启示录 18 – CCB & NCA

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

启示录 18:1-24

巴比伦的下场

1之后,我看见另一位执掌大权的天使从天降下,他的荣光照亮了大地。 2他用强有力的声音喊着说:

巴比伦大城倒塌了!倒塌了!

她成了鬼魔的住处、

各样污鬼的监狱和一切可憎的不洁鸟兽的牢笼!

3因为列国都被她荒淫的烈酒灌醉了。

地上的君王曾经与她通奸,

地上的商人也因她穷奢极侈的生活而发了财。”

4我听见天上又有一个声音说:

“我的子民啊,离开那城,

以免沾染她的罪恶,

受她所受的灾祸。

5因为她已经罪恶滔天,

上帝没有忘记她一切的不义。

6她怎样待人,

你们也要怎样待她,

要按她所做的加倍地报应她,

用她调酒的杯加倍地调给她喝。

7她过去怎样自炫自耀、

奢华荒淫,

现在也要让她怎样痛苦哀伤。

因为她心里说,

‘我贵为女王,不是寡妇,

绝不会经历哀伤。’

8所以在一天之内,

她的灾祸,就是死亡、

哀伤和饥荒要同时临到她身上。

她要被火烧尽,

因为审判她的主上帝能力伟大。

9“那些曾与她通奸享乐的君王目睹焚烧她的烟,必为她哭泣哀号。 10他们对她所受的灾祸充满恐惧,就远远地站着说,

“‘强大坚固的巴比伦城啊,

真悲惨!真悲惨!

因为审判顷刻间临到你了。’

11“地上的商人也为她哀伤,因为再也没有人购买他们的货物了。 12他们的金、银、宝石、珍珠、细麻布、紫布、丝绸、朱红布、各样香木、象牙器具,贵重木材、铜、铁、大理石制品, 13以及肉桂、豆蔻、香料、香膏、乳香、酒、油、细面粉、小麦、牛、羊、马、车、仆婢和人口都没有人购买了。 14他们呼喊,‘巴比伦啊!你贪爱的美物已离你而去了,一切珍馐百味、奢侈华丽的东西都消失殆尽,无影无踪。’

15“靠贩卖这些货物给她而致富的商人对她所受的灾祸充满恐惧,就站在远处为她哀伤哭号, 16说,‘身穿紫色和朱红色的细麻布衣服,以黄金、宝石、珍珠为装饰的大城啊,真悲惨!真悲惨! 17因为顷刻间你这一切的繁华都化为乌有了。’所有船主、乘客、水手及靠海为生的人都远远地站着, 18看见烧她的烟,就说,‘有哪一座城能与她相比呢?’ 19他们又把尘土撒在头上,哀伤哭泣,喊着说,

“‘这大城啊,真悲惨!真悲惨!

所有经营航运的都因她的奢华而发了财,

可是顷刻间她却沦为废墟了!’

20上天啊,

众圣徒、众使徒和众先知啊,

为她的下场欢乐吧!

因为上帝已经向她施行报应,

为你们申冤了。”

21这时,有一位大力天使举起一块像大磨石的石头扔进海里,说:

巴比伦大城也必这样被用力扔下去,

消失得无影无踪。

22在你那里,

再也听不见弹琴作乐、

鸣笛吹号的声音了,

再也找不到能工巧匠了,

再也听不到推磨的声音了,

23再也看不到闪耀的灯光了,

再也听不见新婚夫妇的欢笑声了。

因为你的商人曾经趾高气扬,

你的邪术曾经迷惑万国,

24你的城墙内流满了众先知、

众圣徒和地上一切被杀之人的血。”

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

दरसन 18:1-24

बाबूल सहर के बिनास

1एकर बाद मेंह एक अऊ स्‍वरगदूत ला स्‍वरग ले उतरत देखेंव। ओकर करा बड़े अधिकार रिहिस अऊ धरती ह ओकर सोभा ले जगमगा गीस। 2ओह ऊंचहा अवाज म चिचियाके कहिस,

“सतियानास हो गीस! बड़े सहर बाबूल ह सतियानास हो गीस!

ओह भूतमन के अऊ जम्मो दुस्‍ट आतमामन के

अऊ जम्मो असुध अऊ घिन-घिन चिरईमन के डेरा हो गे हवय।

3काबरकि जम्मो देस के मनखेमन ओकर छिनारीपन के मंद ला पीये हवंय।

धरती के राजामन ओकर संग छिनारी करिन

अऊ धरती के बेपारीमन ओकर बिलासिता के धन ले धनवान हो गे हवंय।”

4तब मेंह स्‍वरग ले एक अऊ अवाज सुनेंव, जऊन ह ए कहत रहय:

“हे मोर मनखेमन, ओ सहर म ले निकर आवव,

ताकि तुमन ओकर पाप के भागी झन होवव

अऊ ओकर कोनो बिपत्ती तुम्‍हर ऊपर झन पड़य।

5काबरकि ओकर पाप के घघरी ह भर गे हवय,

अऊ परमेसर ह ओकर अपराध ला सुरता करे हवय।

6ओकर संग वइसने करव,

जइसने ओह तुम्‍हर संग करे हवय।

ओकर कुकरम के दू गुना बदला चुकावव।

जऊन कटोरा म ओह भरे हवय,

ओ कटोरा म ओकर बर दू गुना भर देवव।

7ओह जतेक डींग मारे हवय अऊ जतेक भोग-बिलास करे हवय,

ओला ओतके दुःख अऊ तकलीफ देवव।

ओह अपन मन म कहिथे,

‘मेंह रानी सहीं बईठथंव;

मेंह बिधवा नो हंव, अऊ मेंह कभू दुःख नइं मनाहूं।’

8एकरसेति एकेच दिन म ओकर ऊपर मिरतू,

सोक अऊ अकाल के बिपत्ती आ पड़ही।

ओह आगी म भसम हो जाही।

काबरकि जऊन ह ओकर नियाय करथे, ओह सर्वसक्तिमान परभू परमेसर ए।

9धरती के जऊन राजामन ओकर संग छिनारी अऊ भोग-बिलास करिन, ओमन जब ओकर जरे के धुआं ला देखहीं, त ओमन रोहीं अऊ ओकर बर सोक मनाहीं। 10ओमन ओकर पीरा ले डरके दूरिहा म ठाढ़ होहीं अऊ ए कहिहीं,

‘हे महान सहर! हाय! तोर ऊपर हाय!

हे बाबूल, सक्तिसाली सहर! एकेच घंटा म तोला तोर दंड मिल गीस।’

11धरती के बेपारीमन ओकर बर रोहीं अऊ कलपहीं, काबरकि अब कोनो ओमन के ए मालमन ला नइं बिसोही – 12सोना, चांदी, कीमती पथरा, मोती; सुन्‍दर मलमल, बैंजनी, रेसमी अऊ लाल कपड़ा; जम्मो किसम के महकत कठवा, अऊ हाथी दांत, कीमती कठवा, पीतल, लोहा अऊ संगमरमर के जम्मो किसम के चीज; 13अऊ दालचीनी, मसाला, धूप, इतर, लोबान, मंद, तेल, आंटा अऊ गहूं; बइला अऊ मेढ़ा-मेढ़ी, घोड़ा अऊ रथ, अऊ गुलाम अऊ मनखेमन के जीव।

14बेपारीमन ओला कहिहीं, ‘जऊन फर के लालसा तेंह करत रहय, ओह तोर ले दूरिहा हो गे हवय। तोर जम्मो धन-संपत्ति अऊ तड़क-भड़क खतम हो गीस, अऊ ओह तोला फेर कभू नइं मिलय।’ 15जऊन बेपारीमन ए चीजमन ला बेंचके बाबूल सहर ले धन कमाय रिहिन, ओमन ओकर पीरा ले डरके दूरिहा म ठाढ़ होहीं। ओमन रोहीं अऊ सोक मनाहीं; 16अऊ ए कहिहीं:

‘हे महान सहर! हाय! तोर ऊपर हाय!

तेंह सुन्‍दर मलमल, बैंजनी अऊ लाल कपड़ा पहिरे रहय

अऊ सोन, कीमती पथरा अऊ मोती ले सजे रहय!

17एकेच घंटा म ए जम्मो धन ह नास हो गीस!’

पानी जहाज के हर कप्तान, पानी जहाज म हर यातरा करइया, हर डोंगा खेवइया अऊ हर ओ मनखे, जऊन ह समुंदर ले अपन जिनगी चलाथे, ए जम्मो के जम्मो दूरिहा म ठाढ़े रहिहीं। 18जब ओमन ओकर जरे के धुआं ला देखहीं, त ओमन चिचियाके कहिहीं, ‘का ए महान सहर सहीं कभू कोनो सहर रिहिस?’ 19ओमन अपन मुड़ी ऊपर धूर्रा ला डारहीं, अऊ रोवत अऊ कलपत ओमन चिचिया-चिचियाके कहिहीं:

‘हे महान सहर! हाय! तोर ऊपर हाय!

एह ओ सहर ए,

जेकर धन के जरिये समुंदर के जम्मो जहाज के मालिकमन धनी हो गीन।

एकेच घंटा म, ओह नास हो गीस।’

20हे स्‍वरग म रहइयामन अऊ पबितर मनखे अऊ प्रेरित अऊ अगमजानीमन!

ओकर बिनास ऊपर आनंद मनावव।

ओह तुम्‍हर संग जइसने बरताव करे रिहिस,

परमेसर ह ओला ओकर सजा दे हवय।”

21तब एक सक्तिसाली स्‍वरगदूत ह चक्‍की के एक बड़े पाट सहीं पथरा ला उठाईस अऊ ए कहत ओला समुंदर म फटिक दीस:

“महान सहर बाबूल ह अइसने बेरहमी ले फटिक दिये जाही,

अऊ ओकर फेर कभू पता नइं चलही।

22बीना बजइया, अऊ संगीतकार,

बांसुरी बजइया अऊ तुरही बजइया मन के अवाज,

ए सहर म फेर कभू सुनई नइं पड़ही। कोनो काम के कोनो घलो कारीगर,

ए सहर म फेर कभू नइं मिलही।

चक्‍की चले के अवाज,

ए सहर म फेर कभू सुनई नइं पड़ही।

23दीया के अंजोर, ए सहर म फेर कभू नइं चमकही।

दूल्हा अऊ दुल्हिन के अवाज,

ए सहर म फेर कभू सुनई नइं पड़ही।

ए सहर के बेपारीमन संसार के बड़े मनखे रिहिन।

ए सहर ह अपन जादू के दुवारा जम्मो देस के मनखेमन ला बहकाय रिहिस।

24ए सहर म अगमजानी अऊ पबितर मनखे मन के लहू पाय गीस,

अऊ धरती ऊपर जऊन मनखेमन मार डारे गीन, ओमन के लहू घलो ए सहर म पाय गीस।”