路加福音 18 – CCB & NCA

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

路加福音 18:1-43

恒心祷告

1耶稣讲了一个比喻来教导门徒要常常祷告,不要灰心。

2祂说:“某城有一位既不敬畏上帝也不尊重人的审判官。 3那城里有一位寡妇常常来哀求这位审判官,说,‘求你为我申冤,惩办我的对头。’ 4审判官总是充耳不闻,但后来心里想,‘虽然我不怕上帝,也不在乎人, 5可是这寡妇一直来烦我,还是替她申冤好了,免得她再来烦我!’”

6主接着说:“你们听,这不义的审判官尚且这么说, 7难道上帝听到祂拣选的人昼夜呼求,不替他们申冤吗?难道祂会一直耽延不理吗? 8我告诉你们,祂必很快为他们申冤。不过当人子来的时候,在世上找得到有信心的人吗?”

两种祷告

9耶稣对那些自以为义、藐视别人的人讲了一个比喻: 10“有两个人到圣殿里祷告,一个是法利赛人,一个是税吏。 11法利赛人站在那里自言自语地祷告说,‘上帝啊!我感谢你,因为我不像别人那样勒索、不义、通奸,也不像这税吏。 12我每周禁食两次,奉献全部收入的十分之一。’

13“但那税吏却远远地站着,连头也不敢抬起来,捶着胸说,‘上帝啊,求你怜悯我这个罪人!’

14“我告诉你们,二人回家后,被上帝算为义的是税吏而不是法利赛人,因为自高的人必遭贬抑,谦卑的人必得尊荣。”

祝福孩子

15有许多人把婴孩带来要让耶稣摸一摸他们,为他们祝福,门徒看见,就责备这些人。 16耶稣却招呼他们过来,并对门徒说:“让小孩子到我这里来,不要阻止他们,因为上帝的国属于这样的人。 17我实在告诉你们,人若不像小孩子一样接受上帝的国,绝不能进去。”

富豪求问永生

18一位官长问耶稣:“良善的老师,我该做什么才能承受永生?”

19耶稣说:“你为什么称呼我‘良善的老师’呢?只有上帝是良善的。 20你知道‘不可通奸,不可杀人,不可偷盗,不可作伪证,要孝敬父母’这些诫命”。

21那人说:“我从小就遵行这些诫命。”

22耶稣听了就对他说:“你还有一件事没有做,就是变卖你所有的产业,分给穷人,你必有财宝存在天上,然后你还要来跟从我。” 23那人听了,极其忧愁,因为他非常富有。

24耶稣见状,就说;“有钱人进上帝的国真难啊! 25骆驼穿过针眼比有钱人进上帝的国还容易呢!”

26听见的人就问:“这样,谁能得救呢?”

27耶稣回答说:“对人而言,这不可能,但对上帝而言,凡事都可能。”

28彼得说:“你看!我们已经撇下一切来跟从你了。”

29耶稣说:“我实在告诉你们,任何人为了上帝的国而撇下房屋、妻子、弟兄、父母或儿女, 30今世必得百倍的奖赏,来世必得永生。”

再次预言受害和复活

31耶稣把十二使徒带到一边,对他们说:“你们要留意,我们现在前往耶路撒冷,先知书上有关人子的记载都要应验, 32人子将被交在外族人的手里,被他们嘲弄、虐待、吐唾沫、 33鞭打和杀害,但第三天祂必复活。” 34使徒却一点也不明白,因为这番话的含意是隐藏的,他们听不明白。

治愈耶利哥的瞎子

35耶稣快到耶利哥的时候,有一个瞎子坐在路旁讨饭。 36他听见许多人经过,就询问是怎么回事。 37有人告诉他是拿撒勒人耶稣经过此地, 38他就高声呼喊:“大卫的后裔耶稣啊,可怜我吧!”

39走在前面的人责备他,让他安静,但他反而叫得更大声:“大卫的后裔啊,可怜我吧!”

40耶稣停下脚步,命人把他带过来,然后问他: 41“你要我为你做什么?”

他说:“主啊!我想能够看见。”

42耶稣对他说:“你看见吧!你的信心救了你。” 43他立刻得见光明,并跟随耶稣,一路赞美上帝。目睹这事的人也都赞美上帝。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

लूका 18:1-43

बिधवा अऊ नियायधीस के पटं‍तर

1तब यीसू ह अपन चेलामन ला ए सिखोय बर एक पटं‍तर कहिस कि ओमन हमेसा पराथना करंय अऊ हिम्मत रखंय। 2ओह कहिस, “एक सहर म एक नियायधीस रिहिस, जऊन ह न परमेसर ले डरय अऊ न ही मनखेमन के परवाह करय। 3ओहीच सहर म एक बिधवा रहय, जऊन ह ओ नियायधीस करा बार-बार आके बिनती करय, ‘मोर बईरी के बिरोध म मोर नियाय कर।’

4कुछू समय तक तो ओह बिधवा के बात ला नइं मानिस। पर आखिर म ओह अपन मन म कहिस, ‘हालाकि मेंह परमेसर ले नइं डरंव या मनखेमन के परवाह नइं करंव, 5पर ए बिधवा ह बार-बार आके मोला तकलीफ देवथे, मेंह देखहूं कि एला नियाय मिलय, ताकि एह बार-बार आके मोला परेसान झन करय।’ ”

6अऊ परभू ह कहिस, “सुनव, ए अधरमी नियायधीस ह का कहिस? 7त का परमेसर ह अपन चुने मनखेमन के नियाय नइं करही, जऊन मन दिन अऊ रात ओकर से गोहार पारथें? का ओह ओमन के बारे म देरी करही? 8मेंह तुमन ला कहत हंव, ओह देखही कि ओमन ला नियाय मिलय अऊ जल्दी मिलय। पर जब मनखे के बेटा ह आही, त का ओह धरती म ओमन ला पाही, जऊन मन ओकर ऊपर बिसवास करथें।”

फरीसी अऊ लगान लेवइया के पटं‍तर

9यीसू ह ए पटं‍तर ओमन बर कहिस जऊन मन अपन-आप ला बहुंत धरमी अऊ आने मन ला तुछ समझंय। 10“दू झन मनखे मंदिर म पराथना करे बर गीन; ओम के एक झन फरीसी रिहिस अऊ एक झन लगान लेवइया। 11फरीसी ह ठाढ़ होईस अऊ अपन बारे म अइसने पराथना करन लगिस, ‘हे परमेसर, मेंह तोर धनबाद करत हंव कि मेंह आने मनखेमन सहीं लालची, बेईमान अऊ बेभिचारी नो हंव, अऊ मेंह ए लगान लेवइया के सहीं घलो नो हंव। 12मेंह हप्‍ता म दू दिन उपास रखथंव अऊ मेंह अपन जम्मो कमई के दसवां भाग तोला देथंव।’

13पर लगान लेवइया ह दूरिहा म ठाढ़ होईस। अऊ त अऊ ओह स्‍वरग कोति आंखी उठाके देखे के हिम्मत घलो नइं करिस, पर ओह अपन छाती ला पीट-पीटके कहिस, ‘हे परमेसर, मोर ऊपर दया कर, मेंह एक पापी मनखे अंव।’

14मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओ फरीसी ह नइं, पर ए लगान लेवइया ह परमेसर के आघू म धरमी गने गीस, जब ओह अपन घर गीस। काबरकि जऊन ह अपन-आप ला बहुंत बड़े समझथे, ओह दीन-हीन करे जाही, अऊ जऊन ह अपन-आप ला दीन-हीन करथे, ओला बड़े करे जाही।”

छोटे लइकामन ला यीसू आसिरबाद देथे

(मत्ती 19:13-15; मरकुस 10:13-16)

15मनखेमन छोटे लइकामन ला यीसू करा लानत रहंय, ताकि ओह ओमन के ऊपर अपन हांथ रखय। पर जब चेलामन एला देखिन, त ओमन मनखेमन ला दबकारे लगिन। 16पर यीसू ह लइकामन ला अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “छोटे लइकामन ला मोर करा आवन देवव, अऊ ओमन ला झन रोकव, काबरकि परमेसर के राज ह अइसने मन बर अय। 17मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह परमेसर के राज ला एक छोटे लइका सहीं गरहन नइं करही, ओह परमेसर के राज म कभू जाय नइं पाही।”

एक धनी मनखे

(मत्ती 19:1-30; मरकुस 10:17-31)

18एक यहूदी अधिकारी ह यीसू ले पुछिस, “हे बने गुरू! परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाय बर मोला का करना पड़ही?”

19यीसू ह ओला जबाब दीस, “तेंह मोला बने काबर कहत हवस? एके झन परमेसर के छोंड़, कोनो बने नो हंय। 20तेंह हुकूममन ला जानतेच होबे: ‘छिनारी झन कर; हतिया झन कर; चोरी झन कर; लबारी गवाही झन दे; अपन दाई-ददा के आदर-मान कर।’18:20 निरगमन 20:12-16

21ओ मनखे ह कहिस, “ए जम्मो ला तो मेंह अपन लइकापन ले मानत आय हवंव।”

22ए सुनके यीसू ह ओकर ले कहिस, “तोला अभी घलो एक काम करे के जरूरत हवय। अपन जम्मो चीज ला बेंच अऊ पईसा ला गरीबमन म बांट दे; अऊ तोला स्‍वरग म खजाना मिलही। तब आ अऊ मोर पाछू हो ले।”

23ए बात ला सुनके ओह बहुंत उदास होईस, काबरकि ओह एक बहुंत धनवान मनखे रिहिस। 24यीसू ह ओला देखके कहिस, “धनवान मनखेमन के परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन अय, 25वास्तव म, एक धनवान मनखे के परमेसर के राज म जवई के बदले, ऊंट के सुजी के छेदा म ले निकर जवई सरल अय।”

26जऊन मन एला सुनत रिहिन, ओमन ह पुछिन, “तब कोन ह उद्धार पा सकथे?”

27यीसू ह जबाब दीस, “जऊन बात मनखे ले नइं हो सकय, ओह परमेसर के दुवारा हो सकथे।”

28तब पतरस ह ओला कहिस, “देख! हमन हमर जम्मो चीज ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन।”

29यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह परमेसर के राज के हित म, घर या घरवाली या भाई या दाई-ददा या लइकामन ला छोंड़ दे हवय, 30ओह इही जुग म कतको गुना अधिक पाही, अऊ अवइया जुग म परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी घलो पाही।”

यीसू ह अपन मिरतू के बारे म फेर अगमबानी करथे

(मत्ती 20:17-19; मरकुस 10:32-34)

31यीसू ह अपन बारह चेलामन ला एक तरफ ले गीस अऊ ओमन ला कहिस, “सुनव, हमन यरूसलेम जावत हवन, अऊ मनखे के बेटा के बारे म अगमजानीमन के दुवारा लिखे हर एक बात ह पूरा होही। 32ओह आनजातमन के हांथ म सऊंपे जाही। ओमन ओकर हंसी उड़ाहीं, ओकर बेजत्ती करहीं, ओकर ऊपर थूकहीं, ओला कोर्रा ले मारहीं अऊ ओला मार डारहीं। 33पर ओह तीसरा दिन फेर जी उठही।”

34चेलामन यीसू के बात ला नइं समझिन। ए बात के मतलब ह ओमन ले छिपे रिहिस, अऊ ओमन नइं जानिन कि ओह काकर बारे म गोठियावत रिहिस।

यीसू ह एक अंधरा भीख मंगइया ला बने करथे

(मत्ती 20:29-34; मरकुस 10:46-52)

35जब यीसू ह यरीहो सहर के लकठा म हबरिस, त उहां एक अंधरा मनखे ह सड़क तीर म बईठके भीख मांगत रहय। 36जब ओह मनखेमन के भीड़ के रेंगे के अवाज सुनिस, त पुछिस, “का होवत हवय?” 37मनखेमन ओला बताईन, “नासरत के यीसू ह जावत हवय।”

38तब ओह चिचियाके कहिस, “हे यीसू, दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर।”

39जऊन मन यीसू के आघू म जावत रिहिन, ओमन ओला दबकारे लगिन अऊ ओला चुपेचाप रहे बर कहिन, पर ओह अऊ जोर से चिचियाके कहिस, “हे दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर।”

40तब यीसू ह ओ करा ठाढ़ हो गीस अऊ हुकूम दीस, “ओ मनखे ला मोर करा लानव।” जब ओह लकठा म आईस, त यीसू ह ओकर ले पुछिस, 41“तेंह का चाहथस कि मेंह तोर बर करंव?”

ओह कहिस, “हे परभू, मेंह देखे बर चाहत हंव।”

42यीसू ह ओला कहिस, “तेंह देखन लग; तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय।” 43अऊ तुरते ओह देखे लगिस अऊ परमेसर के महिमा करत ओह यीसू के पाछू हो लीस। जब जम्मो मनखेमन एला देखिन, त ओमन घलो परमेसर के महिमा करिन।