诗篇 132 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

诗篇 132:1-18

第 132 篇

求上帝赐福圣殿

上圣殿朝圣之诗。

1耶和华啊,

求你顾念大卫和他所受的一切苦难。

2他曾向你起誓,

雅各的大能者许愿说:

3-5“我不为耶和华找到居所,

不为雅各的大能者找到安居之处,

必不进家门,

不沾床,不睡觉,不打盹。”

6我们在以法他听到约柜的消息,

基列·耶琳找到了它。

7让我们进入耶和华的居所,

在祂脚前俯伏敬拜。

8耶和华啊,

求你起来和你大能的约柜一同进入圣所。

9愿你的祭司身披公义,

愿你忠心的子民高声欢唱。

10为了你仆人大卫的缘故,

求你不要弃绝你所膏立的人。

11耶和华曾向大卫起了永不废弃的誓说:

“我必使你的后代继承你的王位。

12你的后代若守我的约,

遵行我教导他们的法度,

他们的子孙必永远坐在你的宝座上。”

13因为耶和华已经拣选了锡安

愿意将锡安作为祂的居所。

14祂说:“这是我永远的居所;

我要住在这里,

因为我喜爱这地方。

15我要使她粮食充足,

使她里面的穷人饮食无忧。

16我要用救恩作她祭司的衣裳,

城里忠心的子民必高声欢唱。

17我必使大卫的后裔在那里做王,

我必为我所膏立的预备明灯。

18我必使他的仇敌满面羞愧,

但他头上的王冠必光芒四射。”

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 132:1-18

स्तोत्र 132

आराधना के लिए यात्रियों का गीत.

1याहवेह, दावीद को और उनके द्वारा झेली गई

समस्त विषमताओं को स्मरण कीजिए.

2उन्होंने याहवेह की शपथ खाई,

तथा याकोब के सर्वशक्तिमान से शपथ की थी:

3“मैं न तो तब तक घर में प्रवेश करूंगा

और न मैं अपने बिछौने पर जाऊंगा,

4न तो मैं अपनी आंखों में नींद आने दूंगा

और न पलकों में झपकी,

5जब तक मुझे याहवेह के लिए एक स्थान उपलब्ध न हो जाए,

याकोब के सर्वशक्तिमान के आवास के लिए.”

6इसके विषय में हमने एफ़राथा में सुना,

याअर के मैदान में भी यही पाया गया:

7“आओ, हम उनके आवास को चलें;

हम उनके चरणों में जाकर आराधना करें.

8‘याहवेह, अब उठकर अपने विश्राम स्थल पर आ जाइए,

आप और आपकी सामर्थ्य का संदूक भी.

9आपके पुरोहित धर्म के वस्त्र पहिने हुए हों;

और आपके सात्विक हर्ष गीत गाएं.’ ”

10अपने सेवक दावीद के निमित्त,

अपने अभिषिक्त को न ठुकराईए.

11याहवेह ने दावीद से शपथ खाई थी,

एक ऐसी शपथ, जिसे वह तोड़ेंगे नहीं:

“तुम्हारे ही अपने वंशजों में से

एक को मैं तुम्हारे सिंहासन पर विराजमान करूंगा.

12यदि तुम्हारे वंशज मेरी वाचा का पालन करेंगे

तथा मेरे द्वारा सिखाए गए उपदेशों का पालन करेंगे,

तब उनकी संतान भी तुम्हारे सिंहासन पर

सदा-सर्वदा के लिए विराजमान होगी.”

13क्योंकि ज़ियोन याहवेह द्वारा ही निर्धारित किया गया है,

अपने आवास के लिए याहवेह की यही अभिलाषा है.

14“यह सदा-सर्वदा के लिए मेरा विश्रान्ति स्थल है;

मैं यहीं सिंहासन पर विराजमान रहूंगा, क्योंकि यही मेरी अभिलाषा है.

15उसके लिए मेरी आशीष बड़ी योजना होगी;

मैं इसके दरिद्रों को भोजन से तृप्‍त करूंगा.

16उसके पुरोहितों को मैं उद्धार के परिधानों से सुसज्जित करूंगा,

और उसके निवासी सात्विक सदैव हर्षगान गाते रहेंगे.

17“यहां मैं दावीद के वंश को बढाऊंगा,

मैं अपने अभिषिक्त के लिए एक दीप स्थापित करूंगा.

18मैं उसके शत्रुओं को लज्जा के वस्त्र पहनाऊंगा,

किंतु उसके अपने सिर का मुकुट उज्जवल रहेगा.”