马可福音 14 – CCB & NCA

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

马可福音 14:1-72

谋害耶稣

1再过两天就是逾越节和除酵节,祭司长和律法教师正暗暗地找机会拘捕、杀害耶稣。

2他们说:“我们不能在节期那天下手,以免在百姓中引起骚乱。”

耶稣受膏

3耶稣在伯大尼村患过麻风病的西门家里吃饭,有个女人带了一瓶极贵重的纯哪哒香膏进来,把玉瓶打破,将香膏倒在耶稣头上。 4有些人生气地彼此议论说:“为什么这样浪费? 5这瓶香膏可以卖三百多个银币14:5 三百多个银币”相当于当时人们一年的工钱。来周济穷人。”他们就责备那女人。

6耶稣说:“随她吧!何必为难她呢?她在我身上做的是一件美事。 7因为你们身边总会有穷人,你们随时都可以帮助他们,可是你们身边不会总有我。 8她做了自己能做的。她是为我的安葬做准备,提前用香膏抹了我的身体。 9我实在告诉你们,无论福音传到世界哪个角落,人们都会传扬这女人的事迹,纪念她。”

犹大出卖耶稣

10十二门徒当中的加略犹大去见祭司长,要把耶稣出卖给他们。 11他们听了喜出望外,答应给他酬金。于是犹大伺机出卖耶稣。

最后的晚餐

12除酵节的第一天,就是宰杀逾越节羔羊的那天,门徒问耶稣:“我们该到什么地方为你准备逾越节的晚餐呢?”

13耶稣就派了两个门徒,并嘱咐他们:“你们进城会看到一个人带着一瓶水迎面而来,你们就跟着他。 14他进哪一家,你们也跟着进去,对那家的主人说,‘我们的老师问你,祂的客房在哪里,祂要和门徒在里面吃逾越节的晚餐。’ 15主人会带你们到楼上一间布置整齐的大房间,你们就在那里准备吧。”

16两个门徒出去,进了城,所遇见的果然和耶稣所说的一样。他们预备了逾越节的晚餐。

17傍晚时分,耶稣带着十二门徒来了。 18用餐的时候,耶稣说:“我实在告诉你们,你们中间有一个人要出卖我,他现在正和我同桌吃饭。”

19他们听了都感到不安,一个一个地问耶稣:“不是我吧?” 20耶稣说:“是你们十二个人中的一个,他现在正和我一起在盘子里蘸饼吃。 21人子一定会受害,正如圣经的记载,但出卖人子的人有祸了,他还不如不生在这世上!”

22他们吃的时候,耶稣拿起饼来,祝谢后,便掰开,分给门徒,说:“拿去吃吧!这是我的身体。” 23接着又拿起杯来,祝谢后,递给他们,他们都喝了。 24耶稣说:“这是我为万人所流的立约之血。 25我实在告诉你们,从今天起,一直到我在上帝的国喝新酒的那天之前,我不会再喝这葡萄酒。”

26他们唱完诗歌,就出门去了橄榄山。

预言彼得不认主

27耶稣对他们说:“你们都要背弃我,因为圣经上说,

“‘我要击打牧人,

羊群将四散。’

28但我复活后,要先你们一步去加利利。”

29彼得说:“即使所有人都背弃你,我也决不会背弃你!”

30耶稣说:“我实在告诉你,就在今天晚上鸡叫两次以前,你会三次不认我。”

31彼得郑重地说:“就算要我跟你一起死,我也不会不认你。”其他门徒也都这样说。

客西马尼园的祷告

32他们到了客西马尼园,耶稣对门徒说:“你们坐在这里,我要去祷告。”

33于是耶稣带着彼得雅各约翰向前走。祂觉得极其难过,非常伤痛, 34说:“我心里非常忧伤,几乎要死,你们留在这里警醒。” 35耶稣往前走了不远,俯伏在地祷告,如果可以,不要让那时刻临到祂。

36祂说:“阿爸,父啊,你无所不能,求你撤去此杯。然而,愿你的旨意成就,而非我的意愿。”

37祂回来,见他们都睡着了,就对彼得说:“西门,你在睡觉吗?你不能警醒一时吗? 38你们要警醒祷告,免得陷入诱惑。你们的心灵虽然愿意,肉体却很软弱。”

39耶稣又去祷告,所祈求的跟上次一样。 40祂回来时见他们又睡着了,因为他们困得眼皮发沉,也不知道对祂说什么。 41祂第三次祷告回来后,对他们说:“你们还在睡觉休息吗?够了,时候到了,看啊,人子要被出卖、交在罪人的手里了。 42起来,我们走吧。看啊,出卖我的人已经来了!”

耶稣被捕

43耶稣还在说话的时候,十二门徒之一的犹大已带了一群人拿着刀棍迎面而来。他们奉了祭司长、律法教师和长老之命来捉拿耶稣。 44出卖耶稣的犹大预先和他们定了暗号,说:“我亲吻谁,谁就是耶稣,你们把祂抓起来,小心押走。”

45犹大随即走到耶稣跟前说:“老师。”然后就亲吻耶稣。 46其他人就下手捉拿耶稣。 47站在旁边的一个门徒拔出刀朝大祭司的奴仆砍去,削掉了他一只耳朵。

48耶稣问那群人:“你们像对付强盗一样拿着刀棍来抓我吗? 49我天天和你们在一起,在圣殿里教导人,你们没有来抓我。你们现在这样做是要应验圣经的话。”

50那时,门徒都撇下耶稣,各自逃命去了。 51只有一个身上披着一块麻布的青年跟着耶稣。他们上去捉他, 52他丢了那块麻布,赤身逃走了。

大祭司审问耶稣

53他们把耶稣押到大祭司那里,众祭司长、长老和律法教师都来了。 54那时彼得远远地跟着耶稣,一直来到大祭司的院子,与卫兵们坐在一起烤火。 55祭司长和全公会的人正在寻找证据控告耶稣,要定祂死罪,只是找不到。 56不少人作伪证控告祂,他们的证词却不一致。 57后来,有几个人站起来作伪证说: 58“我们听见祂说,‘我要拆毁这座人手建造的圣殿,三天内不靠人力另造一座。’” 59即使这样,他们的证词也不一致。

60最后,大祭司在众人面前站起来质问耶稣:“你不回答吗?这些人作证控告你的是什么呢?”

61耶稣还是沉默不语,什么也不答。大祭司又问祂:“你是那当受称颂者的儿子基督吗?” 62耶稣说:“我是!将来你们要看见人子坐在全能上帝的右边,驾着天上的云降临。”

63大祭司便撕裂衣服,说:“我们还需要什么证人呢? 64你们听见祂说亵渎的话了,你们看怎么办?”他们都判祂死罪。

65有几个人向祂吐唾沫,蒙上祂的眼睛,挥拳打祂,嘲笑祂说:“你说预言吧!”卫兵押祂下去时,也打祂。

彼得三次不认耶稣

66那时,彼得仍在院子里,大祭司的一个婢女走过来, 67彼得在烤火,打量了他一番,说:“你也是那个拿撒勒人耶稣的同伙。”

68“我不知道也不明白你在说什么!”彼得一边否认,一边躲到外院去。那时,鸡叫了。

69一会儿,那婢女又看见彼得,就对旁边的人说:“他是跟他们一伙的!” 70彼得又加以否认。

再过了一会儿,旁观的人也指着彼得说:“你一定是跟他们一伙的,因为你也是加利利人!”

71彼得又赌咒又发誓,说:“我根本不认识你们说的这个人。” 72就在这时候,鸡又叫了。彼得突然想起耶稣曾对他说:“在鸡叫两次以前,你会三次不认我”,忍不住痛哭起来。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

मरकुस 14:1-72

यीसू के बिरोध म सडयंत्र

(मत्ती 26:1-5; लूका 22:1-2; यूहन्ना 11:45-53)

1दू दिन के पाछू, फसह अऊ बिगर खमीर के रोटी के तिहार होवइया रिहिस। अऊ ओ समय मुखिया पुरोहित अऊ नियम के सिखोइया मन ए ताक म रिहिन कि यीसू ला कइसने चुपेचाप पकड़के मार डारंय। 2पर ओमन कहिन, “तिहार के बखत म अइसने नइं करन। कहूं अइसने झन होवय कि मनखेमन म हुड़दंग हो जावय।”

3ओ समय म, जब यीसू बैतनियाह म सिमोन कोढ़ी के घर म खाना खावत रिहिस, तब एक झन माईलोगन ह संगमरमर के पथरा के चुकिया म जटामासी के अब्‍बड़ महंगा इतर तेल लेके आईस, अऊ ओह चुकिया ला फोरके इतर ला यीसू के मुड़ ऊपर रितोईस।

4उहां कुछू मनखेमन खिसियाके एक-दूसर ला कहन लगिन, “ए इतर ला काबर बरबाद कर दीस? 5एला बेंचे रहे ले तीन सौ दिन के बनी ले घलो जादा पईसा मिले रहितिस, जऊन ला गरीबमन म बांटे जा सकत रिहिस।” अऊ ओमन ओकर ऊपर अब्‍बड़ खिसियाईन।

6यीसू ह कहिस, “ओला छोंड़ दव। ओला काबर सतावत हवव? ओह तो मोर संग सुघर बुता करे हवय। 7गरीबमन तुम्‍हर संग हमेसा रहिहीं अऊ तुमन जब चाहव, तब ओमन के मदद कर सकत हव, पर मेंह तुम्‍हर संग हमेसा नइं रहंव। 8जऊन कुछू ओह कर सकत रिहिस, ओह करिस। मोर गड़ियाय जाय के तियारी म ओह आघू ले मोर देहें ऊपर इतर लगाय हवय। 9मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जम्मो संसार म जिहां-जिहां मोर सुघर संदेस के परचार करे जाही, उहां ओकर ए काम के चरचा घलो ओकर सुरता म करे जाही।”

10तब यहूदा इस्करियोती जऊन ह बारहों चेलामन ले एक झन रिहिस, मुखिया पुरोहितमन करा गीस कि ओह यीसू ला ओमन के हांथ म पकड़वा देवय। 11ओमन ए सुनके बहुंत खुस होईन, अऊ ओला रूपिया दे बर राजी होईन। एकरसेति ओह यीसू ला पकड़वाय बर मऊका खोजन लगिस।

यीसू ह अपन चेलामन संग फसह के भोज खाथे

(मत्ती 26:17-25; लूका 22:7-14, 21-23; यूहन्ना 13:21-30)

12बिन खमीर के रोटी के तिहार के पहिली दिन, ए रिवाज रिहिस कि फसह के मेढ़ा-पीला के बलिदान करे जावय; त यीसू के चेलामन ओकर ले पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन जाके तोर बर फसह के भोज खाय के तियारी करन?”

13ओह अपन चेलामन ले दू झन ला, ए कहिके पठोईस, “सहर म जावव अऊ एक मनखे पानी के मटकी बोहे तुमन ला मिलही। ओकर पाछू-पाछू जावव। 14ओह जऊन घर म जाही, ओ घर के मालिक ला कहव, ‘गुरू ह पुछत हवय कि ओकर पहुना कमरा कहां हवय, जिहां ओह अपन चेलामन संग फसह के भोज खा सकय।’ 15ओह तुमन ला अटारी म सजे-सजाय अऊ तियार एक ठन बड़े कमरा देखाही। उहां हमर भोज खातिर तियारी करव।”

16तब चेलामन सहर म गीन अऊ जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, वइसनेच पाईन अऊ ओमन फसह के भोज तियार करिन।

17जब सांझ होईस, त यीसू ह बारहों चेलामन संग आईस। 18जब ओमन बईठके खावत रिहिन, त यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव – तुमन ले एक झन जऊन ह मोर संग खाना खावत हवय, मोला पकड़वाही।”

19चेलामन उदास होके एक-एक करके पुछन लगिन, “का ओह में अंव?”

20यीसू ह ओमन ला कहिस, “ओह तुमन बारहों म ले एक झन अय, जऊन ह मोर संग थारी म हांथ डारत हवय। 21मनखे के बेटा ह मरही, जइसने परमेसर के बचन म ओकर बारे म लिखे हवय, पर ओ मनखे ऊपर ‘हाय’, जऊन ह मनखे के बेटा ला पकड़वाथे। कहूं ओ मनखे के जनम नइं होतिस, त ओकर बर बने होतिस।”

परभू-भोज

(मत्ती 26:26-30; लूका 22:14-20; 1 कुरिन्‍थुस 11:23-25)

22जब ओमन खावत रिहिन, तब यीसू ह रोटी ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देके कहिस, “लेवव, एह मोर देहें अय।”

23तब ओह अंगूर के मंद के कटोरा ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओमन ला दीस, अऊ ओमन जम्मो झन ओम ले पीईन।

24यीसू ह ओमन ला कहिस, “एह करार के मोर लहू ए, जऊन ह बहुंते मनखे खातिर बोहाय जावत हवय। 25मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि अंगूर के मंद ला ओ दिन तक फेर नइं पीयंव, जब तक परमेसर के राज म नवां ला नइं पी लूहूं।”

26तब ओमन एक भजन गायके बाद, जैतून पहाड़ ऊपर चल दीन।

यीसू ह पतरस के मुकरे के अगमबानी करथे

(मत्ती 26:31-35; लूका 22:31-34; यूहन्ना 13:36-38)

27यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन जम्मो झन मोला छोंड़के भाग जाहू, काबरकि परमेसर के बचन म लिखे हवय,

‘मेंह चरवाहा ला मारहूं, अऊ मेढ़ामन तितिर-बितिर हो जाहीं।’14:27 जकरयाह 13:7

28पर मेंह अपन जी उठे के बाद, तुम्‍हर ले आघू गलील प्रदेस जाहूं।”

29पतरस ह ओला कहिस, “कहूं जम्मो झन तोला छोंड़ दिहीं त छोंड़ दिहीं, पर मेंह तोला कभू नइं छोड़ंव।”

30यीसू ह पतरस ला कहिस, “मेंह तोला सच कहत हंव कि आजेच रतिहा कुकरा के दू बार बासे के पहिली, तेंह तीन बार इनकार करबे कि तेंह मोला जानथस।”

31पर पतरस जोर देके कहिस, “कहूं मोला तोर संग मरना घलो पड़ जावय, तभो ले मेंह तोर कभू इनकार नइं करंव।” अइसनेच जम्मो चेलामन घलो कहिन।

यीसू गतसमनी म पराथना करथे

(मत्ती 26:36-46; लूका 22:39-46)

32तब ओमन गतसमनी नांव के एक ठऊर म आईन। यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “इहां बईठे रहव, जब तक कि मेंह पराथना करत हंव।” 33ओह पतरस, याकूब अऊ यूहन्ना ला अपन संग लीस, अऊ अब्‍बड़ घबराईस अऊ बियाकुल होईस। 34अऊ ओह ओमन ला कहिस, “मोर मन ह अतकी उदास हवय कि मेंह मर जावंव सहीं लगत हवय। तुमन इहां ठहरव अऊ जागत रहव।”

35थोरकन आघू जाके, ओह भुइयां म गिरके पराथना करन लगिस कि कहूं हो सकय, त ए दुःख के बेरा ह ओकर ले टर जावय। 36ओह कहिस, “ददा, हे ददा! तोर दुवारा जम्मो बात हो सकथे। ए दुःख के कटोरा ला मोर म ले टार दे। तभो ले जइसने मेंह चाहत हवंव वइसने नइं, पर जइसने तेंह चाहत हवस, वइसने होवय।”

37तब ओह अपन तीनों चेलामन करा आईस अऊ ओमन ला सुतत देखके, पतरस ला कहिस, “हे सिमोन! तेंह सुतत हवस। का तेंह एक घंटा घलो जागे नइं सकय? 38जागत अऊ पराथना करत रहव कि तुमन परिछा म झन पड़व। आतमा ह तो चाहत हे, पर देहें ह दुरबल हवय।”

39ओह फेर चले गीस अऊ ओहीच बात ला कहिके पराथना करिस। 40जब ओह चेलामन करा लहुंटिस, त ओमन ला फेर सुतत पाईस, काबरकि ओमन के आंखीमन नींद के मारे बंद होवत रहंय, अऊ ओमन नइं जानत रहंय कि ओला का कहंय।

41तब तीसरा बार आके, ओह ओमन ला कहिस, “का तुमन अभी तक ले सुतत अऊ अराम करत हवव? बहुंत हो गे। घरी ह आ गे हवय। देखव, मनखे के बेटा ह पापीमन के हांथ म पकड़वाय जावथे। 42उठव! आवव, चलव! देखव, मोर पकड़वइया ह लकठा आ गे हवय।”

यीसू ह पकड़वाय जाथे

(मत्ती 26:47-56; लूका 22:47-53; यूहन्ना 18:3-12)

43यीसू ह ए कहितेच रिहिस कि यहूदा जऊन ह ओकर बारहों चेलामन ले एक झन रिहिस, एक बड़े भीड़ ला लेके पहुंचिस। भीड़ के मनखेमन तलवार अऊ लउठी धरे रहंय अऊ एमन ला मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ अगुवा मन पठोय रिहिन।

44यीसू के पकड़वइया ह ओमन ला आघू ले ए बता दे रिहिस कि जऊन ला मेंह चूमहूं, ओहीच अय। ओला पकड़के हुसियारी के संग ले जावव। 45यीसू करा तुरते जाके, यहूदा ह ओला कहिस, “हे गुरू!” अऊ ओह ओला चूमिस। 46तब मनखेमन ओकर ऊपर हांथ लगाके ओला कसके पकड़ लीन। 47ओकर लकठा म ठाढ़े मनखेमन ले एक झन अपन तलवार ला निकारिस अऊ महा पुरोहित के सेवक ऊपर चलाके ओकर कान ला काट डारिस।

48यीसू ह ओमन ला कहिस, “का मेंह कोनो डाकू अंव कि तुमन तलवार अऊ लउठी लेके मोला पकड़े बर आय हवव? 49मेंह तुम्‍हर संग रहिके रोज मंदिर म उपदेस देवत रहेंव, तब तुमन मोला नइं पकड़ेव। पर एह एकर खातिर होईस कि परमेसर के कहे बचन ह पूरा होवय।” 50तब जम्मो चेलामन ओला छोंड़के भाग गीन।

51तब एक जवान ह उघरा देहें ऊपर सिरिप चादर ला ओढ़के यीसू के पाछू हो लीस अऊ जब मनखेमन ओला पकड़े लगिन, 52त ओह चादर ला छोंड़के उघरा देहें भाग गीस।

यीसू ह महासभा के आघू म

(मत्ती 26:57-68; लूका 22:54-55, 63-71; यूहन्ना 18:13-14, 19-24)

53तब ओमन यीसू ला महा पुरोहित करा ले गीन अऊ जम्मो मुखिया पुरोहित, अगुवा अऊ नियम के सिखोइया मन उहां जुर गीन। 54पतरस ह दूरिहा म होके ओकर पाछू-पाछू महा पुरोहित के अंगना भीतर गीस, अऊ उहां रखवारमन के संग बईठके आगी तापन लगिस।

55मुखिया पुरोहित अऊ जम्मो यहूदीमन के बड़े महासभा के मनखेमन यीसू ला मार डारे बर ओकर बिरोध म गवाही खोजत रिहिन, पर ओमन ला एको झन नइं मिलिस। 56बहुंते झन ओकर बिरोध म लबारी गोठ कहिन, पर ओमन के गोठ एक-दूसर के संग मेल नइं खाईस।

57तब कतको झन उठके ओकर बिरोध म ए लबारी गवाही दीन, 58“हमन एला ए कहत सुने हवन कि एह मनखे के बनाय मंदिर ला गिरा दिही अऊ तीन दिन म दूसर बना दिही, जऊन ह मनखे के बनाय नइं होवय।” 59तभो ले ओमन के गवाही मेल नइं खाईस।

60तब महा पुरोहित ह ओमन के आघू म ठाढ़ होके यीसू ले पुछिस, “का तेंह कोनो जबाब नइं देवस? मनखेमन तोर बिरोध म, ए का गवाही देवत हवंय।” 61तभो ले यीसू ह चुपेचाप रिहिस अऊ कुछू जबाब नइं दीस।

महा पुरोहित ह ओला फेर पुछिस, “का तेंह महिमामय परमेसर के बेटा मसीह अस?” 62यीसू ह कहिस, “हां, मेंह अंव। अऊ तुमन मनखे के बेटा ला सर्वसक्तिमान परमेसर के जेवनी हांथ अंग बईठे अऊ अकास के बादरमन संग आवत देखहू।”

63तब महा पुरोहित ह अपन ओढ़ना ला चीरके कहिस, “अब हमन ला गवाही के का जरूरत हवय? 64तुमन ए निन्दा ला सुने हवव। तुमन के का बिचार हवय?”

ओमन जम्मो ओला मार डारे के काबिल ठहराईन। 65तब ओमन ले कुछू झन ओकर ऊपर थूकिन। ओमन ओकर आंखी ला बांधके ओला मुक्‍का मारिन अऊ कहिन, “बता, तोला कोन मारिस?” अऊ रखवारमन घलो ओला लेके मारिन।

पतरस ह यीसू के इनकार करथे

(मत्ती 26:69-75; लूका 22:56-62; यूहन्ना 18:15-18, 25-27)

66जब पतरस ह खाल्‍हे अंगना म रिहिस, त महा पुरोहित के एक नौकरानी टूरी आईस, 67अऊ पतरस ला आगी तापत देखके, ओला एकटक देखिस अऊ कहिस, “तहूं घलो त ओ यीसू नासरी के संग रहय।” 68पतरस ह इनकार करके कहिस, “मेंह नइं जानव कि तेंह का गोठियावत हस।” अइसने कहिके, ओह बाहिर दुवारी म चल दीस अऊ ओतकीच बेरा कुकरा ह बासिस।

69जब नौकरानी टूरी ओला उहां देखिस, त ओह जऊन मन उहां ठाढ़े रहंय, ओमन ला फेर कहिस, “ए मनखे ह ओमन म ले एक झन अय।” 70पतरस ह फेर इनकार करिस।

थोरकन बेर के पाछू, जऊन मन लकठा म ठाढ़े रहंय, ओमन पतरस ला कहिन, “सिरतोन, तेंह ओमन ले एक झन अस, काबरकि तहूं घलो गलील के अस।”

71तब ओह अपन-आप ला सराप देवन लगिस अऊ किरिया खाके कहिस, “जेकर बारे म तुमन गोठियावत हवव, ओला में नइं जानव।”

72तुरते कुकरा ह दूसर बेर बासिस। तब पतरस ह यीसू के कहे गोठ ला सुरता करिस कि कुकरा के दू बखत बासे के पहिली, तेंह तीन बार मोर इनकार करबे। अऊ ओह कलप-कलप के रोवन लगिस।