使徒行傳 15 – CCBT & NCA

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

使徒行傳 15:1-41

耶路撒冷會議

1有幾個從猶太下來的人教導弟兄們說:「你們若不照著摩西的規條接受割禮,就不能得救。」 2保羅巴拿巴為這件事與他們激烈地辯論,最後大家決定派保羅巴拿巴和幾個當地的信徒上耶路撒冷去跟使徒和長老討論這件事。

3於是教會為他們送行。他們經過腓尼基撒瑪利亞,沿途報告外族人悔改信主的消息,弟兄姊妹都大受鼓舞。 4他們到了耶路撒冷,受到教會、使徒和長老的接待,並詳述了上帝藉他們所做的一切事。 5有幾個信了主的法利賽人站起來說:「外族的信徒必須接受割禮,而且還要遵守摩西的律法。」

6使徒和長老們聚集商議這個問題。 7經過許多辯論之後,彼得站起來對大家說:「弟兄們,你們都知道,上帝早已在你們當中揀選我去向外族人傳道,讓他們也可以聽到福音並信主。 8洞悉人心的上帝把聖靈賜給他們,正如賜給我們一樣,以表明祂也接納外族人。 9上帝對他們和我們一視同仁,祂因他們的信心而潔淨了他們的心靈。 10現在你們為什麼要試探上帝,把我們祖先和我們不能負的重擔強加在這些門徒身上? 11我們相信,他們和我們一樣都是靠主耶穌的恩典得救。」

12眾人都沉默不語,繼續聽巴拿巴保羅敘述上帝藉著他們在外族人中所行的神蹟奇事。 13他們報告完了,雅各站起來說:「弟兄們,請聽我說。 14剛才西門講述了上帝當初如何眷顧外族人,從他們當中揀選人歸在祂的名下。 15這完全與眾先知的話相符,正如聖經上說,

16『此後,我要回來重建已傾覆的大衛王朝,

將它從廢墟中重建、恢復,

17好叫其餘的百姓,

就是凡歸在我名下的外族人都尋求主。』

這是上帝說的, 18祂從亙古就顯明了這事。

19「所以,我認為不應該為難那些信上帝的外族人。 20我們只須寫信吩咐他們遠避被偶像玷污之物,不可淫亂,不可吃血和勒死的牲畜。 21因為自古以來,在各城都有人宣講摩西的律法,每逢安息日,都有人在會堂裡誦讀。」

給外族信徒的信

22最後,使徒、長老和全教會都決定從他們當中選派代表,隨保羅巴拿巴安提阿。他們選了別號巴撒巴猶大西拉,這兩位都是教會的領袖。 23他們帶去的書信這樣說:「安提阿敘利亞基利迦的外族弟兄姊妹,你們的弟兄——眾使徒和長老向你們問安!

24「聽說有幾個人從我們這裡去了你們那裡,教導你們必須接受割禮並遵守摩西的律法15·24 有古卷無「教導你們必須接受割禮並遵守摩西的律法。」。他們的言論使你們大感困惑。其實我們從來沒有授權他們這樣做。 25所以我們一致決定選派代表,隨我們敬愛的巴拿巴保羅去你們那裡。 26他們二人為我們主耶穌基督的緣故已將生死置之度外。 27我們選派猶大西拉兩位代表跟他們一起去,向你們報告我們的決定。 28因為聖靈和我們都認為不應把重擔加在你們身上。但請務必注意以下幾件事, 29要遠避祭拜偶像的事,不可吃血,不可吃勒死的牲畜,不可淫亂。你們一一遵守這些事就好了。祝平安!」

30他們奉命下到安提阿,召集眾人,交付書信。 31眾人讀過這封信之後,都因信中勸勉的話而歡喜。 32猶大西拉也是先知,他們講了許多勉勵、堅立弟兄姊妹的話。 33住了些日子後,安提阿的弟兄姊妹以平安的祝福為他們送行,讓他們回耶路撒冷覆命。 34西拉決定留在那裡。15·34 有古卷無「但西拉決定留在那裡。」 35保羅巴拿巴則繼續留在安提阿,與許多人一起教導、傳揚上帝的道。

保羅與巴拿巴分手

36過了一些日子,保羅巴拿巴說:「我們回到曾傳過福音的各城鎮去探望弟兄姊妹吧,好知道他們的情況。」 37巴拿巴想要帶約翰·馬可同去, 38保羅堅持不帶他同行,因為他在旁非利亞離開了他們,沒有和他們一起做工。

39二人激烈地爭執起來,僵持不下,只好分道揚鑣。巴拿巴約翰·馬可一同乘船去塞浦路斯40保羅則選了西拉同行,弟兄姊妹把他們交託在主的恩典中。 41保羅走遍了敘利亞基利迦,鞏固當地的各教會。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

प्रेरितमन के काम 15:1-41

यरूसलेम म सभा

1कुछू मनखेमन यहूदिया ले अंताकिया म आईन अऊ ओमन भाईमन ला ए सिखोय लगिन, “यदि मूसा के सिखोय रीति के मुताबिक तुम्‍हर खतना नइं होय हवय, त तुम्‍हर उद्धार नइं हो सकय।” 2एकर बारे म पौलुस अऊ बरनबास के, ओमन के संग बहुंत झगरा अऊ बाद-बिवाद होईस। एकरसेति ए ठहराय गीस कि पौलुस अऊ बरनबास कुछू अऊ बिसवासीमन के संग, ए बिसय के बारे म चरचा करे बर प्रेरित अऊ अगुवामन करा यरूसलेम जावंय। 3कलीसिया के मनखेमन ओमन ला यरूसलेम पठोईन। ओमन फीनीके अऊ सामरिया होवत गीन, अऊ ओमन ए बतावत गीन कि कइसने आनजातमन परमेसर कोति लहुंटिन। ए बात ला सुनके जम्मो भाईमन बहुंत खुस होईन। 4जब ओमन यरूसलेम हबरिन; त कलीसिया, प्रेरित अऊ अगुवामन ओमन के सुवागत करिन। ओमन कलीसिया, प्रेरित अऊ अगुवामन ला बताईन कि परमेसर ह कइसने ओमन के दुवारा बड़े-बड़े काम करे हवय।

5तब फरीसीमन के दल ले जऊन मन बिसवास करे रिहिन, ओम ले कुछू झन उठके कहिन, “आनजातमन बर खतना करवाना अऊ मूसा के कानून ला मानना जरूरी ए।”

6तब प्रेरित अऊ अगुवामन ए बिसय के बारे म बिचार करे बर जुरिन। 7बहुंत बिचार करे के बाद, पतरस ह ठाढ़ होके कहिस, “हे भाईमन हो! तुमन जानत हव कि कुछू समय पहिली परमेसर ह तुमन ले मोला चुनिस ताकि मोर मुहूं ले आनजातमन सुघर संदेस सुनय अऊ बिसवास करंय। 8परमेसर ह मनखे के मन के बिचार ला जानथे अऊ ओह हमन ला देखाईस कि ओह आनजातमन ला घलो हमर सहीं पबितर आतमा देके गरहन करे हवय। 9ओह बिसवास के दुवारा ओमन के हिरदय ला सुध करके, हमन अऊ ओमन के बीच म कुछू फरक नइं करिस। 10अब तुमन काबर परमेसर ला परखे के कोसिस करत हवव? तुमन चेलामन के खांधा म अइसने जुआंड़ी रखत हवव, जऊन ला न तो हमन अऊ न ही हमर पुरखामन उठा सकिन। 11हमन बिसवास करथन कि हमर परभू यीसू के अनुग्रह के दुवारा हमन उद्धार पाय हवन, वइसने ओमन घलो उद्धार पाय हवंय।”

12एकर बाद, जम्मो सभा के मनखेमन चुपेचाप बरनबास अऊ पौलुस के बात ला सुने लगिन कि परमेसर ह कइसने ओमन के दुवारा आनजातमन के बीच म चमतकार के चिन्‍हां अऊ अचरज के काम करिस। 13जब ओमन अपन बात खतम कर लीन, त याकूब ह कहिस, “हे भाईमन, मोर बात ला सुनव। 14सिमोन ह हमन ला बताईस कि कइसने परमेसर ह पहिली-पहल आनजातमन ऊपर दया करिस कि ओम ले मनखेमन के एक दल ला अपन बर ले लीस। 15ए बात ह अगमजानीमन के बचन के मुताबिक होईस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:

16‘एकर बाद मेंह वापिस आहूं,

अऊ दाऊद के गिरे घर ला फेर बनाहूं,

ओकर खंडहरमन ला,

मेंह फेर बनाहूं, अऊ मेंह ओला ठाढ़ करहूं।

17ताकि बांचे मनखेमन

अऊ जम्मो आनजात जऊन मन मोर नांव के कहे जाथें, परभू ला खोजंय।

18एला ओही परभू कहत हवय,

जऊन ह संसार ला रचे के समय ले ए बातमन ला बतावत आय हवय।’

19एकरसेति मोर ए बिचार ए कि आनजात म ले जऊन मनखेमन परमेसर कोति लहुंटत हवंय, हमन ओमन ऊपर कानून के बोझ ला डारके ओमन ला दुःख झन देवन। 20बल्कि हमन ओमन ला लिखके पठोवन कि ओमन मूरतीमन ला चघाय खाय के चीज, छिनारी काम, गला घोंटके मारे पसु के मांस अऊ खून ले दूरिहा रहंय। 21काबरकि बहुंत पहिली ले हर एक सहर म मूसा के कानून के परचार होवत आवत हवय अऊ एला हर बिसराम दिन सभा के घर म पढ़े जाथे।”

आनजात बिसवासीमन ला सभा के चिट्ठी

22तब प्रेरित अऊ अगुवामन जम्मो कलीसिया के संग फैसला करिन कि अपन म ले कुछू मनखे ला चुनंय अऊ ओमन ला पौलुस अऊ बरनबास के संग अंताकिया पठोवंय। ओमन यहूदा जऊन ला बरसबा कहे जाथे अऊ सीलास ला चुनिन। ए दूनों झन भाईमन म मुखिया रिहिन। 23ओमन के हांथ म ए चिट्ठी पठोईन:

“अंताकिया सहर अऊ सीरिया अऊ किलिकिया प्रदेस के रहइया आनजात बिसवासी भाईमन ला,

हम प्रेरित अऊ अगुवामन ले जऊन मन कि तुम्‍हर भाई अन,

जोहार मिलय।

24हमन सुने हवन कि हमन ले कुछू झन उहां जाके तुम्‍हर हिरदय ला बिचलित करके तुमन ला दुबिधा म डार दे हवंय। पर हमन ओमन ला ए हुकूम नइं देय रहेंन। 25एकरसेति हमन एक मन होके ए ठीक समझेंन कि कुछू मनखेमन ला चुनके अपन मयारू भाई बरनबास अऊ पौलुस के संग तुम्‍हर करा पठोवन। 26एमन अइसने मनखे अंय, जऊन मन हमर परभू यीसू मसीह खातिर अपन जिनगी ला जोखिम म डारे हवंय। 27एकरसेति हमन यहूदा अऊ सीलास ला पठोय हवन, जऊन मन अपन मुहूं ले घलो हमर लिखे बात ला बताहीं। 28पबितर आतमा अऊ हमन ला ए ठीक लगिस कि ए जरूरी बातमन ला छोंड़के अऊ कुछू बोझा तुम्‍हर ऊपर झन लादे जावय: 29तुमन मूरती म चघाय खाय के चीज ले, लहू ले, गला घोंटके मारे पसु के मांस ले अऊ छिनारी काम ले दूरिहा रहव। एमन ले बांचे रहे म तुम्‍हर भलई हवय।

खुसी रहव।”

30तब पठोय गे मनखेमन बिदा होके अंताकिया म गीन, जिहां ओमन कलीसिया के सभा बलाके ओमन ला ओ चिट्ठी दीन। 31मनखेमन चिट्ठी ला पढ़िन अऊ ओम लिखे उत्साह देवइया संदेस ला सुनके खुस होईन। 32यहूदा अऊ सीलास जऊन मन खुद अगमजानी रिहिन, ओमन घलो कतको बात कहिके भाईमन ला उत्साहित अऊ मजबूत करिन। 33ओमन उहां कुछू दिन बिताके भाईमन ले सांति के संग बिदा होईन, अऊ अपन पठोइयामन करा वापिस लहुंट गीन। 34(पर सीलास ह उहां रूके के फैसला करिस)। 35पौलुस अऊ बरनबास अंताकिया म रूक गीन, जिहां ओमन अऊ कतको आने मन परभू के बचन ला सिखोईन अऊ परचार करिन।

पौलुस अऊ बरनबास म मतभेद

36कुछू दिन के बाद पौलुस ह बरनबास ला कहिस, “आ, जऊन-जऊन सहर म हमन परभू के बचन सुनाय रहेंन, हमन फेर उहां चलके अपन भाईमन ला देखन कि ओमन कइसने हवंय।” 37बरनबास ह यूहन्ना ला जऊन ह मरकुस कहाथे, अपन संग म ले गे बर चाहिस, 38पर पौलुस ह यूहन्ना ला अपन संग ले जाना ठीक नइं समझिस, काबरकि ओह पंफूलिया म ओमन ला छोंड़ दे रिहिस अऊ ओमन के संग काम म नइं गे रिहिस। 39एकर बारे म ओमन म अतेक मतभेद हो गीस कि ओमन एक-दूसर ले अलग हो गीन। बरनबास ह मरकुस (यूहन्ना) ला लेके पानी जहाज म साइप्रस चल दीस। 40पर पौलुस ह सीलास ला अपन संग ले बर चुनिस अऊ भाईमन परभू के अनुग्रह म ओमन ला सऊंपिन। 41ओह कलीसियामन ला मजबूत करत सीरिया अऊ किलिकिया होवत गीस।