使徒行傳 21 – CCBT & NCA

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

使徒行傳 21:1-40

保羅前往耶路撒冷

1我們和眾人道別之後,乘船直接駛往哥士,第二天到達羅底,從那裡前往帕大喇2帕大喇遇到一艘開往腓尼基的船,就上了船。 3塞浦路斯遙遙在望,船從該島的南面繞過,一直駛向敘利亞。因為船要在泰爾卸貨,我們就在那裡上了岸, 4找到當地的門徒後,便和他們同住了七天。他們受聖靈的感動力勸保羅不要去耶路撒冷5時間到了,我們繼續前行,眾門徒和他們的妻子兒女送我們出城。大家跪在岸邊禱告之後,彼此道別。 6我們上了船,眾人也回家去了。

7我們從泰爾乘船抵達多利買,上岸探訪那裡的弟兄姊妹,和他們住了一天。 8第二天我們離開那裡,來到凱撒利亞,住在傳道人腓利家裡。他是當初選出的七位執事之一。 9腓利有四個未出嫁的女兒,都能說預言。 10過了幾天,一個名叫亞迦布的先知從猶太下來。 11他到了我們這裡,拿保羅的腰帶綁住自己的手腳,說:「聖靈說,『耶路撒冷猶太人也要這樣捆綁這腰帶的主人,把他交給外族人。』」

12聽到這話,我們和當地的信徒都苦勸保羅不要去耶路撒冷13保羅說:「你們為什麼這樣哭泣,令我心碎呢?我為主耶穌的名甘願受捆綁,甚至死在耶路撒冷。」

14我們知道再勸也無濟於事,只好對他說:「願主的旨意成就。」

15過了幾天,我們收拾行裝啟程上耶路撒冷16有幾個凱撒利亞的門徒和我們一起去,並帶我們到一個信主已久的塞浦路斯拿孫家裡住宿。

保羅會見雅各和眾長老

17我們抵達耶路撒冷後,受到弟兄姊妹的熱烈歡迎。 18第二天,保羅和我們去見雅各,眾長老都在那裡。 19保羅向大家問安之後,便一一述說上帝如何藉著他傳福音給外族人。 20大家聽了,都同聲讚美上帝,又對保羅說:「弟兄,你知道數以萬計的猶太人信了主,他們都嚴守律法。 21他們聽見有人說你教導住在外族人中的猶太人背棄摩西的律法,不替孩子行割禮,也不遵守猶太人的規矩。 22他們一定會聽到你來這裡的消息,這該怎麼辦? 23請你聽我們的建議,這裡有四位向上帝許過願的弟兄, 24你和他們一起去行潔淨禮,並由你替他們付費,讓他們可以剃頭,好叫眾人知道你嚴守律法,循規蹈矩,關於你的傳聞都是假的。 25至於那些外族信徒,我們已經寫信吩咐他們,不可吃祭過偶像的食物,不可吃血和勒死的牲畜,不可淫亂。」

保羅被捕

26於是,保羅和四位弟兄第二天行了潔淨禮,然後上聖殿報告他們潔淨期滿的日子,好在期滿後讓祭司為他們每個人獻祭物。 27當七日的潔淨期將滿的時候,有些從亞細亞來的猶太人發現保羅在聖殿裡,就煽動眾人去抓他。 28他們高喊:「以色列人快來幫忙!就是這人到處教唆人反對我們的民族、律法和聖殿。他還帶希臘人進聖殿,玷污這聖地。」 29這是因為他們在城裡見過一個名叫特羅非摩以弗所人和保羅在一起,以為保羅一定把他帶進聖殿了。

30消息一傳開,全城轟動。眾人衝進聖殿把保羅拉出來,隨即關上殿門。 31正當他們要殺保羅的時候,有人把耶路撒冷發生騷亂的消息報告給羅馬軍營的千夫長, 32千夫長馬上帶著軍兵和幾個百夫長趕來了。眾人一見千夫長和軍隊,便停止毆打保羅33千夫長上前拿住保羅,命人用兩條鐵鏈把他鎖起來,問他是什麼人、做了什麼事。 34人群中有人這樣喊,有人那樣喊,情形混亂不堪,千夫長無法辨明真相,便命人將保羅帶回軍營。 35保羅剛走上臺階,眾人便兇猛地擁擠過來,士兵們只好把他舉起來抬著走。 36眾人擠在後面喊著說:「殺掉他!」

保羅的申辯

37士兵們抬著保羅來到軍營門口,保羅問千夫長:「我可以和你講幾句話嗎?」千夫長說:「你也懂希臘話嗎? 38不久前煽動叛亂、帶著四千暴徒逃到曠野去的那個埃及人是你嗎?」 39保羅說:「我是猶太人,來自基利迦大數,並非無名小城的人。請准許我向百姓講幾句話。」 40千夫長答應了,保羅就站在臺階上向眾人揮手示意,他們都安靜下來,保羅希伯來話對他們說:

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

प्रेरितमन के काम 21:1-40

पौलुस के यरूसलेम जवई

1हमन ओमन ले अलग होय के बाद, पानी जहाज म चघके सीधा कोस दीप म आयेंन। ओकर दूसर दिन हमन रूदुस दीप गेन अऊ फेर उहां ले पतरा नगर गेंन। 2उहां हमन ला एक पानी जहाज मिलिस, जऊन ह फीनीके प्रदेस जावत रिहिस। हमन ओही जहाज म चघके चल देंन। 3जब हमन ला साइप्रस दीप दिखिस, त हमन ओकर दक्खिन दिग ले होवत सीरिया कोति बढ़ेंन अऊ सूर म उतरेंन, जिहां पानी जहाज ले माल उतारे बर रिहिस। 4उहां कुछू चेलामन ला पाके, हमन ओमन के संग सात दिन रहेंन। ओमन पबितर आतमा के सामरथ म होके पौलुस ले बिनती करिन कि ओह यरूसलेम झन जावय। 5पर जब उहां हमर ठहरे के दिन पूरा होईस, त हमन उहां ले चल देंन। अऊ जम्मो चेला अऊ ओमन के घरवाली अऊ लइका मन हमन ला सहर के बाहिर तक अमराय बर आईन, अऊ उहां समुंदर तीर म, हमन माड़ी टेकके पराथना करेन। 6अऊ ओमन ले बिदा होय के बाद, हमन पानी जहाज म चघेन अऊ ओमन अपन-अपन घर लहुंट गीन।

7हमन सूर ले समुंदर म यातरा करत पतुलिमयिस पहुंचेन; उहां हमन भाईमन ले जोहार-भेंट करेन अऊ ओमन के संग एक दिन रहेंन। 8दूसर दिन हमन उहां ले चलके कैसरिया सहर म पहुंचेन अऊ उहां सुघर संदेस के परचारक फिलिप्पुस के घर म रूकेंन। ओह यरूसलेम म चुने गे सात सेवक म ले एक झन रिहिस। 9ओकर चार कुवांरी बेटी रिहिन, जऊन मन ला अगमबानी करे के बरदान मिले रिहिस।

10हमर उहां कतको दिन रहे के बाद, अगबुस नांव के एक अगमजानी यहूदा प्रदेस ले आईस। 11ओह हमर करा आके पौलुस के कमरपट्टा (बेल्ट) ला लीस अऊ अपन हांथ-गोड़ ला बांधके कहिस, “पबितर आतमा ह कहत हवय कि जऊन मनखे के ए कमरपट्टा अय, ओला यरूसलेम म यहूदीमन अइसने बांधहीं अऊ ओला आनजातमन ला सऊंप दिहीं।”

12जब हमन ए बात ला सुनेन, त हमन अऊ उहां के मनखेमन पौलुस ले बिनती करेन कि ओह यरूसलेम झन जावय। 13तब पौलुस ह जबाब दीस, “तुमन काबर रोवत अऊ मोर हिरदय ला टोरत हवव? मेंह तो परभू यीसू के नांव खातिर यरूसलेम म न सिरिप बंदी बने बर, पर मरे बर घलो तियार हवंव।” 14जब हमन पौलुस ला मनाय नइं सकेंन, त कहेंन, “परभू के ईछा पूरा होवय।”

15कुछू दिन के बाद, हमन तियार होके यरूसलेम सहर चल देंन। 16कैसरिया के कुछू चेलामन घलो हमर संग गीन अऊ हमन ला मनासोन के घर ले गीन, जिहां हमन ला ठहरना रिहिस। मनासोन ह साइप्रस दीप के रहइया एक बहुंत पुराना चेला रिहिस।

पौलुस के यरूसलेम म अवई

17जब हमन यरूसलेम हबरेन, त भाईमन बड़े आनंद सहित हमर ले मिलिन। 18दूसर दिन पौलुस ह हमर संग याकूब ले मिले बर गीस, जिहां जम्मो अगुवामन जुरे रहंय। 19पौलुस ह ओमन ला जोहार करिस अऊ परमेसर ह ओकर सेवा के दुवारा जऊन कुछू काम आनजातमन के बीच म करे रिहिस, ओह एक-एक करके ओमन ला बताईस।

20जब ओमन ए सुनिन, त परमेसर के महिमा करिन। पर ओमन पौलुस ला कहिन, “तेंह देखत हवस, भाई! हजारों यहूदीमन बिसवास करे हवंय अऊ ओ जम्मो झन मूसा के कानून ला माने के धुन म हवंय। 21ओमन ला तोर बारे म, ए बताय गे हवय कि तेंह आनजातमन के बीच म रहइया जम्मो यहूदीमन ला मूसा के कानून ला नइं माने के सिकछा देथस। तेंह कहिथस कि अपन लड़कामन के खतना झन करावव या यहूदी रीति-रिवाज के मुताबिक झन चलव। 22ओमन ला जरूर पता चल जाही कि तेंह इहां आय हवस। अब हमन का करन? 23एकरसेति जऊन कुछू हमन तोला कहत हवन, वइसनेच कर। हमर संग चार झन मनखे हवंय जऊन मन एक मन्नत माने हवंय। 24ए मनखेमन ला ले जा अऊ ओमन के संग अपन ला घलो सुध कर अऊ ओमन के खरचा दे, ताकि ओमन अपन मुड़ मुड़वावंय21:24 सुध होय बर जऊन बलिदान चघाय गीस, ओ खरचा के भार पौलुस उठाईस।। तब जम्मो झन जान जाहीं कि जऊन बात तोर बारे म बताय गे हवय, ओह सच नो हय, अऊ तेंह खुद मूसा के कानून के पालन करथस। 25आनजात बिसवासीमन बर हमन ए फैसला करके लिख भेजे हवन कि ओमन मूरती के आघू म बलि चघाय खाना, लहू, गला घोंटके मारे पसु के मांस ले अऊ छिनारी काम ले दूरिहा रहंय।” 26दूसर दिन पौलुस ह ओ मनखेमन ला लीस अऊ ओमन के संग अपन-आप ला घलो सुध करिस। तब ओह मंदिर म गीस अऊ उहां बताईस कि सुध होय के दिन ह कब पूरा होही अऊ ओमन म के हर एक खातिर दान चघाय जाही।

पौलुस के गिरफतारी

27जब सात दिन पूरा होवइया रिहिस, तब एसिया प्रदेस के कुछू यहूदीमन पौलुस ला मंदिर म देखिन। ओमन जम्मो मनखेमन ला भड़काके पौलुस ला पकड़ लीन, 28अऊ चिचियाके ए कहे लगिन, “हे इसरायल के मनखेमन हो, हमर मदद करव। एह ओही मनखे ए, जऊन ह हर जगह जम्मो मनखेमन ला हमर यहूदी जात, हमर कानून अऊ ए मंदिर के बिरोध म सिखोथे। इहां तक कि ओह यूनानीमन ला मंदिर के भीतर लानके, ए पबितर जगह ला असुध कर दे हवय।” 29ओमन एकर पहिली इफिसुस के रहइया त्रुफिमुस ला पौलुस के संग सहर म देखे रिहिन। एकरसेति ओमन ए समझिन कि पौलुस ह ओला मंदिर म लाने हवय।

30तब जम्मो सहर म खलबली मच गीस। मनखेमन जम्मो कोति ले दऊड़के आईन अऊ पौलुस ला पकड़ लीन, अऊ ओला घसीटत मंदिर के बाहिर ले गीन अऊ तुरते कपाटमन ला बंद कर दीन। 31जब ओमन ओला मार डारे के कोसिस करत रिहिन, तभे रोमी सेनापति ला ए संदेस मिलिस कि जम्मो यरूसलेम सहर म खलबली मच गे हवय। 32तब ओह तुरते कुछू अधिकारी अऊ सैनिक मन ला लीस अऊ दऊड़के भीड़ करा खाल्‍हे आईस। जब मनखेमन सेनापति अऊ ओकर सैनिकमन ला देखिन, त ओमन पौलुस ला मारे-पीटे ला छोंड़ दीन।

33तब सेनापति ह लकठा म आके पौलुस ला बंदी बना लीस अऊ ओला दू ठन संकली म बांधे के हुकूम दीस अऊ ए पुछिस, “एह कोन ए अऊ एह का करे हवय?” 34भीड़ म कोनो कुछू, त कोनो अऊ कुछू चिचियावन लगिन, अऊ जब हो-हल्‍ला के मारे सेनापति ह सच बात ला नइं जान सकिस, त ओह पौलुस ला किला (गढ़) म ले जाय के हुकूम दीस। 35जब पौलुस ह किला के सीढ़ी करा हबरिस, त भीड़ के उपद्रव के कारन सैनिकमन ओला उठाके ले गीन। 36भीड़ के जऊन मनखेमन ओकर पाछू-पाछू आवत रिहिन, ओमन चिचिया-चिचियाके ए कहत रहंय, “एला मार डारव।”

पौलुस के अपन बचाव म बयान

37जब सैनिकमन पौलुस ला किला के छावनी म ले जवइया रिहिन, त ओह सेनापति ले पुछिस, “का मोला कुछू कहे बर हुकूम मिलही?”

सेनापति ह कहिस, “का तेंह यूनानी भासा जानथस? 38का तेंह मिसर के रहइया ओ मनखे नो हस, जऊन ह कुछू समय पहिली बिदरोह करके चार हजार उग्रवादीमन ला निरजन प्रदेस म ले गे रिहिस?”

39पौलुस ह कहिस, “मेंह एक यहूदी अंव अऊ किलिकिया के नामी सहर तरसुस के निवासी अंव। मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला मनखेमन ले बात करन दे।”

40सेनापति ले हुकूम पाके, पौलुस ह सीढ़ी के ऊपर ठाढ़ होईस अऊ भीड़ ला अपन हांथ ले इसारा करिस। जब ओमन चुप हो गीन, त पौलुस ह ओमन ला इबरानी भासा म कहे लगिस।