Всевышний обвиняет Исроил
1Послушайте, что говорит Вечный:
– Поднимись, изложи своё дело перед горами;
пусть слышат холмы то, что ты говоришь.
2Слушайте, горы, тяжбу Вечного,
и вы, прочные основания земли!
У Вечного тяжба с Его народом,
Он будет состязаться с Исроилом.
3Народ Мой, что Я сделал тебе?
Чем измучил тебя? Ответь Мне.
4Я вывел тебя из Египта,
выкупил из края неволи.
Я послал Мусо, Хоруна и Марьям,
чтобы вести тебя.
5Вспомни, народ Мой,
что задумал Валак, царь Моава,
и что ответил ему Валаам, сын Беора6:5 Валак и Валаам – см. Чис. 22–24.,
и что случилось по пути из Шиттима в Гилгал6:5 См. Иеш. 3–4.;
вспомни, чтобы постичь праведные дела Вечного.
6С чем мне предстать перед Вечным,
с чем мне склониться перед Богом небесным?
Предстать ли со всесожжениями,
с телятами годовалыми?
7Можно ли Вечному угодить тысячами баранов,
нескончаемыми реками масла?
Отдам ли первенца в жертву за грех мой,
плод тела – за грех моей души?
8О человек, Вечный сказал тебе, что есть добро
и чего Он требует от тебя:
действовать справедливо, любить милосердие
и смиренно жить перед твоим Богом.
Вина и наказание Исроила
9Голос Вечного взывает к городу
(и мудрость – бояться Его имени):
– Внимайте жезлу и Тому,
Кто его поставил.
10Забуду ли, о дом злодеев, злодейством нажитое богатство
и меру уменьшенную, которая Мне ненавистна?
11Потерплю ли неправильные весы
и обманные гири?
12Богачи твои кровожадны,
твои обитатели лгут,
обман у них на устах.
13За это Я начал губить тебя,
разорять дотла за твои грехи.
14Будешь есть, но не наешься;
желудок твой останется пустым.
Будешь копить, но не сбережёшь,
а то, что сбережёшь, Я предам мечу.
15Будешь сеять, а жать не будешь;
будешь давить оливки, но не будешь умащаться маслом;
будешь топтать виноград, но вина пить не будешь.
16Ты соблюдал злые уставы царя Омри
и сохранил все нечестивые обычаи дома царя Ахава6:16 Омри и Ахав – см. 3 Цар. 16:21-34. Об этих царях говорится, что они делали больше зла, чем все их предшественники.;
всем их традициям следовал.
За это предам тебя разорению,
а твоих обитателей – позору;
ты будешь сносить глумление народов6:16 Или: «поругание Моего народа»..
دعوی خداوند عليه اسرائيل
1به دعوی خداوند عليه اسرائيل گوش فرا دهيد!
ای خداوند، برخيز و دعوی خود را ارائه ده و بگذار كوهها و تپهها آنچه را كه میگويی بشنوند.
2ای كوهها، ای اساسهای جاودانی زمين، به دعوی خداوند گوش فرا دهيد! خداوند عليه قوم خود شكايت دارد و او اسرائيل را متهم میسازد.
3خداوند میفرمايد: «ای قوم من، چه كردهام كه از من خسته و روگردان شدهايد؟ جواب دهيد! 4من شما را از مصر بيرون آوردم، از بندگی نجاتتان دادم و موسی، هارون و مريم را فرستادم تا شما را هدايت كنند. 5ای قوم، من به ياد آوريد چگونه بالاق، پادشاه موآب سعی كرد بوسيلهٔ نفرين بلعام پسر بعور، شما را نابود كند، اما من او را وادار كردم به جای لعنت، برای شما دعای خير كند. آنچه را كه از شطيم تا جلجال اتفاق افتاد به خاطر آوريد و بدانيد كه اين همه را برای خير و خوبی شما كردهام.»
خواست خداوند
6وقتی برای عبادت خداوند، خدای قادر مطلق میآييم، چه چيز به حضور او بياوريم؟ آيا اگر بهترين گوسالهها را برای او قربانی كنيم او از ما راضی خواهد شد؟ 7اگر هزاران گوسفند و دهها هزار نهر پر از روغن زيتون به او تقديم كنيم او از ما خشنود خواهد گرديد؟ آيا اگر فرزند ارشد خود را برای گناه خود قربانی كنيم او گناه ما را خواهد بخشيد؟ 8خداوند به ما فرموده است كه از ما چه میخواهد. آنچه او از ما میخواهد اين است كه رحم و انصاف داشته باشيم و با كمال فروتنی احكامش را بجا آوريم.
گناه و مجازات اسرائيل
9خداوند به تمام مردم اورشليم ندا میدهد! هر كه فهم دارد به صدای خداوند گوش دهد! خداوند میفرمايد: «ای مردم به من گوش دهيد! 10ای گناهكاران، در خانههای خود گنجهايی اندوختهايد كه از اموال دزدی و با استفاده از ترازوهای تقلبی به دست آوردهايد. 11آيا اين انصاف است كه من كسانی را كه از ترازوها و سنگهای تقلبی استفاده میكنند ببخشم؟ 12ثروتمندان شما مال و ثروت خود را از راه ظلم و زور به دست آوردهاند. هموطنان شما به دروغگويی عادت كردهاند و حرف راست از دهانشان بيرون نمیآيد!
13«بنابراين، به سبب تمام گناهانتان شما را به نابودی خواهم كشيد. 14خوراک خواهيد خورد، ولی هرگز سير نخواهيد شد و هميشه از گرسنگی رنج خواهيد برد. مال و منال ذخيره خواهيد كرد، اما چيزی برای شما باقی نخواهد ماند. آنچه را نيز باقی بماند به دشمنانتان خواهم داد. 15خواهيد كاشت، ولی درو نخواهيد كرد. از زيتون، روغن خواهيد گرفت، ولی خودتان از آن بیبهره خواهيد ماند. انگور را زير پا له خواهيد كرد، ولی شراب آن را نخواهيد نوشيد، 16زيرا از كارهای پليد ”عمری“ پادشاه و پسرش ”اخاب“ سرمشق میگيريد. شما از راه و رسم آنها پيروی میكنيد، بنابراين شما را به نابودی خواهم كشيد. مردم جهان شما را تحقير خواهند كرد و قومها از شما عار خواهند داشت.»