以西结书 22 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

以西结书 22:1-31

耶路撒冷的罪恶

1耶和华对我说: 2“人子啊,你要审判耶路撒冷这杀人流血的城。你要审判她,使她知道自己一切可憎的行为。 3你要向她宣告主耶和华的话,说,‘唉,你这杀人流血、制造偶像玷污自己的城啊,你的末日到了。 4你既犯罪杀人、制造偶像玷污自己、自招审判,我要使你成为列国列邦侮辱和讥讽的对象。 5你这声名狼藉、混乱不堪的城将要受到远近各国的耻笑。

6“‘看啊,在你城中的以色列首领各逞权势,杀人流血。 7他们轻慢父母,压迫寄居者,欺负孤儿寡妇。 8他们藐视我的圣物,亵渎我的安息日。 9在你这城中,有人好诽谤、杀人流血,有人在山上吃祭物,有人淫乱, 10有人与继母通奸,羞辱父亲,有人奸污经期不洁的妇女, 11有人与邻居的妻子干出可憎之事,有人玷污自己的儿媳妇,有人奸污自己的同父姊妹。 12在你这城中,他们受贿杀人,放债取利,压榨邻居,早把我忘了。这是主耶和华说的。

13“‘我见你谋财害命,就击掌叹息。 14在我惩罚你的日子,你还有勇气和力量吗?我耶和华言出必行, 15我要把你驱散到列国,分散到列邦,我要除掉你的污秽。 16你必在列国面前受凌辱,你便知道我是耶和华。’”

17耶和华对我说: 18“人子啊,在我看来,以色列人已经变成了渣滓。他们是炉中的铜、锡、铁、铅,都是银渣滓。 19所以主耶和华说,‘你们既是渣滓,我要把你们聚集在耶路撒冷城。 20我要在烈怒中把你们聚集在城里熔化,就像人把银、铜、铁、铅、锡聚在高温的炉中熔化一样。 21我要聚集你们,把我的怒火倒在你们身上,熔化你们。 22你们要在城中熔化,就像银在炼炉中熔化。你们就知道我耶和华已将我的烈怒倾倒在你们身上。’”

23耶和华对我说: 24“人子啊,你要对以色列说,‘在我发怒的日子,将没有雨水滋润你这不洁之地。 25你的首领图谋恶事,好像咆哮着撕碎猎物的狮子,他们草菅人命,抢夺财宝,使多人变成寡妇。 26你的祭司强解我的律法,亵渎我的圣物。他们圣俗不分,也不教导人分辨洁净的和污秽的。他们藐视我的安息日,亵渎我。 27你的首领好像撕碎猎物的豺狼,杀人流血,谋取不义之财。 28你的先知对他们说虚假的异象和占卜,像用白灰刷墙一样掩盖他们的罪恶,说,耶和华这样说,其实耶和华没有说。 29你的居民强取豪夺,欺压贫困的,虐待寄居的,无法无天。 30我想在他们中间寻找一位重修城墙的人,站在我面前为这地方堵住缺口,免得我毁灭这里。可是,我一个也找不到。 31因此,我要向他们倾倒我的烈怒,用怒火灭尽他们,照他们的所作所为报应他们。这是主耶和华说的。’”

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 22:1-31

येरूशलेम के पाप का न्याय

1याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:

2“हे मनुष्य के पुत्र, क्या तुम उसका न्याय करोगे? क्या तुम इस खून बहानेवाले शहर का न्याय करोगे? तब उसके सब घृणित कार्यों को उसे बताओ 3और कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे शहर, तू अपने बीच खून बहाने के द्वारा अपने ऊपर दण्डाज्ञा लाता है और मूर्तियां बनाकर अपने आपको अशुद्ध करता है. 4तू दोषी ठहरा है क्योंकि तूने खून बहाया है और तू मूर्तियां बनाकर अशुद्ध हो गया है. तू अपने दिनों का अंत ले आया है, और तेरे वर्षों का भी अंत आ गया है. इसलिये मैं तुझे जनताओं के लोगों में तिरस्कार का पात्र और सब देशों में हंसी का पात्र बना दूंगा. 5हे बदनाम शहर, तू उपद्रव से भरा है. वे लोग, जो तेरे पास हैं और वे जो तुझसे दूर हैं, वे सबके सब तेरी हंसी उड़ाएंगे.

6“ ‘देखो, तुझमें रहनेवाले इस्राएल के हर एक राजकुमार कैसे अपने शक्ति का उपयोग रक्तपात के लिए करते हैं. 7तुझमें रहकर उन्होंने अपने माता-पिता से अपमान का व्यवहार किया है; तुममें रहकर उन्होंने विदेशियों को सताया और अनाथ और विधवा के साथ गलत व्यवहार किया है. 8तुमने मेरी पवित्र वस्तुओं को तुच्छ समझा और मेरे विश्राम दिनों को अशुद्ध किया है. 9तुझमें निंदा करनेवाले हैं, जिनका झुकाव रक्तपात करने की ओर रहता है; तुझमें वे लोग हैं, जो पहाड़ के पूजा स्थलों पर खाते हैं और अश्लील काम करते हैं. 10तुझमें वे लोग हैं, जो अपने पिता के बिछौने का अपमान करते हैं; तुझमें ऐसे लोग हैं, जो स्त्रियों से उनके मासिक धर्म के समय शारीरिक संबंध बनाते हैं, जब वे अशुद्ध होती हैं. 11तुझमें रहकर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ घृणित काम करता है, तो दूसरा व्यक्ति निर्लज्जता से अपने पुत्र-वधू को दूषित करता है, और एक दूसरा व्यक्ति अपनी बहन को ही भ्रष्‍ट करता है, अर्थात् अपने पिता की बेटी को. 12तुझमें ऐसे लोग हैं, जो हत्या करने के लिये घूस लेते हैं; तुम ब्याज लेते हो और गरीबों से लाभ कमाते हो. तुम अपने पड़ोसियों से बलपूर्वक छीनकर अन्याय की कमाई करते हो. और तुम मुझे भूल गये हो, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.

13“ ‘तुमने अन्याय से जो कमाई की है और तुमने अपने बीच में जो खून बहाया है, उस पर मैं अपना दोनों हाथ एक साथ चलाऊंगा. 14उस दिन क्या तुममें साहस होगा या तुम्हारे हाथ मजबूत होंगे, जब मैं तुमसे लेखा लूंगा? मैं, याहवेह ने कहा है और मैं यह करके ही रहूंगा. 15मैं तुम्हें जाति-जाति के लोगों के बीच तितर-बितर कर दूंगा और भिन्‍न-भिन्‍न देशों में फैला दूंगा; और मैं तुम्हारी अशुद्धता को समाप्‍त कर दूंगा. 16जब तुम जाति-जाति के लोगों के दृष्टि में अशुद्ध हो जाओगे, तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.’ ”

17तब याहवेह का वचन मेरे पास आया: 18“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के लोग मेरे लिये मैल बन गये हैं. वे सब भट्टी में छोड़े गए तांबा, टीन, लोहा और सीसा हैं. वे चांदी के मैल हैं. 19इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: ‘क्योंकि तुम सब मैल हो गये हो, इसलिये मैं तुमको येरूशलेम में इकट्ठा करूंगा. 20जैसे चांदी, तांबा, लोहा, सीसा और टीन को भट्टी में इकट्ठा कर दहकती आग में पिघलाया जाता है; वैसे ही मैं तुम्हें अपने क्रोध और कोप में होकर इकट्ठा करूंगा और तुम्हें शहर के अंदर डालकर पिघलाऊंगा. 21मैं तुम्हें इकट्ठा करूंगा और तुम पर अपने बड़े कोप में आकर फूंक मारूंगा, और तुम शहर के अंदर पिघल जाओगे. 22जैसे चांदी भट्टी में पिघल जाती है, वैसे ही तुम उसके अंदर पिघल जाओगे, और तब तुम जानोगे कि मैं, याहवेह ने तुम पर अपना कोप उंडेला है.’ ”

23याहवेह का वचन फिर मेरे पास आया: 24“हे मनुष्य के पुत्र, उस देश से कहो, ‘तुम एक ऐसे देश हो, जो शुद्ध नहीं हुए हो या जिस पर कोप के दिन वर्षा नहीं हुई है.’ 25जैसे गरजता सिंह अपने शिकार को फाड़ डालता है, वैसे ही उसके अंदर उसके राजकुमारों22:25 राजकुमारों भविष्यवक्ताओं या नबियों का एक षड़्‍यंत्र है; वे लोगों को मार डालते हैं और उनके खजानों और बहुमूल्य वस्तुओं को ले लेते हैं और उसके अंदर ही बहुत स्त्रियों को विधवा बना देते हैं. 26उस देश के पुरोहित मेरे कानून को तोड़ते हैं और मेरे पवित्र वस्तुओं को अपवित्र करते हैं; वे पवित्र और सामान्य चीज़ों के बीच कोई फर्क नहीं करते हैं; वे सिखाते हैं कि शुद्ध और अशुद्ध में कोई फर्क नहीं है; वे मेरे विश्राम दिनों को मानने से जी चुराते हैं, जिससे मैं उनके बीच अपवित्र ठहरता हूं. 27उसके अंदर उसके कर्मचारी अपने शिकार को फाड़ खानेवाले भेड़ियों के समान हैं; वे खून बहाते हैं और अन्याय करने के लिये लोगों को मार डालते हैं. 28उसके भविष्यवक्ता झूठे दर्शन और शकुन के द्वारा उनके लिये इन कामों पर लीपा-पोती करते हैं. वे कहते हैं, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है’—जबकि याहवेह ने नहीं कहा होता है. 29देश के लोग बलपूर्वक छीनते हैं और डाका डालते हैं; वे गरीब और ज़रूरतमंद लोगों पर अत्याचार करते हैं और विदेशियों के साथ अन्याय करके उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं.

30“उनके बीच मैं एक ऐसे व्यक्ति को खोज रहा था, जो दीवार बनाए और उस देश की तरफ से दरार में मेरे सामने खड़ा हो, ताकि मैं उसे नष्ट न करूं, परंतु मुझे ऐसा कोई भी व्यक्ति न मिला. 31इसलिये मैं उन पर अपना कोप उंडेलूंगा और अपने भयंकर क्रोध से जलाकर नष्ट कर दूंगा, और उनके सब किए गये काम उन्हीं के सिर डाल दूंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.”