历代志下 4 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

历代志下 4:1-22

圣殿的器具

1所罗门造了一座铜坛,长九米,宽九米,高四点五米。 2他又铸了一个圆形铜海,高二点二五米,直径四点五米,周长十三点五米。 3铜海边缘下方有两圈牛的图案,每五十厘米有十头牛,是铸铜海的时候铸上的。 4有十二头铜牛驮着铜海,三头向北,三头向西,三头向南,三头向东,牛尾向内。 5铜海厚八厘米,边如杯边,又如百合花,容量为六万六千升。 6他又造了十个盆,五个放右边,五个放左边,用来清洗献燔祭所用之物。但铜海只供祭司沐浴使用。

7他照着所定的式样,造了十个金灯台放在殿里,五个在右边,五个在左边; 8又造了十张桌子放在殿里,五个在右边,五个在左边;还造了一百个金碗。 9他又建了祭司院、大院及大院的门,门都包上铜。 10铜海放在殿的右边,就是东南方。

11户兰又造了盆、铲和碗。他为所罗门王完成了上帝殿里的工作。 12户兰所制造的有:两根柱子,两个碗状的柱冠,两个装饰柱冠的网子, 13用来装饰碗状柱冠、安在两个网子上的四百石榴——每个网子上两行; 14盆座及盆座上的盆; 15铜海和铜海下面的十二头铜牛; 16盆、铲、肉叉及耶和华殿里的一切器具。这些都是巧匠户兰用磨亮的铜为所罗门王制造的。 17这些都是照王的命令,在疏割撒利但之间的约旦平原用泥模铸成的。 18所罗门制造的器具极多,铜的重量无法统计。

19所罗门又造了上帝殿里的金坛和放置供饼的桌子, 20按规定放在内殿前的纯金的灯台和灯盏, 21以及纯金的花饰、灯盏、火钳、 22蜡剪、碗、碟和火鼎。殿门和至圣所的门也是金的。

Hindi Contemporary Version

2 इतिहास 4:1-22

मंदिर की आन्तरिक सज्जा

1इसके बाद शलोमोन ने एक कांसे की वेदी बनवाई, इसकी लंबाई और चैड़ाई एक समान, नौ मीटर थी और इसकी ऊंचाई थी साढ़े चार मीटर. 2शलोमोन ने ढली हुई धातु का एक पानी का हौद बनाया, जो गोल था और उसका व्यास साढ़े चार मीटर और उसकी ऊंचाई थी सवा दो मीटर इसका कुल घेर था साढ़े तेरह मीटर 3इसके जल में और इसके चारों ओर बछड़ों की आकृति बनाई गई थी—पूरे साढ़े चार मीटर में. ये आकृतियां पूरे हौद को घेरे हुए थी. बछड़ों की आकृतियां दो पंक्तियों में ढाली गई थी जिससे पूरा हौद एक ही था, बिना जोड़ के.

4यह हौद बारह बछड़ों पर रखा, गया था; तीन उत्तर दिशा की ओर मुख किए हुए थे, तीन पश्चिम दिशा की ओर. यह हौद इन्हीं पर रखा गया था और इन सभी के पिछले पैर अंदर की ओर थे. 5हौद की मोटाई लगभग आठ सेंटीमीटर थी, इसकी किनारी कटोरे की किनारी के समान सोसन फूल के आकार में ढाली गई थी. इसकी क्षमता थी एक लाख पैंतीस हज़ार लीटर.

6धोने की प्रक्रिया के लिए उन्होंने दस चिलमचियों को बनाया. उन्होंने पांच चिलमचियां दायीं ओर और पांच बायीं ओर. इनका इस्तेमाल होमबलि के लिए प्रयोग की जानेवाली वस्तुओं को धोना, मगर हौद का प्रयोग पुरोहितों के नहाने के लिए किया जाता था.

7तब शलोमोन ने निर्देश के अनुसार दस सोने की दीवटों का निर्माण किया और उन्हें मंदिर में प्रतिष्ठित कर दिया; पांच दायीं ओर और पांच बायीं ओर.

8उन्होंने दस मेजों को बनाकर उन्हें मंदिर में प्रतिष्ठित किया, पांच दायीं ओर और पांच बायीं ओर. तब उन्होंने सौ सोने के कटोरों का निर्माण किया.

9इसके बाद शलोमोन ने पुरोहितों के लिए आंगन बनवाया. उन्होंने साथ ही एक बहुत बड़ा आंगन और उसके लिए दरवाजों को भी बनवाया. इन दरवाजों को उन्होंने कांसे से मढ़ दिया. 10शलोमोन ने हौद को भवन के दक्षिण पूर्व कोने में स्थापित कर दिया.

11हूराम-आबी ने चिमचियां, बेलचे और कटोरियां भी बनाईं.

हीराम ने राजा शलोमोन के लिए परमेश्वर के भवन से संबंधित सारा काम खत्म कर दिया.

12दो मीनार,

इन मीनारों के ऊपर लगाए गए दो गोलाकार कंगनियां;

खंभे के सिरों के गोलाकार भागों के ऊपर लटकाई गई जाली;

13दोनों मीनारों के सिरों पर लगाए गए चार सौ अनार (हर एक के लिए दो-दो सौ अनार; जो खंभों के सिरों पर लगाए गए थे);

14उसने कुर्सियां बनवाई और उन पर रखने के लिए चिलमचियां भी;

15और वह एक हौद और उसके नीचे स्थापित किए गए वे बारह बछड़े भी;

16वे कलश, फावड़े, कांटे और इन सबके साथ इनसे संबंधित सारी चीज़ें.

सारे बर्तन हुराम-आबी ने राजा शलोमोन के आदेश से याहवेह के भवन के लिए चमकाए गए कांसे के बनाए थे. 17राजा ने इनकी ढलाई यरदन घाटी में, जो सुक्कोथ और ज़ेरेदाह में है, मिट्टी के सांचों में ढाल कर की थी. 18इस प्रकार शलोमोन ने ये सभी बर्तन बहुत अधिक मात्रा में बनवाए थे. मात्रा इतनी ज्यादा थी कि कांसे का भार मापना संभव न रहा.

19शलोमोन ने परमेश्वर के भवन के लिए ये सभी वस्तुएं भी बनवाई थी:

सोने की वेदी;

मेल की रोटी के लिए ज़रूरी मेज़;

20शुद्ध सोने की दीवटें और उनके ऊपर रखे जाने के दीप, जिन्हें ठहराई गई रीति से अंदर के मंदिर के सामने जलाया जाना था;

21सोने के, हां, विशुद्ध स्वर्ण के फूल दीप और चिमटियां;

22दीप की बाती काटने की कैंचियां, चिलमचियां, धूप के पात्र, अग्नि रखने के पात्र शुद्ध सोने के थे. मंदिर के द्वारों के कब्जे, परम पवित्र स्थान के आन्तरिक द्वारों के कब्जे और मंदिर के बीच के भाग के दरवाजे भी सोने के ही थे.