诗篇 15 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

诗篇 15:1-5

第 15 篇

安居圣山者的资格

大卫的诗。

1耶和华啊,谁能住在你的圣所?

谁能安居在你的圣山?

2就是品行纯全,做事公正,

说话诚实的人。

3他不说毁谤的话,

不恶待邻人,不造谣生事。

4他鄙视恶人,

尊重那些敬畏耶和华的人。

他起了誓,即使吃亏也不背誓。

5他不放债取利,

也不受贿去坑害无辜。

这样的人必永远坚立不摇。

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 15:1-5

स्तोत्र 15

दावीद का एक स्तोत्र.

1याहवेह, कौन आपके तंबू में रह सकेगा?

कौन आपके पवित्र पर्वत पर निवास कर सकेगा?

2वही, जिसका आचरण निष्कलंक है,

जो धार्मिकता का आचरण करता है,

जो हृदय से सच बोलता है;

3जिसकी जीभ से निंदा के शब्द नहीं निकलते,

जो न तो अपने पड़ोसी की बुराई करता है,

और न अपने किसी मित्र की,

4जिसके लिए याहवेह की दृष्टि में निकम्मा पुरुष घृणित है,

किंतु याहवेह का भय माननेवाले पुरुष सम्मान्य;

जो हर मूल्य पर अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण करता है,

चाहे उसकी हानि ही क्यों न हो;

5जो ऋण देकर ब्याज नहीं लेता;

और निर्दोष के विरुद्ध झूठी गवाही देने के उद्देश्य से घूस नहीं लेता.

इस प्रकार के आचरण का पुरुष सदैव स्थिर रहेगा

वह कभी न डगमगाएगा.