歷代志上 11 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

歷代志上 11:1-47

大衛做以色列人的王

1以色列人都聚集到希伯崙來見大衛,對他說:「我們是你的骨肉同胞。 2從前,即使掃羅做王的時候,率領以色列人出征打仗的仍是你。你的上帝耶和華也曾應許讓你做祂以色列子民的牧者和首領。」 3以色列的長老都到希伯崙大衛王,大衛與他們在耶和華面前立約,他們膏立大衛以色列的王,這應驗了耶和華藉撒母耳所說的話。 4大衛以色列眾人來到耶路撒冷,即耶布斯。那時耶布斯人住在那裡。 5耶布斯人對大衛說:「你攻不進來。」可是,大衛攻取了錫安的堡壘,即後來的大衛城。 6大衛說:「誰先攻打耶布斯人,誰就做元帥。」洗魯雅的兒子約押首先進攻,於是就做了元帥。 7大衛佔據了堡壘,因此那堡壘就叫大衛城。 8大衛又從米羅開始,在四圍修建城牆,其餘的部分由約押修建。 9大衛日漸強盛,因為萬軍之耶和華與他同在。

大衛的勇士

10以下是大衛手下眾勇士的統領,他們和以色列百姓竭力擁護大衛做王,正如耶和華對以色列的應許。 11大衛的勇士有哈革摩尼雅朔班,他是三勇士之首,曾在一次交戰中揮矛刺死了三百人。 12其次是亞合朵多的兒子以利亞撒,他是三勇士之一。 13他曾在巴斯·達閔大衛一起抵抗非利士人。那裡有一塊大麥田,以色列人戰敗逃跑, 14他們卻堅守陣地,奮勇殺敵。耶和華使以色列人大獲全勝。 15一次,三十位勇士中有三位到亞杜蘭洞附近的磐石那裡見大衛,當時非利士的軍隊駐紮在利乏音谷。 16那時大衛留守在堡壘裡,非利士人的駐軍在伯利恆17大衛渴了,說:「真想有人打一些伯利恆城門旁的井水給我喝!」 18那三位勇士就衝過非利士人的營地,到伯利恆城門旁的井打水,帶回來給大衛大衛卻不肯喝,他把水澆奠在耶和華面前, 19說:「我的上帝啊!這三人冒死去打水,這些水就像是他們的血,我決不能喝。」因此,大衛不肯喝。這是三勇士的事蹟。

20約押的兄弟亞比篩是這三個勇士的統領,他曾揮矛刺死三百人,在三勇士中出了名, 21最有聲望,因此做了他們的統領,只是不及前三位勇士。

22甲薛耶何耶大的兒子比拿雅是位勇士,做過非凡的事。他曾殺死摩押的兩個勇猛戰士,也曾在下雪天跳進坑中殺死一頭獅子, 23還曾殺死一個兩米多高的埃及巨人。當時埃及人拿著織布機軸般粗的長矛,比拿雅只拿著棍子迎戰,他奪了對方的長矛,用那矛刺死了對方。 24這是耶何耶大的兒子比拿雅的事蹟,他在這三個勇士中出了名, 25比那三十個勇士更有聲望,只是不及前三位勇士。大衛派他做護衛長。

26其他勇士有約押的兄弟亞撒黑伯利恆朵多的兒子伊勒哈難27哈律沙瑪比倫希利斯28提哥亞益吉的兒子以拉亞拿突亞比以謝29戶沙西比該亞合以萊30尼陀法瑪哈萊尼陀法巴拿的兒子希立31便雅憫支派基比亞利拜的兒子以太比拉頓比拿雅32迦實溪戶萊亞拉巴亞比33巴路米押斯瑪弗沙本以利雅哈巴34基孫哈深的眾子、哈拉沙基的兒子約拿單35哈拉沙甲的兒子亞希暗吾珥的兒子以利法勒36米基拉希弗比倫亞希雅37迦密希斯羅伊斯拜的兒子拿萊38拿單的兄弟約珥哈基利的兒子彌伯哈39亞捫洗勒、為洗魯雅的兒子約押拿兵器的比錄拿哈萊40以帖以拉以帖迦立41烏利亞亞萊的兒子撒拔42示撒的兒子亞第拿——呂便支派中率領三十人的首領、 43瑪迦的兒子哈難彌特尼約沙法44亞施他拉烏西亞亞羅珥何坦的兒子沙瑪耶利45提洗申利的兒子耶疊和他的兄弟約哈46瑪哈未以利業伊利拿安的兒子耶利拜約沙未雅摩押伊特瑪47以利業俄備得米瑣巴雅西業

Hindi Contemporary Version

1 इतिहास 11:1-47

दावीद का राजाभिषेक

1इसके बाद सारा इस्राएल हेब्रोन में दावीद से भेंट करने इकट्ठा आए और उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा, “विचार कीजिए, हम आप ही की अस्थि और मांस हैं. 2पिछले सालों में जबकि राजा तो शाऊल थे किंतु ये आप ही थे, जो हमारा मार्गदर्शन और इस्राएली सेना को चलाते रहे. याहवेह आपके परमेश्वर ने आपसे कहा था, ‘तुम मेरी प्रजा इस्राएल के चरवाहे होगे, तुम मेरी प्रजा इस्राएल के शासक होगे.’ ”

3इसलिये इस्राएल के सारे प्राचीन हेब्रोन नगर में राजा के सामने इकट्ठा हुए. राजा दावीद ने याहवेह के सामने उनसे वाचा बांधी. तत्पश्चात उन्होंने याहवेह के संदेश के अनुसार, जो उन्होंने शमुएल द्वारा दिया गया था, इस्राएल देश के लिए दावीद का राजाभिषेक किया.

दावीद द्वारा येरूशलेम का अधिग्रहण

4दावीद और सारा इस्राएल येरूशलेम की ओर गया. येरूशलेम (यानी यबूस), जहां यबूसी रहते थे. ये ही क्षेत्र के मूल निवासी थे. 5यबूसियों ने दावीद से कहा, “आप इस नगर में कभी आने न पाओगे.” फिर भी दावीद ने ज़ियोन गढ़ पर अधिकार कर लिया, जिसे दावीद-नगर भी कहा जाता है.

6दावीद ने घोषणा की, “जो कोई सबसे पहले यबूसियों पर हमला करेगा, सेना का प्रधान और सेनापति ठहराया जाएगा.” ज़ेरुइयाह का पुत्र योआब सबसे पहले वहां पहुंच गया, तब उसे सेनापति का पद दे दिया गया.

7दावीद ने गढ़ में रहना शुरू कर दिया. यही कारण है कि यह दावीद-नगर नाम से जाना जाने लगा. 8दावीद ने इसी के चारों ओर नगर को बनाया, मिल्लो से शुरू करते हुए आस-पास के इलाके तक. योआब ने नगर का बाकी काम भी पूरा किया. 9दावीद पर सर्वशक्तिमान याहवेह की कृपादृष्टि थी तब दावीद धीरे धीरे मजबूत होते चले गए.

दावीद के शूरवीर

10दावीद के वीरों में प्रमुख, जो इस्राएली सेना के अलावा उनके राज्य में उनके लिए मजबूत आधार थे, जिन्होंने दावीद को राजा बनाने में, इस्राएल के संबंध में याहवेह के वचन के अनुसार सहयोग दिया था, 11दावीद के उन वीरों की गिनती इस प्रकार है:

हकमोनवासी यासोबअम तीस का प्रमुख था. उसने 300 सैनिकों पर अपने भाले से वार किया और एक ही वार में इनको मार डाला.

12उसके बाद अहोही दोदो का पुत्र एलिएज़र, जो तीन वीरों में से एक था. 13पस-दम्मीम में वही दावीद के साथ था, जब वहां फिलिस्तीनियों ने युद्ध के लिए मोर्चा बांधा था. वहां जौ की उपज का एक खेत था. प्रजा फिलिस्तीनियों से बचकर भाग रही थी. 14उन्होंने खेत के बीच में रहते हुए उनका सामना किया, उस खेत की रक्षा करते रहे और फिलिस्तीनियों को मार गिराया. याहवेह ने बड़ी जीत के द्वारा उनकी रक्षा की.

15चट्टान में अदुल्लाम गुफा में तीस प्रमुख अधिकारियों में से तीन दावीद से भेंट करने गए. इस समय फिलिस्तीनी सेना रेफाइम की घाटी में शिविर डाले हुए थी. 16इस समय दावीद गढ़ में थे, और फिलिस्तीनी सेना बेथलेहेम में. 17बड़ी इच्छा से दावीद कह उठे, “कैसा सुखद होता अगर कोई बेथलेहेम फाटक के पास के कुएं से मुझे पीने के लिए पानी ला देता!” 18वे तीनों फिलिस्तीनियों के शिविर में से बचते-बचाते जाकर उस कुएं से, जो बेथलेहेम के द्वार के निकट था, दावीद के लिए जल ले आए. मगर दावीद ने वह जल पिया नहीं, उन्होंने उसे याहवेह के सामने उंडेल दिया. 19और कहा, “मेरे परमेश्वर के सामने मुझसे यह काम कभी न हो. क्या मैं इन लोगों का लहू पीऊं, जो अपने प्राण जोखिम में डाल मेरे लिए यह जल लाए हैं?” इसलिये दावीद ने वह जल नहीं पिया.

ऐसे साहसिक थे इन वीरों के कार्य.

20योआब का भाई अबीशाई तीस सैनिकों पर अधिकारी था. उसने तीन सौ पर अपनी बर्छी घुमाई और उनको मार गिराया. उसने भी उन तीनों के समान प्रतिष्ठा प्राप्‍त की. 21दूसरे वर्ग में जो तीन थे, उनमें वह सबसे अधिक प्रतिष्ठित था. वही उनका प्रधान बन गया; मगर वह उन तीन के सामने न आ सका.

22कबज़ीएल के एक वीर के पोते, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने बड़े-बड़े काम किए थे उसने मोआब के अरीएल के दो पुत्रों को मार गिराया. उसने ही उस दिन, जब बर्फ गिर रही थी, जाकर एक गड्ढे में बैठे सिंह का वध किया था. 23उसने एक बहुत ही लंबे कद के मिस्रवासी का, जो लगभग साढ़े सात फुट का था, वध किया था. उस मिस्री के हाथ में जो भाला था, वह बुनकर की बल्ली के समान था. किंतु बेनाइया अपने हाथ में सिर्फ एक लाठी ले उसके निकट गया और उस मिस्री के हाथ से उसका भाला छीन उसी से उसको मार डाला. 24यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने ये सारे काम किए और उन तीन वीरों के समान प्रतिष्ठा प्राप्‍त की. 25वह उन तीस में ही प्रख्यात हुआ, मगर उन तीन के तुल्य नहीं. दावीद ने उसे अपने अंगरक्षक का अधिकारी नियुक्त कर दिया.

26वीर ये थे:

योआब का भाई आसाहेल,

बेथलेहेमवासी दोदो का पुत्र एलहानन,

27हारोर का शम्मोथ,

पेलोन का हेलेस,

28तकोआ के इक्‍केश का पुत्र ईरा,

अनाथोथवासी अबीएज़ेर,

29हुशाथी सिब्बेकाई,

अहोही इलाई,

30नेतोफ़ाही माहाराई,

नेतोफ़ाही का ही बाअनाह का पुत्र हेलेद,

31बिन्यामिन वंश के गिबियाह के रिबाई का पुत्र इथाई,

पीराथोनवासी बेनाइयाह,

32गाश की नदियों से हुराई,

अरबाथवासी अबीएल,

33बाहारूमवासी अज़मावेथ,

शालबोनी एलीअहाब,

34गीज़ोनी हशेम के पुत्र,

हारारवासी शागी का पुत्र योनातन,

35हारारवासी साकार का पुत्र अहीयम,

ऊर का पुत्र एलिफाल,

36मेखेराथी हेफेर,

पेलोनवासी अहीयाह,

37कर्मेल का हेज़ोरो,

एज़बाई का पुत्र नआराई,

38नाथान का भाई योएल,

हागरी का पुत्र मिबहार,

39अम्मोनवासी सेलेक,

बीरोथवासी नाहाराई, जो ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब का हथियार उठानेवाला था.

40इथरवासी ईरा,

इथरवासी गारेब.

41हित्ती उरियाह,

अहलाई का पुत्र ज़ाबाद,

42रुबेनवंशी शीज़ा का पुत्र आदिन, जो रियूबेन के वंशों का प्रधान था. ये तीस भी उसके साथ थे,

43माकाह का पुत्र हानन,

और मिथिनवासी यहोशाफ़ात,

44अश्तारोथवासी उज्जियाह,

अरोअरवासी होथाम के पुत्र शमा और येइएल.

45शिमरी का पुत्र येदिआएल,

और उसका भाई तित्सी योहा.

46महाव-वासी एलिएल,

एलनाम के पुत्र येरिबाई,

और योसावियाह और मोआबी इथमाह.

47एलिएल, ओबेद और मेत्सोबावासी यआसिएल.