启示录 17 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

启示录 17:1-18

大淫妇的下场

1拿着七碗的七位天使中有一位前来对我说:“你过来!我要让你看那坐在众水之上的大淫妇将要遭受的刑罚。 2地上的君王与她行淫,地上其他人也因喝了她淫乱的酒而酩酊大醉。”

3那时,我被圣灵感动,被天使带到旷野,在那里见到一个妇人骑着一只朱红色的怪兽。怪兽有七头十角,浑身写满亵渎上帝的名号。 4那妇人身穿紫色和朱红色的袍子,用黄金、宝石及珍珠装扮自己。她手中拿着金杯,里面盛满了她淫乱的污秽、可憎之物。 5在她额上还写了一个神秘的名号:“大巴比伦——地上淫妇及可憎事物之母”。 6我又见她醉了,因她喝了众圣徒的血,就是为耶稣做见证之人的血。

我看见她,非常惊奇。 7天使对我说:“你为什么这样惊奇呢?我要将这妇人和她骑的七头十角怪兽的奥秘告诉你。 8你看见的这怪兽以前出现过,现今没有出现,将来要从无底坑上来,然后走向灭亡。那些住在地上、自创世以来名字没有记在生命册上的人,都因见到这只从前出现过、现今没有出现、将来会再出现的怪兽而感到惊奇。 9这里需要智慧才能明白,它的七个头代表那妇人坐镇的七座山,又代表七个王。 10其中五个已经衰亡,一个还在,另外一个还未来到,他来后只能短暂存留。 11那从前出现过、现今没有出现的怪兽是第八个王,他是七个王之一,也要走向灭亡。 12你看见的那十个角象征另外十个还没有得势的王,他们将取得王权和那怪兽一同统治短暂的一段时期。 13他们一致同意把自己所有的能力和权柄交给那怪兽。 14他们将与羔羊交战,但羔羊必胜过他们,因为羔羊是万主之主,万王之王。那些跟随羔羊的是被呼召、蒙拣选、忠心耿耿的人。”

15天使又对我说:“你看见的那淫妇所坐的众水象征来自各民族、各国家、各语言族群的人。 16怪兽和它头上的十角必憎恨那淫妇,使她赤身露体、景况凄凉。它们要吃她的肉,最后用火将她烧尽。 17因为上帝使众王定意这样做,好完成祂的旨意。他们便同心将政权交给那怪兽,直到上帝的话得到实现。 18你看见的那妇人就是那掌管世上众王的大城。”

Hindi Contemporary Version

प्रकाशन 17:1-18

कुख्यात व्यभिचारिणी तथा हिंसक पशु

1तब कटोरे लिए हुए सात स्वर्गदूतों में से एक ने आकर मुझसे कहा, “यहां आओ, मैं तुम्हें उस कुख्यात व्यभिचारिणी के लिए तय किए गए दंड दिखाऊं. यह व्यभिचारिणी बहुत से पानी पर बैठी हुई है. 2इसके साथ पृथ्वी के राजा वेश्यागामी में लीन थे तथा जिसके वेश्यागामी का दाखरस से पृथ्वी पर रहनेवाले मतवाले थे.”

3वह स्वर्गदूत मुझे मेरी आत्मा में ध्यानमग्न कर एक बंजर भूमि में ले गया. वहां मैंने एक स्त्री को लाल रंग के एक हिंसक जानवर पर बैठे देखा, जो परमेश्वर की निंदा के शब्द से ढका सा था और इसके सात सिर तथा दस सींग थे. 4वह स्त्री बैंगनी और लाल रंग के वस्त्र तथा सोने, रत्नों तथा मोतियों के आभूषण धारण की हुई थी. उसके हाथ में सोने का प्याला था, जो अश्लीलता तथा स्वयं उसकी वेश्यागामी की गंदगी से भरा हुआ था. 5उसके माथे पर एक नाम, एक रहस्य लिखा था:

भव्य महानगरी बाबेल

पृथ्वी पर व्यभिचारणियों की माता

और सारी अश्लीलताओं की जननी.

6मैंने देखा कि वह स्त्री पवित्र लोगों तथा मसीह येशु के साक्ष्यों का लहू पीकर मतवाली थी.

उसे देख मैं बहुत ही हैरान रह गया. 7किंतु स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: “क्यों हो रहे हो हैरान? मैं तुम्हें इस स्त्री तथा इस हिंसक जानवर का रहस्य बताऊंगा, जिसके सात सिर और दस सींग हैं, जिस पर यह स्त्री बैठी हुई है. 8वह हिंसक जानवर, जिसे तुमने देखा था, पहले जीवित था किंतु अब नहीं. अब वह अथाह गड्ढे से निकलकर आने पर है—किंतु स्वयं अपने विनाश के लिए. पृथ्वी के वे सभी वासी, जिनके नाम सृष्टि के प्रारंभ से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं हैं, जब यह देखेंगे कि यह हिंसक पशु पहले था, अब नहीं है किंतु दोबारा आएगा, आश्चर्यचकित हो जाएंगे.

9“इसे समझने के लिए आवश्यक है सूक्ष्म ज्ञान: वे सात सिर सात पर्वत हैं, जिन पर वह स्त्री बैठी है. वे सात राजा भी हैं. 10इनमें से पांच का पतन हो चुका है, एक जीवित है और एक अब तक नहीं आया. जब वह आएगा, वह थोड़े समय के लिए ही आएगा. 11वह हिंसक पशु, जो था और जो नहीं है स्वयं आठवां राजा है किंतु वह है इन सातों में से ही एक, जिसका विनाश तय है.

12“वे दस सींग, जो तुमने देखे हैं, दस राजा हैं, जिन्हें अब तक राज्य प्राप्‍त नहीं हुआ किंतु उन्हें एक घंटे के लिए उस हिंसक पशु के साथ राजसत्ता दी जाएगी. 13ये राजा अपना अधिकार व सत्ता उस पशु को सौंपने के लिए एक मत हैं; 14ये मेमने के विरुद्ध युद्ध छेड़ेंगे किंतु मेमना उन्हें हराएगा क्योंकि सर्वप्रधान प्रभु और सर्वप्रधान राजा वही है. मेमने के साथ उसके बुलाए हुए, चुने हुए तथा विश्वासपात्र होंगे.”

15तब स्वर्गदूत ने आगे कहा, “वह जल राशि, जो तुमने देखी, जिस पर वह व्यभिचारिणी बैठी है, प्रजातियां, लोग, राष्ट्र तथा भाषाएं हैं. 16और जो पशु तथा दस सींग तुमने देखे हैं, वे उस व्यभिचारिणी से घृणा करेंगे, उसे निर्वस्त्र कर अकेला छोड़ देंगे, उसका मांस खाएंगे और उसका बचा हुआ भाग जला देंगे. 17परमेश्वर ने अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन राजाओं के मनों को एक कर दिया है कि वे उस पशु को अपना राज्य तब तक के लिए सौंप दें, जब तक परमेश्वर के वचन की पूर्ति न हो जाए. 18जिस स्त्री को तुमने देखा, वह महानगरी है, जिसकी प्रभुता पृथ्वी के राजाओं पर है.”