस करथंव, जऊन ह मोला पठोय हवय।”

यीसू के बारे म गवाही

31“यदि मेंह अपन बारे म खुद गवाही देथंव, त मोर गवाही ह सही नो हय। 32पर एक झन अऊ हवय, जऊन ह मोर बारे म गवाही देथे, अऊ मेंह जानत हंव कि मोर बारे म ओकर गवाही ह सही ए।

33तुमन यूहन्ना करा अपन संदेसियामन ला पठोय रहेव अऊ ओह सच्‍चई के गवाही दे हवय। 34अइसने बात नो हय कि मेंह मनखे के गवाही चाहत हंव; पर मेंह ए बात एकरसेति कहत हंव कि तुम्‍हर उद्धार होवय। 35यूहन्ना ह एक ठन दीया के सहीं रिहिस, जऊन ह बरिस अऊ अंजोर दीस, अऊ तुमन ला ओकर अंजोर म कुछू समय तक आनंद मनई बने लगिस।

36पर मोर करा यूहन्ना के देय गवाही ले घलो बड़े गवाही हवय। जऊन काम ला ददा ह मोला पूरा करे बर देय हवय, अऊ जऊन ला मेंह करत हवंव, ओ काममन खुदे गवाही देथें कि ददा ह मोला पठोय हवय। 37ददा जऊन ह मोला पठोय हवय, ओह खुद मोर बारे म गवाही देय हवय। तुमन ओकर अवाज ला कभू नइं सुनेव अऊ न ही ओकर रूप ला देखे हवव; 38अऊ न ही ओकर बचन तुम्‍हर हिरदय म रहिथे, काबरकि जऊन ला ओह पठोईस, ओकर ऊपर तुमन बिसवास नइं करेव। 39तुमन परमेसर के बचन ला लगन से पढ़थव, काबरकि तुमन सोचथव कि ओम तुमन ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी मिलही; एह परमेसर के ओही बचन अय, जऊन ह मोर बारे म गवाही देथे। 40तभो ले तुमन जिनगी पाय बर मोर करा नइं आय चाहव।

41मेंह मनखेमन ले महिमा पाय बर नइं चाहंव, 42पर मेंह जानत हंव कि तुम्‍हर हिरदय म परमेसर बर मया नइं ए। 43मेंह अपन ददा परमेसर के नांव म आय हवंव, अऊ तुमन मोला गरहन नइं करव; पर यदि कोनो आने मनखे अपन खुद के नांव म आही, त तुमन ओला गरहन कर लूहू। 44तुमन एक-दूसर ले महिमा पाय बर चाहथव, अऊ ओ महिमा जऊन ह सिरिप परमेसर करा ले आथे, ओला पाय के कोनो कोसिस नइं करव; तब तुमन कइसने बिसवास कर सकथव? 45ए झन सोचव कि मेंह ददा के आघू म तुम्‍हर ऊपर दोस लगाहूं। ओह मूसा ए, जऊन ह तुम्‍हर ऊपर दोस लगाथे, जेकर ऊपर तुमन अपन आसा रखे हवव। 46यदि तुमन मूसा ऊपर बिसवास करे होतेव, त मोर ऊपर घलो बिसवास करतेव, काबरकि ओह मोर बारे म लिखे हवय। 47जब तुमन मूसा के लिखे बातमन ला बिसवास नइं करव, तब तुमन मोर बात ला कइसने बिसवास करहू?”