启示录 12 – CCB & NCA

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

启示录 12:1-18

妇人与巨龙

1在天上出现了一个奇异的景象:有一个妇人,身披太阳,脚踏月亮,头戴有十二颗星的冠冕。 2她怀了孕,正因产痛而呼叫。

3这时天上出现了另一个奇异的景象:有一条红色巨龙出现,它有七头十角,每个头上都戴着冠冕。 4它的尾巴将天上三分之一的星扫落到地上。巨龙站在那正要生产的妇人面前,等着要吃掉她生下来的婴孩。 5妇人生下一个男婴,就是将来要用铁杖治理列国的。那男婴被提到了上帝的宝座那里, 6妇人则逃到旷野,在上帝为她预备的地方安度一千二百六十天。

7天上起了战争,米迦勒和他的天使出战巨龙。巨龙和它的天使极力抵抗, 8那巨龙败下阵来,天上再没有它们的立足之地, 9它和它的天使都一同从天上被摔到地上。巨龙就是那古蛇,又名魔鬼或撒旦,也就是那迷惑全人类的。

10我听见天上有大响声说:“我们上帝的救赎、权能、国度和祂所立的基督的权柄现在来临了。因为那昼夜不停地在我们上帝面前控告我们弟兄的,已经被摔到地上了。 11弟兄们是靠着羔羊的血和自己所见证的道战胜了它,他们甘愿牺牲,视死如归。 12因此,诸天和其中的居民都要欢欣雀跃!但大地和海洋有祸了,因为魔鬼知道它的时日不多了,就怒气冲冲地下到你们那里。”

13巨龙见自己被摔到地上,就迫害那先前产下男婴的妇人。 14但那妇人得到一对巨鹰的翅膀,使她能飞到旷野,去上帝为她预备的地方避难,在那里被照顾三年半。 15巨龙紧追不舍,张口吐出大量的水,如同江河一般,要冲走那妇人, 16大地却帮助她,张口吞了巨龙口中吐出来的大水。 17巨龙大怒,转而攻击她的其他儿女,就是那些坚守上帝的诫命、为耶稣做见证的人。 18那时巨龙站在海边的沙地上。

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

दरसन 12:1-18

माईलोगन अऊ सांप सहीं पसु

1अकास म एक महान अऊ अद्भूत चिन्‍हां परगट होईस; एक झन माईलोगन ह सूरज ला पहिरे रहय। ओकर गोड़ के खाल्‍हे म चंदा रहय अऊ ओकर मुड़ी म बारह ठन तारामन के मुकुट रहय। 2ओह पेट म रिहिस, अऊ लइका जनमे के पीरा ले कलपत रिहिस। 3तब एक अऊ चिन्‍हां अकास म परगट होईस; एक बड़े लाल रंग के सांप सहीं पसु रहय। ओकर सात ठन मुड़ी अऊ दस ठन सिंग रहय अऊ सातों मुड़ी म सात ठन मुकुट रहय। 4ओकर पुंछी ह अकास के एक तिहाई तारामन ला खींचके धरती ऊपर फटिक दीस। सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन के आघू म ठाढ़ हो गीस, जेकर लइका होवइया रहय, ताकि ओह लइका के जनमतेच ही ओ लइका ला लील सकय। 5ओ माईलोगन ह एक बेटा ला जनमिस, जऊन ह लोहा के राजदंड ले जम्मो देस ऊपर राज करही। अऊ ओ लइका ला झपटके परमेसर अऊ ओकर सिंघासन करा लाने गीस। 6तब ओ माईलोगन ह सुनसान जगह ला भाग गीस; उहां परमेसर ह ओकर बर एक जगह तियार करे रिहिस, जिहां एक हजार दू सौ साठ दिन तक ओकर देख-भाल करे जा सकय।

7तब स्‍वरग म लड़ई होय लगिस। मीकाएल अऊ ओकर दूतमन सांप सहीं पसु के संग लड़िन, अऊ सांप सहीं पसु अऊ ओकर दूतमन एमन के संग लड़िन12:7 “मीकाएल” ह परमेसर के एक मुखिया स्‍वरगदूत अय।8पर सांप सहीं पसु ह हार गीस, अऊ ओला अऊ ओकर दूतमन ला स्‍वरग म अपन जगह ला छोड़ना पड़िस। 9ओ सांप सहीं पसु ला फटिक दिये गीस। ए सांप सहीं पसु ह ओ पुराना सांप ए, जऊन ला इबलीस या सैतान कहे जाथे अऊ जऊन ह संसार के जम्मो मनखेमन ला धोखा देथे। ओला अऊ ओकर दूतमन ला धरती म फटिक दिये गीस।

10तब मेंह स्‍वरग ले एक ऊंचहा अवाज आवत सुनेंव, जऊन ह ए कहत रहय:

“अब हमर परमेसर ले उद्धार ह आ गे हवय!

परमेसर ह राजा के रूप म अपन सामरथ ला देखाय हवय,

अऊ ओकर मसीह ह अपन अधिकार ला देखाय हवय।

काबरकि हमर भाईमन ऊपर दोस लगइया ला स्‍वरग ले फटिक दे गे हवय,

जऊन ह दिन रात हमर परमेसर के आघू म ओमन ऊपर दोस लगावत रिहिस।

11हमर भाईमन मेढ़ा-पीला के लहू

अऊ अपन गवाही के बचन के दुवारा ओ सैतान ऊपर जय पाईन;

ओमन अपन जिनगी ला देके मरे बर तियार रिहिन।

12एकरसेति, हे स्‍वरग अऊ ओम रहइयामन,

आनंद मनावव! पर हे धरती अऊ समुंदर तुमन ला धिक्‍कार ए,

काबरकि सैतान ह उतरके तुम्‍हर करा आय हवय!

ओह कोरोध ले भरे हवय, काबरकि ओह जानथे

कि ओकर करा अऊ थोरकन समय बचे हवय।”

13जब ओ सांप सहीं पसु ह देखिस कि ओला धरती ऊपर फटिक दिये गे हवय, त ओह ओ माईलोगन के पाछू पड़ गीस, जऊन ह एक बेटा ला जनमे रिहिस। 14ओ माईलोगन ला एक बड़े गिधवा के दू ठन डेना दिये गीस, ताकि ओह सुनसान जगह म ओ ठऊर ला उड़ के जा सकय, जिहां सांप के पहुंच ले बाहिर, ओकर साढ़े तीन साल तक देख-भाल करे जावय। 15तब सांप ह अपन मुहूं ले ओ माईलोगन कोति नदिया सहीं पानी के धार छोंड़िस, ताकि माईलोगन ह पानी के धार म बोहा जावय। 16पर धरती ह ओ माईलोगन के मदद करिस। धरती ह अपन मुहूं ला खोलके ओ पानी ला पी गीस, जऊन ह ओ सांप सहीं पसु के मुहूं ले निकरत रिहिस। 17तब ओ सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन ऊपर गुस्सा करिस अऊ ओह माईलोगन के बांचे संतानमन ले लड़ई करे बर निकरिस – याने कि ओ मनखेमन ले, जऊन मन परमेसर के हुकूम ला मानथें अऊ यीसू के ऊपर बिसवास म अटल रहिथें। 18अऊ ओ सांप सहीं पसु ह समुंदर तीर म ठाढ़ हो गीस।