撒母耳記上 8 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

撒母耳記上 8:1-22

以色列人要求立王

1撒母耳在年老的時候立了他的兒子做以色列人的士師。 2他的長子是約珥,次子是亞比亞,他們在別示巴做士師。 3然而,他們沒有效法自己的父親,而是愛慕不義之財,貪贓枉法。

4於是,以色列的長老一起到拉瑪去見撒母耳5說:「你年紀大了,你的兒子不效法你。現在求你為我們立一個王治理我們,像其他國家一樣。」 6撒母耳聽到他們要求立一個王治理他們,心中不悅,就向耶和華禱告。 7耶和華對撒母耳說:「你照他們所說的去做吧,因為他們不是拒絕你,而是拒絕我做他們的王。 8自從我把他們從埃及領出來以後,他們就常常背棄我,去供奉其他神明。現在,他們也這樣對待你。 9你就照他們所求的去做吧!但你要警告他們,讓他們知道將來王會怎樣管轄他們。」

10撒母耳就把耶和華的話轉告給那些請求他立王的民眾,說: 11「將來管轄你們的王會徵用你們的兒子做他的戰車兵、騎兵,要他們跑在他的戰車前面。 12他會派一些人做千夫長、五十夫長,一些人為他耕種田地、收割莊稼,一些人製造兵器和戰車的裝備。 13他會把你們的女兒帶走,要她們給他造香膏、煮飯和烤餅。 14他會奪去你們最好的田地、葡萄園和橄欖園,送給他的臣僕。 15他會從你們的糧食和葡萄園的出產中收取十分之一,送給他的官員和臣僕。 16他會徵用你們的僕婢及最好的牛8·16 」有古卷作「青年」。和驢來為他效勞。 17他會拿去你們羊群的十分之一,並讓你們做他的奴僕。 18將來你們會因所選之王的壓迫而呼求耶和華,耶和華卻不會垂聽你們。」

19民眾卻不肯聽從撒母耳的話。他們說:「不,我們想要一個王治理我們, 20這樣我們就會像其他國家一樣,有王來統治我們,率領我們,為我們作戰。」 21撒母耳把這些人的話一五一十地告訴了耶和華。 22耶和華對撒母耳說:「照他們說的去為他們立一個王吧。」於是,撒母耳以色列人說:「你們各人回自己的城去吧。」

Hindi Contemporary Version

1 शमुएल 8:1-22

इस्राएल द्वारा राजा की मांग

1बूढ़ा होने पर शमुएल ने अपने पुत्रों को इस्राएल का न्यायाध्यक्ष नियुक्त किया. 2उनके प्रथम पुत्र का नाम था योएल तथा द्वितीय का अबीयाह. वे बेअरशेबा में रहते हुए न्याय करते थे. 3मगर उनके पुत्रों का आचरण उनके समान न था. वे अनुचित रीति से धनार्जन में लग गए. वे घूस लेते तथा न्याय को विकृत कर देते थे.

4तब इस्राएल के सब नेतागण एकजुट होकर रामाह में शमुएल के पास आए. 5उन्होंने शमुएल से कहा, “देखिए, आप वयोवृद्ध हो चले हैं, आपके पुत्र आपके समान नहीं हैं. इसलिए अब जिस प्रकार अन्य जनताओं में प्रचलित है, उसी प्रकार आप हमारे लिए एक राजा चुन दें, कि वह हम पर शासन करे.”

6शमुएल इस विनती को सुनकर अप्रसन्‍न हो गए. क्योंकि उन्होंने उनसे कहा था, “हम पर शासन करने के लिए हमें एक राजा दीजिए.” तब शमुएल ने याहवेह से प्रार्थना की. 7याहवेह ने शमुएल से कहा, “ठीक वही करो, जिसकी विनती ये लोग कर रहे हैं. उन्होंने तुम्हें नहीं, परंतु मुझे अपने राजा के रूप में अस्वीकार कर दिया है. 8ठीक जिस प्रकार वे उस समय से करते चले आ रहे हैं, जिस दिन से मैंने उन्हें मिस्र से विमुक्त किया, तब से आज तक, ये लोग मेरा परित्याग कर पराए देवताओं की आराधना करते रहे हैं; ठीक यहीं वे तुम्हारे साथ भी कर रहे हैं. 9तब सही यही होगा कि तुम वही करो जो ये लोग चाह रहे हैं. हां, उन्हें इस विषय में गंभीर चेतावनी अवश्य दे देना कि वह राजा, जो उन पर शासन करेगा, उसकी नीतियां कैसी होंगी.”

10तब शमुएल ने याहवेह द्वारा अभिव्यक्त सारा विचार जिन्होंने उनसे राजा की नियुक्ति की विनती की थी उन लोगों के सामने प्रस्तुत किए. 11शमुएल ने उनसे कहा, “जो राजा तुम पर शासन करेगा, उसकी नीतियां इस प्रकार होंगी: वह तुम्हारे पुत्रों को लेकर अपनी रथों की सेना, तथा घुड़सवारों के रूप में चुनेगा, कि वे उसके रथों के आगे-आगे दौड़ा करें. 12वह अपने लिए हज़ार पर तथा पचासों के लिए आदेशक चुनेगा. वह अपनी भूमि पर हल चलाने के लिए, उपज कटने के लिए तथा युद्ध के शस्त्र तथा रथों के लिए उपकरण निर्माता भी चुनेगा. 13वह तुमसे तुम्हारी पुत्रियां लेकर उन्हें सुगंध बनाने, रसोई कर्मचारी तथा सेंकने की कर्मचारी के रूप में चुनेगा. 14वह तुम्हारे सर्वोत्तम खेत, अंगूर के बगीचे तथा ज़ैतून उद्यान तुमसे लेकर अपने सेवकों को सौंप देगा. 15वह तुम्हारे अनाज में से तथा द्राक्ष उद्यान में से दसवां अंश लेकर अपने अधिकारियों तथा अपने सेवकों को दे देगा. 16वह तुम्हारे सेवक-सेविकाएं तथा तुम्हारे सर्वोत्तम युवाओं तथा गधों को लेकर स्वयं अपने कामों में लगा देगा. 17वह तुम्हारे पशुओं के दसवां अंश ले लेगा और तुम उसके दास बन जाओगे. 18तब उस समय तुम अपने राजा के विरुद्ध दोहाई दोगे, जिसे तुम्हीं ने चुना था; मगर तब याहवेह तुम्हारी छुड़ौती के लिए नहीं आएंगे.”

19मगर लोगों ने शमुएल के चेतावनी वचनों पर विचार करना अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा, “कुछ भी हो! हमें तो राजा चाहिए ही! 20हम चाहते हैं कि हम भी अन्य राष्ट्रों के समान हों. हमारा राजा ही हमारा न्यायाध्यक्ष होगा, वह हम पर शासन करेगा, वही हमारे लिए युद्ध करेगा.”

21जब शमुएल लोगों की सारी मांगें सुन चुके, उन्होंने सभी कुछ याहवेह को सुना दिया. 22याहवेह ने शमुएल से कहा, वही करो, जो वे चाहते हैं. “उनके लिए एक राजा चुन दो.”

शमुएल ने इस्राएल के दूतों से कहा, “तुममें से हर एक अपने-अपने नगर को लौट जाए.”