Dwom 85
Koramma dwom.
1Wo Awurade, wodom wʼasase;
wode Yakob ahonyade san maa no.
2Wode wo nkurɔfo bɔne kyɛɛ wɔn
na wokataa wɔn nnebɔne nyinaa so.
3Wode wʼabufuw nyinaa too nkyɛn
na wodan fii wʼabufuwhyew ho.
4San gye yɛn bio, Onyankopɔn, yɛn Gyefo,
na ma wʼani nnye yɛn ho.
5Wo bo befuw yɛn akosi daa ana?
Wʼabufuw bɛtoa so akɔ awo ntoantoaso nyinaa so ana?
6Worenhyɛ yɛn den bio,
na ama wo nkurɔfo asɛpɛw wɔn ho wɔ wo mu ana?
7Awurade, kyerɛ yɛn wo dɔ a ɛnsa da no,
na ma yɛn wo nkwagye no.
8Metie nea Awurade Nyankopɔn bɛka;
ɔde asomdwoe hyɛ ne nkurɔfo, ahotefo no bɔ,
enti ɛnsɛ sɛ wɔsan kɔ agyimisɛm ho.
9Ampa ara, ne nkwagye bɛn wɔn a wosuro no,
na nʼanuonyam bɛtena yɛn asase so.
10Ɔdɔ ne nokwaredi behyia,
na trenee ne asomdwoe befew wɔn ho wɔn ho ano.
11Nokwaredi bepue afi asase no so,
na trenee ahwɛ afi ɔsoro.
12Awurade bɛma yɛn nea eye ampa ara
na yɛn asase bɛma ne nnɔbae.
13Trenee di nʼanim
siesie ɔkwan ma nʼanammɔntu.
स्तोत्र 85
संगीत निर्देशक के लिये. कोराह के पुत्रों की रचना. एक स्तोत्र.
1याहवेह, आपने अपने देश पर कृपादृष्टि की है;
आपने याकोब की समृद्धि को पुनःस्थापित किया है.
2आपने अपनी प्रजा के अपराध क्षमा कर दिए हैं
तथा उनके सभी पापों को ढांप दिया है.
3आपने अपना संपूर्ण कोप शांत कर दिया
तथा आप अपने घोर रोष से दूर हो गए हैं.
4परमेश्वर, हमारे उद्धारकर्ता, हमारी समृद्धि पुनःस्थापित कर दीजिए,
हमारे विरुद्ध अपने कोप को मिटा दीजिए.
5क्या हमारे प्रति आपका क्रोध सदैव स्थायी रहेगा?
क्या आप अपने क्रोध को सभी पीढ़ियों तक बनाए रखेंगे?
6क्या आप हमें पुनः जिलाएंगे नहीं,
कि आपकी प्रजा आप में प्रफुल्लित हो सके?
7याहवेह, हम पर अपना करुणा-प्रेम85:7 करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं प्रदर्शित कीजिए,
और हमें अपना उद्धार प्रदान कीजिए.
8जो कुछ याहवेह परमेश्वर कहेंगे, वह मैं सुनूंगा;
उन्होंने अपनी प्रजा, अपने भक्तों के निमित्त शांति की प्रतिज्ञा की है.
किंतु उपयुक्त यह होगा कि वे पुनः मूर्खता न करें.
9इसमें कोई संदेह नहीं कि उनकी ओर से उद्धार उन्हीं के लिए निर्धारित है,
जो उनके श्रद्धालु हैं, कि हमारे देश में उनका तेज भर जाए.
10करुणा-प्रेम तथा सच्चाई आपस में मिल गई हैं;
धार्मिकता तथा शांति ने एक दूसरे का चुंबन ले लिया.
11पृथ्वी से सच्चाई उगती रही है,
धार्मिकता स्वर्ग से यह देख रही है.
12इसमें कोई संदेह नहीं कि याहवेह वही प्रदान करेंगे, जो उत्तम है,
और धरती अपनी उपज देगी.
13धार्मिकता आगे-आगे चलेगी
और वही हमारे कदम के लिए मार्ग तैयार करती है.