提摩太前書 3 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

提摩太前書 3:1-16

監督與執事的資格

1「人若渴望做教會的監督,他是在愛慕尊貴的工作。」這句話千真萬確。 2作監督的人必須無可指責,只有一位妻子,為人節制自律、通情達理、受人尊敬、樂於接待客旅、善於教導, 3不酗酒、不好鬥、要溫和、不爭吵、不貪財, 4善於管理自己的家,受兒女的敬重和孝順。 5一個人要是不懂得管理自己的家,又怎能照顧上帝的教會呢? 6初信主的人不可作監督,免得他自高自大,遭受魔鬼所受的懲罰。 7作監督的在教會以外也必須有好名聲,以免被人指責,陷入魔鬼的圈套。

8同樣,做執事的也要品行端正,說話誠實,不好酒,不貪財, 9要存著清潔的良心持守奧妙的真道。 10他們要先接受考驗,倘若無可指責,就可以立他們為執事。 11執事的妻子3·11 執事的妻子」或譯「女執事」。也要品行端正,不搬弄是非,為人節制,做事忠心。 12執事只能有一位妻子,他要管好自己的兒女和自己的家。 13盡忠職守的執事能得到好聲譽,也會對基督耶穌有堅定的信心。

奧妙無比的信仰

14我希望能儘快去你那裡,但還是寫信告訴你這些事。 15這樣,如果我行期延誤,你也可以知道在上帝的家中該怎麼做。這家是永活上帝的教會,是真理的柱石和根基。 16毫無疑問,我們偉大的信仰奧妙無比:

祂以肉身顯現,

被聖靈證明為義,

被天使看見,

被傳揚到列邦,

被世人信奉,

被接到天上的榮耀中。

Hindi Contemporary Version

1 तिमोथियॉस 3:1-16

प्रभारी प्रवर

1यह बात विश्वासयोग्य है: यदि किसी व्यक्ति में अध्यक्ष पद की इच्छा है, यह एक उत्तम काम की अभिलाषा है. 2इसलिये आवश्यक है कि अध्यक्ष प्रशंसनीय, एक पत्नी का पति, संयमी, विवेकी, सम्मान योग्य, अतिथि-सत्कार करनेवाला तथा निपुण शिक्षक हो, 3वह पीनेवाला, झगड़ालू, अधीर, विवादी तथा पैसे का लालची न हो. 4वह अपने परिवार का उत्तम प्रबंधक हो. संतान पर उसका गरिमा से भरा अनुशासन हो. 5(यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार का ही प्रबंध करना नहीं जानता तो भला वह परमेश्वर की कलीसिया की देखरेख किस प्रकार कर पाएगा?) 6वह नया शिष्य न हो कि वह अहंकारवश शैतान के समान दंड का भागी न हो जाए. 7यह भी आवश्यक है कि कलीसिया के बाहर भी वह सम्मान योग्य हो कि वह बदनामी तथा शैतान के जाल में न पड़ जाए.

8इसी प्रकार आवश्यक है कि दीकन3:8 दीकन सहायक या सेवक भी गंभीर तथा निष्कपट हों. मदिरा पान में उसकी रुचि नहीं होनी चाहिए, न नीच कमाई के लालची. 9वे निर्मल मन में विश्वास का भेद सुरक्षित रखें. 10परखे जाने के बाद प्रशंसनीय पाए जाने पर ही उन्हें दीकन पद पर चुना जाए.

11इसी प्रकार, उनकी पत्नी भी गंभीर हों, न कि गलत बातें करने में लीन रहनेवाली—वे हर एक क्षेत्र में व्यवस्थित तथा विश्वासयोग्य हों.

12दीकन एक पत्नी का पति हो तथा अपनी संतान और परिवार के अच्छे प्रबंध करनेवाले हों. 13जिन्होंने दीकन के रूप में अच्छी सेवा की है, उन्होंने अपने लिए अच्छा स्थान बना लिया है तथा मसीह येशु में अपने विश्वास के विषय में उन्हें दृढ़ निश्चय है.

कलीसिया तथा आत्मिक जीवन का भेद

14तुम्हारे पास शीघ्र आने की आशा करते हुए भी मैं तुम्हें यह सब लिख रहा हूं, 15कि यदि मेरे आने में देरी हो ही जाए तो भी तुम्हें इसका अहसास हो कि परमेश्वर के परिवार में, जो जीवित परमेश्वर की कलीसिया तथा सच्चाई का स्तंभ व नींव है, किस प्रकार का स्वभाव करना चाहिए. 16संदेह नहीं है कि परमेश्वर की भक्ति का भेद गंभीर है:

वह, जो मनुष्य के शरीर में प्रकट किए गए,

पवित्र आत्मा में उनकी परख हुई,

वह स्वर्गदूतों द्वारा पहचाने गए,

राष्ट्रों में उनका प्रचार किया गया,

संसार में रहते हुए उनमें विश्वास किया गया तथा वह महिमा में

ऊपर उठा लिए गए.