以西結書 24 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

以西結書 24:1-27

鏽鍋的比喻

1第九年十月十日,耶和華對我說: 2「人子啊,今天是巴比倫王圍攻耶路撒冷的日子,你要記下這日子。 3你要向叛逆的以色列人說比喻,告訴他們,主耶和華這樣說,

『把鍋放在火上,

裡面倒進水,

4把羊腿、羊肩等上好的肉塊放進鍋裡,

讓鍋裡盛滿精選的骨頭。

5要從羊群中選一頭上好的羊,

把柴堆在鍋下,

燒開鍋煮裡面的骨頭。』」

6主耶和華說:「這像鏽鍋一樣充滿血腥的城有禍了!要把肉從這鏽跡斑斑的鍋中一塊塊地取出來。 7這城沾滿血腥,任憑受害者的血流在光禿禿的磐石上,而不是流在地上用土掩蓋。 8我任憑這城把受害者的血灑在磐石上,不加掩蓋,好激起我的烈怒,使她受報應。 9所以主耶和華說,『血腥的城啊,你有禍了!我要預備大堆木柴, 10添在火上,燃起旺火,把肉煮爛,加入香料,燒焦骨頭。 11然後,把倒空的鍋放在炭火上燒熱,把銅燒紅,好熔化它的雜質,除淨鏽垢, 12卻徒勞無功,因為鏽垢太厚,就是用火也不能清除。 13耶路撒冷啊,淫蕩使你污穢不堪,我要潔淨你,你卻不願被潔淨。所以,除非我向你傾盡一切憤怒,否則你的污穢將不能清除。 14我耶和華言出必行,決不寬容,也不留情,我必照你的所作所為來審判你。』這是主耶和華說的。」

15耶和華對我說: 16「人子啊,我要突然奪去你心愛的人,你不可悲傷,也不可流淚哭泣。 17你要默然哀歎,不可為死人辦喪事,仍要纏著頭巾,穿著鞋,不可蒙著臉,也不可吃喪家吃的飯。」 18早晨我把這事告訴百姓,晚上我的妻子便死了。次日早晨,我便遵照耶和華的吩咐行。

19百姓問我:「你可以告訴我們,你這樣做跟我們有什麼關係嗎?」 20我告訴他們:「耶和華對我說, 21『你告訴以色列人,我要使我的聖所,就是你們引以為傲、眼中所愛、心裡所慕的受到褻瀆。你們留下的兒女必死於刀下。 22那時,你們將像我的僕人一樣不蒙臉,不吃喪家吃的飯。 23你們仍將裹著頭巾,穿著鞋,不哭泣,也不悲傷。你們必因自己的罪惡而默然歎息,逐漸滅亡。 24以西結做的事都是你們的預兆,你們也將做他做的。當這事發生時,你們就知道我是主耶和華了。』

25「人子啊,有一天我要奪去他們所喜悅、所誇耀、眼中所愛、心裡所慕的堡壘,也要奪去他們的兒女。 26那日,倖存的人必來告訴你這個消息。 27那時,你必開口向那人說話,不再沉默。你必成為他們的預兆,他們就知道我是耶和華。」

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 24:1-27

येरूशलेम एक पकाने के बर्तन के रूप में

1नवें वर्ष के, दसवें माह के दसवें दिन, याहवेह का वचन मेरे पास आया: 2“हे मनुष्य के पुत्र, आज के दिन को लिख लो, आज ही के दिन, क्योंकि बाबेल के राजा ने आज ही के दिन येरूशलेम की घेराबंदी की है. 3इन विद्रोही लोगों को एक दृष्टांत सुनाओ और उनसे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:

“ ‘पकाने के बर्तन को चूल्हे पर रखो, चूल्हे पर रखो

और उसमें पानी डालो.

4तब उसमें मांस के टुकड़े डाल दो,

सब अच्छे टुकड़े—जांघ और कंधा.

इन उत्तम हड्डियों से उसे भर दो;

5झुंड के सबसे अच्छे पशु को लो.

तब हड्डियों के लिये बर्तन के नीचे लकड़ियां डालो;

उसे अच्छे से उबालो

और उसमें हड्डियों को पकाओ.

6क्योंकि परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:

“ ‘धिक्कार है रक्तपात करनेवाले शहर पर,

धिक्कार है उस बर्तन पर, जिसमें जंग लगा है,

जिसमें का जंग नहीं जाता है!

उसमें से मांस को एक-एक टुकड़ा करके निकालो

जो भी क्रम में ये टुकड़े आते हैं उन्हें निकालो.

7“ ‘क्योंकि उस शहर ने जो रक्तपात किया है, वह अपने ही बीच किया है:

उसने खून को खाली चट्टान पर उंडेल दिया है;

उसने खून को भूमि पर नहीं उंडेला,

जहां धूल उसे ढांप ले.

8कोप को भड़काने और बदला लेने के लिये

मैंने उसके खून को खाली चट्टान पर डाला है,

ताकि उसे ढांपा न जाय.

9इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:

“ ‘धिक्कार है रक्तपात करनेवाले शहर पर!

मैं, भी लकड़ी का ऊंचा ढेर लगाऊंगा.

10लकड़ी का ढेर लगाओ

और उसमें आग लगाओ.

मांस को मसाले में मिलाकर

उसे अच्छी तरह पकाओ;

हड्डियों को हल्का सा जलने दो.

11तब खाली बर्तन को आग पर रखो

जब तक कि यह गर्म होकर इसका तांबा लाल न हो जाए,

ताकि इसकी अशुद्धता पिघल जाए

और उसमें लगा जंग जल जाए.

12इसने सारे परिश्रम को बेकार किया है;

इसमें लगा भारी जंग नहीं निकला है,

और तो और आग से भी नहीं निकला.

13“ ‘तुम्हारी अशुद्धता काम-वासना है. क्योंकि मैंने तुम्हें साफ करने की कोशिश की, पर तुम अपनी अशुद्धता से साफ नहीं होते, अब तुम फिर तब तक साफ किए न जाओगे, जब तक कि मेरा कोप तुम्हारे विरुद्ध शांत न हो जाए.

14“ ‘मैं, याहवेह ने कहा है. मेरे लिये काम करने का समय आ गया है. मैं नहीं छोड़ूंगा; मैं दया नहीं करूंगा, न ही नरम होऊंगा. तुम्हारे चालचलन और तुम्हारे कार्यों के अनुसार तुम्हारा न्याय होगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’ ”

यहेजकेल की पत्नी का निधन

15याहवेह का वचन मेरे पास आया: 16“हे मनुष्य के पुत्र, मैं एक ही प्रहार में तुमसे तुम्हारे आंखों की खुशी छीनने ही वाला हूं. तौभी तुम शोकित न हो, न ही रोओ और न ही आंसू बहाओ. 17चुपचाप कराहो; मरे हुओं के लिये शोकित न हो. अपनी पगड़ी बांधे रहना और अपनी जूती पहने रहना; अपनी दाढ़ी और मूंछ को न ढांकना या शोक करनेवालों की प्रथा अनुसार होनेवाला भोजन न करना.”

18इसलिये सुबह मैं लोगों से बात किया, और शाम को मेरी पत्नी मर गई. उसके अगले सुबह मैंने वैसा ही किया, जैसा मुझे आदेश दिया गया था.

19तब लोग मुझसे पूछने लगे, “क्या तुम हमें नहीं बताओगे कि इन चीज़ों का हमसे क्या लेना देना है? तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?”

20इसलिये मैंने उनसे कहा, “याहवेह का वचन मेरे पास आया: 21इस्राएल के लोगों से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं अपने पवित्र स्थान को अपवित्र करने ही वाला हूं—वह दृढ़ गढ़, जिस पर घमंड करते हो, तुम्हारे आंखों की खुशी, तुम्हारे स्नेह का पात्र. तुम्हारे बेटे और बेटियां, जो तुम्हारे पीछे रह जाएंगे, वे तलवार से मारे जाएंगे. 22और तुम वैसा ही करोगे, जैसा मैंने किया है. तुम अपने दाढ़ी और मूंछ को नहीं ढंकोगे या शोक करनेवालों की प्रथा अनुसार होनेवाला भोजन नहीं खाओगे. 23तुम अपने सिर पर अपनी पगड़ी रखोगे और अपने पांवों में अपनी जूतियां पहनोगे. तुम न तो शोक मनाओगे और न ही रोओगे पर अपने पापों और अपने ही बीच कराहने के कारण, तुम बरबाद हो जाओगे. 24यहेजकेल तुम्हारे लिए एक चिन्ह ठहरेगा; तुम वैसा ही करोगे, जैसा कि उसने किया है. जब ये बातें होंगी, तब तुम जानोगे कि मैं परम प्रधान याहवेह हूं.’

25“और हे मनुष्य के पुत्र, जिस दिन मैं उनके दृढ़ गढ़, उनका आनंद और महिमा, उनके आंखों की खुशी, उनके हृदय की इच्छा, और साथ ही साथ उनके बेटे और बेटियों को छीन लूंगा— 26उसी दिन बचकर भाग निकलने वाला एक व्यक्ति आकर तुम्हें वह समाचार देगा. 27उस समय तुम्हारा मुंह खुलेगा; तुम उस व्यक्ति से बात करोगे और फिर चुप न रहोगे. इस प्रकार तुम उनके लिये एक चिन्ह ठहरोगे, और वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.”