列王紀上 17 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

列王紀上 17:1-24

以利亞預言旱災

1有一位先知名叫以利亞,是基列提斯比人。他對亞哈說:「我憑我事奉的以色列的上帝——永活的耶和華起誓,如果我不禱告,這幾年必沒有雨水和甘露。」 2耶和華對以利亞說: 3「你離開這裡,往東去,到約旦河以東的基立溪旁躲起來。 4你可以喝基立溪的水,我已吩咐烏鴉在那裡供應你食物。」 5以利亞遵從耶和華的話,到約旦河東的基立溪旁住下來。 6烏鴉每天早晚為他叼來餅和肉,他喝溪裡的水。

撒勒法的寡婦

7因為天旱無雨,過了些日子,溪水乾了。 8耶和華對他說: 9「你去西頓撒勒法,我已吩咐那裡的一個寡婦供養你。」 10他來到撒勒法的城門口,看見一個寡婦在撿柴,就對她說:「請給我一點水喝。」 11那婦人去拿水的時候,以利亞又說:「請給我拿一點餅。」 12她說:「我憑你的上帝——永活的耶和華起誓,我沒有餅,我罈裡只有一把麵,瓶裡只有一點油。我來撿柴就是要回去做餅,與兒子吃完後,就只能等死了。」

13以利亞說:「不要害怕,你可以照你所說的去做餅,只是你要先做一小塊餅給我,然後再做給你和你兒子。 14因為以色列的上帝耶和華說,『在耶和華降雨之前,你罈裡的麵和瓶裡的油必不會空。』」 15那婦人就依照以利亞的話做了。婦人一家和以利亞就這樣吃了許多天, 16罈裡的麵沒有用完,瓶裡的油也沒有用光,應驗了耶和華藉以利亞說的話。

17後來,婦人的兒子病了,病情越來越重,最後死了。 18婦人對以利亞說:「上帝的僕人啊,我跟你有什麼關係?你到我這裡來是要讓上帝想起我的罪,取我兒子的性命嗎?」 19以利亞對婦人說:「把你兒子交給我。」隨後,他從婦人懷中接過孩子,抱到樓上自己的房間,放在床上。 20他向耶和華呼求道:「我的上帝耶和華啊,我寄居在這寡婦家裡,你為什麼降禍給她,奪去她兒子的性命呢?」 21他三次伏在孩子身上,求告耶和華說:「我的上帝耶和華啊,求你讓這孩子活過來吧。」 22耶和華聽了以利亞的祈求,孩子就活過來了。 23以利亞將孩子從樓上抱下來,交給他母親,說:「看,你兒子活過來了!」 24婦人對以利亞說:「現在我知道你是上帝的僕人,耶和華藉你口所說的都是真的。」

Hindi Contemporary Version

1 राजा 17:1-24

एलियाह द्वारा सूखे की पूर्वोक्ति

1गिलआद क्षेत्र के तिशबे नगर के निवासी एलियाह ने अहाब से कहा, “इस्राएल के जीवित परमेश्वर याहवेह की शपथ, मैं जिनका सेवक हूं, आनेवाले सालों में बिना मेरे कहे, न तो ओस पड़ेगी और न ही बारिश होगी.”

कौवे द्वारा एलियाह खिलाया जाना

2तब उसे याहवेह का यह संदेश मिला, 3“यहां से जाओ और पूर्व में जाकर केरिथ नाले के क्षेत्र में, जो यरदन के पूर्व में है, छिप जाओ. 4तुम्हें नाले का जल पीना होगा. मैंने कौवों को आदेश दिया है कि वे वहां तुम्हारे भोजन का इंतजाम करें.”

5तब एलियाह ने जाकर याहवेह के आदेश का पालन किया, और यरदन नदी के पूर्व में केरिथ नाले के पास रहने लगे. 6सुबह-सुबह कौवे उनके लिए रोटी और मांस ले आते थे; वैसे ही शाम को भी.

ज़रफता की विधवा

7कुछ समय बाद वह नाला सूख गया, क्योंकि उस देश में बारिश हुई ही नहीं थी: 8एलियाह को याहवेह से यह आदेश प्राप्‍त हुआ: 9“उठो, सीदोन प्रदेश के ज़रफता नगर को जाओ, और वहीं रहो; और सुनो, मैंने वहां एक विधवा को आदेश दिया है कि वह तुम्हारे भोजन की व्यवस्था करे.” 10तब एलियाह ज़रफता चले गए. जब वह नगर द्वार के पास पहुंचे, उन्होंने एक विधवा को ईंधन-लकड़ी इकट्ठी करते देखा. उन्होंने पुकारकर उससे विनती की, “पीने के लिए एक बर्तन में थोड़ा-सा जल ले आओ.” 11जब वह जल लेने जा ही रही थी, एलियाह ने दोबारा पुकारकर उससे विनती की: “मेरे लिए रोटी का एक टुकड़ा भी लेते आना.”

12उस स्त्री ने उन्हें उत्तर दिया, “याहवेह, आपके जीवित परमेश्वर की शपथ, मैंने कुछ भी नहीं पकाया है. घर पर एक बर्तन में मुट्ठी भर आटा और एक कुप्पी में थोड़ा-सा तेल ही बाकी रह गया है. अब मैं यहां थोड़ी सी लकड़ियां बीन रही थी, कि जाकर कुछ पका लूंगी, कि मैं और मेरा पुत्र इसे खाएं; उसके बाद मृत्यु तो तय है ही.”

13एलियाह ने उससे कहा, “डरो मत. वही करो जैसा अभी तुमसे कहा है. हां, मेरे लिए एक छोटी रोटी बनाकर ले आना, इसके बाद अपने लिए और अपने पुत्र के लिए भी बना लेना. 14याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का यह संदेश है, ‘उस बर्तन का आटा खत्म न होगा और तेल की वह कुप्पी उस दिन तक खाली न होगी, जब तक याहवेह पृथ्वी पर बारिश न भेज दें.’ ”

15वह गई और ठीक वैसा ही किया, जैसा एलियाह ने कहा था. एलियाह और उस स्त्री का परिवार इससे अनेक दिन तक भोजन करते रहे. 16उस बर्तन में न आटा खत्म हुआ और न ही तेल की वह कुप्पी कभी खाली हुई, एलियाह द्वारा दिए गए याहवेह के संदेश के अनुसार.

17कुछ समय बाद जो उस घर की स्वामिनी का पुत्र बीमार हो गया. उसका रोग ऐसा बढ़ गया था कि उसका सांस लेना बंद हो गया. 18उस स्त्री ने एलियाह से कहा, “परमेश्वर के दूत, मुझसे ऐसी कौन सी भूल हो गई है? आपके यहां आने का उद्देश्य यह है कि मुझे मेरा पाप याद कराया जाए और मेरे पुत्र के प्राण ले लिए जाएं?”

19एलियाह ने उससे कहा, “अपना पुत्र मुझे दो.” यह कहते हुए उन्होंने उसके पुत्र को उसके हाथों से ले लिया और उसे उसी ऊपरी कमरे में ले गए, जहां वह ठहरे हुए थे, और उसी बिछौने पर लिटा दिया, जिस पर वह सोते थे. 20उन्होंने याहवेह को पुकारते हुए कहा, “याहवेह, मेरे परमेश्वर, क्या इस विधवा पर, जिसके यहां मैंने आसरा लिया है, क्या, यह विपत्ति आपके ही के द्वारा लाई गई है, कि उसके पुत्र की मृत्यु हो गई है?” 21यह कहकर वह बालक पर तीन बार पसरे और याहवेह की दोहाई देते हुए कहा, “याहवेह, मेरे परमेश्वर, इस बालक के प्राण उसमें लौटा दीजिए.”

22याहवेह ने एलियाह की दोहाई सुन ली; बालक के प्राण उसमें लौट आए और वह जीवित हो गया. 23एलियाह बालक को लेकर ऊपरी कमरे से घर में आ गए और उसे उसकी माता को सौंप दिया. और उससे कहा, “देखो, तुम्हारा पुत्र जीवित है.”

24यह देख वह स्त्री एलियाह से कहने लगी, “अब मैं यह जान गई हूं कि आप परमेश्वर के दूत हैं और आपके मुख से निकला हुआ याहवेह का संदेश सच है.”