Осия 13 – CARS & PCB

Священное Писание

Осия 13:1-15

Гнев Вечного против Исраила

1Когда Ефраим говорил, люди дрожали.

Он был возвышен в Исраиле,

но стал повинен в поклонении Баалу и погиб.

2Теперь они грешат всё больше и больше:

они делают для себя идолов из своего серебра,

мастерски отлитые истуканы;

всё это – изделия ремесленников.

Они говорят людям:

«Приносите жертвы

и целуйте идолов-тельцов».

3Поэтому они будут как утренний туман,

как роса, что вскоре исчезает,

словно мякина от зерна, сдуваемая ветром,

как дым, выходящий через дымоход.

4– Но Я – Вечный, ваш Бог,

Который вывел вас из Египта.

Вы не должны признавать другого Бога, кроме Меня,

и никакого спасителя, кроме Меня.

5Я заботился о вас в пустыне,

в обжигающей зноем земле.

6Когда Я кормил вас13:6 Или: «Когда у вас были пастбища»., вы насыщались,

а насытившись, становились гордыми;

поэтому вы забыли обо Мне.

7Итак, Я настигну вас, как лев,

как барс в ожидании, притаюсь у дороги.

8Как медведица, лишённая своих медвежат,

Я нападу на вас и раздеру вам грудь.

Как львица, Я буду поедать вас,

и, как дикое животное, буду раздирать вас на части.

9Я уничтожу тебя, Исраил,

потому что ты против Меня,

против своего Помощника.

10Где теперь твой царь?

Пусть он спасёт тебя во всех твоих городах!

Где твои судьи, о которых ты просил:

«Дай нам царя и вождей»?

11В Своём негодовании Я дал тебе царя,

и в гневе Своём Я забрал его.

12Беззаконие Ефраима завязано в узел,

грехи его хранятся.

13Его настигнут муки, как у женщины при родах,

но он – неразумное дитя;

ему пришло время родиться,

а он упирается, желая остаться в утробе.

14Я избавлю их от власти мира мёртвых,

Я искуплю их от смерти.

О смерть! Где твоё бедствие?

О мир мёртвых! Где твоё разрушение?

Я не пожалею об этом.

15Хотя Ефраим13:15 Букв.: «он». процветает среди своих братьев,

придёт восточный ветер от Вечного,

задует из пустыни,

и иссохнет родник его,

иссякнет источник его;

унесёт все его драгоценности

из сокровищницы.

Persian Contemporary Bible

هوشع 13:1-16

خشم خداوند بر اسرائيل

1زمانی چنين بود كه هرگاه اسرائيل سخن می‌گفت، قومها از ترس می‌لرزيدند، چون او سروری توانا بود؛ ولی اكنون با پرستش بعل محكوم به فنا شده است.

2قوم بيش از پيش نافرمانی می‌كنند. نقره‌های خود را آب می‌كنند تا آن را در قالب ريخته برای خود بتهايی بسازند بتهايی كه حاصل فكر و دست انسان است. می‌گويند: «برای اين بتها قربانی كنيد! بتهای گوساله شكل را ببوسيد!» 3اين قوم مثل مه و شبنم صبحگاهی بزودی از بين خواهند رفت و مثل كاه در برابر باد و مثل دودی كه از دودكش خارج می‌شود زايل خواهند شد.

4خداوند می‌فرمايد: «تنها من خدا هستم و از زمانی كه شما را از مصر بيرون آورده‌ام خداوند شما بوده‌ام. غير از من خدای ديگری نيست و نجات دهندهٔ ديگری وجود ندارد. 5در بيابان، در آن سرزمين خشک و سوزان، از شما مواظبت نمودم؛ 6ولی پس از اينكه خورديد و سير شديد، مغرور شده، مرا فراموش كرديد. 7بنابراين، مثل شير به شما حمله می‌كنم و مانند پلنگی، در كنار راه در كمين شما خواهم نشست. 8مثل ماده خرسی كه بچه‌هايش را از او گرفته باشند، شما را تكه‌تكه خواهم كرد و مانند شيری شما را خواهم بلعيد.

9«ای اسرائيل، اگر تو را هلاک كنم كيست كه بتواند تو را نجات دهد؟ 10كجا هستند پادشاه و رهبرانی كه برای خود خواستی؟ آيا آنها می‌توانند تو را نجات دهند؟ 11در خشم خود پادشاهی به تو دادم و در غضبم او را گرفتم.

12«گناهان اسرائيل ثبت شده و آمادهٔ مجازات است. 13با وجود اين، فرصتی برای زنده ماندن او هست. اما او مانند بچه لجوجی است كه نمی‌خواهد از رحم مادرش بيرون بيايد! 14آيا او را از چنگال گور برهانم؟ آيا از مرگ نجاتش بدهم؟ ای مرگ، بلاهای تو كجاست؟ و ای گور هلاكت تو كجاست؟ من ديگر بر اين قوم رحم نخواهم كرد. 15هر چند اسرائيل در ميان علفهای هرز ثمر بياورد، ولی من باد شرقی را از بيابان به شدت بر او می‌وزانم تا تمام چشمه‌ها و چاههای او خشک شود و ثروت او به تاراج رود. 16سامره بايد سزای گناهانش را ببيند، چون بر ضد خدای خود برخاسته است. مردمش به دست سپاهيان مهاجم كشته خواهند شد، بچه‌هايش به زمين كوبيده شده، از بين خواهند رفت و شكم زنان حامله‌اش با شمشير پاره خواهد شد.»