Числа 20 – CARS & PCB

Священное Писание

Числа 20:1-29

Вода из скалы

(Исх. 17:1-7)

1В первом месяце (ранней весной) народ Исраила пришёл в пустыню Цин и остановился в Кадеше. Там умерла и была похоронена Марьям.

2У народа не было воды, и они собрались против Мусы и Харуна. 3Они стали обвинять Мусу и говорить:

– Почему мы не умерли тогда, когда умерли перед Вечным наши братья! 4Зачем вы привели народ Вечного в эту пустыню? Чтобы мы и наш скот умерли здесь? 5Зачем вы вывели нас из Египта и привели в это ужасное место? Здесь не растут ни зерно, ни инжир, ни виноград, ни гранаты. Здесь даже нет воды, чтобы утолить жажду!

6Муса и Харун пошли от народа к входу в шатёр встречи, пали лицом на землю, и им явилась слава Вечного. 7Вечный сказал Мусе:

8– Возьми посох и вместе со своим братом Харуном собери народ. У них на глазах скажи скале, и она изольёт свою воду. Ты дашь народу воду из скалы, чтобы они и их скот утолили жажду.

9Муса взял посох, который был перед Вечным, как Он повелел ему. 10Они с Харуном собрали народ перед скалой, и Муса сказал им:

– Послушайте, мятежники, неужели мы должны дать вам воду из этой скалы?

11Муса поднял руку и дважды ударил по скале своим посохом. Оттуда хлынула вода, и тогда народ и их скот напились. 12Но Вечный сказал Мусе и Харуну:

– За то, что у вас не хватило веры, чтобы доказать исраильтянам Мою святость, вы не приведёте этот народ в землю, которую Я им даю.

13Исраильтяне ссорились с Вечным, и Он показал им Свою святость у вод Меривы («ссора»).

Эдом отказывается пропустить Исраил

14Муса послал вестников из Кадеша к царю Эдома20:14 Исраил и Эдом оба были потомками Исхака, сына Ибрахима; исраильтяне произошли от сына Исхака – Якуба, а эдомитяне от сына Исхака – Есава (см. Нач. 25:19-34)., говоря:

– К тебе обращаются твои братья, народ Исраила20:14 Букв.: «Говорит твой брат, Исраил».: ты знаешь о всех тяготах, которые выпали на нашу долю. 15Наши предки пришли в Египет, и мы жили там много лет. Египтяне плохо обращались и с нами, и с нашими предками, 16но когда мы воззвали к Вечному, Он услышал нас, послал Ангела20:16 Ангел – этот особенный ангел отождествляется с Самим Вечным. Многие толкователи видят в Нём явления Исы Масиха до Его воплощения. и вывел нас из Египта. И вот мы в Кадеше, в городе на краю твоей земли. 17Прошу, пропусти нас через твою страну. Мы не пойдём ни полями, ни виноградниками и не будем пить воду из колодцев. Мы будем идти Царской дорогой, мы не свернём ни вправо, ни влево, пока не пройдём через твою землю.

18Но Эдом ответил:

– Вы не пойдёте через эту страну. Если вы попытаетесь сделать это, мы выйдем против вас с мечом.

19Исраильтяне сказали:

– Мы пройдём главной дорогой, и если мы или наш скот будем пить воду из ваших колодцев, то мы за неё заплатим. Мы хотим лишь пройти пешком – ничего больше.

20Те ответили:

– Вы не можете пройти.

И Эдом выступил против них с большим и сильным войском. 21Эдом не пропустил их через свою землю, и Исраил обошёл его.

Смерть Харуна

22Народ Исраила тронулся в путь из Кадеша и пришёл к горе Ор. 23У горы Ор, что у границы Эдома, Вечный сказал Мусе и Харуну:

24– Харун умрёт и отойдёт к своим предкам. Он не войдёт в землю, которую Я даю исраильтянам, потому что вы оба ослушались Моего повеления у вод Меривы. 25Позови Харуна и его сына Элеазара и возьми их на гору Ор. 26Сними с Харуна его одежды и надень их на его сына Элеазара, потому что Харун умрёт там и отойдёт к своим предкам.

27Муса сделал, как повелел Вечный: на глазах у народа они поднялись на гору Ор. 28Муса снял с Харуна его одежды и надел их на его сына Элеазара. И Харун умер там на вершине горы. Муса и Элеазар спустились с горы, 29и когда народ узнал, что Харун умер, весь Исраил оплакивал его тридцать дней.

Persian Contemporary Bible

اعداد 20:1-29

از صخره آب جاری می‌شود

1قوم اسرائيل در ماه اول سال به بيابان صين رسيدند و در قادش اردو زدند. مريم در آنجا فوت كرد و او را به خاک سپردند. 2در آن مكان آب نبود، پس قوم اسرائيل دوباره بر موسی و هارون شوريدند 3و زبان به اعتراض گشوده، گفتند: «ای كاش ما هم با برادرانمان در حضور خداوند می‌مرديم! 4چرا ما را به اين بيابان آورديد تا ما با گله‌هايمان در اينجا بميريم؟ 5چرا ما را از مصر به اين زمين خشک آورديد كه در آن نه غله هست نه انجير، نه مو و نه انار! در اينجا حتی آب هم پيدا نمی‌شود كه بنوشيم!»

6موسی و هارون از مردم دور شدند و در كنار در خيمهٔ عبادت، رو به خاک نهادند و حضور پرجلال خداوند بر ايشان نمايان شد.

7خداوند به موسی فرمود: 8«عصا را كه در جلو صندوق عهد است بردار. سپس تو و هارون قوم اسرائيل را جمع كنيد و در برابر چشمان ايشان به اين صخره بگوييد كه آب خود را جاری سازد. آنگاه از صخره به قوم اسرائيل و تمام حيواناتشان آب خواهيد داد.»

9پس، موسی چنانكه به او گفته شد عمل كرد. او عصا را از جلو صندوق عهد برداشت، 10سپس به كمک هارون قوم را در نزديكی آن صخره جمع كرده، به ايشان گفت: «ای آشوبگران بشنويد! آيا ما بايد از اين صخره برای شما آب بيرون بياوريم؟»

11آنگاه موسی عصا را بلند كرده، دو بار به صخره زد و آب فوران نموده، قوم اسرائيل و حيواناتشان از آن نوشيدند.

12اما خداوند به موسی و هارون فرمود: «چون شما دستور مرا با اعتماد كامل نپذيرفتيد20‏:12 خداوند به موسی دستور داده بود که به صخره بگويد که آب خود را جاری سازد نه اينکه صخره را بزند؛ ولی موسی به جای گفتن، دو بار صخره را زد.‏ و در نظر قوم اسرائيل حرمت قدوسيت مرا نگه نداشتيد، شما آنها را به سرزمينی كه به ايشان وعده داده‌ام رهبری نخواهيد كرد.»

13اين مكان «مَريبه» (يعنی «منازعه») ناميده شد، چون در آنجا بود كه قوم اسرائيل با خداوند منازعه كردند و در همانجا بود كه خداوند ثابت كرد كه قدوس است.

ادوم به اسرائيل اجازهٔ عبور نمی‌دهد

14زمانی كه موسی در قادش بود، قاصدانی نزد پادشاه ادوم فرستاد و گفت: «ما از نسل برادر تو اسرائيل هستيم20‏:14 قوم ادوم از نسل عيسو بودند و قوم اسرائيل از نسل برادر عيسو يعنی يعقوب که نامش به اسرائيل تغيير داده شد.‏ و تو سرگذشت غم‌انگيز ما را می‌دانی 15كه چطور اجداد ما به مصر رفته، سالهای سال در آنجا ماندند و بردهٔ مصریان شدند. 16اما وقتی كه به درگاه خداوند فرياد برآورديم، او دعای ما را مستجاب فرمود و فرشته‌ای فرستاده ما را از مصر بيرون آورد. حالا ما در قادش هستيم و در مرز سرزمين تو اردو زده‌ايم. 17خواهش می‌كنيم به ما اجازه دهی از داخل مملكت تو عبور كنيم. از ميان مزارع و باغهای انگور شما عبور نخواهيم كرد و حتی از چاههای شما آب نخواهيم نوشيد، بلكه از شاهراه خواهيم رفت و از آن خارج نخواهيم شد تا از خاک كشورتان بيرون رويم.»

18ولی پادشاه ادوم گفت: «داخل نشويد! اگر بخواهيد وارد سرزمين من شويد با لشكر به مقابلهٔ شما خواهم آمد.»

19فرستادگان اسرائيلی در جواب گفتند: «ای پادشاه، ما فقط از شاهراه می‌گذريم و حتی آب شما را بدون پرداخت قيمت آن، نخواهيم نوشيد. ما فقط می‌خواهيم از اينجا عبور كنيم و بس.»

20ولی پادشاه ادوم اخطار نمود كه داخل نشوند. سپس سپاهی عظيم و نيرومند عليه اسرائيل بسيج كرد. 21چون ادومی‌ها اجازهٔ عبور از داخل كشورشان را به قوم اسرائيل ندادند، پس بنی‌اسرائيل بازگشتند و از راهی ديگر رفتند.

مرگ هارون

22‏-23آنها پس از ترک قادش به كوه هور در سرحد سرزمين ادوم رسيدند. خداوند در آنجا به موسی و هارون فرمود: 24«زمان مرگ هارون فرا رسيده است و او بزودی به اجداد خود خواهد پيوست. او به سرزمينی كه به قوم اسرائيل داده‌ام داخل نخواهد شد، چون هر دو شما نزد چشمهٔ مريبه از دستور من سرپيچی كرديد. 25حال ای موسی، هارون و پسرش العازار را برداشته، آنها را به بالای كوه هور بياور. 26در آنجا، لباسهای كاهنی را از تن هارون درآور و به پسرش العازار بپوشان. هارون در همانجا خواهد مرد و به اجداد خود خواهد پيوست.»

27پس موسی همانطور كه خداوند به او دستور داده بود عمل كرد و در حالی که تمامی قوم اسرائيل به ايشان چشم دوخته بودند، هر سه با هم از كوه هور بالا رفتند. 28وقتی كه به بالای كوه رسيدند، موسی لباس كاهنی را از تن هارون درآورد و به پسرش العازار پوشانيد. هارون در آنجا روی كوه درگذشت. سپس موسی و العازار بازگشتند. 29هنگامی كه قوم اسرائيل از مرگ هارون آگاه شدند، مدت سی روز برای او عزاداری نمودند.