民数记 18 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

民数记 18:1-32

祭司和利未人的职责

1耶和华对亚伦说:“你和你的儿子及亲族要承担触犯圣所的罪责;你和你儿子也要承担触犯祭司职务的罪责。 2你和你儿子在安放约柜的圣幕供职时,要把你们利未支派的亲族也一同带去,让他们协助你。 3他们要遵守你的吩咐,看守整个圣幕,但不可接近圣所的器具和祭坛,以免他们和你们都死亡。 4他们要协助你,负责看守圣幕,办理圣幕的一切事务。外人不可靠近。 5你们要看守圣所和祭坛,以免我的愤怒再临到以色列人。 6我已从以色列人中选出你们的利未亲族归给我,协助你们在会幕中司职。 7你和你儿子要尽祭司的本分,负责祭坛和至圣所的一切事务。祭司的职分是我赏赐给你们的,外人若近前来,必被处死。”

祭司当得之物

8耶和华对亚伦说:“你看!我让你照管以色列人献给我的礼物,把举祭等一切圣物赐给你和你的子孙,作为你们应得之份。此律永远不变。 9以色列人献给我的至圣之物——素祭、赎罪祭和赎过祭中留下不烧的部分都归你和你的子孙。 10你们男子都可以吃这些圣物,要在极其圣洁的地方吃。要把这些视为圣物。 11以色列人献的举祭和摇祭都归你,我已把它们赐给你和你的儿女,这是永远的定例。你家中所有洁净的人都可以吃。 12我把以色列人献给耶和华的初熟之物——最好的新油、新酒和五谷都赐给你。 13他们献给耶和华的一切初熟之物都归你,你家中洁净的人都可以吃。 14以色列人永远献上的一切18:14 永远献上的一切”指彻底奉献给耶和华的人或物,要么被毁灭,要么被献为供物。都要归你。 15奉献给耶和华的长子和头生的牲畜都归你,但要赎出长子和不洁净的头生牲畜。 16他们要在满月的时候被赎回,以圣所的秤为准,即一舍客勒是二十季拉,赎价是五十五克银子。 17头生的牛、绵羊和山羊不用赎出来,它们都是圣物。你要把它们的血洒在祭坛上,把脂肪烧掉,作为献给耶和华的馨香火祭; 18它们的肉要归你,正如摇祭的胸肉和举祭的右腿肉一样。 19以色列人献给耶和华的圣物中,我把举祭赐给你和你的儿女,这是永远的定例,是我与你及你的后代所立的永世之约。”

20耶和华对亚伦说:“你在以色列人将得之地不可有产业,不可有份于他们的财产,因为我是你在以色列人中的所得之份,是你的产业。

利未人应得之物

21“我要把以色列人出产的十分之一赐给利未人作产业,作为他们在会幕司职的酬劳。 22今后以色列人不可走近会幕,以免因犯罪而死。 23只有利未人可在会幕司职,他们要担负触犯圣幕的罪责,这是你们世世代代要遵守的条例。利未人在以色列人中不可有产业, 24因为我已经把以色列人给耶和华的十分之一出产赐给他们作产业。因此,我吩咐他们不可在以色列人中有产业。”

利未人应纳的十分之一

25耶和华对摩西说: 26“你把以下条例告诉利未人。

“你们从以色列人手中得到我赐给你们作产业的十分之一后,要从中取出十分之一作为举祭献给耶和华, 27这就算作你们献上了麦场的五谷和榨酒池的酒。 28这样,你们要从以色列人给你们的十分之一中,拿出一部分献给耶和华作举祭,将这举祭归给亚伦祭司。 29你们要把所得之物中至圣至好的献给耶和华作举祭。

30“你要告诉利未人,‘你们奉献了最好的以后,其余的算作你们麦场上的五谷和榨酒池的酒, 31你们和家人可以在任何地方吃,因为这些是你们在会幕司职的酬劳。 32你们献上最好的以后,就不会获罪了。你们不可亵渎以色列人献上的圣物,免得死亡。’”

Hindi Contemporary Version

गणना 18:1-32

लेवियों के लिए ठहराई गई जवाबदारी

1लेवियों के लिए ठहराई गई ज़िम्मेदारी: इसके बाद याहवेह ने अहरोन से कहा, “तुम, तुम्हारे पुत्र एवं तुम्हारा घराना पवित्र स्थान से संबंधित अधर्म का भार उठाएंगे, वैसे ही तुम, तुम्हारे पुत्र तुम्हारे साथ पुरोहित ज़िम्मेदारियों से संबंधित अधर्म के लिए भार उठाएंगे. 2किंतु लेवी के गोत्र, अर्थात् तुम, अपने पिता के गोत्र में से अपने भाइयों को भी अपने साथ ले आना कि जब तुम एवं तुम्हारे पुत्र तुम्हारे साथ साक्षी के तंबू के सामने ठहरे हुए हों, तब वे तुम्हारे साथ ही सेवा में शामिल हो जाएं. 3इस प्रकार वे तुम्हारे प्रति एवं साक्षी तंबू के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को उठाएंगे, किंतु वे पवित्र स्थान की वस्तुओं और वेदी के पास नहीं आएंगे, नहीं तो उनकी एवं तुम्हारी मृत्यु तय है. 4वे तुम्हारे साथ मिलकर मिलनवाले तंबू से संबंधित सभी कार्यों को भी निभायेंगे; किंतु किसी भी अन्य व्यक्ति को तुम्हारे निकट आने की अनुमति नहीं है.

5“पवित्र स्थान एवं वेदी से संबंधित कार्यों को निभाना तुम्हारी ज़िम्मेदारी है कि इस्राएल के घराने पर दोबारा क्रोध न आने पाए. 6यह ध्यान रहे, स्वयं मैंने सारे इस्राएल में से तुम्हारे साथी लेवियों को अपने लिए अलग कर लिया है. वे तुम्हारे लिए भेंट हैं. वे याहवेह को समर्पित हैं, कि वे मिलनवाले तंबू से संबंधित सेवाएं समर्पित करते रहें. 7किंतु तुम तथा तुम्हारे साथ तुम्हारे पुत्र तुम्हारे पुरोहित पद में, वेदी से संबंधित कार्य में, तुम्हारे सहायक रहेंगे, जबकि तुम इन सेवकों से सम्बद्ध रहोगे, यह पुरोहित पद तुम्हारे लिए मेरे द्वारा दी गई ज़िम्मेदारी है, किंतु यदि कोई भी दूसरा व्यक्ति वेदी अथवा पर्दे के निकट जा पहुंचता है, उसके लिए मृत्युदण्ड ठहराया गया है.”

पुरोहितों के अधिकार

8इसके बाद याहवेह ने अहरोन पर यह स्पष्ट किया, “अब तुम यह भी समझ लो: स्वयं मैंने तुम्हें उन सारी भेंटों का ज़िम्मेदार नियुक्त किया है, जो इस्राएल के घराने के द्वारा मुझे भेंट की जाती है. ये सभी मैंने तुम्हें तथा तुम्हारे पुत्रों को हमेशा का अंश बनाकर दे दिया है. 9यह तुम्हारे लिए निर्धारित अंश होगा, जो अति पवित्र भेंटों में से आग से बचा रखी जाती है. यह इस्राएल के घराने के द्वारा प्रस्तुत हर एक भेंट में से तुम्हारा अंश होगा, हर एक अन्‍नबलि में से, हर एक पापबलि में से, हर एक दोष बलि में से, जो वे मुझे अर्पण करेंगे, तुम्हारे लिए, तुम्हारे पुत्रों के लिए अति पवित्र भेंटें होंगी. 10तुम इनको अति पवित्र भेंटों के रूप में खाया करोगे. यह हर एक पुरुष के लिए पवित्र अंश होगा.

11“इनके अलावा यह भी तुम्हारा ही अंश होगा: उनके द्वारा अर्पण भेंटें तथा इस्राएल के घराने द्वारा लहर की भेंटें. यह मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारे पुत्रों, पुत्रियों के लिए तुम्हारे साथ हमेशा का अंश ठहरा दिया है. तुम्हारे घर-परिवार का हर एक सदस्य जो सांस्कारिक रीति से पवित्र है इसको खा सकता है.

12“सारे नए तेल में से सबसे अच्छा, नए दाखरस में से सबसे अच्छा, नई उपज में से, पहले फलों में से, जो उनके द्वारा याहवेह को अर्पण किए जाते हैं, मैं तुम्हें दे रहा हूं. 13इनके देश में जो सबसे पहला पका फल होगा, जिसे वे याहवेह को अर्पण करने के लिए लाते हैं, तुम्हारा होगा. तुम्हारे घर-परिवार का हर एक सदस्य जो सांस्कारिक रीति से पवित्र है, इसको खा सकता है.

14“इस्राएल देश में बलि के लिए ठहराई गई हर एक वस्तु तुम्हारी होगी. 15हर एक जीवधारी का पहलौठा, चाहे वह मनुष्य का हो या पशु का, जिसे वे याहवेह को अर्पण करने लाते हैं, तुम्हारा होगा; फिर भी मनुष्य का पहलौठा तुम दाम लेकर छोड़ दोगे, वैसे ही अपवित्र घोषित पशुओं के पहलौठे को भी तुम दाम लेकर छोड़ देना. 16एक महीने के ऊपर की आयु के पशु के लिए तुम अपने आंकलन के आधार पर छुड़ाने का मूल्य तय करोगे; जो पवित्र स्थान की तौल के अनुसार चांदी के पांच शेकेल होंगे, जो बीस गेराह के बराबर होता है.

17“किंतु बैल, भेड़ अथवा बकरी के पहलौठे को दाम लेकर मत छोड़ना, ये सब पवित्र पशु हैं. तुम इनका रक्त वेदी पर छिड़कोगे तथा उनकी चर्बी अग्निबलि में जला दोगे, जो याहवेह के सामने सुखद-सुगंध हो जाएगा. 18इन पशुओं का मांस तुम्हारे खाने के लिए होगा, जिस प्रकार लहराए जानेवाली बलि की छाती तथा दायीं जांघ. 19वे सभी पवित्र भेंटें, जो इस्राएली याहवेह को चढ़ाते हैं, मैंने तुम्हारे लिए एवं तुम्हारे पुत्र-पुत्रियों के लिए हमेशा का अंश ठहरा दिया है. यह तुम्हारे तथा तुम्हारे साथ तुम्हारे वंशजों की याहवेह के सामने हमेशा की नमक की वाचा18:19 नमक की वाचा अर्थ हो सकता है एक अटूट वाचा होगी.”

20इसके बाद याहवेह ने अहरोन से उसके सामने कहा, “जो देश इस्राएल के घराने को दिया जा रहा है, उसमें तुम्हारी कोई भी मीरास नहीं रहेगी, और उसमें न ही तुम्हारा कोई भाग होगा. तुम्हारा भाग मैं हूं, इस्राएल के घराने के बीच में मैं ही तुम्हारी मीरास हूं.

21“याद रहे, लेवी के वंशजों को मैंने उनके द्वारा मिलनवाले तंबू में की जा रही सेवा के प्रतिफल के रूप में, पूरा दसवां अंश मीरास समान दे दिया है. 22इस्राएली इसके बाद मिलनवाले तंबू के पास नहीं आएंगे; नहीं तो इसके दोषी होने के कारण वे इसका दंड जो मृत्यु है, भोगेंगे. 23मिलनवाले तंबू से संबंधित सेवाएं सिर्फ लेवियों का कार्य है. अपने अधर्म का दंड वे ही भोगेंगे. यह तुम्हारी सारी पीढ़ियों के लिए ठहराया गया हमेशा का नियम है. इस्राएल के घराने के बीच उनके लिए कोई भी हिस्सा नहीं बांटा है. 24क्योंकि इस्राएलियों का दसवां अंश, जो वे भेंट के रूप में याहवेह को चढ़ाते हैं, मैंने लेवियों को दे दिया है; इसलिये मैंने उनके विषय में यह कहा है ‘इस्राएल के घराने के बीच में उनके लिए कोई भी हिस्सा नहीं रखा गया हैं.’ ”

25इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 26“इसके अलावा तुम लेवियों को यह सूचित करोगे: ‘जब तुम इस्राएल के घराने से वह दसवां अंश ग्रहण करते हो, जो मैंने उनसे लेकर तुम्हें तुम्हारे हिस्से के रूप में दिया है, तब तुम उसमें से एक अंश याहवेह को भेंट करोगे; दसवें अंश में से दसवां अंश. 27तुम्हारी यह भेंट खलिहान पर से इकट्ठी की गई अन्‍न, या दाखरस कुंड की पूरी उत्पाद मानी जाएगी. 28इस प्रकार तुम भी याहवेह को अपने दसवें अंश में से एक अंश भेंट के रूप में चढ़ाओगे, जो तुमने इस्राएल के घराने से प्राप्‍त किया था. तुम इस अंश में से पुरोहित अहरोन को याहवेह के लिए चढ़ाई भेंट दिया करोगे. 29अपनी सभी भेंटों में से याहवेह के लिए ठहराई गई हर एक भेंट चढ़ाओगे; उन सब में से, जो सबसे उत्तम है, जो उनमें एक पवित्र अंश है.’

30“तुम उन्हें सूचित करोगे, ‘जब तुमने इसमें से सबसे उत्तम भेंट दिया है, तब जो शेष रह जाएगा, वह लेवियों के लिए खलिहान का उत्पाद तथा दाखरस कुंड का उत्पाद माना जाएगा. 31तुम इसको कहीं भी खा सकते हो, तुम तथा तुम्हारे घर-परिवार; क्योंकि यह मिलनवाले तंबू के लिए तुम्हारे द्वारा की जा रही सेवा के बदले में होगा. 32जब तक तुम इसमें से सर्वोत्तम भेंट करते रहोगे, तुम दोषी नहीं पाए जाओगे; किंतु तुम किसी भी रीति से उन पवित्र भेंटों को अपवित्र नहीं करोगे; जो इस्राएल के घराने के द्वारा चढ़ाई गई हैं, नहीं तो तुम्हारी मृत्यु निश्चित है.’ ”